ShubhVaani http://shubhvaani.com Business Ki Baat Hamare Sath Hindi Me Sat, 16 Oct 2021 13:46:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.8.1 http://shubhvaani.com/wp-content/uploads/2019/04/cropped-shubhvaani.com_-1-32x32.png ShubhVaani http://shubhvaani.com 32 32 बिना पैसे का बिजनेस कैसे शुरू करें? जानिए इसका सटीक जवाब http://shubhvaani.com/bina-paise-lagaye-business-shuru-kare-in-hindi/ http://shubhvaani.com/bina-paise-lagaye-business-shuru-kare-in-hindi/#comments Sat, 16 Oct 2021 06:32:08 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1089 इस दौर में हर कोइ पैसा कमाना चाहता है। यह एक अहम जरुरत है इन्सान की जो की कभी भी खतम ही नही होती। हम में से हर कोइ जानता है की व्यापार ही वो क्षेत्र है जिस की मदद से इन्सान जल्दी अमीर हो सकता है पर ज्यादातर व्यापार के लिये अच्छी सी रकम […]

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इस दौर में हर कोइ पैसा कमाना चाहता है। यह एक अहम जरुरत है इन्सान की जो की कभी भी खतम ही नही होती। हम में से हर कोइ जानता है की व्यापार ही वो क्षेत्र है जिस की मदद से इन्सान जल्दी अमीर हो सकता है पर ज्यादातर व्यापार के लिये अच्छी सी रकम का निवेश करना पडता है। जो लोग व्यापार में किस्मत आजमाना चाहते है उन में से ज्यादातर के पास पर्याप्त पुंजी नही होती। बेंक से ऋण मिलता है व्यापार के लिये पर उस की बहुत सारी शर्तें भी होती है और यहीं पर ज्यादातर लोग मुश्कील का अहेसास करते है।

क्या सचमुच ऐसा है की बिना पैसे व्यापार नही हो सकता? क्या कोइ एसा विकल्प नही है जहां इन्सान को निवेश न करना पडे पर फ़ीर भी व्यापार हो? ये सच है कि व्यापार में पैसे की काफी जरूरत रहती है पर ऐसा भी बिलकुल नही की बिना पैसे व्यापार नही हो सकता।

लेकिन डिजिटल युग ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है क्योंकि आज के वक्त इंटरनेट की मदद से बिना पैसों के बिज़नेस करना आसान हो चला है। दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपको ऐसे ही कुछ business idea बताएंगे जो बिना investment cost के शुरू किया जा सकता है। हालांकि इस बिज़नेस में मॉनेटरी टर्म में इन्वेस्टमेंट नहीं होता लेकिन ऐसे बिज़नेस में आपकी स्किल्स के तौर पर इन्वेस्टमेंट होती है। आइये बताते है चंद ऐसे बिजनेस जहां आप बिना निवेश किये व्यापार कर सकते है।

Business without investment कैसे शुरू करें

दोस्तों 21वीं सदी में ज्यादातर व्यापारी अपना व्यवसाय ऑनलाइन ले आए हैं क्योंकि इसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा होने के आसार रहते हैं और यह भी है की ऑनलाइन की मदद से व्यापार एक ही साथ कई लोगों तक पहुंच बना लेता है। इसी ऑनलाइन होते व्यवसाय ने कई लोगों के लिए बिना इन्वेस्टमेंट के बिजनेस (Business without Investment) करने का सुनहरा मौका दिया है।

निम्नलिखीत कुछ विकल्प है जिस में पुंजी निवेश या तो बिलकुल नही है या काफ़ी हद तक मर्यादीत है।

1) ब्लॉगिंग ( Blogging ) :

ये एक उभरता हुआ क्षेत्र है। अगर आप के पास एक कम्प्युटर और इन्टरनेट कनेक्शन है तो ये कार्य आप घर बैठे कर सकते है। आप किसी भी विषय पर अपने ज्ञान के हिसाब से लिख सकते है और विविध प्लेटफॉर्म पर अपना ब्लॉग पब्लीश कर सकते है।

शुरुआत में आप के ब्लॉग पढने वाले कम रहेंगे और जैसे जैसे आप ज्यादा ब्लॉग लिखेंगे आप के रीडर्स की संख्या भी बढती जायेगी। आप को ब्लॉग अपनी रुची अनुसार आसान भाषा में लिखना होता है और खुद की ही लिखावट रहनी चाहिये। आप कहीं से कापी करके ब्लॉग बनायेंगे तो आप को उसका अच्छा परीणाम प्राप्त नही होगा।

आप के ब्लॉग के अगर रीडर्से बहुत सारे हो जाते है तो काफी मार्केटींग कंपनीयां भी आप को अपने पेज पर एड रखने के लिये पैसे दे सकती है। इस से आप की आय कम समय में भी बढ सकती है।

2) ड्रॉप शिपिंग ( DropShipping ) : 

यह बिजनेस भी बहुत ही आसान है और आप घर बैठे-बैठे भी कर सकते है। इस में आप को एक स्मार्टफोन की जरुरत रहेगी जो की आज के दौर में सामान्यत सब के पास होता है। आप को संपर्क करना रहेगा ऐसे डिस्ट्रीब्युटर्स का जो की आप के पास से आर्डर ले और कस्टमर को सामान भेज दे।

आप अपना एक नेटवर्क बनाकर या फिर सोशल मीडिया के जरीये खरीददार ढुंढ सकते है। आपके पास से सामान खरीदने वालो को आप इस तरह से शोपींग करने के फायदे गीनवा सकते हो जैसे की अच्छी क्वालिटी प्रोडक्ट भी वाजीब दाम में आप देते हो वर्ना दुसरी जगह उनको वही चीज काफी महंगी खरीदनी पड सकती है।

इस से आप के खरीददार बार बार आप के पास ही अपना आर्डर रखेंगे। आप को सिर्फ आर्डर ले कर आगे डीस्ट्रीब्युटर को भेजना रहता है बाकी सब काम वो ही देख लेता है। इस बिजनेस में आप को कोइ इन्वेस्टमेंट नही करना पडता है।

3) फ्रीलान्स राइटिंग ( Freelance Writing ) :

अगर आप का भाषा पर प्रभुत्व है और नई नई बातो पे अच्छे से लिख सकते हो तो ये काम आपको काफी इनकम दे सकता है। मार्केट में काफी सारी कंपनियां है जिन्हे फ्रीलान्स राइटर की जरुरत रहती है। आप उन से टाइ अप कर के अपना काम कर सकते है। ये बिजनेस भी आप घर बैठ कर अपने कंप्युटर और स्मार्टफोन की सहायता से कर सकते है।

कंपनियां आपको पेमेंट आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर के जरिए भेज देती है। आप शुरुआत छोटे छोटे आर्टीकल लिखकर कर सकते है और एक बार कंपनी आप को पेमेन्ट भेज दे, आप अपना काम बढा सकते है। राइटींग के क्षेत्र में भी काफी सारी चीजें होती है जो वक्त के चलते आप सीख सकते है।

4) ट्रान्सलेटर ( Translator ) : 

ट्रान्सलेशन यानी भाषांतर भी एक ऐसा ही बिजनेस है जिस में अच्छी इनकम हो सकती है। आप को इस के लिये कुछ भाषाओं का अच्छा ज्ञान होना बेहद जरुरी है। काफी सारे क्षेत्र ऐसे है जहां एक अच्छा ट्रान्सलेटर चहीये होता है। ये काम आप घर पर बैठकर अपने कंप्यूटर के जरिये आसानी से कर सकते है। इस में शुरुआत में आप कम काम हाथ में ले और जैसे जैसे आप का प्रभुत्व बढता जाये आप काम बढा सकते हो

5) व्हर्च्युअल असिस्टंट ( Virtual Assistant ) : 

वर्तमान युग में काफी लोग ऐसे है जिनको अपने काम से फुर्सत नही मिलती और कुछ और काम के लिये उन्हें एक असिस्टंट चहिये होता है। आप यहां एक असिस्टंट के तौर पर उन को कुछ काम में सहाय करते है और वो आप को एक निश्चित राशि देते है। इन कामो में फ़्लाइट बुक करना, किसी से अपॉइंटमेंट फिक्स करना, लोगों के प्रश्नो के जवाब देना, इ-मैल का जवाब देना इत्यादि शामिल होता है। इस कार्य में भी आपको कोई इन्वेस्टमेंट नही करना होता।

6) रीयल एस्टेट ब्रोकिंग ( Real Estate Broking ) :

मकान, दुकान, जमीन आदि के खरीद फरोख करने वाले को रीयल एस्टेट ब्रोकर कहा जाता है। उस का काम किसी भी ग्राहक जो की अपनी संपत्ति बेचना चाहता हो उसे खरीददार से संपर्क करवाने का होता है। वो दोनो पार्टीयों को सही जानकारी पाने एवं डील करवाने का प्रयास करता है। एक डील के बदले में उसे एक फ़ीक्स राशी दलाली के स्वरूप मे मिलती है।

इस बिजनेस में आप के जन सामान्य से अच्छे रीश्ते होना बडा ही जरुरी है। इस के अलावा आप को ये भी ख्याल रखना होता है की डील जेन्युइन हो और कोइ धोखा न हो। इस बिजनेस में आपको मार्केट में घूम कर प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी हासिल करना होगा इस बिजनेस में वक्त के अलावा और कोइ इन्वेस्टमेंट नही करना रहता। आज के दौर में भी काफ़ी सारी डील्स ऐसे ब्रोकरो के जरीये ही होती है और ये बिजनेस लोंग टर्म भी है।

7) ग्राफ़िक डिजाइनिंग ( Graphic Designing ) :

यह एक ऐसा काम है की जिसमें आपका क्रिएटिव होना अनिवार्य है। आप के पास कुछ सॉफ्टवेयर और सिस्टम हो तो आप अच्छे ग्राफ़ीक्स बनाकर कम इन्वेस्टमेंट में भी अच्छी कमाइ कर सकते हो। आजकल मार्केट में काफ़ी सोफ़्टवेर भी मौजूद है जिस का आप इस बिजनेस में उपयोग कर के अपना बिजनेस और कस्टमर बढा सकते हो।

आप विविध कंपनीयों का लोगो, स्टीकर्स, पेम्फ़्लेट्स, मटीरीयल इत्यादी का डीझाइन बनाकर दे सकते हो जिस के वो आप को एक निश्चीत राशी चुकाता है। आप एक ही दिन में कई सारे Logo एवं डीझाइन्स बनाकर अपने कस्टमर्स को दे सकते है और उन से इसके बदले फीस ले सकते है।

fiverr.com में अपना अकाउंट बनाकर यस बिजनेस आसानी के साथ शुरू किया जा सकता है

8) एड कंसल्टिंग ( Ed Consulting ) :  

आप बिना कोई राशि निवेश किये एक एड कंसल्टिंग का बिजनेस भी कर सकते हो। इस बिजनेस में आप को सिर्फ एड ला कर सर्विस प्रोवाईडर को देनी होती है जिसके बदले आप को अच्छा सा कमिशन भी मिलता है। आज का दौर मार्केटींग का है और इस लिए काफी कंपनीयां भी ऐसे कन्सल्टंट हायर करती है जो की एड का काम देख सके और बदले में कुछ राशि उसे एक कमीशन के तौर पर मिले। आप यह बिजनेस शुरू कर के एक फिक्स्ड इन्कम बना सकते हो। आप ओनलाइन और ओफ़लाइन दोनो एड्स के लिये जा सकते हो और अपने कॉन्टेक्ट्स बढ़ाकर इस फ़ील्ड में काफी सक्सेस पा सकते हो

9) बेबी सिटिंग ( Baby Sitting ) : 

आजकल ज्यादातर पेरेंट्स जॉब करते है और उन के जॉब पर जाने से बच्चे को देखनेवाला कोइ घर पर होता नही। आप बेबी सिटींग का बिजनेस कर के बच्चो को अपने यहां संभाल सकते हो जिस से पेरेंट्स निश्चिंत हो कर काम पर जा सके। इस बिजनेस में भी आपको कुछ इन्वेस्ट करने की जरुरत नही है और इन्कम भी अच्छी मिल सकती है।

ये बिजनेस आप अपनी सोसाइटी या अपने एरीया में भी कर सकते हो जिस से आप को कोइ एड इत्यादी करने की भी जरुरत नही रहेगी। अगर आप का घर छोटा भी होगा तो भी ये बिजनेस अच्छे से चल सकता है और आप को तगडी कमाइ भी दे सकता है। आप को सिर्फ़ बच्चे को संभालना होता है और उन पे नजर रखनी होती है।

10) एस इ ओ कन्सल्टींग ( SEO Consulting ) : 

SEO कन्सल्टींग ऐसा काम है जिस में आप को google search engine के बारे में पता होना चाहिये। इस काम में खास कोइ निवेश नही है पर knowledge का होना बडा ही जरुरी है क्युंकी जो भी कस्टमर होगा वो इस के बारे में जरुर जानता होगा और वो आपको कोइ भी सवाल करे तो आप को उत्तर मालुम होना चाहिये।

इस काम के लिये भी आप को एक कंप्युटर की जरुरत रहेगी और आप को कंटेंट एवं ग्राफ़ीक्स का भी पता होना चाहीये। इस बिजनेस में आप विविध पेकेज बनाकर कस्टमर्स को अलग अलग प्राइस पर अलग अलग सुविधायें दे सकते हो और बदले में अच्छा इन्कम पा सकते हो ओनलाइन मार्केटींग के इस दौर में ये बिजनेस काफ़ी बढा सकते हो।

वैसे तो और भी बहुत सारे बिजनेस ऐसे है जो बिना निवेश किये जा सकते है पर यहां दीये गए बिजनेस प्रमुख है जो की वर्तमान में लोग देखते है। इन बिजनेस से आप की आय भी बढ सकती है, बिजनेस भी बढ सकता है और आप सक्सेसफ़ुल भी बन सकते हो।

11) Affiliate Marketing

एफिलिएट मार्केटिंग आज के समय में ऑनलाइन कमाई का बेहद महत्वपूर्ण साधन बना हुआ है। इसमें आपकी मेहनत आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का माद्दा रखती है।

इसमें आपको किसी कंपनी के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करनी होती है। अधिकतर ऑनलाइन मार्केटप्लेस कंपनी जैसे की फ्लिपकार्ट और अमेजन एफिलिएट प्रोग्राम से अपनी सेल्स बढ़ाते हैं।

आसान भाषा में कहा जाए तो अमेजन और फ्लिपकार्ट के एफिलिएट प्रोग्राम में रजिस्टर होने के बाद आप किसी भी प्रॉडक्ट का एक खास लिंक जेनरेट कर सकते हैं। जिसे आप अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं या ब्लॉगिंग पोस्ट या यूट्यूब वीडियो बनाकर उसका लिंक डाल सकते हैं जो भी आपके लिंक से उस प्रोडक्ट को खरीदेगा तो आपको कमीशन मिलेगा।

12) Website Designing

दोस्तों जैसे की आप जानते हैं digital India आने के बाद से ज्यादातर व्यवसाय ऑनलाइन होता जा रहा है। हर दिन फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी शॉपिंग वेबसाइट ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचकर रिकॉर्ड बना रहे हैं। लेकिन अब इन्हें मार्केट में टक्कर देने के लिए कई नए व्यवसाय भी ऑनलाइन आ रहे हैं जिससे वेबसाइट डिजाइनर/डेवलपर की मांग बढ़ी है।

आप वेबसाइट डिजाइन/डेवलप करके अच्छा खासा कमा सकते हैं। हालांकि शुरुआत में हो सकते आपको कम क्लाइंट्स मिले लेकिन धीरे धीरे जब मिलने लगेंगे तो आपको फायदा ही होगा।

वेबसाइट डिजाइनर में आपको क्लाइंट्स के बिज़नेस के मुताबिक वेबसाइट डिजाइन करना होगा। अगर आपके पास कोडिंग स्किल हैं तो आप इस फील्ड में और भी आगे जा सकते हैं। क्लाइंट्स ढूंढने के लिए आप फ्रीलांस वेबसाइट जैसे की upwork.com जैसी वेबसाइट पर रजिस्टर कर सकते हैं और स्किल सीखना चाहते हैं तो यूट्यूब में फ्री में सीख सकते हैं।

13) Yoga Training/ fitness trainer

दोस्तों देश विदेश में फैलती अदृश्य बीमारी फैलने से लोगों में डर फैला है और ऐसी बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है खुद को सेहतमंद रखना इसीलिए लोगों में योगा क्लास या पर्सनल ट्रेनर रखने की मांग बढ़ गई है। इसमें ऑनलाइन की मदद से आप अपनी क्लास क्रिएट कर सकते हैं। योग क्लास आप सुबह सुबह किसी भी साफ सुथरे पार्क में शुरू कर सकते हैं।

14) Youtube video

दोस्तों यह सब मानते हैं की किसी भी विषय में कोई बात आसानी से समझनी हो तो Audio visual से आसानी से समझा जा सकता है। यूट्यूब वीडियो चैनल बनाकर आप ऐसे ही खास टॉपिक पर वीडियो बनाएं जिसपर आपको नॉलेज हो इस बिज़नेस करने में आपको मुनाफा तो होगा ही साथ में खुशी भी होगी क्योंकि खुद की पसंद का काम हमेशा खुशी देता है।

यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए कोई लागत नहीं लगती यह Business without Investment आप आराम से चला सकते हैं। इसके लिए आपको मात्र अपने स्मार्टफोन की जरूरत है। फिर आप भी भुवन बाम, अमित भदाना, carryminati जैसे यूट्यूब स्टार के जितना कमा पाएंगे।

F.A.Q

Q.1 बिना पैसे के बिजनेस कैसे स्टार्ट करें?

Ans:- स्किल्स के सहारे ही बिना पैसों के बिज़नेस किया जा सकता है, आप स्किल्स ऑनलाइन यूट्यूब वीडियो से आसानी से सीख सकते हैं।

Q.2 फ्री में पैसे कैसे कमाए?

Ans:- फ्री में पैसे कमाने के लिए आप ब्लॉगिंग, एफिलिएट मार्केटिंग, यूट्यूब चैनल का व्यवसाय खोल सकते हैं। इसमें कुछ महीनों बाद आप कमाई कर पाएंगे।

Q.3 बिना पैसे के पैसा कैसे कमाए?

Ans:- सबसे जरूरी आपके पास स्किल्स होनी चाहिए, ऑनलाइन ब्लॉग्गिंग के द्वारा आप पैसे कमा सकते है

Q.4 महिलाएं घर बैठे कैसे पैसे कमाए?

महिलाएं के लिए घर बैठे पैसे कमाने के बहुत सारे तरीके है जैसे, टिफ़िन सर्विस, फ्रीलांस राइटर, ब्यूटी पार्लर, Reselling

Q.5 पैसा कमाने के लिए सबसे अच्छा बिजनेस कौन सा है?

