चावल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें? Rice Mill Business Plan In Hindi

चावल की मिल का व्यापार कैसे शुरु करे? राइस मिल उद्योग | How to start Rice Milling Business Plan in hindi, Rice mill Business Information in India Hindi 

Rice Mill Business Plan in Hindi – भारतीय पकवानों में प्रमुख चावल, दाल सब्जी, रोटी को पूरा भोजन माना जाता है, जो आम भरतीय अपने खाने में खाता है, इसमें से चावल की लोकप्रियता तो ऐसी है, की चावल बिना भोजन को अधूरा मानते है, कभी सोचा है, चावल मार्किट में जो आता है, जिसे हम आसानी से खरीद पाते है, वो कैसे मार्किट तक पहुँचता है? , तो आज हम सब जानेंगे चावल की मिल का बिजनेस से जुड़ी सभी जानकारियां जिनमे मुख्य जानकारी के विषय मे बात की जाएगी।

इसीलिए अगर आप राइस मिल बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो हमारा आज का यह पोस्ट आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। हम इस लेख में आपको बताएंगे कि आप कैसे चावल का बिजनेस कर सकते हैं और इस काम को शुरू करने के लिए आप को किन-किन चीजों की जरूरत होगी। तो सारी बातों को विस्तार से जानने के लिए हमारे लेख को पूरा पढ़ें और जानें राइस मिल बिजनेस को शुरू करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में। ‌

Table of Contents

राइस मिल बिजनेस के बारे में कुछ जरूरी बातें

बिजनेस का नाम चावल की मिल
कैसे शुरू करें पूरी मार्केट रिसर्च के साथ
कहां शुरू करें चावल की खेती के आसपास
बिजनेस में लगने वाली लागत सरकार की मदद लेकर 45 लाख रुपए में शुरू किया जा सकता है।
प्रॉफिट  डिपेंड करता है कि आपका बिजनेस कितना बड़ा है 
जरूरी लाइसेंस FSSAI, GST Registration , Farm Registration, Udhyoh Aadhar Registration, NOC From Pollution Control Board 

राइस मिल शुरू करने के लिए मार्केट की संभावनाएं 

जो लोग चावल का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं उन्हें हम जानकारी के लिए बता दें कि यह कारोबार उनके लिए काफी मुनाफे वाला साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे देश में ज्यादातर लोग भोजन में चावल का उपयोग करते हैं। सर्वे से यह बात सामने आई है कि देश की 70% से भी ज्यादा जनसंख्या पैकेट के चावलों का इस्तेमाल करती है।

यही नहीं हमारा देश भारत में बासमती चावल उगाने में और उसका निर्यात करने में सबसे आगे है। बहुत सारे देशों में इंडिया से चावल भारी मात्रा में पहुंचाया जाता है। इसलिए यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं है कि अगर राइस मिल बिजनेस को शुरू किया जाए तो इसमें आपको काफी ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है।

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राइस के कितने प्रकार होते है

भारत मे राइस के प्रकार उसकी बनावट, रंग, सुगंध के आधार पर अलग अलग है। हम आपको विस्तार से बताएंगे कि चावलों के प्रकार कितने होते हैं जिससे कि आपको इस काम को शुरू करने में आसानी हो सके। चावलों के प्रकार निम्नलिखित इस तरह से हैं

चावल के प्रकार रंग के आधार पर-

  • सफेद चावल
  • ब्राउन चावल/भूरे चावल
  • लाल चावल
  • काले चावल

सफेद चावल 

ये ऐसे चावल होते है, जिनमे ब्रान, भूसा, बीज लेयर हटा दी जाती है, जिससे दिखने में ये सफेद होता है, यह चावल सबसे लोकप्रिय चावल में से एक है, भरतीय खानों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाना वाला ये चावल वज़न कम करने के लिए इस्तेमाल नही किया जा सकता क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा सबसे अधिक होती है।

ब्राउन चावल/भूरे चावल

ब्राउन चावल ऐसे चावल होते है, जिनकी बाहरी परत निकल दी जाती है, लेकिन ब्रान व बीज वाली परत रहती है, जिससे यह भूरा दिखता है, यह चावल होल ग्रेन होता है, यह सबसे अधिक सेहतमंद चावल की किस्म माना जाता है, इसमें भरपूर विटामिन व मिनरल्स होने की वजह से इसका इस्तेमाल फायदेमंद होता है, इसमें फाइबर भी पाया जाता है, सबसे उत्तम किस्म के कारण इसकी लोकप्रियता भी बहुत अधिक होती है।