पैसा कमाने के लिए सबसे अच्छा बिजनेस ऑनलाइन बिजनेस होता है

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कम पढ़े लिखे लोगों के लिए बिज़नेस आइडियाज

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Tshirt and Mug प्रिंटिंग का बिजनेस कैसे शुरू करे जानिए पूरा तरीका http://shubhvaani.com/t-shirt-and-mug-printing-business-kaise-shuru-kare-in-hindi/ http://shubhvaani.com/t-shirt-and-mug-printing-business-kaise-shuru-kare-in-hindi/#comments Fri, 15 Oct 2021 04:17:08 +0000 http://shubhvaani.com/?p=203 Tshirt and Mug Printing Business आज के समय में बेहद प्रॉफिटेबल Small scale Business Idea है। इसका मुख्य श्रेय खासकर उन युवाओं को जाता है जिनके पास gifting ideas कम हो चले हैं और tshirt या मग पर प्रिंटिंग कराके इसको गिफ्टिंग आइडियाज के रूप में इस्तेमाल करते हैं।  Tshirt and Mug Printing सिर्फ गिफ्ट […]

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Tshirt and Mug Printing Business आज के समय में बेहद प्रॉफिटेबल Small scale Business Idea है। इसका मुख्य श्रेय खासकर उन युवाओं को जाता है जिनके पास gifting ideas कम हो चले हैं और tshirt या मग पर प्रिंटिंग कराके इसको गिफ्टिंग आइडियाज के रूप में इस्तेमाल करते हैं। 

Tshirt and Mug Printing सिर्फ गिफ्ट के रूप में ही नहीं बल्कि इसीलिए भी पॉपुलर है क्योंकि हर कोई चाहता है की शर्ट पर या मग पर कुछ ऐसे स्लोगन लिखें हों जो उनको self motivation देने का काम करें या तो कुछ अपने startup business का लोगो भी tshirt और mug पर प्रिंट कराते हैं। इसके लिए भी Tshirt and Mug Printing Business वालों को लोग सर्च करने में लगे रहते हैं। उन लोगों के सर्च को खत्म करिए और इस ब्लॉग पोस्ट के जरिए जानिए की टीशर्ट और मग प्रिंटिंग बिज़नेस कैसे शुरू करें।

Tshirt and Mug Printing Business कैसे शुरू करें

टीशर्ट और मग प्रिंटिंग बिज़नेस करने वालों की तादाद आज के समय में बेहद अधिक है यह दर्शाता है की इस बिज़नेस का मार्केट अवेलेबल हैं तभी इस बिज़नेस में लोग बढ़ चढ़ कर आ रहे हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की इस बिज़नेस को जांचे बिना ही शुरू कर दिया जाए, हर बिज़नेस की शुरुआत करने से पहले उसको स्टडी करना जरूरी है।

क्या टीशर्ट और मग प्रिंटिंग बिज़नेस की मांग है, रिसर्च करें

बिज़नेस वही शुरू करना चाहिए जिसकी मांग मार्केट में हो। टीशर्ट और मग प्रिंटिंग प्रोडक्ट्स अधिकतर किसी ऑकेजन पर काफी ज्यादा बिकता है। जैसे की जन्मदिन,शादी की सालगिरह, वेलेंटाइन डे, इतियादी। यह हर इंसान के जीवन में यह दिन तो लगातार हर साल आने ही हैं यानी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की इसकी सेल हर साल ऐसे ही रहनी है बल्कि बीच में बढ़ जाना भी पॉसिबल है।

T-Shirt और Mug प्रिंटिंग बिजनेस के लिए जगह का चुनाव

यह बिज़नेस Small Scale Business Idea में गिना जाता है। इसके लिए जमीन के रूप में आप एक कमरे जितनी जगह से शुरुआत कर सकते हैं। इस बिजनेस में लगने वाली जगह काफी कम होती है क्योंकि एक छोटी सी मशीन से ही आप टीशर्ट और मग पर प्रिंटिंग शुरू कर सकते है। पर ध्यान रहे यह जगह शहर के पास होनी चाहिए शॉप वहीं खोलें जहां गारमेंट्स की शॉप भी उपलब्ध हो। यह बिजनेस गाँव इत्यादि क्षेत्रों में चल पायेगा इसका कुछ पता नहीं होता। शुरुआती दौर पर आप अपने घर से भी यह प्रिंटिंग का बिजनेस शुरू कर सकते है इसके लिए आपको अपने घर की एक रूम की अवयस्कता होगी जहां आप मशीन को अच्छी तरह से सेट कर सके

T-Shirt/Mug प्रिंटिंग बिजनेस के लिए मशीन की आवश्यकता

अपना प्रिंटिंग बिजनेस शुरू करने के लिए आपको कुछ मशीन की आवश्यकता होती है जो की आपको तब खरीदनी होगी जब आप जगह का चुनाव कर ले। जगह का चुनाव होने के बाद इस बिजनेस से जुड़े उपकरण आपको खरीदने होंगे जो की आप ऑनलाइन व ऑफलाइन कहीं से भी खरीद सकते है।

इसमें लगे वाले उपकरण कुछ इस प्रकार है

एक कंप्यूटर जिसकी कीमत 15 से 20 हज़ार तक होगी एक सब्लिमेशन प्रिंटर (Sublimation printer) यह आपको 9 से 10 हज़ार तक आराम से मिल जाएगी
एक प्रिंटिंग मशीन यह आपको 14 से 15 हज़ार तक मिल सकती है ग्राफ़िक डिज़ाइन के लिए फोटो शॉप का सॉफ्टवेयर इसका आप फ्री क्रैक वर्शन भी इस्तेमाल कर सकते है यह फिर इसे खरीद भी सकते है इसका कीमत 5 से 6 हज़ार तक मिल जाता है । जब आपके पास यह सब मशीन उपलब्ध होगी तब आपको प्रिंटिंग के अगले चरण के लिए कुछ समान की ज़रुरत पड़ेगी।

टीशर्ट और मग प्रिंटिंग बिज़नेस के लिए रॉ मैटेरियल क्या है और उसे कहां से खरीदें

टीशर्ट और मग प्रिंटिंग बनाने के बिज़नेस के लिए कुछ चीजों की जरुरत होती है, जो इस प्रकार है:-

  • Teflon Sheet:- यह एक तरह का प्रोटेक्टिव कवर है जो गर्मी को अब्जॉर्ब कर लेता है। प्रिंटिंग कार्य में शीट को गर्म किया जाता है। Teflon sheet की कीमत बाजार में इसकी लंबाई के हिसाब से अलग अलग हो सकती है
  • Sublimation tape:- यह टेप की मदद से जो भी डिजाइन शर्ट पर या मग पर उतारना चाहते हैं उसको करने में हेल्प करता है। sublimation paper बाजार में आसानी से मिल जाता है इसकी कीमत 5 से 7 रुपये तक हो सकती है
  • Ink:- प्रिंटर में इस्तेमाल करने के लिए स्याही
  • टीशर्ट और मग:– यह इसीलिए ताकि आप इन पर प्रिंट कर सके और बाद में इसी को बेच भी सकें। प्लैन टीशर्ट बाजार में 70-80 रुपये में आसानी से मिल जायेगी। अगर नहीं मिलती तो ढूंढने के कोशिश करें और न्यूनतम दाम पर ही यह खरीदे।

यह सभी सामान आप किसी भी Business to Business wholesale store से खरीद सकते हैं जैसे की indiamart वेबसाइट।

टीशर्ट पर डिज़ाइन कैसे बनायीं जाती है

अब आपके पास डिज़ाइन बनाने के लिए सारी जरुरी चीजै है तो आप प्रिंटिंग शुरू कर सकते है। सबसे पहले आपको कंप्यूटर में  photoshop software की मदद से वह डिज़ाइन बनाना होगा जो की आप टीशर्ट पर प्रिंट करना चाहते है। एक बार डिज़ाइन तैयार कर लेने के बाद आपको उस डिज़ाइन का sublimation paper पर प्रिंट लेना है।

इसके बाद प्रिंटिंग मशीन को चालु कर लिया जाता है चालु करने के बाद टीशर्ट को मशीन के सामने रखा जाता है और उसके ऊपर जहाँ पर प्रिंट लिया जाना है वहां sublimation paper को रखा जाता है। इसके बाद मशीन से टीशर्ट को प्रेस किया जाता है कुछ समय तक मशीन को उसी अवस्था में रखा जाता है फिर 30-40 सेकंड बाद मशीन को हटाकर टीशर्ट के ऊपर से sublimation paper का ऊपरी हिस्सा हटा दिया जाता है और हमारी टीशर्ट प्रिंट के साथ तैयार हो जाती है।

मग पर डिज़ाइन कैसे बनायीं जाती है

मग पर डिज़ाइन बनाना भी बहुत ही आसान है इसे कोई भी कर सकता है एक बार पूरी तरह से जानकारी हासिल करने के बाद जैसे हम लोग टी शर्ट में प्रिंट करते है उसी प्रकार मग में भी प्रिंट किया जाता है

1) सब से पहले आपको अपने कंप्यूटर में साफ्टवेयर की जरिये डिज़ाइन तैयार करना होगा जो डिज़ाइन आप मग में प्रिंट करना चाहते है

2) डिज़ाइन तैयार होने के बाद इसका JPG फाइल हम अपने कंप्यूटर पर save कर लेते है 

3) इसके बाद सबलिमेंशन प्रिंटर के जरिये से आपको प्रिंट निकलना होता है जो की mirror image रहता है मग में प्रिंट जब हम करते है तो वो सीधा छप जाता है

4) जब sublimation paper में डिज़ाइन प्रिंट हो जाता है तब मग में चारो तरह sublimation पेपर को लपेट दिया जाता है और sublimation tape से मग को चिपका दिया जाता है

5) इसके बाद मग प्रिंटिंग मशीन को चालू कर के थोड़ी देर छोड़ दिया जाता है जब मशीन गरम हो जाती है तब मग को मशीन में रख कर प्रेस किया जाता है थोड़ी देर प्रेस करने के बाद मग को हटा लिया जाता है और मग पर डिज़ाइन प्रिंट हो जाती हैं

Tshirt and Mug Printing Business investment cost

इस तरह के बिज़नेस को low investment business कहा जाता है क्योंकि इसमें लागत काफी कम रहती है। इस बिज़नेस की शुरुआत मात्र एक कमरे से भी की जा सकती है। जिसका किराया 7000-10000 ₹ प्रति महीने रहेगी। (नॉट:- जमीन के रेट जगह के मुताबिक आंकी जाती है) इसके अलावा raw materials पर investment cost कुछ यूं है:- 

Teflon Sheet cost:- हर दो पीस के 800₹

Sublimation tape Cost:- 20 mm के 300₹

Sublimation Printer:- 16,800 रुपए (इसे आप सेकंड हैंड मार्केट में खोजेंगे तो इससे बेहतर डील भी मिल सकती है।)

Ink cost:- 2100 रुपए

इसके अलावा जो इन्वेस्टमेंट जरूरी हो सकता है इस बिज़नेस के लिए वह है एक अच्छा लैपटॉप जो 30000 तक में आ जाएगा और स्पेशल ग्राफिक डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर जैसे की कोरल ड्रा इसकी कीमत 10,000 रुपए के आस पास रहती है। 

Tshirt and Mug Printing Business profit

अब मुख्य सवाल यह है की इस बिज़नेस से कितनी कमाई का एक्सपेक्टेशन किया जा सकता है। दोस्तों अगर बाजार में आपने देखा होगा एक प्रिंटिंग टीशर्ट आसानी से 200 रुपए तक की आती है। 

मार्केट भाव में प्लेन t shirt का दाम 65-70 रुपए तक चल रहा है और प्रिंटिंग करने का 7-10 रुपए भी लेकर चलें तो 80 रुपए का प्रिंटिंग समेत बिज़नेस ऑनर को tshirt पड़ा यानी इस हिसाब से प्रति tshirt 120 रुपए का मुनाफा हो जाएगा। हालांकि इन 120 रुपए से कई मासिक खर्चे भी होंगे लेकिन फिर भी जेब में एक अच्छा प्रॉफिट बचेगा। 

इसके अलावा mug printing का काम भी यही एक मशीन कर देगी। Mug printing के बिकने के दाम में mug की क्वालिटी पर निर्भर करता है। 

Tshirt and Mug Printing Business शुरू करने से पहले जाने जरूरी लाइसेंस

जैसे की आप जानते ही हैं कि कोई भी व्यवसाय आज के वक्त बिना जीएसटी नंबर के ऑपरेट नहीं हो सकता। इसीलिए Tshirt and Mug Printing Business के लिए भी जीएसटी नंबर जरूरी है। इसके साथ ट्रेडिंग लाइसेंस के लिए भी अप्लाई करें यह आपको भारत में कहीं भी अपना सामान बेचने की सरकारी परमिशन देता है।

Conclusion

दोस्तों इस पोस्ट से हमने Tshirt and Mug Printing Business के बारे में पूरी जानकारी जानीं की कैसे इस बिज़नेस को शुरू करें, इसकी कितनी डिमांड है और कितना प्रॉफिट आप सोच सकते हैं इस बिज़नेस की सहायता से आपके कितने पैसे बन सकते हैं। दोस्तों हालांकि प्रॉफिट पूरी तरह से आपकी मेहनत के ऊपर निर्भर करेगा लेकिन इस पोस्ट से यह जान पाएंगे की यूथ में ऐसे डिजाइन प्रिंट किए हुए कपड़े काफी पॉपुलर हैं। ऐसे ही बेहतरीन बिज़नेस आइडिया के लिए हमारे पोस्ट पढ़ते रहें।

धन्यवाद

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भारत में सिनेमा हॉल कैसे खोले | Movie Theater Business Plan In India http://shubhvaani.com/movie-theater-business-plan-in-hindi/ http://shubhvaani.com/movie-theater-business-plan-in-hindi/#respond Wed, 13 Oct 2021 22:34:56 +0000 http://shubhvaani.com/?p=2586 भारतीय फिल्म इंडस्ट्री दुनिया में सर्वाधिक फिल्में बनाती है और कमाई के मामले में भी दूसरे पायदान पर आती है, अब यह सब बातें सुनकर Movie Theater Business kaise khole इसपर सोचना तो बनता है।  सिनेमा के कलाकारों को मात्र कलाकार नहीं बल्कि दिव्य शक्ति के धनी की तरह पूजा जाता है और इनके कई […]

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भारतीय फिल्म इंडस्ट्री दुनिया में सर्वाधिक फिल्में बनाती है और कमाई के मामले में भी दूसरे पायदान पर आती है, अब यह सब बातें सुनकर Movie Theater Business kaise khole इसपर सोचना तो बनता है। 

सिनेमा के कलाकारों को मात्र कलाकार नहीं बल्कि दिव्य शक्ति के धनी की तरह पूजा जाता है और इनके कई कई Fan Clubs पूरे देश विदेश में फैले हुए हैं जो अपने सुपरस्टार के फिल्म रिलीज़ होने को एक त्योहार की तरह मनाते हैं और यही कारण भी है की कई लोग सिनेमा हॉल बिजनेस करने में रुचि रख रहें हैं। 

इस ब्लॉग पोस्ट के जरिए Movie Theater Business kaise khole और इससे जुड़े हर तरह के सवालों का जवाब देने का प्रयास किया जाएगा। 

सिनेमा हॉल क्या होता है?

सिनेमा हॉल उस जगह को कहा जाता है जहां लगे बड़े स्क्रीन पर फिल्में प्रदर्शित की जाती है। लोग इस जगह अपने मनोरंजन के लिए आते हैं। इसमें कुछ शुल्क भी लागू होते हैं जिसे कस्टमर अदा करके फिल्म देखने का मजा लेते हैं। Movie Theater साउंड प्रूफ होते हैं ताकि बाहर ट्रैफिक का शोर सिनेमा हॉल में न पहुंच सके इसके अलावा भी कई आधुनिक तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती है जो कस्टमर को थियेटर में बेहतरीन मूवी देखने का एक्सपीरियंस प्रोवाइड कराती हैं।

इसमें पैसों का लेन देन शामिल है इसीलिए इसे ही Movie Theater Business भी कहा जाता है, हालांकि कुछ ऐसी जगहों का इस्तेमाल स्कूल या किसी संस्था को डॉक्यूमेंट्री फिल्म निशुल्क में दिखाने के लिए किया जाता है वो मूवी थियेटर बिज़नेस के रूप में नहीं गिने जाएंगे। 

सिनेमा हॉल बिजनेस कैसे शुरू करें

भारत में मूवी देखने का क्रेज लोगों में काफी शुरू से रहा है, सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय फिल्मों को वाहवाही मिलती है। इतनी वाहवाही यह दर्शाती है की Movie Theater बिजनेस देश में काफी फायदा का सौदा है, हालांकि इस बिज़नेस में इन्वेस्टमेंट काफी लगता है लेकिन प्रॉफिट की मात्रा भी अच्छी है। आइए जानते हैं इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए स्टेप्स।

1) मार्केट पोटेंशियल 

वैसे तो हर बिजनेस की शुरुआत करने से पहले आपको यह जानना जरूरी है की उस व्यवसाय में आपको रिटर्न कितना मिलेगा। मूवी थियेटर बिज़नेस में इन्वेस्टमेंट काफी ज्यादा लगता है इसीलिए आपको इस बिजनेस की शुरुआत करने से पहले उसका मार्केट पोटेंशन जानना होगा। इसके लिए आप ऑनलाइन सर्वे करवा सकते हैं। सर्वे आपको कुछ हद तक अपने एरिया के लोगों की पसंदीदा एक्टर्स और एक्ट्रेस का ब्योरा दे देगा। 

पसंद मुताबिक अपने थियेटर में फिल्में चुनेंगे तो अधिक से अधिक मात्रा में लोग देखने आएंगे इससे अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है

2) तय करें किस तरह का Movie Theater Business खोलना चाहते हैं

मूवी थियेटर दो तरह के पाए जाते हैं एक सिंगल स्क्रीन मूवी थियेटर जो छोटे शहरों में जिसकी आबादी कम हैं वहां आज भी पॉपुलर हैं। दूसरा मल्टीप्लेक्स मूवी थियेटर जिसमें एक से ज्यादा स्क्रीन होती है यानी एक समय में दो या तीन मूवी दिखाने में सक्षम हैं। मल्टीप्लेक्स ज्यादातर बड़े शहरों में पॉपुलर हैं। कौन सी तरह का थियेटर बिज़नेस खोलना है यह आपके एरिया पर और कस्टमर पर डिपेंड करेगा। मूवी थियेटर बिज़नेस में आपके टारगेट कस्टमर सबसे पहले आपके एरिया (जहां थियेटर सेटअप करेंगे) के लोग ही होंगे। 

3) सेटअप करने के लिए ढूंढे लोकेशन

किसी सोच को ऊपरी जामा पहनाने के लिए उसको जमीन पर उतारना बेहद जरूरी है। Movie Theater Business location ढूंढने में ज्यादा ध्यान देना चाहीए क्योंकि लोकेशन बेहतर होगा तो लोग ज्यादा से ज्यादा आना पसंद करेंगे हालांकि ज्यादा लोगों को अपने थियेटर में अट्रैक्ट करने के लिए अच्छी फिल्मों का लगना भी जरूरी है। 

लोकेशन का चयन आप अपने मूवी थियेटर के प्रकार के आधार पर ही चुनें यानी की सिंगल स्क्रीन थियेटर हैं तो कम जगह ही चुनें। क्योंकि लोकेशन के आधार पर ही इन्वेस्टमेंट अमाउंट भी निर्भर करता है। 

4) मूवी थियेटर बिजनेस में इन्वेस्टमेंट

इस व्यवसाय में तीन तरीके से इन्वेस्टमेंट किया जाता है। जिसमें एक इन्वेस्टमेंट की शैली one time investment रहती है यानी की यह इन्वेस्टमेंट सिर्फ बिज़नेस की शुरुआत के लिए हैं। इसमें आपको 4000 से 5000 स्क्वायर फीट जगह कम से कम जरूरत पड़ती है। इसके साथ स्क्रीन, प्रोजेक्टर, चेयर, साउंड प्रूफिंग, साउंड सिस्टम, इंटीरियर डिजाइनिंग सभी का मिलाकर अमूमन 80 लाख से 1 करोड़ रुपए की लागत आती है। 

दोस्तों यह याद रहें की यह इन्वेस्टमेंट अमाउंट सिंगल स्क्रीन थियेटर के लिए हैं, मल्टीप्लेक्स थियेटर के लिए इस अमाउंट से खर्चा ज्यादा आएगा क्योंकि हर सामान की क्वांटिटी बढ़ जाएगी। 

सिनेमा हॉल बिजनेस में मासिक इन्वेस्टमेंट करना भी जरूरी है। मासिक इन्वेस्टमेंट में जगह का रेंट आता है हालांकि अगर आपने जगह खरीदी हुई है या खुद की है तो यह मासिक में कैलकुलेट नहीं होगा। मासिक इन्वेस्टमेंट में पानी का बिल, बिजली का बिल, मेंटेनेंस और वर्कर्स की सैलरी आती है। इसके साथ साथ जो भी मूवी थियेटर में दिखाना चाहेंगे उसको खरीदने का खर्च भी आता है। 

तीसरे तरह का इन्वेस्टमेंट करने के लिए पहले बिज़नेस ऑनर को डिसीजन लेना होगा की उन्हें मूवी थियेटर खुद के ब्रांड नाम से खोलना है या किसी established company की फ्रेंचाइजी लेनी है। फ्रेंचाइजी बिज़नेस के अपने फायदे हैं। फ्रेंचाइजी मूवी थियेटर बिज़नेस स्टार्ट करने के लिए 3 करोड़ रुपए तक का इनवेस्टमेंट लग सकता है। 

दोस्तों इन स्टेप्स को फॉलो करके आप अपने movie Theater Business की शुरुआत कर सकते हैं। लेकिन हर स्टेप्स करते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं ताकि आगे जाकर बिज़नेस में नुकसान न हो। 

सिनेमा हॉल खोलने के लिए क्या बातों पर ध्यान देना चाहिए

दोस्तों मूवी थियेटर बिज़नेस में भी बाकी व्यवसाय की तरह बिज़नेस रिस्क मौजूद हैं। इसमें कुछ रिस्क ऐसे हैं जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल रहता है लेकिन कुछ रिस्क ऐसे हैं जिसे आप अपनी सूझ बूझ के साथ कम कर सकते हैं। 

लोकेशन के आधार पर चुनें मूवी

मूवी थियेटर में उस मूवी को तवज्जो दें जो आपके एरिया के लोगों को पसंद आए यानी की अगर आप अपना थियेटर किसी ऐसी जगह सेटअप कर रहे हैं जहां लोग अंग्रेजी भाषा अधिक नहीं जानते तो आपको अंग्रेजी मूवी लगाने का कोई फायदा नहीं होगा। आपके target customer थियेटर के आस पास एरिया के ही गिने जाएंगे। 

लोकेशन के आधार पर ही करें इन्वेस्टमेंट

दोस्तों movie theatre business investment की मांग बहुत करता है। जैसे की हमने बताया की 80 लाख से 1 करोड़ रूपए तक का खर्चा आता है। इसकी भरपाई में दिक्कत हो सकती है क्योंकि कई जगहों पर लोग 150 ₹ की फिल्म की टिकट लेना पसंद नहीं करते। इसीलिए बिज़नेस ऑनर को यह देखना होगा की वे अपने एरिया को अच्छे से समझें और लोगों की क्षमता अनुसार ही थियेटर निर्माण करें और उसी मुताबिक टिकट के चार्जेस रखें। ताकि इन्वेस्टमेंट अमाउंट की भरपाई होने के बाद प्रॉफिट भी हो सके। 

Movie Theater Business में Profit कितना है?

इस बिज़नेस में हर कार्य एक दूसरे से कनेक्ट हैं यानी की प्रॉफिट ज्यादा तभी होगा अगर थियेटर में लोग ज्यादा देखने आएंगे। लोग ज्यादा तभी देखने आएंगे जब उनके फेवरेट कलाकारों की या उन्ही के पसंदीदा जेनर की मूवी लगे। मूवी कौन सी दिखाई जाएगी यह डिपेंड करता है बिज़नेस ऑनर ने जगह कौन सी चुनी है। 

लेकिन कमाई को अमाउंट में निकालें तो एक सिंगल स्क्रीन थियेटर में कम से कम 5 शो दिखाएं जाते हैं और 200₹ प्रति टिकट का भी जोड़ें तो प्रति महीने 60,000,00 रूपए तक जोड़ सकते हैं (नॉट:- यह उन थियेटर के मुताबिक है जहां फिल्म देखने के लिए 200 सीट मौजूद होती है)। 

Movie Theater Business start करने के लिए licence

मूवी थियेटर खोलना यानी की लोगों को वह उपलब्ध करवाना जिसकी तलाश में लोग हमेशा रहते हैं, वह है एंटरटेनमेंट। लेकिन इस एंटरटेनमेंट को लोगों तक लीगली पहुंचाने के लिए कई तरह के सरकारी परमिशन लेने बेहद जरूरी है। जानते हैं क्या क्या लाइसेंस चाहिए movie Theater Business शुरू करने के लिए

  • लोकेशन का नक्शा पास होना चाहिए, इसके लिए बिज़नेस ऑनर को नगरपालिका से संपर्क करना होगा।
  • फायर ऑफिसर से एनओसी सर्टिफिकेट लेना होगा, क्योंकि मूवी थियेटर पब्लिक प्लेस के रूप में गिना जाता है इसीलिए यह सुविधा होनी चाहिए इसमें fire officer थियेटर को चेक करेंगे ताकि यह सुनिश्चित कर सकें की थियेटर में फायर सेफ्टी का ध्यान रखा गया है या नहीं।
  • फिल्म सेंसर बोर्ड से भी एनओसी लेना अनिवार्य हैं। यह आपको सेंसर बोर्ड के पास रजिस्टर्ड करवा देगा ताकि आप लीगली दर्शकों को मूवी दिखा सकें।
  • कलेक्टर ऑफिस से एनओसी
  • इसके अलावा अगर आप कोई स्पेशल मूवी थियेटर में दिखा रहे हैं तो उसका कॉपीराइट लाइसेंस भी दिखाना जरूरी है। 

Movie Theater Business की मार्केटिंग कैसे करें

मूवी थियेटर की मार्केटिंग मूवी जो थियेटर में रिलीज़ होने को है उसके जरिए हो सकती है। जैसे की मूवी के पोस्टर के नीचे आप show timings लिखकर अपने एरिया के जगह जगह छपवा सकते हैं। 

लोकल चैनलों के मध्यम से अपने थियेटर की एडवरटाइजमेंट कर सकते हैं। इसके अलावा आप न्यूजपेपर के जरीए भी फाफलेट बटवा सकते हैं। 

Conclusion

दोस्तों आज हमने Movie Theater Business kaise khole इसके बारे में जाना, सिनेमा थियेटर यूथ में काफी पॉपुलर हैं। अपने फेवरेट एक्टर और एक्ट्रेस को बड़े पर्दे पर एक्शन या रोमांस करते हुए देखने का आनंद उन्हें भी कलाकार बनने के लिए प्रोत्साहन देता है। 

हालांकि आज के समय टेक्नोलॉजी में विस्तार के कारण ott platforms का मूवी थियेटर बिज़नेस को कमजोर करने का दावा किया जाता है लेकिन असल में ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अभी भी थियेटर में मूवी देखने का क्रेज बरकरार है। 

धन्यवाद।

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भारत में एक नया मेडिकल स्टोर कैसे खोलें | Medical Store Business Plan in Hindi http://shubhvaani.com/medical-store-business-plan-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%b2-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8b%e0%a4%b0/ http://shubhvaani.com/medical-store-business-plan-in-hindi-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%b2-%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8b%e0%a4%b0/#comments Mon, 11 Oct 2021 15:43:15 +0000 http://shubhvaani.com/?p=782 आजकल ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि हम मेडिकल स्टोर खोल लेते हैं, परंतु ज्यादातर लोगों को इस चीज के बारे में सही जानकारी नहीं होती जिसके कारण वह अपने सपने को साकार नहीं कर पाते हम आपको बता दें, कि मेडिकल की दुकान दूसरी दुकानों की तरह नहीं होती […]

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आजकल ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि हम मेडिकल स्टोर खोल लेते हैं, परंतु ज्यादातर लोगों को इस चीज के बारे में सही जानकारी नहीं होती जिसके कारण वह अपने सपने को साकार नहीं कर पाते हम आपको बता दें, कि मेडिकल की दुकान दूसरी दुकानों की तरह नहीं होती मेडिकल की दुकान खोलने के लिए आपको खासतौर पर पढ़ाई करनी होती है जिसके पश्चात ही आप मेडिकल की दुकान खोल सकते हैं। क्योंकि मेडिकल की दुकान पर अक्सर वह लोग भी आते हैं जिन्हें किसी विशेष रोग की दवाइयां चाहिए होती हैं। इसीलिए पहले आपको पढ़ाई करके सभी दवाइयों के बारे में अच्छे से जानकारी कथित करनी होती है उसके पश्चात ही आप मेडिकल स्टोर खोल पाते हैं 

भारत में दवा का इतना बड़ा इंडस्ट्री होने पर और इसकी मांग को देखते हुए आप मान सकते हैं के इसमें रोज़गार के भी ज़्यादा अवसर है। तो इस कड़ी में हम दवा से ही जुड़े बिजनेस के बारे में बताएंगे। आज हमारी इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको यही बताने वाले हैं, कि Medical Store Kaise Khole तथा Medical Store Kya Hai और Medical Store Kholne Ke Liye Kya Kare 

क्या होते हैं मेडिकल स्टोर

मेडिकल स्टोर भी आम दुकान की तरह है बस यहां डॉक्टर द्वारा लिखी हुई या दूसरे प्रकार से दवा मिलती है। यहां हर प्रकार के दवा ड्रग्स, या स्वास्थ से संबंधित हर प्रकार के समान मिलते हैं।

मेडिकल स्टोर एक ऐसी जगह जहां से दवाइयों को खरीदकर कर मरीज़ को दिया जाता है, हेल्थ सेक्टर के सबसे अहम भूमिका को निभाते हुए ये मेडिकल स्टोर जो मरीज़ की इलाज में जरूरी सभी चीज़ों व दवाइयों का भंडार करते हैं।

मेडिकल स्टोर कैसे खोले (How To Open Medical Store):

यदि आप अपना खुद का मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो मेडिकल स्टोर खोलने के 2 तरीके होते हैं। सबसे पहला तरीका तो यह है कि यदि आप बहुत बड़े स्तर पर मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं, तो उसके लिए आप एक फार्मेसिस्ट ( Pharmacist ) को भी नियुक्त कर सकते हैं, जो कि आपका मेडिकल स्टोर चला सके परंतु ज्यादातर लोग तो यदि अपना मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो वह इसके लिए विशेष रूप से एक पढ़ाई करते हैं, बहुत सी पढ़ाई ऐसी है जिन्हें करने के पश्चात आप आसानी से मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं जैसे की D.Pharma, B.Pharma, M.Pharma यह तीनों कोर्स हैं, यदि इनमें से कोई भी कोर्स आप करते हैं तो उसके पश्चात आप मेडिकल स्टोर को खोल सकते हैं, अब हम आपको इन सभी कोर्स के बारे में विस्तार से बता देते हैं।

मेडिकल स्टोर को खोलने के कुछ प्रोसेस होते है जिसके द्वारा एक मेडिकल स्टोर खोला जाता है।

ये प्रोसेस निम्न है-

  • मेडिकल स्टोर के लिए योग्य डिग्री व डिप्लोमा करना
  • मेडिकल स्टोर के लिए जगह का चयन
  • मेडिकल स्टोर से जुड़े रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस बनवाना
  • मेडिकल स्टोर का सेटअप करना
  • मेडिकल किट व दवाइयों का खरीद करना
  • दवाइयों को आवश्यकतानुसार बेचना
  • मुनाफा कमाना

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए किए जाने वाले जरूरी कोर्स

अगर आप भी मेडिकल व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी हैं की मेडिकल स्टोर के लिए कौन सी डिग्री चाहिए?
आपको कोनसी कोर्स करनी जरुरी है इस कोर्स के बिना आप मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकते व लाइसेंस भी आपको नहीं मिल सकती है

B.pharma –

आप मेडिकल स्टोर खोलने के लिए बी फार्मा कोर्स भी कर सकते हैं, बी फार्मा कोर्स की फुल फॉर्म Bachelor Of Pharmacy होती है यह एक फार्मेसी का ग्रैजुएट कोर्स होता है, बी फार्मा कोर्स आप डी फार्मा कोर्स को करने के पश्चात कर सकते है, इस कोर्स को करने के लिए आपको पहले प्रतियोगी परीक्षा को पास करना होता है, क्योंकि बी फार्मा में एडमिशन लेने के लिए आपको सरकार के द्वारा निर्धारित की गई एक परीक्षा को पास करना होता है, उसके पश्चात ही आपको इसमें एडमिशन मिलता है, अगर कोई स्टूडेंट या कोई अन्य व्यक्ति जो भी मेडिकल खोलना चाहते हैं उनके लिए यह जरूरी कोर्स है। यह bachelor of pharmacy का कोर्स 3 साल का होता हैं। इस कोर्स को आप किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आपको किसी भी प्राइवेट या सरकारी कंपनी या अस्पताल से 6 माह का प्रक्षिक्षण लेना अनिवार्य होता हैं।

D.Pharma –

डी फार्मा एक ऐसा कोर्स है जिसमें आपको दवाइयों के बारे में जान लिया जाता है यह Diploma In Pharmacy होता है, जिसको आप 12वी कक्षा के पश्चात कर सकते हैं परंतु 12वीं कक्षा आपको बायोलॉजी ( Biology ) सब्जेक्ट से पास करनी होती है, और 12वीं कक्षा में आपके कम से कम 50% अंक आने बहुत जरूरी होते हैं, और डी फार्मा कोर्स को आप प्राइवेट कॉलेज तथा सरकारी कॉलेज दोनों से ही कर सकते हैं।

M.Pharma –

एम फार्मा कोर्स एक मास्टर कोर्स होता है जिसे करने के पश्चात आपको दवाइयों की इतनी ज्यादा नॉलेज हो जाती है, कि आप मेडिकल स्टोर तो खोल ही सकते हैं इसके अतिरिक्त भी आपके पास बहुत से ऐसे ऑप्शन होते हैं जिनसे आप 1 महीने के लाखों रुपए कमा सकते है, इस कोर्स की फुल फॉर्म Master In Pharmacy होती है, परंतु इस कोर्स को करने से पहले आपको बी फार्मा कोर्स ( B.Pharma Course ) कोर्स करना होता है, उसके पश्चात या आप एम फार्मा कोर्स कर सकते हैं, या एक ऐसा कोर्स है जो हर कोई व्यक्ति नहीं कर सकता यहां तक पहुंचने के लिए आपको बहुत ज्यादा मेहनत करनी होती है, और एम फार्मा कोर्स करने के लिए आपको सरकारी प्रतियोगी परीक्षा पास करनी होती है उसके पश्चात ही आप यह कोर्स कर पाते हैं।

Pharma D –

इस कोर्स का पूरा नाम Doctor of pharmacy कहते हैं यह कोर्स 6 साल तक लंबा चलने वाला है।

उक्त में से किसी भी एक कोर्स को करने के बाद आपको एक मेडिकल का सर्टिफ़िकेट मिलता हैं जिसके साथ आप मेडिकल की स्टोर आसानी से खोल सकते हैं।

यह कोर्स करने के बाद राज्य की फार्मेसी काउंसलिंग में रजिस्टर करवाएं –

जब आप यह कोर्स कर लेते हैं, इसके पश्चात आप रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट ( Registered Pharmacist ) बन जाते हैं, परंतु फिर इसके पश्चात आपको अपना मेडिकल स्टोर खोलने के लिए राज्य की फार्मेसी काउंसिल में रजिस्टर कराना होता है जो कि आप ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं, इसकी अधिक जानकारी यूट्यूब से प्राप्त करके आप खुद भी रजिस्टर कर सकते हैं, जब आप यहां पर रजिस्टर कर देते हैं तो आपको अपने सभी डॉक्यूमेंट जमा कराने होते हैं, फिर उसके पश्चात आपके सभी डॉक्यूमेंट सरकार के द्वारा वेरीफाई किए जाते हैं।

बिजनेस entities का चुनाव

अगर आपके पास सर्टिफिकेट है और आप मेडिकल स्टोर खोलने जा रहे हैं तो आपको सबसे पहले अपने बिजनेस entities का चुनाव करना होगा यानी के आप किस प्रकार का बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं जैसे LLP या pvt.ltd.