लाल चावल

ऐसे चावल जिनमे ब्रान व बीज अधिक मात्रा में मौजूद होने के कारण ये ब्राउन से लाल हो जाते है, व ये चावल सबसे ज्यादा फायदेमंद चावल माने जाते है, इनमे मिनरल्स व विटामिन ब्राउन राइस से भी ज्यादा मात्रा में होता है।

लाल चावल का इस्तेमाल ब्लड सुगर लेवल, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बहुत मददगार माना जाता है, तो इसकी फायदे को देखते हुए इसकी भी मांग बढ़ती जा रही है।

काला चावल

काले चावल में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते है।

आकार के आधार पर चावल के प्रकार

  • छोटे दाने के चावल(ये चावल का इस्तेमाल बहुत से घरों में होता है, व ज्यादातर इडली, डोसा, व जो पकवान में चावल पीसने पढ़े उनको ज्यादातर इन्ही चावलों द्वारा बनाते है)।
  • मिडियम दाने के चावल(बिरयानी व ज़र्दे, जैसे खाने में इस्तेमाल किया जा सकता है)।

चावल के प्रकार खुशबू के आधार पर

  • बासमती चावल
  • चमेली चावल

बासमती चावल

लगभग 90% चावल जो बाहर के देशों में भेजे जाते है, वो हमारे यह बासमती चावल ही होते है, ये चावल खुशबूदार, दानेदार, और बहुत स्वाद वाले होने के कारण स्पेशल पकवानों में इस्तेमाल किये जाने वाले चवालो में से एक है, खुशबू का कारण इनमे पाए जाने वाले 2 acetyl-1 pyrroline की मौजूदगी है।

चमेली चावल

ये चावल भी हल्की खुशबू के साथ दानेदार होते है, इनकी भी मांग पकवानों में बहुत की जाती है, ये बासमती से कम खुशबू वाले चावल होते है, व अपनी हल्की खुशबू के कारण लोकप्रिय भी है।

पकाने के बाद टेक्सचर के आधार पर

  • चिपचिपे/गीले टेक्सचर वाले चावल
  • दानेदार व सूखे टेक्सचर वाले चावल

इस प्रकार चावल की किस्मो की अलग अलग विशेषताओं के कारण इनके प्रकार भी अलग अलग है।

राइस की मिल का बिजनेस क्या है?

वो जगह जहां कच्चे चावल को खाने लायक बनाने व धान से चावल को अलग कर सारे प्रोसेस के बाद मार्केट में भेज दिया जाता है, उस जगह को राइस मील कहते है। इन्ही राइस मिल में चवालो को धान से अलग कर उन्हें अलग अलग तरीको से साफ करके खाने लायक बनाकर, मार्किट में भेजकर उससे मुनाफा कमाना ही राइस मिल बिजनेस कहलाता है, चावल की लोकप्रियता को देखते हुए इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही।

राइस मिल का बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी जानकारी क्या है

किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी व ज्ञान जरूर ले ले, जिससे उस बिज़नेस के सफल होने के चांस बढ़ सके। इसलिए चावल की मिल का बिजनेस को स्टार्ट करने से पहले आपको इस बिजनेस के बारे में सारी महत्वपूर्ण बातों के बारे में पता होना जरूरी है। सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आखिर राइस मिल को कैसे चलाया जाता है। इसके लिए जो प्रोसेस है वह इस प्रकार से है

  • राइस मिल के बिजनेस में चावल की किस्मो का ज्ञान होना सबसे महत्वपूर्ण है, जिससे कौन से चावल की मांग मार्केट में है, इस बात की जानकारी ली जा सके।
  • राइस मिल में आवश्यक जरूरी मशीनरी का ज्ञान रख्खे, जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन किया जा सके।
  • राइस मिल को शुरू करने में जरूरी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन जो उसकी कानूनी तौर पर मान्यता दे, इसकी जानकारी ले ।
  • राइस मिल में मशीनरी में व अन्य सेटअप में लागत की जानकारी रख्खें।
  • बिजनेस से मुनाफा कितना कमाया जा सकेगा इसकी जानकारी जरूर रख्खे।
  • सरकार द्वारा लोन व मदद जो मिल सके, इससे जुड़ी जानकारी रखना जरूरी है।

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चावल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Rice Mill Business in India)