Pharmacy के प्रकार के चुनाव

Pharmacy के बहुत सारे प्रकार है जिसमें से आपको सेलेक्ट करना होता है के आप किस प्रकार के pharmacy चलाना चाहते हैं। फार्मेसी के कुछ प्रकार।

  1. community pharmacy
  2. chain pharmacy
  3. hospital pharmacy
  4. clinical pharmacy
  5. industrial pharmacy
  6. compounding pharmacy
  7. consulting pharmacy
  8. stand alone pharmacy
  9. ambulatory care pharmacy
  10. regulatory pharmacy
  11. Township pharmacy
  12. home care pharmacy

इन pharmacy के प्रकार में से 4 मुख्य हैं जो भारत में ज़्यादा प्रचलित है जिसे आप कर सकते हैं।

  • Hospital pharmacy

हॉस्पिटल फार्मेसी में आप किसी हॉस्पिटल में या हॉस्पिटल के आस पास मेडिकल स्टोर खोल कर वहां के डॉक्टर द्वारा लिखे दवा को हॉस्पिटल के पेसेंट को दिया जाता है।

  • Township pharmacy

टाउनशिप फार्मेसी के अंतर्गत आप किसी बस्ती में अपना मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं और वहां के लोगो को दवा प्रदान कर सकते हैं।

  • Stand alone pharmacy

स्टैंड अलोन फार्मेसी के अंतर्गत आप किसी रेजिडेंशियल एरिया या किसी गली मोहल्ले में अपना मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं और वहां के लोगों को मेडिसिन मुहैय्या कर सकते हैं।

  • Chain pharmacy

चैन फार्मेसी में एक एक कंपनी का मेडिकल स्टोर कई शहरों में होता है। चैन फार्मेसी किसी भी बड़े कंपनी का फ्रेंचाइज़ी लेकर खोला जा सकता है।

मेडिकल स्टोर खोलने के नियम

अगर आप मेडिकल स्टोर खोलने की सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से D.pharma, B.pharma, या M.Pharma का certificate होना चाहिए ये सर्टिफिकेट के आधार पे ही state Drugs standard control organization और  Central Drugs standard control organization द्वारा मेडिकल स्टोर खोलने की लाइसेंस दी जाती है।

मेडिकल स्टोर के लिए कुछ लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होते है, जो निम्न है-

  • शॉप का रजिस्ट्रेशन
  • बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन
  • GST
  • ड्रग लाइसेंस

शॉप रजिस्ट्रेशन

शॉप रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत अगर खुद की शॉप है तो जमीन के दस्तावेज और अगर रेंट पर है तो रेंट एग्रीमेंट दस्तावेज होना जरूरी है।

बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए अपने बिजनेस का रजिस्ट्रेशन ओनरशिप के आधार पर कराना चाहिए, अगर एक ओनर है, तो उस नाम से व कई ओनर है तो उस हिसाब से बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।

GST

Goods and service tax हमारे income या मुनाफा में से कुछ रुपये GST के रूप में सरकार को जमा करना पड़ता है, जो हर नागरिक को करना जरूरी है, अब यह काम ऑनलाइन भी किया जा रहा है।

ड्रग लाइसेंस

ड्रग लाइसेंस किसी भी मेडिकल स्टोर खोलने के लिए एक बहुत जरूरी लाइसेंस है, जो हर मेडिकल स्टोर ओनर के पास होना चाहिए

ड्रग लाइसेंस दो प्रकार के होते है

  • RDL (Retail drug License)
  • WDL(Wholesale drug license)

Retail drug license आमतौर पर होते है, जिनके लिए स्टोर में एरिया 10 square meter, 9.5+ सिलिंग हाइट, AC, फ्रीज़, expiry date वाली दवाइयों का अलग चैम्बर होना जरूरी होता है, इनके अभाव में license न मिलने के चांस व चालान काटने के चांस बढ़ जाते है।

ड्रग license के लिए ड्रग लाइसेंस एप्पलीकेशन फॉर्म, व रजिस्ट्रेशन फॉर्म fill करके retail shop के आधार पर फॉर्म fill करते है, license बनवाते है।

लाइसेंस लेने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट

  • Application form
  • Pharmacist Living certificate
  • 10th passing certificate
  • Id Proof
  • Pharmacist Marksheet
  • Experience certificate or college training certificate
  • Proof of ownership
  • Site Plan
  • Challan of the fee deposited for registration (3000)
  • And documents of registered pharmacists etc.

मेडिकल स्टोर की लाइसेंस लेने की प्रक्रिया

इन सब डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सब डॉक्यूमेंट के साथ अपने राज्य के state Drugs standard control organization के पास अप्लाई करें वहां आपको 3000 तक रजिस्ट्रेशन फीस लगेगा। सारी प्रक्रिया सफलतापूर्वक होने पर आपको 3 महीने के अंदर आपके दिए हुए पते पर आपका लाइसेंस पहुंच जाएगा।

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए कितने एरिया की आवश्यकता होती है

अगर आप भी मेडिकल स्टोर खोलने की सोच रहे है आपको कुछ बातो का ध्यान रखना चाहिए। वैसे तो ऐसा कोई फिक्स नियम नही है की मेडिकल स्टोर के लिए आपको कितनी जगह की आवश्यकता होती है परन्तु कुछ टिप्स जो हम आपको बता रहे है वो जरूर ध्यान रखें

अगर आप एक होलसेल दुकान खोल रहे तो उसके आपको कम से कम 130 Sq. Feet बडी दुकान की आवश्यकता होती है अगर आप एक रिटेल की दुकान खोल रहे है तो उसके लिए आपको कम से कम 110 Sq. Feet दुकान की आवश्यकता होती है। दुकान के आसपास प्रोपर पार्किंग की सुविधा भी होनी चाहिए।

मेडिकल स्टोर के लिए कहां से ले माल

इन सब प्रक्रिया को पूरा करने के बाद बात आती है के अपने शॉप में दवा का स्टोरेज रखें अब इसके लिए माल कहां से लें तो इसके लिए आप होलसेल मार्केट से ले सकते हैं क्यों के हर शहर में दवा का होलसेल मार्केट होता ही है तो आप वहां से दवा ले सकते हैं। इसके अलावा हर मार्केट में अलग अलग कंपनी के MR होते हैं जिनसे आप संपर्क कर आप अपने शॉप पे उनसे माल ले सकते हैं। या आप चाहे तो ऑनलाइन भी दवा मंगवा सकते है। BAHUT सारी कंपनियां ऐसी है जो ऑनलाइन आर्डर लेकर दिए हुए पते पर दवा भेज देती है।

कैसे बढ़ाएं सेल को

  • अपने सेल को बढ़ाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा अपने आस पास के डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें अपने शॉप का दवाई लिखने को बोलें। जिससे वो पेशेंट को आपके शॉप पे रेफर करेंगे दवा लेने के लिए जिसके लिए वो आप से कुछ कमीशन लेंगे।
  • मेडिकल लाइन ऐसा लाइन है जिसमें आपको छोटे मोटे गांव से लेकर हर चौक चौराहा पे छोटे मोटे डॉक्टर रहते ही हैं और उनका गांव मोहल्ले में ज़्यादा पकड़ रहता है। तो वैसे डॉक्टर से संपर्क कर अपने यहां से दवा लेने के लिए ऑफर करें।
  • दवा स्टोरेज में ज़्यादा से ज़्यादा प्रकार के दवा को मेन्टेन रखना एक चैलेंजिंग काम होता है। हर डॉक्टर का लिखा हुआ हर प्रकार का दवा होता है। इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा प्रकार के दवा अपने शॉप में रखें और मार्केट ऐसा इमेज बनाए के आपके पास हर प्रकार के दवा मिलते हो।

मेडिकल स्टोर खोलने में कितनी आएगी लागत

मेडिकल स्टोर ऐसा बिजनेस है जो खुद पर  निर्भर करता है के आपका बज़ट क्या है क्योंके मेडिकल स्टोर कम लागत से लेकर ज़्यादा लागत लगा कर भी स्टार्ट कर सकते है जिसकी कोई सीमा नही है। वैसे इस धंधे से जुड़े एक्सपर्ट के अनुसार आप 5 लाख तक लगा कर एक अच्छा सा मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं।

मेडिकल स्टोर से प्रॉफिट मार्जिन 

मेडिकल खोलने के बाद अगर इससे कमाई की बात करते है तो इनको हम 2 भागों मे बाँट सकते है जिसमे पहला है जेनेरिक दवाइयों मे प्रॉफिट मार्जिन ओर इथिकल दवाइयां जैसे मैनकाइंड कंपनी के प्रोडक्ट इत्यादि। जेनेरिक दवाइयाँ अगर आप बेचते है तो आपको करीब 30-45 प्रतिशत तक का मार्जिन होता है वही इथिकल दवाइयां की बात करे तो इसमे आपको मार्जिन कम्पनी के हिसाब से तय होता है जो 10-20 प्रतिशत के मध्य रहता है। सलाह यह है की आप जेनेरिक ओर इथीकल दोनो प्रकार की दवाइयाँ बेचे।

मेडिकल स्टोर से महीने की इनकम

अगर आप भी मेडिकल स्टोर खोलने के बारे में सोच रहे है तो आपको यह भी जानना जरूरी होती है की मेडिकल से आपको महीने की कितनी इनकम होती है। मेडिकल स्टोर के महीने की इनकम की बात करे तो आपको इससे लगभग 30-45 हजार रूपये तक की होती है। मेडिकल स्टोर से कमाई इस पर निर्भर करती है आप कितनी दवाइयाँ बेचते है व कैसे बेचते है।

मेडिकल स्टोर कैसे चलाएँ

अगर आप भी मेडिकल का स्टोर खोलते है ओर आपको इस चीज का नही पता की आप मेडिकल स्टोर कैसे चलाये तो हम आपको कुछ आसान से टिप्स बता रहे है जिससे आप आसानी से अपने मेडिकल स्टोर व मेडिकल के व्यवसाय को बढा सकते है।

एरिया : मेडिकल स्टोर किसी ऐसे क्षेत्र मे खाले जहा आसपास अस्पताल या कोई क्लिनिक हो क्योंकि ज्यादातर मरीज अस्पताल ही जाते है तो आपके लिए यह बेहतर होगा की आप किसी अच्छे व सुरक्षित क्षेत्र मे अपनी दुकान खोले।

डाक्टर से टाई अप : अगर आपकी दुकान किसी अस्पताल के पास है तो आपके लिए यह जरूरी होगा की आप अस्पताल के डॉक्टर से टाई अप कर ले क्योंकि वह डॉक्टर आपके लिए रोगियो को आपकी दुकान के लिए रैफर करते है।

लोकल क्लिनिकल से टाई अप : जिस तरह आप किसी डॉक्टर से टाई अप करते है उसी प्रकार आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने नज़दीकी क्लिनिकल से टाई अप करे क्योंकि वो भी आपके लिए कस्टमर रैफर करते है।

लोकल विज्ञापन : अगर आप अपने व्यवसाय को बढाना चाहते है तो आपको यह भी सलाह दी जाती है कि आप अपने लोकल एरिया मे विज्ञापन व प्रसार प्रचार कर सकते है, इससे आपके दुकान की विजेब्लिटी बढेगी वही लोकल कस्टमर भी आयेंगे।

क्या दूसरे के मेडिकल लाइसेंस से मेडिकल स्टोर खोल सकते है?

अगर आप भी जानना चाहते है की क्या दूसरों के मेडिकल लाइसेंस से आप अपनी मेडिकल की दुकान खोल सकते है तो आपको बता दे की यह पूरी तरह अनलिगल है या वैध नहीं है। अगर आपके पास खुद का मेडिकल का सर्टिफिकेट नहीं है तो आप अपना खुद का मेडिकल स्टोर नही खोल सकते है। ऐसा अगर आप करते है तो यह पूरी तरह गलत है ओर खास कर मेडिकल लाइन मे जहा आप लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते है। तो ऐसा बिलकुल न करे ओर क्योंकि ऐसा करने से हो सकता है की आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी हो।

मेडिकल कौन खोल सकता है ओर कौन नही

अगर आप यह जानना चाहते है की कौन मेडिकल खोल सकता है ओर कौन नही तो आपको बता दे की मेडिकल खोलने के लिए फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट होना चाहिए जो की आवश्यक है। इस लेख मे पूर्व मे बताया गया है की आप मेडिकल का सर्टिफिकेट कैसे ले सकते है ओर आपको क्या करना पडता है वो आप उपर वाले टाॅपिक्स मे पढ सकते है।

बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर कैसे खोलें?

मेडिकल स्टोर को खोलने के लिए वही व्यक्ति योग्य है जो B .pharma M .pharma , D Pharma, Pharma D का कोर्स किया हो। अगर कोई नही है, तो ऐसे व्यक्ति का चयन करें जिसने कोई ऐसी कोर्स किये हो, और पूरे टाइम जब तक स्टोर खुले रहे वो स्टोर पर मौजूद रहे, नही तो चालान कटने के चांस बने रहते है।

निष्कर्ष

इस प्रकार एक मेडिकल स्टोर इन सभी पदों के आधार पर सही तरीके से खोले जाते है, ये एक अच्छा बिज़नेस है जिसमे लोगो की मदद के साथ साथ मुनाफा भी कमाया जा सकता है।

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टिश्यू पेपर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें | Tissue Paper Making Business In Hindi http://shubhvaani.com/tissue-paper-making-business-in-hindi/ http://shubhvaani.com/tissue-paper-making-business-in-hindi/#respond Wed, 06 Oct 2021 19:47:37 +0000 http://shubhvaani.com/?p=2573 Tissue Paper Making Business शुरू करें और कमाएं लाखों Tissue Paper Making Business आज के समय में शुरू करना सबसे बेहतरीन हो सकता है। बदलता समय लोगों की बदलती सोच को दिखाता है, जहां सभी अपने साफ सफाई और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं इसके कारण टिश्यू पेपर की डिमांड काफी बढ़ चुकी है। […]

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Tissue Paper Making Business शुरू करें और कमाएं लाखों

Tissue Paper Making Business आज के समय में शुरू करना सबसे बेहतरीन हो सकता है। बदलता समय लोगों की बदलती सोच को दिखाता है, जहां सभी अपने साफ सफाई और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं इसके कारण टिश्यू पेपर की डिमांड काफी बढ़ चुकी है। पहले Paper Napkin केवल शहरों तक सीमित था लेकिन अब गांव के लोगों की मॉडर्न सोच ने गांव में भी टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। 

Tissue Paper Making Business शुरू करने के कई कारणों में से सबसे प्रमुख कारण यही है की यह बेहद कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाला बिज़नेस है, क्योंकि टिश्यू पेपर (Paper Napkin) का इस्तेमाल हर जगह होता है जैसे की होटल, ढाबा, रेहड़ी, ऑफिस और यहां तक कि घर के खाने के मेज के ऊपर भी टिश्यू पेपर ने अपनी जगह बना ली है। इस ब्लॉग पोस्ट के जरिए जानेंगे की टिश्यू पेपर बनाने का बिज़नेस कैसे शुरू करें और इससे संबंधित हर तरह की जानकारी।

Tissue Paper Making Business क्या है

टिश्यू पेपर को कागज़ी रुमाल भी कहा जा सकता है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर खाना खाने के बाद मुंह हाथ को साफ करने के लिए किया जाता है। पानी की अहमियत को समझते हुए टिश्यू पेपर की मांग हर क्षेत्र में बढ़ी है। 

टिश्यू पेपर मेकिंग बिज़नेस में पेपर नैपकिन बनाया जाता है ताकि बिज़नेस ऑनर इस ‘कागज़ी रूमाल’ को बेचकर कमाई का साधन बना सके। किसी भी व्यवसाय का एक मकसद Profit कमाना भी होता है। क्योंकि बिना प्रॉफिट के बिज़नेस की कल्पना करना ही मुश्किल है। 

Tissue Paper Making Business की शुरुआत कैसे करें

जब भी नए व्यवसाय को खोलने का जिक्र होता है तब सबसे पहले बिज़नेस ऑनर के जहन में संबंधित Business Risk का ख्याल आता है। सच्चाई यह है की रिस्क हर फील्ड में है लेकिन अगर सही से प्लानिंग करें तो रिस्क को खत्म या कुछ हद तक कम किया जा सकता है। निम्मिनलिख्त स्टेप्स को फॉलो करने पर Tissue Paper Making Business की शुरुआत की जा सकती है:-

1) टिश्यू पेपर का मार्केट पोटेंशियल

किसी भी व्यापार में निवेश करने का फायदा तब ही है अगर प्रोडक्ट अथवा सर्विस जो बिज़नेस के तहत प्रदान करेंगे उसकी मांग मार्केट में प्रयाप्त हो। यानी की कंपनी द्वारा बनाए गए final products बनने के बाद उसी गति में बिके ताकि प्रोडक्शन रूके नहीं। 

मार्केट में अपने टिश्यू पेपर की मांग जांचने के लिए आप सर्वे करवा सकते हैं। उन दुकानों पर जा कर पता करें जहां Paper Napkin बिकते हैं। उससे कस्टमर की पसंद का जायजा भी लगाया जा सकता है। जैसे की किस प्राइस रेंज में टिश्यू पेपर अधिक बिकते हैं। उस Paper Napkin की क्वालिटी कैसी है। यह सब इंफॉर्मेशन किसी जगह जैसे की किताब या मोबाइल में लिखकर रखें। क्योंकि यह बाद में मार्केटिंग स्ट्रेटजी बनाने में मदद करेंगे।

इसके अलावा जो कंपनी Tissue Paper Making Business run करती हैं उनसे ईमेल करके फैक्ट्री विजिट करने के लिए रिक्वेस्ट करें। कई कंपनी विजिट करने की परमिशन दे देते हैं। यह इसीलिए क्योंकि प्रैक्टिकल वर्क से बेहतर जानकारी प्राप्त होती है और जल्दी समझ भी आता है।

2) सही लोकेशन चुनें

बिज़नेस बेहतर ढंग से तभी चल पाता अगर लोकेशन सही हो। लोकेशन काफी मायने रखती है। सही लोकेशन ही आपके बिज़नेस के सफर को High Profit में बदलने की ताकत रखती है। लोकेशन चुनने के लिए आप आस पास के एरिया को कंसीडर करना जरूरी है। जैसे की जिस एरिया में बिज़नेस सेटअप करने का सोच रहे हैं वहां होटल, रेस्टियारेंट, ढाबा तक पहुंच आसान हो। रॉ मैटेरियल आसानी से लोकेशन के पास उपलब्ध हो। 

नॉट:- Tissue Paper Making Business से प्रॉफिट कमाने के लिए लोकेशन गांव की न चुनें तो बेहतर है। क्योंकि गांव में आज भी टिश्यू पेपर का इस्तेमाल काफी लिमिटेड जगह पर किया जाता है। शहर के आस पास ही लोकेशन चुनें।

3) जमीन किराएं पर लें

बिज़नेस के शुरुआती पलों में जमीन किराए पर लेना ही समझदारी है हालांकि अगर आपके पास कोई पुश्तैनी जमीन हैं तो उस पर भी अपने व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं लेकिन अगर आपके पास कोई जमीन नहीं है तो शुरुआत में 13000 से 15000 प्रति माह किराए में जमीन ले लीजिए ( नॉट:- यह रेट हर अलग जगह के अलग होंगे)। उस शॉप में मशीन, रॉ मैटेरियल और फाइनल तैयार प्रोडक्ट्स को रखने की प्रयाप्त जगह हो।

4) टिश्यू पेपर मेकिंग बिज़नेस के लिए Raw Materials खरीदें

टिश्यू पेपर बनाने के बिज़नेस के लिए एक ही raw material हैं। वह है Paper Roll. पेपर नैपकिन रोल आप Indiamart.com या इसकी जैसी कई अन्य B2B website से खरीद सकते हैं। इसका एक रोल 70-75 किलो का होता है। मार्केट प्राइस इसका 50 रुपए प्रति किलो तक है हालांकि यह दाम आप quantity ज्यादा लेंगे तो रेट कम भी हो सकते हैं। 

पेपर रोल की क्वालिटी GSM (Grams per square metre) में मापी जाती है। इसमें GSM 15 क्वालिटी के पेपर सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं। इसमें सॉफ्ट और हार्ड दोनो तरह की क्वालिटी आती है।

 टिश्यू पेपर बनाने की मशीन की कीमत

टिश्यू पेपर बनाने के लिए तकरीबन दो मशीन होती है एक की कीमत है 4.25 लाख तो दूसरे की कीमत 5.40 लाख है। दोनो में फर्क यह है की 4.25 लाख वाली मशीन सिंगल कलर के लिए है और दूसरी मशीन मल्टीपल कलर के लिए होती है।

 टिश्यू पेपर बनाने की विधि

मशीन सेटअप होने के बाद टिश्यू पेपर बनाना शुरू किया जा सकता है। उसकी स्टेप्स में procedure जान लेते हैं। 

  • मशीन में रोलिंग जगह मौजूद होंगी उसमे पेपर के रोल को फिट करें, मशीन शुरू होने पर पेपर के एक हिस्सा मशीन में जाएगा।
  • पेपर अगर किसी रंग का बनाना है तो मशीन में एक कलर कंटेनर होगा उसमें वह कलर डाल लें। पेपर जैसे ही उस कंटेनर से गुजरेगा उस रंग में रंग जाएगा।
  • इससे आगे रोल का हिस्सा एम्बोस्सिंग के लिए जाता है। यह पेपर को नैपकिन की तरह बना देता है।
  • आखिरी स्टेज पर पेपर नैपकिन की तरह फोल्ड होकर कट होने लगते हैं।

दोस्तों इन स्टेप्स को फॉलो करने पर टिश्यू पेपर बनाने के बिजनेस को शुरू किया जाता है। अब हम जानेंगे की इस व्यवसाय में कुल कितने खर्च होंगे और उस एक्सपेंस को निकालकर जेब में कितना बचेगा (Profit)।

टिश्यू पेपर बनाने का बिज़नेस के लिए इन्वेस्टमेंट

पेपर नैपकिन बनाने के व्यवसाय में कुल investment 6 से 7 लाख रुपए हैं। जिसमें एक color paper napkin making machine (4.5 से 5 लाख लाख रुपए) जो की एक बार का खर्चा है। किराए की जमीन (डेढ लाख से दो लाख रुपए) इसके अलावा वर्कर्स की सैलरी सभी मिलाकर तकरीबन 6 लाख से 7 लाख का इन्वेस्टमेंट होगा। 

Tissue Paper making Business Profit

हर व्यापारी यह चाहता है की अगर वह किसी बिज़नेस में अपनी पूंजी लगा रहा है तो उसको वापस कुछ रिटर्न मिले। प्रॉफिट के बिना कोई बिजनेस नहीं। टिश्यू पेपर मशीन से एक साल में तकरीबन 1.50 लाख किलोग्राम पेपर नैपकिन बनाए जा सकते हैं। अगर प्रति किलोग्राम के कम से कम 65 रुपए के मुताबिक भी बेचें तो पूरे साल के 10 से 12 लाख की कमाई इस बिज़नेस से निकाला जा सकता है।

टिश्यू पेपर मेकिंग बिज़नेस शुरू करने के लिए जरूरी लाइसेंस

यह पोस्ट पढ़ने के बाद और इस बिजनेस से बनते प्रॉफिट के बाद हो सकता है कई इस व्यवसाय को शुरू करने का सोचें लेकिन ध्यान रहें उसके लिए निम्नलिखित लाइसेंस जरूर बनवाएं ताकि बिजनेस के लॉन्ग रन में दिक्कत न आएं।

  • बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन
  • ट्रेड लाइसेंस
  • एनओसी सर्टिफिकेट जो पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से मिलेगा।
  • MSME पंजीकरण

टिश्यू पेपर व्यवसाय से संबंधित F.A.Q

Q.1 टिश्यू पेपर कहां और कैसे बेचें?

Ans 1. टिश्यू पेपर का इस्तेमाल सबसे अधिक खाने बेचने वाली जगह पर किया जाता है जैसे की होटल, रेस्टियारेंट, ढाबा, रेहड़ी। यहां आप इन्हें सैंपल के तौर पर दे सकते हैं। इसमें टिश्यू पेपर पर अपनी कंपनी के कॉन्टैक्ट डिटेल्स डाल कर दें सकते हैं। इसके अलावा व्होलसेल ऑफिस हाउसहोल्ड सामान बेचने वाले दुकानों के पास जाकर अपने प्रॉडक्ट को दिखा सकते हैं।

Q.2 टिश्यू पेपर बिज़नेस की मार्केटिंग कैसे करें?

Ans 2. मार्केटिंग करने के लिए अपने competitor का SWOT analysis करना बेहतर रहेगा। प्रोडक्ट के दाम और क्वालिटी बेहतरीन होगी तो marketing आसान हो जाएगी। 

Conclusion

दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से हमने Tissue Paper Making Business के बारे में विस्तार से जाना जैसे की यह बिज़नेस क्या है, कैसे शुरू करें और इसमें कितना खर्चा आता है कितना मुनाफा कमाना संभव है। अगर इसके अलावा भी आपके कोई सवाल हैं इस बिज़नेस से संबंधित तो आप अपने सवाल नीचे कमेंट बॉक्स में डाल सकते हैं। 

धन्यवाद।

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पशु आहार बनाने का बिजनेस | Cattle Feed Manufacturing Business in Hindi http://shubhvaani.com/pashu-aahar-cattle-feed-manufacturing-business/ http://shubhvaani.com/pashu-aahar-cattle-feed-manufacturing-business/#respond Mon, 04 Oct 2021 16:14:34 +0000 http://shubhvaani.com/?p=2563 आज का समय खुद के बिजनेस करने का है, तभी दुनिया भर में startup business का चलन है। भारत ने भी तरक्की की राह पकड़ने के लिए Startup India की पहल को अपनाया और कई युवाओं ने अपने हैरान करने वाले Business Idea से दुनिया भर को चकाया। लेकिन दोस्तों कई अपनी स्टार्टअप कंपनी शुरू […]

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आज का समय खुद के बिजनेस करने का है, तभी दुनिया भर में startup business का चलन है। भारत ने भी तरक्की की राह पकड़ने के लिए Startup India की पहल को अपनाया और कई युवाओं ने अपने हैरान करने वाले Business Idea से दुनिया भर को चकाया। लेकिन दोस्तों कई अपनी स्टार्टअप कंपनी शुरू करने में हिचकते हैं कारण इसमें लगने वाला खर्च और Business Risk, लेकिन रिस्क कहां नहीं होता? इससे पहले आप इसके बारे में सोचने लगें आपको इस पोस्ट के जरिए उस खास Business Plan के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।

दोस्तों भारत में यह बात बेहद और काफ़ी सालों से प्रचलित हैं कि हमारी कुल जनसंख्या के 70 प्रतिशत लोग आज भी गांव में निवास करते हैं जिनका income का प्रमुख साधन खेती के साथ डेयरी उत्पाद भी हैं जो वे पशु पालन करके करते हैं। गांव में अपनी आय को बढ़ावा देने के लिए लिए गांव के लोग पशु पालन करते हैं ताकि वे उन पशुओं से मिलते पदार्थों को जैसे की दूध, ऊन, अंडे इतियादियों को बेचकर कमाई का साधन बना सके। इसीलिए पशु पालन ज्यादातर गाय,भैंस,भेड़ और मुर्गे पालते हुए मिल जाएंगे।

जिनके लिए सामान्य सी बात है उन्हें पशु आहार (Cattle feed) की जरूरत पड़ना लाज़मी है। कहने का मतलब यह है कि इस बिजनेस में आपके target customer कोइ इंसान नहीं बल्कि यही पशु होंगे।

इस पोस्ट में आपको Cattle feed manufacturing business को शुरू करने के बारे में बताएंगे। दोस्तों paise kaise kamaye यह सवाल हर शख्स के भीतर एक न एक बार आता ही है, इस तरह के सवाल का सबसे सही जवाब यही है की ऐसा व्यवसाय की शुरुआत की जाए जो low investment में भी हो और जेब में अच्छा प्रॉफिट भी दें। जानते हैं ऐसे ही बेहतरीन बिजनेस आइडिया के बारे में जो भारत के उतरी और पश्चिमी हिस्सों में 1965 वें साल में शुरू हो गई थी। 

Cattle feed manufacturing बिजनेस क्या है? 

पशु आहार (Cattle feed) यानी की वह खाना जो पशुओं के लिए बनाया जाता है। हर जीव को अपना कार्य करने के लिए अच्छे आहार की जरूरत पड़ती है जिस प्रकार हम मनुष्यों का काम उम्र के मुताबिक निर्धारित हैं ठीक उसी प्रकार गाय या अन्य जानवरों का काम भी तय हैं। लेकिन कोई भी जीव अपना काम बेहतरीन तरीके से तब ही कर पाएगा जब उसे अच्छा और पौष्टिक आहार मिलेगा। Cattle feed manufacturing business यही है इस व्यवसाय में पशुओं के लिए पौष्टिक आहार को बनाया जाता है और मार्केट में इन पशुओं पालकों को बेच दिया जाता है।

Cattle feed manufacturing बिजनेस कैसे शुरू करें 

किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले कुछ मापदंडों को फॉलो करना होता है यह मापदंड अमूमन हर तरह के बिज़नेस की शुरुआत के लिए जरूरी है। यह मापदंड कुछ यूं हैं:-

मार्केट रिसर्च

हर कार्य हर जगह के लिए नहीं होता, इसलिए बिजनेस की शुरुआत में सबसे पहले मार्केट रिसर्च करना जरूरी है ताकि मार्केट में अपने बिज़नेस का Market Potential पता चल सके। अगर Cattle Feed Manufacturing Business के Market Potential का पता लगाना हो तो सबसे बेहतरीन जरिया है दूध की बिक्री को देखना। दूध ऐसा पदार्थ है जिसकी demand कभी भी कम नहीं होगी बल्कि यह हर साल बढ़ती जा रही है। इंसान किसी भी वर्ग का हो दूध तो चाहिए ही होता है। एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर साल 80 से 85 Mega tonne Cattle feed की जरूरत है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है की cattle feed manufacturing business एक प्रॉफिट मेकिंग व्यवसाय है।

Cattle feed manufacturing बिजनेस के लिए कितना investment जरूरी है? 

पशु आहार बनाने के बिजनेस (Cattle feed manufacturing business) की सबसे बेहतरीन बात यह भी है की इसे किसी भी स्तर पर चालू किया जा सकता है यानी की यह बिजनेस कम लागत (Low Investment Business) में भी शुरू किया जा सकता है। जो की आंकड़ों में बताया जाए तो तकरीबन कम से कम 2 लाख रुपए से भी यह काम की शुरुआत की जा सकती है। यह डिसिजन पूरी तरह से Business owner पर निर्भर करता है की वे कैसे कम लागत में अधिक से अधिक कमाई कर पाएं। अब जानेंगे की पशु आहार बनाने के बिजनेस के लिए जमीन कैसे देखें।

पशु आहार बिजनेस के लिए जमीन कैसे देखें

यह भी पूरी तरह से बिजनेस ऑनर के ऊपर निर्भर करता है की वे कितना इन्वेस्ट करने में सहूलियत महसूस करते हैं। जमीन जितनी ज्यादा होगी उतना ज्यादा मॉल बन पाएगा और स्टोरेज करने का भी रहेगा। लेकिन अगर business owner शुरुआत में थोड़ा कम लागत में शुरुआत करना चाहते हैं और आपके पास पहले से ही काफी खाली जमीन मौजूद है तों काम वहां से भी चालू किया जा सकता है नहीं तो आप किराए की 500 वर्ग फुट की जगह किराए पर लेकर भी काम की शुरुआत कर सकते हैं। 

नॉट:- जब भी जमीन खरीदें तो इस बात का ध्यान जरूर रखें की बिजनेस की शुरुआत उसी जगह से होनी चाहिए जहां रॉ मैटेरियल पहुंचा जा सके अर्थात रोड नेटवर्क सही हो और cattle feed manufacturing business की वहां डिमांड हो। साथ में यह भी ध्यान रखें की उस जगह पर्याप्त मात्रा में बिजली रहती हो।

पशु आहार बनाने के लिए रॉ मैटेरियल  

बिज़नेस की शुरुआत बिना Raw materials के मुमकिन नहीं क्योंकि इसके बिना final products बनाने की सोच ही निराधार है। Cattle feed manufacturing बिजनस के लिए जरूरी Raw materials कुछ यूं हैं:-

  • गेंहू का भूसा
  • धान का भूसा
  • चने के छिलके
  • चावल
  • गुड
  • मक्के के मोटे टुकड़े
  • सुखा गन्ना
  • अनाज

नॉट:- कच्चे मॉल की खरीद पर काफी मूल्य बच सकते हैं केवल कुछ सूझ बूझ से काम करना होगा। जैसे की अगर आपने अपना व्यापार ऐसी जगह सेटअप किया हैं जहां पशु पालन और खेती प्रचलित है तो वहां से आपको अधिकतर Raw materials बेहद सही दाम में मिल जाएंगे। यह रॉ मैटेरियल wastage Goods में गिने जाते हैं इसीलिए यह काफी सस्ते दर पर उपलब्ध होओ

पशु आहार बिजनेस के लिए जरूरी मशीनरी 

दोस्तों इस तरह के बिजनेस की शुरुआत छोटे स्तर पर करने के लिए तकरीबन (Cattle feed making machine price) 1.25 लाख से 1.5 लाख तक की मशीन पर दांव लगाया जा सकता है लेकिन अगर इस व्यवसाय को बड़े स्तर पर establish करना चाहते हैं तो यह मशीनरी जरूरी हैं

  • 100 किलो की पॉवर वाला Mixer ताकि अधिक पशु आहार (Cattle feed) को मिक्स कर सकें।
  • हाथों की ताकत से चलने वाले मशीन
  • भाप मापक यंत्र
  • बैग को अच्छे से सिलने के लिए मशीन
  • 10 HP Motor साथ में स्टार्टर
  • Pulverizer

नॉट:- 21 वीं सदी Digital World का प्रतिनिधित्व करती है यानी बिजनेस ऑनर इंटरनेट में indiamart जैसी वेबसाइट का इस्तेमाल करके ऐसी सभी जरूरी मशीनें वाजिब दाम में हासिल कर सकते हैं।

पशु आहार बनाने की विधि | Cattle feed making procedure

Raw materials जैसे गेहूं का भूसा, धान का भूसा, चने के छिलके और दूसरे चीजों को मिक्सर की मदद से अच्छी तरह मिला दिया जाता है। उसके बाद Pulverizer से दबाकर इसको एक आकार में बनाया जाता है। इस मिक्सचर को Storage Bin में डाल दिया जाता है, जहां सभी ingredients को अच्छी तरह मिलाया जाता है। इसमें गुड़ भी मिलाया जाता है। इसके बाद मिक्सचर हॉपर में जाती है।

हॉपर से एक बाल्टी इस इंग्रेडिएंट्स को टेंपरिंग स्क्रू की तरफ भेजती है, जहां पर पशु आहार को खुली भाप दी जाती है जिससे चारा सॉफ्ट हो सके। अब चारे को टेंपरिंग स्क्रू से pellet cooler की तरफ भेज दिया जाता है जहाँ पशु आहार को ठंडा किया जाता है।

दोस्तों Cattle feed बनने के बाद आप इसे मार्केट में ले जाने के लिए तैयार हैं। अमूमन प्रोडक्ट बनने के बाद मार्केटिंग की जाती है जो ज्यादातर लोग मार्केटिंग को मात्र advertisement से जोड़ते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं बल्कि Marketing Concepts काफी बड़ा है। लेकिन इस बिजनेस में टीवी में advertisements देकर एक्स्ट्रा खर्चा करने से बेहतर है आप प्रोडक्ट के प्राइस यानी की दाम को competetive रखें। पैकेजिंग मजबूत हो ताकि Cattle feed को जब एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाए तो वे गिरे नहीं।

पशु आहार बिजनेस के लिए जरूरी लाइसेंस

Cattle feed Business का संबंध जानवरों के आहार है इसीलिए इस बिजनेस को सेटअप करने के लिए सबसे पहले एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट से अनुमति लेनी अनिवार्य है। खाद्य पदार्थ होने के कारण फूड सेफ्टी स्टैंडर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी की FSSAI से लाईसेंस लेना होगा। यह आपके बनाए गए कैटल फीड को जांचेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके की पशुओं के लिए खाद्य पदार्थ पूर्ण रूप से सुरक्षित है।

जीएसटी नंबर भी लेना अनिवार्य है ताकि आप ट्रेडिंग के लिए एलिजिबल हो सकें। किसी भी तरह के उद्योग लगाने के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से NOC लेना भी बेहतर है ताकि यह सुनिश्चित हो सके की आपका लगाया गया बिजनेस किसी भी तरीके से environment को नुकसान नहीं पहुंचा रहा।

बिजनेस को अपने ब्रांड नाम तले उतारने के लिए ISI मानक सर्टिफिकेशन भी जरूरी है यह खरीदार के भीतर भी प्रोडक्ट के प्रति विश्वास उत्पन्न करता है।

पशु आहार (Cattle feed) को कहां और कैसे Sell करें

किसी भी बिज़नेस के सेटअप होने के बाद यह भी जरूरी है की आपका प्रॉडक्ट/सेवा बाजार में sell हो सके। Cattle Feed को बेचने के लिए सबसे बेहतरीन जगह आपने जहां अपना बिज़नेस सेटअप किया वही है। जिन्होंने छोटे स्तर पर यह कार्य चालू किया है वे अपने आस पास के पशु पालकों से संपर्क करें। अगर आपका कार्य बड़े स्तर पर हैं तो आप डेयरी कंपनी जैसे की पंजाब में वेरका, हरियाणा में वीटा, और गुजरात में अमूल। इन बड़ी कंपनियों से भी संपर्क कर सकते हैं। Cattle feed Sell करने के कई तरीके हैं जैसे की पशु चिकित्सकों के माध्यम से भी आप Cattle Feed को शुरुआत में बिकवा सकते हैं। 

सेलिंग टिप्स:- cattle feed को बेचने के लिए पशु पालकों को आप कुछ सैंपल के रूप में पेश कर सकते हैं। Product Sample बिजनेस के शुरुआती पलों में एक अच्छा स्टेप होता है।