राइस मिल का बिजनेस शुरू करने के लिए निम्न प्रोसेस है-

राइस मिल बिजनेस का मार्किट का जानकारी ले

राइस मिल बिजनेस के लिए सबसे जरूरी है, इस बिजनेस से जुड़ी व मार्केट में प्राइस व किस्म की सभी जानकारी प्राप्त करना, जिससे बिजनेस की सफलता के चांस बढ़ सके। इसलिए बेहतर यही होगा कि राइस मिल बिजनेस को शुरू करने से पहले आप एक बार अच्छी तरह से मार्केट रिसर्च जरूर कर लें। इस तरह से आपको बहुत सारी बातों की जानकारी हो जाएगी जो कि आपको सही बिजनेस प्लान बनाने में मदद करेंगीं। आइए जानते हैं कि वह कौन सी जरूरी बातें हैं – 

मिल के लिए जगह का चयन

राइस मिल के सही जगह का चयन करना इस बिजनेस का सबसे अहम काम है, क्योंकि जगह के हिसाब से ही मुनाफा, बिजनेस के बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। जैसे मिल ऐसी जगह हो जहां से राइस या चावल की खेती आस पास ही हो, जिससे कच्चे चावल खरीदने व मिल तक लाने में ज्यादा दूर न जाना पड़े, जिससे खर्च की बचत हो, व जगह ऐसी हो जहा सभी जरूरी मशीनरी व वर्कर आसानी से काम को कर सके, हवा, पानी पास होने की सुविधा हो, साधन की सुविधा हो ।

राइस मिल बिजनेस के लिए जरूरी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन (Rice Mill License & Registration)

राइस मिल बिजनेस के लिए कुछ जरूरी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन जरूरी है-

  • Udhyog रजिस्ट्रेशन (किसी भी बिजनेस के लिए जरूरी)।
  • मिल का रजिस्ट्रेशन (कानूनी तौर पर मिल के लिए ओनरशिप प्रूफ के लिए)।
  • ब्रांड व ट्रेडमार्क का रजिस्ट्रेशन (ब्रांड को मार्केट में पहचान दिलाने के लिए)।
  • कमर्शियल बिजली कनेक्शन लाइसेंस (बिजली खपत कम करने के लिए)।

ये सभी जरूरी लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन है, जिनका राइस मिल के बिजनेस के लिए बहुत जरूरी होता है, जिससे कानूनी तौर पर आपका बिज़नेस मार्केट में मान्य हो जाता है, व किसी तरह की कानूनी नियम के अंतर्गत हो जाता है।

आवश्यक मशीनरी की खरीदारी

राइस मिल में कुछ मशीनरी का होना बहुत जरूरी है, जिसके इस्तेमाल से धानो से चावल अलग, चावलों से अलग अलग लेयर हटाना, व उसे किस्म के अनुसार खाने लायक बनाने के लिए इन मशीनरी का इस्तेमाल किया जाता है।

बिजनेस में इस्तेमाल मशीनरी निम्न है-

  • राइस क्लीनिंग मशीन (राइस को साफ करने के लिए)
  • राइस ड्रायर मशीन (राइस को सुखाने के लिए)
  • राइस पॉलिशिंग मशीन (राइस को पोलिश करने में)
  • राइस बाईटर मशीन (राइस को छोटे करने में)
  • राइस कलरिंग मशीन (राइस को कलर करने के लिए)
  • ग्रेनड्रायर पैकिंग मशीन (अनाजो को पैक करने के लिए)
  • मिलिंग डिटेक्टर मशीन (मिलिंग सही हुई या नही इसकी जांच के लिए)

इस प्रकार ये सभी मशीन राइस मिल में इस्तेमाल किया जाता है जिसके बाद तैयार चावल को मार्किट तक भेजने लायक बनाया जाता है।

वर्कर की नियुक्ति

राइस मिल में चावलों को तैयार करने में कुशल वर्कर की जरूरत पड़ती है, जिसके लिए वर्कर की नियुक्ति करनी बहुत जरूरी होती है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार वर्करों की नियुक्ति अपनी मिल में कर सकते हैं। अगर आप बड़े लेवल पर काम शुरू कर रहे हैं तो आपको ज्यादा वर्कर्स को काम के लिए रखना होगा। 

मार्केटिंग करना

सेटअप व वर्कर की नियुक्ति के बाद बिज़नेस को मार्किट तक ग्राहको तक पहुँचाने के लिए मार्केटिंग बहुत जरूरी है। इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप ठीक से मार्केटिंग नहीं करेंगे तो आपका बिजनेस फेल भी हो सकता है। इसलिए जितना ज्यादा हो सके अपने बिजनेस की खूब मार्केटिंग करें। 