Cattle feed manufacturing business में कितना है प्रॉफिट 

पशु आहार उद्योग लगाना आज के समय में काफी फायदेमंद है। पशु पालक अपने पशुओं को बेहतरीन से बेहतरीन पौष्टिक आहार देना चाहते हैं ताकि सभी पशु स्वस्थ रहें और उनसे मिलते दूध भी स्वस्थ हो। यहीं कारण है की Cattle Feed manufacturing business की डिमांड हर दिन बढ़ती जा रही है। एक आंकड़े अनुसार हर महीने कम से कम बिज़नेस ऑनर 50,000 रुपए की कमाई कर सकते हैं। 

आखिर में यहीं कहेंगे की पॉजिटिव एटिट्यूड रखें क्योंकि इसके बिना किसी भी फील्ड में सफलता मिलना मुश्किल है। 

धन्यवाद

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हमारा देश कृषि प्रधान देश है। देश की 70 से 80% आबादी कृषि पर आश्रित है। हमारे देश के किसान हर प्रकार की खेती करते है। हर प्रकार के तेल मसाला से लेकर अन्न तक। इसी खेती में से एक खेती होती है सरसो की। सरसो के बारे में तो आप जानते ही होंगे ये छोटे छोटे काले, सफेद, या पिले रंग का होते है। इसका इस्तेमाल तेल निकालने के लिए किया जाता है। सरसो का तेल पूरे विश्व में खाना बनाने के लिए किया जाता है।

सरसों के तेल की पूरे विश्व में अधिक मांग है। क्यों के सरसो का तेल स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है और ये पूरी तरह नैचरल होता है। सरसों के तेल की मांग को देखते हुए किसान का भी रुझान सरसो की खेती की तरफ़ बढ़ रहा है। और भारत ऑयल सीड उत्पाद करने वाला सबसे बड़ा देश है।

इस लिए इससे जुड़े छेत्र में रोज़गार के ज़्यादा अवसर पैदा हो रहे हैं। इसी में से एक रोज़गार है सरसो के दाने से तेल निकालने का सरसों के तेल का BUSINESS, एक ऐसा BUSINESS है जो बहुत ही कम लागत में आपको ज्यादा मुनाफा प्रदान करता है। इस तेल का प्रयोग किसी न किसी रूप में लगभग हर घर में किया जाता है। इसलिए इस तेल की मांग भी बहुत ज्यादा बनी रहती है। हमारे देश में सरसों का उत्पादन भी बहुत बड़ी मात्रा में किया जाता है जिस कारण यह आसानी से सही दाम पर प्राप्त हो जाती है।तो आइए बताते हैं आपको कि कैसे आप सरसों के तेल का व्यवसाय आरंभ करके मुनाफा कमा सकते हैं। 

क्या है सरसों तेल मिल बिजनेस 

गाँव में किसानों द्वारा पैदा की जाने वाली सरसों की फसल पेंड से दानों के रूप में प्राप्त होती है दाने देखने मे बहुत ही छोटे और चिकने होते हैं जिनको हाथों में आसानी से नही पकड़ा जा सकता इन दानों में तेल भरा रहता है। जब फसल पक जाती है तब दानों का तेल जिस मशीन से निकाला जाता है उस मशीन के पूरे सिस्टम को ही सरसों तेल मिल कहते हैं,

अगर आप भी सरसों तेल मिल का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। और सोचते हैं कि इस बिजनेस में सिर्फ आपको सरसों के बीज से तेल निकाल कर बेचना है। तो शायद आप एक बात भूल रहे हैं कि सरसों के तेल से बीज निकालने के बाद जो अवशेष बचता है ,उसका भी आप अलग से बिजनेस शुरू कर सकते हैं। सरसों का तेल निकालने के बाद बचे हुए अवशेष को या तो खाद के रूप में या फिर पशुओं की खली के तौर पर बेचा जा सकता है। तो देखो, कैसे आप एक बिजनेस में इन्वेस्ट करके दो बिजनेस का मुनाफा कमा सकते हैं।

सरसों तेल मिल के फायदे-

  • आप तेल निकालकर बाजार में शुद्ध तेल बेंच सकते हैं।
  • शुद्ध तेल की मांग मार्किट के बहुत ज्यादा है तो बिक्री में ज्यादा परेशानी नही होगी।
  • आप चाहे तो अन्य लोगो की लाई हुई सरसों का तेल निकालकर उनसे पैसे लेकर भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
  • सरसों के अलाबा बचे हुए गुदे अर्थात खरी को भी बाजार में बेंच सकते हैं।
  • खरी खेतों में उर्वरक ,पशुओं के खाद्य और लेप में प्रयोग होती है।
  • आप इस व्यापार को एक कंपनी का नाम भी दे सकते हैं जिसके बाद आप डिब्बों में तेल को बंद करके बेंच सकते हैं।
  • बिना मिलाबट के भी यदि सरसों के तेल को बेंचा जाए तो लाभ बहुत होता है।
  • यहां आप व्यापार की छोटी इकाई से शुरू कर एक बड़े व्यापार को खड़ा कर सकते हैं।

सरसों के बीज से तेल निकालने के बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए मुख्य स्टेप्स

बिजनेस के बारे में जानकारी होना

बोला जाए तो सरसों के दाने से तेल निकालने का मिल बैठाना एक बड़ा काम है। इसलिए इस बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले इससे संबंधित छोटी बड़ी जानकारी को प्राप्त करे। क्यों के इस बिजनेस में बहुत सारे ऐसे काम है जिसके लिए पर्याप्त जानकारी का होना जरूरी है। जैसे मिल से संबंधित पार्ट पुर्ज़ों के बारे में मशीन को हैन्डल करने की जानकारी इसके अलावा सरसों के बीज के सौदा के बारे में पर्याप्त जानकारी रखें के सरसों का बिज कहाँ से लें किस प्रकार का लें सही दाम पे लें। इन बातों का जानकारी होना बिजनेस को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाती है।

कैसा स्थान का करें चुनाव

बाकी बिजनेस की तरह इस बिजनेस में स्थान का किसी बड़े मार्केट में या किसी भीड़ भाड़ वाले एरिया का होना ज़रूरी नही है। ये बिजनेस आप अपने घर पे या किसी गांव में भी कर सकते हैं। बस आप के बिजनेस के स्थान पे ट्रांसपोर्टेशन का सही सुविधा होना चाहिए ताके माल को लाने ले जाने में कोई बाधा पैदा न हो। या फिर वैसी स्थान का चुनाव करे जहां आस पास में ज़्यादा किसान रहते हों और जहां सरसों की ज़्यादा खेती हो। जिससे आपको सरसो के बीज कम लागत में आसानी से मिल सके।

आवश्यक मशीनें और उनकी कीमत

मशीनें छोटी और बड़ी अलग-अलग तरीके की होती हैं तो जाहिर है उनकी कीमत भी अलग अलग होगी,मशीनें 1 लाख से लेकर 20 लाख रुपए तक कि बाजार में उपलब्ध हैं ये आप पर निर्भर करता है कि आप कैसी मशीन खरीदना चाहते हैं,आप यदि सरसों तेल की बिजली की मशीन लगाना चाहते हैं तो आपको मोटर खरीदना होगा और यदि आप डीजल मशीन खरीदना चाहते हैं तो आपको मोटर की जगह पर एक डीजल इंजन खरीदना होगा।आपको एक सामान्य सरसों मिल हेतु कुछ आवश्यक मशीनें खरीदनी होंगी जो निम्न हैं-

  • Oil expeller machine
  • Motor 20 HP
  • Filter press machine
  • Galon
  • Box stumping machine
  • Weight Machine
  • Sealing Machine

ऑयल एक्सपेलर मशीन का प्रयोग सरसों के बीज में से तेल निकालने के लिए किया जाता है तथा उसके बाद तेल को फिल्टर करने के लिए फिल्टर प्रेस मशीन का इस्तेमाल होता है। यह मशीन आपको बाजार में एक से डेढ़ लाख रुपए की लागत में मिल जाती हैं। इन मशीनों को चलाने के लिए बिजली कनेक्शन की भी आवश्यकता होती है। परंतु यदि आप चाहे तो मोटर को डीजल संचालित भी करवा सकते हैं।

आवश्यक कच्चा माल

कच्चा माल की बात करे तो इस बिजनेस के लिए मुख्य कच्चा माल सरसों का बीज ही है। जिससे तेल को निकाला जाता है। इसके अलावा तेल पैकिंग के लिए बोतल या पाउच इत्यादि की आवश्यकता होगी।

सरसों के तेल के बिजनेस में RAW MATERIAL कैसा होना चाहिए।

सरसों के तेल के बिजनेस में जो RAW MATERIAL प्रमुख रूप से चाहिए होता है ,वह है सरसों के बीज। परंतु आपको सरसों के बीज की क्वालिटी के बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। इसलिए यह जान ले कि सरसों के दाने जो पीले या छोटे-छोटे काले रंग के होते हैं उनसे तेल ज्यादा मात्रा में और अच्छी क्वालिटी का निकलता है।

सरसों कहाँ से खरीदें-

इस बिजनेस के लिए मुख्य कच्चा माल जो के सरसों का बीज होता है जिससे तेल निकाला जाता है। इस बिजनेस के लिए सरसों का स्टॉक होना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आप सरसो के सीज़न में ही ज़्यादा से ज़्यादा माल ले जो आपको साल भर चले ये माल आप डायरेक्ट सरसों किसान से मिल कर ले सकते हैं। या फिर आपको बड़े अनाज बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएगी ,आपको सरसों के बड़े दाने देखकर ही खरीदनी है ,आपको ये भी पता होना चाहिए कि सरसों कई प्रकार की होती है जिसमें से रंगों के आधार पर दो मुख्य प्रकार हैं – काली सरसों और पीली सरसों । लेकिन इसके साथ एक समस्या ये भी है के सरसो का उत्पादन प्रत्येक राज्य में अधिक नही होता है इस इस्थिति में आपको किसी दूसरे राज्य से माल लेना होगा जहां सरसों की उत्पादन अधिक होती हो। लेकिन ये आपको मंहगा पड़ जाएगा। इसलिए इस बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले अपने एरिया में पता कर लें कि आपके एरिया में पर्याप्त सरसो का बीज मिल सकता है के नहीं।

1 KG सरसों पर कितना तेल निकलता है-

अब अगर आप तेल मिल का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको ये जानकारी भी होनी चाहिए कि आखिर 1 Kg सरसों में कितना तेल निकलता है या 1 kg तेल के लिए कितनी सरसों की आवश्यकता होगी। तो हम आपको बता दे रहें हैं कि 1 Kg अच्छी बड़ी दानों बाली सरसों में 350 ग्राम से अधिक तेल निकलता है अर्थात 1 Kg तेल के लिए आपको लगभग 3 किलो ग्राम सरसों की जरूरत होगी,1 किलोग्राम सरसों का बाजार मूल्य लगभग 50 से 60 रुपए होता है ,अगर हम बात करें क्वन्टल की तो मूल्य लगभग 5000 +- होता है।

कैसे निकलती है सरसों के बिज से तेल-

सरसों के तेल की क्वालिटी को उत्तम बनाए रखने के लिए कुछ चीजों का हमें प्रमुख रूप से ध्यान रखना चाहिए। सरसों के बीज अच्छी तरह से सूखे होने चाहिए। उसमें नमी की मात्रा बिल्कुल ना हो। इसके बाद इसको अच्छी तरह साफ कर लें के सरसों के साथ कुछ कचरा नही रहे। इसके पश्चात बीज को तेल निकालने के लिए मशीन में डाल दें। जब सरसों से सारा तेल अच्छी तरह से निकल जाएगा। तो इसके बाद बचे हुए अवशेष को पशुओं के लिए खली के तौर या खेतो में खाद के लिए पर भी प्रयोग किया जा सकता है।

सरसों तेल की मिल खोलने में कितनी आएगी लागत

सरसों तेल मिल का बिजनेस ऐसा बिजनेस है जिसे आप बहुत थोड़े पैसों में भी स्टार्ट कर सकते हैं। सबसे पहले दो प्रमुख मशीन इस काम के लिए चाहिए होती है। वह बाजार में आसानी से एक से डेढ़ लाख रुपए में मिल जाती है। पैकिंग से लेकर सेलिंग तक के काम के लिए पचास हजार रुपये की आवश्यकता पड़ती है कच्चे माल के रूप में सरसों का वर्तमान समय मे रेट छह हजार से लेकर सात हजार रुपए तक चल रहा है। इसके बाद आप अपने बजट के अनुसार तीन लाख से शुरू होकर पंद्रह लाख रुपए तक में भी अपना बिजनेस शुरू कर सकते है। इसके लिए आप चाहे तो सरकारी बैंक से लोन भी ले सकते हैं क्योंकि सरकार लघु उधोगों के लिए लगातार प्रयत्नशील है यहां सरकार की तरफ से लोन और बाकी मशीनरी पर कुछ सब्सिडी मिल सकती हैं, इसके लिए आप अपनी सम्बंधित बैंक में जाकर जानकारी ले सकते है

सरसों तेल मिल के बिजनेस में कितना मुनाफा होता है

अगर बात की जाए सरसों तेल मिल के बिजनेस में मुनाफे की तो वह निर्भर करता है, आपके प्लांट के लेवल पर। किस स्तर पर आपने बिजनेस स्थापित किया होगा, उसी स्तर के हिसाब से आपको मुनाफा होगा। परंतु यह ऐसा बिजनेस है जो कभी भी आपको नुकसान नहीं देने वाला। छोटे स्तर के बिजनेस में लोग कई बार अपनी खुद की सरसों लेकर आते हैं और आपको उन्हें तेल निकाल कर देना होता है। इसके लिए वर्तमान समय में ₹10 प्रति किलो के हिसाब से चार्ज किया जा रहा है। इस समय शुद्ध सरसों के तेल का रेट ₹180 से लेकर 250 तक ब्रांड के हिसाब से बिक रहा है।

कुल सरसों में से सिर्फ 30 से 35 परसेंट तेल निकल पाता है और बाकी खली के रूप में इसका विशेष निकलता है। परंतु आप उस खली को अलग से पशु आहार के रूप में पैक करके बेच सकते है। पचास किलो सरसों की खली का रेट आठ सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक चल रहा है। तो दोस्तों है ना मुनाफा ही मुनाफा। एक बिजनेस का सेटअप करके आप दो बिजनेस का मुनाफा कमा सकते है।

सरसों तेल मिल रजिस्ट्रेशन-

सरसों तेल मिल लघु उद्योग के अंतर्गत आता है इसके लिए आपको अपने एरिया में खाद्य विभाग से भी सर्टिफिकेट लेना होगा और उसके बाद आप सरकार के अभियान उधोग आधार में भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं ,उद्योग आधार एक लघु उद्योग से सम्बंधित जहां पर किसी भी दुकान या अपने निजी छोटे व्यापार को रजिस्टर किया जा सकता है इसके लिए आप किसी भी नजदीकी जन सेवा केंद्र में आवेदन करा सकते हैं,जहां आपको आधार कार्ड और बाकी व्यपारिक दस्ताबेजो को ले जाना होगा। जिसके बाद प्रोसेस पूरा होने पर आपको सर्टिफिकेट मिलेगा जो आप अपने मिल में लगा सकते हैं,जिससे आप लघु उद्योग के अंर्तगत रजिस्टर माने जाएंगे। आप FCI अर्थात खाद्य से सम्बंधित सरकारी संस्था में भी आवेदन कर सकते हैं जिसके मानक पर खरा उतरने के बाद आपको ग्राहकों का भी सपोर्ट मिलेगा और सरकार की कानूनी दिक्कतों से भी आराम।

दोहरा व्यापार-

यहां आपको दोहरा व्यापार मिल रहा है क्योंकि जब आप सरसों तेल मिल लगाएंगे तब आपको सरसों से तेल के साथ उसका गुदा अर्थात खरी भी प्राप्त होगी जो आपको दोहरा व्यापार देगी जहां आप तेल फुटकर या थोक बाजार में बेचेंगे और साथ ही खरी को बड़ी उर्वरक कंपनियों को अच्छे दामों पर बेंच देंगे जिससे फायदे की उम्मीद और ज्यादा बड़ जाती है।

कैसे करें सरसों तेल का मार्केट में सप्लाई

सरसों के बीज से तेल निकालने के बाद आप इस तेल पे अपने किसी कंपनी के नाम का लेबल लगाकर कर मार्केट में सप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आप इन तेलों को प्लास्टिक के बोतल, पाउच तेल कंटर में पैक कर कंपनी का लेबल लगा कर सप्लाई कर सकते हैं।

कैसे बढ़ाएं सेल को

सेल को बढ़ाने के लिए आप अपनी कंपनी का ज़्यादा से ज़्यादा ब्रांडिंग करें। और ज़्यादा से ज़्यादा किराना दुकानदारों से संपर्क करें और उन्हें अपना माल बेचने के लिए कहें। इसके अलावा आप किसी दूसरी कंपनी को अपना तेल बेच सकते हैं। जो पहले से सरसों का तेल बेचती हो।

FAQ

Q-1 एक क्विंटल सरसों के तेल में से कितना तेल निकलता है

एक क्विंटल सरसों से तकरीबन 36 लीटर के करीब तेल निकाला जा सकता है। 

Q-2 सरसों का तेल निकालने वाली मशीन कितने रुपए की आती है?

 तेल निकालने की मशीन की कीमत एक लाख रुपये से शुरू होती है । 

Q-3 सरसों के तेल में किस चीज की मिलावट की जाती है

सरसों के तेल में पाम तेल ,चावल की भूसी का तेल की मिलावट की जाती है। 

Q-4 सरसों की खल का क्या भाव है

सरसों की खल का वर्तमान रेट प्रति क्विंटल 1500 से लेकर 2000 रुपए तक है ।

Q-5 सरसों का वर्तमान रेट क्या है 

 सरसों का रेट सात हजार से लेकर आठ हजार तक चल रहा है।

Q-6 मिनी तेल मिल को शुरू करने में कितनी लागत आती है

मिनी तेल मिल को आप दो लाख रुपए में शुरू कर सकते है।

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इत्र बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें | Perfume Manufacturing Business Full Process in Hindi http://shubhvaani.com/perfume-manufacturing-business-in-hindi/ http://shubhvaani.com/perfume-manufacturing-business-in-hindi/#respond Sat, 02 Oct 2021 16:05:31 +0000 http://shubhvaani.com/?p=2539 नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है। आप सभी परफ्यूम के बारे में जानते होंगे, परफ्यूम का अर्थ होता है इत्र। यदि आप आज के समय मे बिजनेस करने के बारे में सोच रहे है तब आपके लिए सबसे अच्छा बिजनेस परफ्यूम बनाने का होगा, आज के समय में परफ्यूम की मांग काफी अधिक है […]

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नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है। आप सभी परफ्यूम के बारे में जानते होंगे, परफ्यूम का अर्थ होता है इत्र। यदि आप आज के समय मे बिजनेस करने के बारे में सोच रहे है तब आपके लिए सबसे अच्छा बिजनेस परफ्यूम बनाने का होगा, आज के समय में परफ्यूम की मांग काफी अधिक है ऐसे में यदि आप परफ्यूम बनाने का बिजनेस स्टार्ट करते है तब आपको काफी फायदा होगा, आज हम इस पोस्ट के माध्यम से परफ्यूम कैसे बनाते है, परफ्यूम क्या चीज से बनता है, घर मे परफ्यूम कैसे बना सकते है, घर मे इत्र बनाने की विधि, परफ्यूम बनाने की मशीन, परफ्यूम बनाने की प्रक्रिया, बिजनेस करने का स्थान, परफ्यूम बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करे आदि के बारे में विस्तार से बात करेंगे, तो चलिए दोस्तों हम परफ्यूम बनाने के बिजनेस के बारे में जानते है।

परफ्यूम मेकिंग बिजनेस क्या है :

आज के समय मे बिजनेस की डीमंड बहुत ज्यादा है ऐसे में परफ्यूम मेकिंग बिजनेस एक तरह का इत्र बनाना है, इसमें विभिन्न तरह के रॉ मटेरियल जैसे फूल, शराब, पशु पदार्थ व सिंथेटिक केमिकल के माध्यम से लिक्विड का निर्माण करते है जिसे परफ्यूम कहते है, इस सब को बनाने के प्रोसेस व मार्केटिंग करने को परफ्यूम मेकिंग बिजनेस कहते है।

परफ्यूम बनाने में उपयोग किया जाने वाला रॉ मटेरियल :

आज के समय मे परफ्यूम बनाना बहुत ही आसान हो गया है, यदि आप परफ्यूम बनाना चाहते है तब आपको कई तरह का समाग्री का प्रयोग करना होगा तथा इन सभी सामग्रियों के मदद से सुगंध प्राप्त किया जाता है, आइये जानते है कौन से रॉ मटेरियल लगता है-

• शराब- यदि आप परफ्यूम बनाने जा रहे है तब आपको शराब की आवश्यकता होगा क्योकि परफ्यूम में इसका इस्तेमाल काफी अधिक होता है, अलग अलग परफ्यूम में शराब की मात्रा अलग होता है, पर हर तरह के परफ्यूम में शराब मौजुद होता है।

• फूल : यदि आप परफ्यूम बनाने जा रहे है तब आपको फूल के रस का प्रयोग करना पड़ेगा ऐसे में आपको फूल की आवश्यकता पड़ेगा, एक परफ्यूम के बोतल में 15% से 30% तक फूल के रस होते है। फूल के साथ ही आप घास, कई तरह के मसाला, फल, लकड़ी, रेजिन, कोयले के तार, बालसम, पेट्रोकेमिकल, कोयला व पत्तियों का भी प्रयोग किया जाता है।

• पशु पदार्थ : इत्र बनाने के लिए पशु स्त्राव का भी प्रयोग किया जाता है, पशु पदार्थ का प्रयोग फिक्सडेटिव के रूप में किया जाता है ताकि परफ्यूम में जो भी चीजे डाली जा रही है वह आपस मे चिपका रहे, साथ ही यह इत्र को वाष्पीकरण से बचाता है।

• सिंथेटिक केमिकल : बहुत सारे कृत्रिम रसायनों का प्रयोग परफ्यूम बनाने में किया जाता है क्योकि कुछ फूलों में प्राकृतिक तेल नही होते है ऐसे में सिंथेटिक केमिकल का प्रयोग इत्र में खुश्बू लाने के लिए किया जाता है। 2000 ऐसे फूल है जिससे प्राकृतिक तेल निकाले जा सकते है।

परफ्यूम बनाने के लिए रॉ मटेरियल कहाँ से खरीदे :

यदि आप परफ्यूम बनाने जा रहे है तब आपको रॉ मटेरियल खरीदते वक़्त इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप जो भी शराब, फूल, पशु पदार्थ व सिंथेटिक केमिकल खरीद रहे है वह शुद्ध है या नही, शुद्ध हो तभी खरीदे ऐसे में नही। आप रॉ मटेरियल ऑफलाइन बाजार से खरीदे क्योकि ऑनलाइन खरीदते है तब आपके पास फूल को आने में वक़्त लगेगा ऐसे में वह खराब भी हो जाता है, इसलिए रॉ मटेरियल आप अपने नजदीकी मार्केट से खरीद सकते है आपको आसानी से मिल जायेगा। साथ ही आप कम जगह पर कुछ फूल के पौधे लगा सकते है व फूल का उत्पादन कर, परफ्यूम बना सकते है।

परफ्यूम बनाने में प्रयोग होने वाला मशीन :

यदि आप परफ्यूम बनाने जा रहे है तब आपको दो तरह के मशीन की आवश्यकता पड़ेगा वह निम्न है-

• इत्र बनाने की मशीन – इत्र बनाने की मशीन आपको ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम में मिल जायेगा, इत्र बनाने के लिए एक ही मशीन लगता है जिसकी कीमत 2.50 लाख के करीब होता है, इसमें सभी काम एक साथ हो जाता है, तथा आपको एक दूसरे मशीन की आवश्यकता पड़ेगा।

• परफ्यूम फीलिंग मशीन – परफ्यूम बनाने के बाद उसे बोतल में भरने के लिए एक दुसरे मशीन की आवश्यकता पड़ेगा जिसकी कीमत है 70 हजार रुपये, आप इसे ऑनलाइन व ऑफलाइन जैसे चहाते है खरीद सकते है।

घर मे परफ्यूम कैसे बना सकते है (Perfume Making Process)

हम घर पर भी परफ्यूम बना सकते हैं लेकिन इसके लिए हमें सबसे पहले परफ्यूम बनाने की विधि को सीखना होगा तो आइए हम बताते हैं कि घर पर इत्र कैसे बनाएं।

परफ्यूम बनाना बहुत ही आसान है निम्न स्टेप को फ़ॉलो करे-

• सर्वप्रथम आपको परफ्यूम बनाने के लिए फूल का इंतजाम करना होगा जिस तरह का भी परफ्यूम बनाना चाहते है उस तरह का फूल आपके पास होना चाहिए।

• इसके पश्चात आपको निष्कर्षण विधि अपनाना होगा, परफ्यूम बनाने के लिए फूलों तथा पेड़ों के पत्तियों का रस या फिर उनका तेल निकालना होगा, आपको फूलों तथा पेड़ों से किसी भी तरह का सहायता ले सकते है।

• इसके बाद आपको मैक्रेशन प्रोसेस करना होगा। मैक्रेशन प्रोसेस का प्रयोग निष्कर्षण विधि के लिए किया जाता है तथा इस प्रक्रिया में हिट का प्रयोग किया जाता है तथा फूलों व पौधों से तेल निकालना होता है

• अब तेल निकल जाता है फिर आपको ब्लेंडिंग करना होगा, तेल जो प्राप्त हुआ है उसे खुश्बू में बदलना पड़ता है, फिर आपको इसमें एक निश्चित अनुपात में शराब मिलाना होगा, फिर इत्र को रख दिया जाता है।

• ब्लेडिंग करने पश्चात अब आपको कुछ दिनों तक या फिर कुछ महीनों तक परफ्यूम की एजिंग करना होता है, फिर जो उसका सुगन्ध होता है वह निकल जाता है व इत्र की सुगंध आने लगता है, यदि नही हुआ रहता है ऐसा फिर पुनः ब्लेडिंग किया जाता है।

• अब आपको एजिंग करने के बाद अपने परफ्यूम की पैकिंग करनी होगी उसके लिए आप पैकिंग मशीन का इस्तेमाल कर सकते है वह बोतल में बन्द कर दे, इस तरह से आपका इत्र बनकर तैयार हो गया है।

परफ्यूम बनाने में कितना लागत लगता है :

यदि आप परफ्यूम बनाने के बिजनेस स्टार्ट कर रहे है तब आपको शुरुआत में मशीन का खर्च उठाना पड़ेगा, आपको दो मशीन लेना होगा तथा दोनों की कीमत 3 लाख से 4 लाख रुपये के मध्य है, इसके साथ ही आप रॉ मटेरियल लेते है वह 60-70 हजार रुपये तक मे आसानी से आ जायेगा, व परफ्यूम के लिए बोतल 5 हजार में 500 बोतल मिल जाएगा, ऐसे में आपको इधर उधर मिलाकर कुल लागत मूल्य 5 लाख रूपये के करीब आएगा, व आप 5 लाख रुपये में अपना परफ्यूम बनाने का बिजनेस स्टार्ट कर सकते है।

परफ्यूम बनाने का व्यापार में लाभ (Profit)

यदि आप परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करते है तब आपको बहुत फायदा है क्योंकि मशीन में आपको एक बार इन्वेस्ट करना है, साथ ही मशीन का मेंटेनेंस भी कम है। इसके बाद आपको सिर्फ रॉ मटेरियल में खर्च करना होगा, तथा आपका माल जीतने रुपये में बिकता है आप उसमें 50-60% पैसे कमा सकते है, इस तरह से यदि आप परफ्यूम का बिजनेस स्टार्ट करते है तब आपकी कमाई बेहतरीन है, इसमें आपको काफी लाभ होगा।

परफ्यूम बनाने का व्यापार का पंजीकरण (registration )

यदि आप परफ्यूम बनाने के बिजनेस करते है तब आपको कुक कानूनी कार्यवाही करनी होगी तथा इसके साथ कुछ पेपर वर्क करना होगा, ऐसे में आपको अपने बिजनेस के लिए ट्रेंड लाइसेंस आवश्यकता होगा तथा आपको municipal corporation के commerce department में ट्रेंड लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा। इसके बाद आपको अपने बिजनेस का रेजिस्ट्रेशन OPC, LLP या PVT.LTD आदि में से किसी एक मे कराना होगा, तथा आपको अपने बिजनेस का GST number देना होगा एवं अपको इनकम टैक्स रीटन फाइल करना पड़ेगा। इसके साथ ही आपको पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ेगा, तथा एक्टिव एकाउंट कमर्शियल बैंक में होना चाहिए।

परफ्यूम बनाने के व्यापार की मार्केटिंग

वर्तमान समय मे बहुत सारे छोटे छोटे परफ्यूम बनाने वाली कंपनियां है, क्योकि परफ्यूम का डिमांड काफी ज्यादा हो गया है ऐसे में आप अपने परफ्यूम की ब्रांडिंग अवश्य करे, इसके लिए आपको सोशल मीडिया का मदद लेना चाहिए जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम व ट्विटर के माध्यम से आप अपने परफ्यूम बिजनेस का प्रोमोशन कर सकते है, इसके साथ ही आप अपने परफ्यूम को e-commerce के साथ जोड़ सकते है जैसे amazon, flipkart में डायरेक्ट सेल कर सकते है। शहर के चौराहे पर पेन परफ्यूम का ऐड लगवा सकते है, इसके साथ ही आप अपने परफ्यूम की क्वालिटी बेहतरीन रखे जिससे कोई भी यदि एक बार उपयोग करता है फिर वह बार बार इस परफ्यूम का प्रयोग कर सके। आप अपने परफ्यूम की मार्केटिंग करने के लिए मेकअप स्टोर व गिफ्ट हाउस वालों से कॉन्ट्रैक्ट ले सकते है आदि तरह से आप अपने परफ्यूम की मार्केटिंग कर सकते है।

Frequently asked questions

Q-1 सबसे बेहतरीन इत्र कौन से है?

Ans- इत्र अल काबा (Attar Al Kaaba) है, यह शानदार परफ्यूम ऑयल अल हरमैन रेंज में इसे सबसे बेहतरीन माना जाता है।

Q-2 इत्र के कितने प्रकार है?

Ans- इत्र को मुख्यत: तीन प्रकार में रखा गया है जैसे टॉप/ हेड नोट्स, मीडिल/ हार्ट नोट्स तथा तीसरा बेस नोट्स आदि रुप में तीन भाग में रखा गया है, ऐसा इसके उपयोग तथा खासियत व सुगंध आदि को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

Q-3 इत्र के लिए मशहूर जिला कौन सा है?

Ans- इत्र के लिए उत्तरप्रदेश के कन्नौज जिले को इत्र के लिए मशहूर मानते है तथा इसे इत्र की राजधानी भी कहते है।

Q-4 Deo क्या है?

Ans- Deo एक सुगन्धित पदार्थ है, इसे शरीर मे लगाया जाता है तथा इसके माध्यम से शरीर में पसीने से उतपन्न दुर्गंध को हटाया जाता है।

Q-5 परफ्यूम का प्रयोग किसमें करते है?

Ans- परफ्यूम का प्रयोग सीधे शशरीर मे न करके, कपड़े के ऊपर में किया जाता है, ताकि सुगंध बना रहे, क्योकि परफ्यूम शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

यदि आप परफ्यूम बनाने की सोच रहे हैं या परफ्यूम का व्यापार करने की सोच रहे हैं तो आपके मन में किसी भी प्रकार का क्वेश्चन हो तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं हम कमेंट में आपके प्रश्नों का उत्तर देने की पूर्ण कोशिश करेंगे।

हमारे इस आर्टिकल को पढ़कर आपको कैसा लगा। आपके सुझाव समाधान हमारे लिए बहुत ही कारगर साबित होंगे।

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नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वगात है, आज के समय मे मछली फार्मिंग तेजी से बढ़ रहा है क्योकि इसका डिमांड काफी अधिक है, उसी तरह आज के समय मे मोती की खेती भी किया जा रहा है, जिस तरह से मछली पालन के लिए छोटे छोटे तालाब बनाते है उसी तरह से मोती के लिए भी बनाया जाता है। वर्तमान समय मे यदि आप बिजनेस करने के बारे में सोच रहे है तब मोती खेती सबसे अच्छा बिजनेस है क्योकि इसकी मांग बहुत ज्यादा है व इस बिजनेस में काफी प्रॉफिट है।

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से मोती की खेती कैसे करे, मोती की खेती के लिए क्या आवश्यकता पड़ता है, मोती की खेती के लिए ट्रेनिंग, कितना इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है, प्रॉफिट क्या है, मोती की मार्केटिंग कैसे करे, मोती को कैसे बेचे तथा घर से कैसे शुरू कर सकते है आदि के बारे में हम इस पोस्ट के माध्यम से विस्तार से देखगे, यदि आप मोती की खेती करना चाहते है तब आप इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़े, चलिए हम मोती की खेती के बारे में विस्तार से जानते है। 

मोती की खेती क्या है :

जहाँ तक मोतियों के बारे में बात किया जाए तब मोती दो तरह के होता है पहला प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है व दूसरा कृत्रिम रूप से प्राप्त होता है। हम जब भी मोती की खेती की बात करते है इसमें कृत्रिम द्वारा उत्पादित मोती आते है, इसे कल्चर्ड पर्ल कहते है इसे हम अल्सटर के अंदर उगाते है तथा इस प्रक्रिया को हम मोती की खेती कहते है। आज के समय मे मोती की डीमंड बहुत ज्यादा है लोग इसे आभूषण के रूप में पहनते है तथा इसकी कीमत मोती की कैरेट के अनुसार होता है, इसकी कीमत 2000 रुपये से 2 लाख तक हो सकती है, आप किस तरह के मोती उगा रहे है उस पर आपका व्यपार निर्भर करता है।

मोती की खेती के लिए ट्रेनिंग :

यदि आप मोती की खेती करना चाहते है तब आपको सबसे पहले इस बात का पता होना चाहिए कि मोती की खेती कैसे करते है यदि आपको नही पता है तब आप किसी आसपास के उद्यमी जो मोती की खेती कर रहे है उनसे प्रशिक्षण ले सकते है अक्सर ये उद्यमी प्रशिक्षण देते है, यदि आपके आसपास कोई मोती की खेती करने वाले नही है, तब आप कृषि विज्ञान केंद्र या फिर भारतीय कृषि अनुसंधान विभाग से सम्पर्क कर सकते है यह एक सार्वजनिक संस्थान है जो समय समय मे मोती की खेती में प्रशिक्षण व कार्यशाला का आयोजन करते है आप यहां से आसानी से ट्रेनिंग ले सकते है, उसके बाद आप आसानी से मोती की खेती कर सकते है, अपने बजट के अनुरूप कर सकते है।

मोती की खेती करने में कितना इन्वेस्ट करना पड़ता है :

यदि आप मोती की खेती करना चाहते है तब आपको शुरुआत में थोड़ा अधिक इन्वेस्ट करने की जरूरत पड़ेगा क्योकि शुरुआत में आपको अपने प्रशिक्षण के लिए फीस चुकाना होगा, यदि आपके पास खुद का स्थान नही है तब खरीदना होगा, इसके बाद आपको सर्जरी के छप्पर बनाना पड़ता है, तालाब व छप्पर के साथ आपको culture unit निर्माण करने की आवश्यकता पड़ेगा, इस तरह से आपको शुरुआत में मोटी रकम इन्वेस्ट करना पड़ेगा। यदि आप छोटे स्तर में चालू करते है तब आपको शुरुआत में 3 लाख से 5 लाख तक इन्वेस्ट करना होगा।

मोती की खेती कैसे करे :

आज के समय मे सबसे अधिक मांग मोती की होता है ऐसे में यदि आप मोती की खेती करना चाहते है तब आपको निम्न बातों को फॉलो करना होगा-

• सबसे पहले आपको मोती की खेती के लिए फार्म बनाने की जरूरत होगा व उस फार्म में आपको तालाब, छप्पर व culture unit बनाना होगा, साथ ही आपका फार्म स्थायी रूप से होना चाहिए।

• इसके बाद आपको अपने तालाब में mussel या पर्ल ऑयस्टर का बीज डालना होगा, आप इसे किसी मोती की खेती करने वाले उद्यमी से प्राप्त कर सकते है या फिर किसी मोती उत्पादन करने वाले कंपनी से ले सकते है।

• प्राप्त mussel या पर्ल ऑयस्टर को pre culture के लिए तैयार किया जाता है व एक को 1 लीटर पानी मे 2-3 दिन तक रखना पड़ता है। pre culture कंडीशन सर्जरी के वक्त काफी मददगार होता है।

• अब आपको पर्ल ऑयस्टर का इमप्लांटेशन या फिर ग्राफ्टिंग करना होगा।

• इसके बाद आपको इसे पोस्ट ऑपरेटिंग में रखना होता है इसके लिए नायलॉन बैग का इस्तेमाल किया जाता है।

• पोस्ट ऑपरेटिंग के बाद आपको इसे तालाब में रखना होगा, वह समय समय पर तालाब की सफाई करते रहना होगा। PVC पाईप या फर बांस के डण्डे में नायलॉन बैग को टँगाना होता है तथा एक बैग में 2 mussel रख सकते है। समय समय पर mussel का निरक्षण करते रहना होगा।

• 12 से 15 महीने बाद हार्वेस्टिंग कर सकते है इसके लिए आपको mantel tissue या फिर gonad से पर्ल को बैग से बाहर निकाला जाता है।

पर्ल फार्मिंग में लाभ :

यदि आप पर्ल फार्मिंग करते है तब आपको इसमे बहुत ज्यादा फायदा होगा, मोती की खेती से जो उत्पाद प्राप्त होता है उसका कीमत बाजार में अधिक होता है क्योकि आज के समय मे आभूषण में मोती का प्रयोग होता है ऐसे में यदि आप इस बिजनेस को करते है तब आपको फायदा ही होगा। आपके फार्म में कितना भी मोती का उत्पादन क्यो न होता हो आपको फायदा सिर्फ 10% से 30% उत्पादन मोती से फायदा होगा क्योकि यही उच्च कोटि का मोती होता है, बाकी मोती के आकार व गुणवत्ता पर प्रॉफिट व बिकने का मूल्य निर्धारित होता है।

मोती की खेती का मार्केटिंग कैसे करे

आज के समय मे बहुत लोग मोती की खेती करने लगे है, क्योकि मोती का डिमांड काफी ज्यादा हो गया है ऐसे में आप अपने मोती की ब्रांडिंग अवश्य करे, इसके लिए आपको सोशल मीडिया का मदद लेना चाहिए जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम एवं ट्विटर के माध्यम से आप अपने पर्ल बिजनेस का प्रोमोशन कर सकते है, इसके साथ ही आप अपने उत्पाद पर्ल को e-commerce के साथ जोड़ सकते है जैसे amazon, flipkart आदि के माध्यम से आप डायरेक्ट सेल कर सकते है। आप अपने मोती की क्वालिटी बेहतरीन रखे जिससे कोई भी यदि एक बार खरीदी करता है फिर वह बार बार इस मोती को ख़रीदे व आपके कस्टमर में इजाफा हो, आप अपने मोती की मार्केटिंग करने के लिए जैवेलरी शॉप एवं गिफ्ट हाउस वालों से कॉन्ट्रैक्ट ले सकते है आदि तरह से आप अपने मोती की मार्केटिंग कर सकते है।

मोती का सेल कहाँ करे :

आज के समय मे यदि आप मोती की खेती करते है तब आपके समक्ष यह विषय रहेगा कि आप उस मोती को कहाँ बेचे ऐसे में आपको इसकी चिंता करना छोड़ दे, आज के समय मे आप आसानी से मोती को बेंच सकते है, आप तो या फिर इसे ऑनलाइन डायरेक्ट बेच सकते है amazon, flipkart, या myntra आदि ऑनलाइन बिजनेस स्टोर के माध्यम से। या फिर आप सीधे फार्म से ग्राहक को मोती बेंच सकते है या फिर आप किसी जैवेलरी शॉप या गिफ्ट हाउस वाले को थोक भाव मे मोती बेंच सकते है। इसके साथ ही आप बढ़े शहर के जैवेलरी शॉप में सप्लाई कर सकते है इस तरह से आप आसानी से जीतना मोती उत्पादन करते है उसकी सेल्लिंग कर सकते है।

Frequently asked questions :

Q-1 सीप से मोती कैसे प्राप्त करते है?