मार्केटिंग के निम्न तरीके है-

  • सोशल साइट्स पर ऐड द्वारा
  • बिज़नेस कार्ड द्वारा
  • बैनर व पम्पलेट बनवाकर
  • आस पास की जगहों पर ऐड करके

ये सभी तरीके आपके बिजनेस की ब्रांड को मार्केट में पहचान व नाम दिलाने व ग्राहको को आकर्षित करने में मददगार होते है।

कच्चे माल को खरीदना व चावल तैयार करना

सब सेटअप व काम करने के बाद कच्चे चावल की खरीद नजदीकी किसानों, व विक्रेता से करनी चाहिए, जिसके बाद चावल को मिल तक पहुँचाकर उसे खाने लायक बनाकर थोकविक्रेता व होटल्स को बेच दिया जाता है।

चवालो को आस पास के थोकविक्रेता व होटल्स, रेस्टोरेंट में बेचना

राइस के तैयार हो जाने के बाद उसे पास के थोकविक्रेता व होटल्स में बेच दिया जाता है। आप जितने ज्यादा चावल बेचेंगे आपके नहीं ज्यादा कस्टमर बढ़ेंगे। 

मुनाफा कमाना

राइस को विक्रेताओं को बेचकर मुनाफा कमाया जाता है, जिससे बिज़नेस को आगे भी बढ़ाया जा सकता है, अपने बेहतर भविष्य की तैयारी की जा सकती है।

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मिनी राइस मिल क्या है

  • मिनी राइस मिल एक प्रकार का मॉडर्न टेक्निक व फीचर वाला मिल है, जिसमे चावल की क्वालिटी को और बढ़ाने के लिए उसकी ब्रान को सुरक्षित रखकर धान से चावल को अलग करते है, इस मिल के फीचर का मुख्य उद्देश्य 5% के करीब अधिक उत्पादन कर उत्तम क्वालिटी वाला चावल तैयार करना है।
  • इसकी कैपेसिटी 300 से 500 किलोग्राम per day के कारण गांवों में होने वाली जरूरत को आसानी से पूरा कर सकता है।
  • इस मिल में पैडी क्लीनर (सफाई के लिए), sheller, पोलिशर (राइस पोलिश के लिए), सेपरेटर (धान से चवालो को अलग करने के लिए) ये सभी फीचर्स पाए जाते है, आसानी से चावल को खाने लायक बनाया जाता है।

भारत मे टॉप 10 राइस सप्लायरस के नाम क्या है

भारत के टॉप 10 राइस सुप्पलाइर के नाम निम्न है-

  • ITC Ltd

  • Gautam general trading
  • KLA food India limited
  • Aashirwad international
  • Sheridan food industry private  Ltd
  • Safe agritrade private Ltd
  • Shriver agro product product limited 
  • Hari shellac industries
  • Paytm wholesale private Ltd
  • Sri Sainath industry private Ltd

ये सभी मुख्य राइस सप्लायर हैं जो राइस की सप्लाई करती है।

चावल की मिल लगाने में कितना खर्च आता है? Rice Mill Business Profit

चावल की मिल में लागत इसके मशीनरी व कच्चे माल पर निर्भर करता है। शुरुआत में सस्ती मशीन लेकर भी कम किया जा सकता है, जिसके द्वारा धानो में से चावल को अलग कर दिया जाता है। इस बिजनेस में इस्तेमाल मशीनरी की कीमत 1 लाख से 10 लाख व उससे भी अधिक हो सकती है, बिज़नेस की साइज के आधार पर आप मशीन का चयन कर सकते है,

मशीनरी की खरीद आप इन साइट्स पर जाकर आसानी से कर सकते है, जो नीचे दी गयी है-

https://m.indiamart.com/impcat/rice-mill-machinery.html

राइस के प्रोडक्शन के आधार पर अलग अलग टन के हिसाब से मशीनरी का भी कीमत होता है, जो मशीन ज्यादा टन राइस का प्रोडक्शन करती है  प्रत्येक घण्टे के हिसाब से, उनकी प्राइस भी उसी हिसाब से होती है। 80/120  टन के लिए मशीनरी की कीमत – 4 लाख के लगभग हो सकती है।

राइस मिल मशीनरी कीमत टन के अनुसार-

मशीनरी कैपेसिटी न्यूनतम कीमत अधिकतम कीमत
10-20 टन/दिन 75000/piece 200000/piece
120-150 टन/दिन 75000/piece 75000/piece
80-120टन/दिन 145000/piece 145000/piece

इसी प्रकार इस बिज़नेस की शुरुआत में लागत 4 से 5 लाख लगाकर किया जा सकता है, जिसमे से 90% सरकार द्वारा मदद की जाती है, जिसके लिए बिज़नेस से जुड़े फॉर्म को भरना पड़ता है।

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राइस मिल बिजनेस में कितना मुनाफा हैं?