Ans- वर्षा ऋतु के समय जब वर्षा की बूंद या बालू (रेत) का कण किसी सीप के अंदर प्रवेश कर जाता है तब सीप उस बाहरी पदार्थ के अनुसार अपने नैकर का स्राव करता है तथा यह नैकर उस कण के ऊपर परत में परत दर परत चढ़ते जाता है तथा यही परत मोती का रूप लेता है, इस तरह सीप से मोटी प्राप्त होता है।

Q-2 सीप क्या खाती है?

Ans- सीप कुछ भी नही खाती है यह सिर्फ पानी को चुस कर अपना पेट भरती है तथा मोती का निर्माण करता है इसे हम प्राकृतिक मोती कहते है, इसकी कीमत बाजार में अधिक होता है।

Q-3 मोती किससे बना होता है?

Ans- मोती अति कैल्शियम रक्तता, कैल्सियम हाइपो क्लोराइट, कैल्सियम कार्बोनेट व कैल्सियम आदि से मिलकर बना होता है।

Q-4 सबसे अच्छी मोती कहाँ पाई जाती है?

Ans- दुनिया में आज के समय मे सबसे मूल्यवान मोती फारस की खाड़ी एवं मन्नार की खाड़ी में मिलता है, तथा इस मोती को ‘ओरियेंट’ कहा जाता है।

Q-5 सीप से क्या बनाता है?

Ans- सीप नामक समुद्री जलजंतु के प्रयोग से सफेद कड़ा, चमकीला आवरण या फिर संपुट जो बटन,व चाकू के बेंट आदि बनाने के काम में आता है, इसके साथ ही इसके अंदर प्राकृतिक रूप से मोती बनता है।

Q-6 मोती से क्या बनता है?

Ans- मोती का प्रयोग अनेक चीजो के लिए करते है जैसे आभूषण बनाने में, अंगूठी बनाने में किया जाता है इसके साथ ही सजावट के समान बनाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

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पेन बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें | Ball Pen Making Business Ideas In Hindi http://shubhvaani.com/start-ball-pen-making-business-in-hindi/ http://shubhvaani.com/start-ball-pen-making-business-in-hindi/#respond Sun, 26 Sep 2021 14:14:18 +0000 http://shubhvaani.com/?p=2532 नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है। आज के समय में यदि आप बिजनेस स्टार्ट करना चाहते है तब आपके लिए हम एक ऐसे बिजनेस का आईडिया लेकर आये है जिसका डिमांड आज के समय मे बहुत ज्यादा है, आज के समय में यदि कोई चीज सबसे अधिक बिकता है तब उसमें से एक है […]

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नमस्कार दोस्तों, आप सभी का स्वागत है। आज के समय में यदि आप बिजनेस स्टार्ट करना चाहते है तब आपके लिए हम एक ऐसे बिजनेस का आईडिया लेकर आये है जिसका डिमांड आज के समय मे बहुत ज्यादा है, आज के समय में यदि कोई चीज सबसे अधिक बिकता है तब उसमें से एक है पेन, आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको पेन मेकिंग बिजनेस के बारे में बताएंगे कि आप किसी तरह से पेन मेकिंग बिजनेस स्टार्ट कर सकते है, यदि आप पेन मेकिंग बिजनेस स्टार्ट करते है तब आप भविष्य में हमेशा प्रॉफिट में रहेंगे क्योंकि पेन का महत्व हमेशा रहेगा, आज हम पेन मेकिंग के बारे में जानेंगे तथा पेन बनाने के लिए रॉ मटेरियल कहाँ से ले, पेन बनाने के लिए मशीनें, पेन बनाने के व्यापार के लिए कुल लागत, पेन बनाने की प्रक्रिया, पेन बनाने के व्यापार की मार्केटिंग तथा पेन बनाने के व्यापार का रेजिस्ट्रेशन आदि के बारे में आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे व स्टेप बाई स्टेप पेन मेकिंग बिजनेस के बारे में जानेंगे की आखिर कैसे पेन बनाने का बिजनेस स्टार्ट कर सकते है, तो चलिए दोस्तों विस्तार से जानते है।

पेन मेकिंग बिजनेस क्या है :

आज के समय मे बहुत सारे बिजनेस हो गए है जिसे आप करके पैसे कमा सकते है, पेन मेकिंग बिजनेस एक तरह का लिखने वाला पेन बनाना है तथा उसका मार्केटिंग करके ब्रांड करना है तथा उसे मार्केट में बेचना है। पेन मेकिंग बिजनेस में बैरक में स्याही भरने से लेकर टिप लगाना तथा ढक्क्न लगाने तक का है, या कह सकते है एक पेन का पूर्ण रूप से निर्माण करना ही पेन मेकिंग बिजनेस है।

पेन बनाने के लिए ( Raw Material list)

यदि आप पेन बनाने का बिजनेस की शुरुआत करना चाहते है तब आपको कुछ आवश्यक सामग्री रॉ मटेरियल के रूप में लगेगा वह निम्न है-

• स्याही – पेन बनाने के लिए सबसे आवश्यक सामग्री है, यह आपको मार्केट में आसानी से मिल जाएगा, इसकी 1 लीटर की कीमत 300 रुपये के करीब होगा।

• बैरल – यह पेन का मुख्य हिस्सा होता है जिसमें स्याही भरा जाता है, यह आपको बाजार में 120 रुपये में 250 पीस आसानी से मिल जायेगा, इसे हम आम भाषा मे रिफिल कहते है।

• टिप – यह बैरल के निचला हिस्सा में लगा होता है जब हम पेन से लिखते है तब टिप के माध्यम से ही स्याही बाहर निकलता है, यह आपको बाजार में 25 से लेकर 35 रूपये प्रति 144 पीस मिल जायेगा।

• ढक्कन – यह बैरल को ढक्कने का आवरण है, इसकी कीमत बाजार में 25 रुपये प्रति 100 पीस के आसपास है।

• एडाप्टर – यह बैरल व टिप के मध्य का हिस्सा होता है, यह आपको बाजार में 5 रूपये प्रति 144 पीस मिल जायेगा।

पेन बनाने के लिए रॉ मटेरियल कहाँ से ले :

यदि आप पेन बनाने का बिजनेस स्टार्ट करने जा रहे है तब आपको सबसे पहले रॉ मटेरियल की आवश्यकता पड़ेगा, ऐसे में आप रॉ मटेरियल थोक भाव मे आप सीधे बाजार से विक्रेताओ से ले सकते है या फिर होल सेल बाजार से भी रॉ मटेरियल खरीद सकते है, ऐसे में आपको रॉ मटेरियल खरीदने खुद जाना पड़ेगा। यदि आप ऑनलाइन स्टोर से मांगते है तब आपको रॉ मटेरियल ऑनलाइन स्टोर में भी आसानी से मिल जायेगा, आप अपने सुविधा अनुसार होल सेल बाजार या फिर ऑनलाइन बाजार से रॉ मटेरियल ले सकते है, आपको दोनों जगह लगभग एक समान दर पर वस्तुएँ मिलेगा। रॉ मटेरियल यदि आप थोक में लेते है तब आपको सस्ता पड़ेगा तथा यदि आप कम मात्रा में लेते है तब आपको बाजार के अनुरूप ही रुपये लगेगा।

पेन बनाने के लिए मशीनें (Ball Pen Making machines) :

दोस्तों यदि आप इस बिजनेस की शुरुआत करते है तब आपको पेन बनाने के मशीन के लिए ज्यादा जगह की आवश्यकता नही पड़ेगा आपको सिर्फ 200 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता पड़ेगा साथ ही कुछ जगह बने हुए पेन को रखने के लिए तथा रॉ मटेरियल के लिए लगेगा, इसके लिए आपको 25 से 50 वर्ग फुट जगह चाहिए रहेगा। आज के समय मे इस बिजनेस को कोई भी शुरुआत कर सकता है, क्योकि इसमें वर्कर की जरूरत कम पड़ता है। आपको पेन बनाने के लिए चार तरह के मशीन की आवश्यकता पड़ेगा वह निम्न है-

• इंक फाइलिंग मशीन : इस मशीन के सहायता से बैरल में स्याही भरा जाता है।

• सेन्ट्रीफ्यूगिंग मशीन : इस मशीन के मदद से बैरल में स्याही के साथ हवा भी भरा रहता है उसे बाहर निकालने का काम इस मशीन के सहायता से किया जाता है।

• पंचिंग मशीन : इसके मदद से बैरल में एडाप्टर को सेट किया जाता है, ताकि बैरल व एडॉप्टर ठीक तरह से सेट हो जाये।

• टिप फिक्सिंग मशीन : इस मशीन का काम एडॉप्टर में टिप को लगाने के लिए होता है जिसके मदद से लिखने में आसानी होता है।

पेन बनाने का बिजनेस के लिए कुल लागत (total cost and profit)

यदि आप पेन बनाने का बिजनेस की शुरुआत कर रहे है तब आप यदि छोटे स्तर में शुरू करते है तब आपको चार मशीन लेने होंगे उनकी कीमत लगभग 30,000 रुपये होगा, आपको यह मशीन ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन दोनों माध्यम में मिल जाएगा तथा आप आवश्यक साम्रगी शुरुआत में 20 हजार रुपये का ले सकते है, इस तरह से यदि आप छोटे स्तर में बिजनेस स्टार्ट करते है तब आपको 50 हजार रुपये के आसपास खर्च आएगा। बाद में आप सिर्फ raw material में खर्च करके आसानी से मुनाफा कमा सकते है। यदि आप बड़े स्तर में पेन बनाने का बिजनेस स्टार्ट करना चाहिए है तब ऑटोमेटिक पेन बनाने की मशीन लेना होगा जिसका कीमत 5 लाख रूपये के आसपास है, तथा यदि आप बड़ा बिजनेस करने जा रहे है तब रॉ मटेरियल भी अधिक लगेगा ऐसे में आपको रॉ मटेरियल में शुरुआत में लगभग 1 लाख इन्वेस्ट करना पड़ेगा।

पेन बनाने का बिजनेस इनकम (Ball Pen Business Profit)

यदि आप इस बिजनेस में प्रॉफिट की बात करते है तब पेन की डिमांड हमेशा रहता है ऐसे में यदि आप इस बिजनेस की शुरुआत करते है तब आपको कभी नुकसान नही होगा आपको हमेशा 20-50% का लाभ होगा। पेन का डिमांड बहुत ज्यादा है ऐसे में शुरूआत में आपको बिजनेस सेट करने में भी दिक्कत नही आयेगा, तथा आप आसानी से अपना बिजनेस सेट करके महीने का एक अच्छा पैसा कमा सकते हैं, तथा अपने बिजनेस को भविष्य में एक अच्छे स्थान पर लेकर जा सकते है।

पेन बनाने की प्रक्रिया (ball pen making process) :

यदि आपके पास पेन बनाने के चारो मशीन है तब पेन बनाना बहुत ही आसान है, आप बहुत ही आसानी से पेन बना सकते है आपको निम्न बातों का ध्यान रखना होगा व स्टेप बाई स्टेप फॉलो करना होगा-

• सर्वप्रथम आपको बैरल को पंचिंग मशीन में लगाना होगा जिसमें एडॉप्टर पहले से लगा होता है, फिर यह दोनों आपस मे सेट हो जाएगा जैसे ही आप पंच करते है।

• इसके पश्चात बारी आती है बैरल में स्याही भरने की, इसके लिए आपको इंक फिलिंग मशीन में बैरल को सेट करना होगा तथा इसमें पहले से स्याही मौजूद होता है, आप आवश्यकता अनुसार ही जितना जरुरत है उतना ही स्याही भरे।

• इसके पश्चात आपको अब आपको स्याही भरी हुई बैरल को टिप फिक्सिंग मशीन में सेट करे यहाँ पर बैरल में टिप लगता है फिर बैरल पेन में बदल जाता है।

• यह सब हो जाने के बाद अब आपको पेन को सेन्ट्रीफ्यूगिंग मशीन  में सेट करना होगा तथा स्याही के साथ जो एक्सट्रा हवा मौजूद है उसे इससे निकाला जाता है।

• इस तरह से पूरे स्टेप पूर्ण हो जाने पर एक नया पेन बनकर तैयार हो जाता है जिससे आसानी से लिखा जा सकता है।

पेन बनाने के व्यापार की मार्केटिंग (ball pen making business marketing)

आज के समय मे बहुत सारे छोटे छोटे पेन बनाने वाली कंपनियां है ऐसे में आप अपने पेन की ब्रांडिंग करे, इसके लिए आपको सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम व ट्विटर का मदद लेना चाहिए तथा उसमे पेन का प्रोमोशन करना होगा, साथ ही आप शहर के चौराहे पर पेन मेकिंग बिजनेस का बड़े- बड़े होर्डिंग लगवा सकते है। इसके साथ ही आप अपने पेन की क्वालिटी बेहतरीन रखे जिससे कोई भी यदि एक बार उपयोग करता है फिर वह बार बार इसी पेन का उपयोग करें। इसके साथ ही आप बिजनेस की शुरुआत करते है उस वक़्त न्यूजपेपर के माध्यम से अपने पेन मेकिंग बिजनेस का पम्पलेट छपवा कर डिस्ट्रीब्यूट कर सकते है, तथा आप कुछ स्टेशनरी शॉप वालों से मिलकर कॉन्ट्रैक्ट ले सकते है आदि तरह से आप अपने पेन का मार्केटिंग कर सकते है।

पेन बनाने के व्यापार का पंजीकरण (registration )

यदि आप पेन बनाने के बिजनेस करने के बारे में सोच रहे है तब आपको अपने बिजनेस के लिए ट्रेंड लाइसेंस लेने की आवश्यकता होगा, आपको municipal corporation के commerce department से ट्रेंड लाइसेंस लेना होगा। इसके साथ ही आपको अपने बिजनेस का रेजिस्ट्रेशन OPC, LLP या फिर PVT.LTD में कराना होगा, तथा आपको अपने बिजनेस का GST भरना होगा तथा अपको इनकम टैक्स रीटन फाइल करना होगा। तथा आपको पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ेगा, एवं कमर्शियल बैंक में एक्टिव एकाउंट की आवश्यकता पड़ेगा जिसमें बिजनेस का लेनदेन होगा।

Frequently asked questions

Q-1 बाल पेन किसे कहते है ?

Ans- बाल पेन एक तरह का लेखन पेन होता है जिसका रंग नीला होता है। आज के समय मे लोग बाल पेन का प्रयोग लिखने के लिए करते है।

Q-2 पेन बनाने की मशीन की कीमत क्या है?

Ans- पेन बनाने के लिए चार तरह के मशीन की आवश्यकता पड़ता है, यदि आप छोटे स्तर में स्टार्ट करते है तब आपको लागत मूल्य चारों मशीन के लिए 5लाख रुपये तक आएगा व ऑटोमेटिक पेन बनाने का मशीन लेते है तब 20 लाख तक का खर्च आ जायेगा।

Q-3 पेन बनाने के लिए क्या रॉ मैटेरियल की आवश्यकता पड़ता है?

Ans- पेन बनाने के लिए स्याही, बैरल, टिप, ढक्क्न व एडॉप्टर की आवश्यकता पड़ता है।

Q-4 पेन बनाने के मशीन की आवश्यकता पड़ता है उसका नाम?

Ans- पेन बनाने के लिए इंक फाइलिंग मशीन, सेंट्रीफ्यूगिंग मशीन, पंचिंग मशीन व टिप फिक्सिंग मशीन की आवश्यकता पड़ता है।

Q-5 पेन की क़्वालिटी कैसे रखे?

Ans- यदि आपको अपने पेन मेकिंग बिजनेस को बढ़ाना है तब आपको अपने पेन के क्वालिटी को अच्छा रखना होगा साथ ही आपको पेन के स्याही को भी बेहतरीन रखना होगा, पेन का डिजाइन भी अच्छा रहे व लोगों को लिखने में कम्फ़र्टेबल लगे उस हिसाब से पेन को क़्वालिटी रखना चाहिए।

Q-6 सबसे अच्छा पेन कौन सा है

Ans- Pentonic Linc बॉल पॉइंट पेन – 10 का पैक (काला)

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