राइस मिल बिजनेस में शुरू में लगभग सब खर्च व लागत के बाद लगभग 1 लाख तक का मुनाफा हो सकता है, ये मुनाफा बिज़नेस की मार्केटिंग, व ग्राहको तक बिज़नेस की पहुच व मार्किट में बिज़नेस के नाम पर निर्भर करता है।

इस प्रकार राइस मिल बिजनेस एक बहुत अच्छा बिज़नेस है, जिसकी बढ़ती मांग के चलते इसकी भविष्य में बिज़नेस की सफलता के चान्सेस और बढ़ सकते है, जो अभी भी बहुत लोगो को मुनाफा दे रहे है, व उनके भविष्य को बेहतर बनाने में उनकी मदद कर रहे है।

इसके अतिरिक्त ऐसे सवाल जो राइस मिल बिज़नेस में इछुक लोगो द्वारा ज्यादातर पूछा जाता है।

Q: राइस मिल लगाने में कितना खर्च आता है?

भारत में चावल की मिल लगाने में 3.5 से 4 लाख तक खर्च आता है

Q: राइस मिल के लिए कितनी जमीन चाहिए?

एक बड़ी राइस मिल खोलने में आपको 1.00 से 1.50 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है

Q: क्या भारत में राइस मिल व्यवसाय लाभदायक है?

जी हाँ भारत में राइस मिल का व्यवसाय बहुत ही लाभदायक माना जाता है

Q: भारत की सबसे बड़ी चावल मिल कौन सी है?

भारत की सबसे बड़ी चावल मिल श्री लाल महल समूह है

Q: इंडिया की सबसे बड़ी राइस मिल की कैपेसिटी क्या है?

इंडिया के सबसे बड़ी राइस मिल की कैपेसिटी 80 से 120 टन/दिन है।

Q: राइस में ब्रान क्या है?

चावल के छिलके को उतारकर ब्रान आता है, जो फाइबर युक्त व हमारे बॉडी के लिए फायदेमंद होता है।

Q: विश्व का सबसे महंगा चावल कौन सा होता है?

KINMEMAI PREMIUM विश्व का सबसे महंगा चावल होता है, ये चावल जापान में बनाये जाते है।

Q: ब्राउन राइस कितने रुपये का है?

कोहिनूर चारमीनार ब्राउन राइस की अमेज़न 484 प्राइस पर बिक्री कर रहा, इसकी मार्केट प्राइस या कीमत जो 5kg का है, 540 MRP का है।

Q: सबसे अच्छा चावल कौन सा होता है?

सबसे अच्छा चावल बासमती राइस जो कि अपनी खुशबू व दानेदार होने की वजह से लोकप्रिय है।

Q: भारत मे सबसे महंगा चावल कौन सा है?

भारत मे सबसे महंगा चावल काला चावल है, जो 285 रुपये किलोग्राम की कीमत में मार्केट में उपलब्ध है, यह मुख्य up के चंदौली की पहचान है।

Q: ब्राउन राइस के फायदे क्या है?

ब्राउन राइस हड्डी विकास, कोलेस्ट्रॉल कम करने, अपशिष्ट बाहर निकालने में, रक्त का थक्का बनने से रोकने में व अन्य मिनरल्स व विटामिन के लिए मददगार होता है।

निष्कर्ष:

दोस्तों यह था हमारा आज का पोस्ट चावल की मिल का बिजनेस कैसे शुरू करें (Rice Mill Business Plan in Hindi) इस आर्टिकल में हमने आपको वो सभी जरूरी बातें बताई जो राइस मिल की शुरुआत करने के लिए आपके लिए बहुत ज्यादा सहायक रहेंगीं। हमने आपको यह भी जानकारी दी कि चावलों के कितने प्रकार होते हैं और आपको चावल कि मिल का बिजनेस शुरू करने के लिए कौन-कौन से जरूरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी। साथ ही साथ हमने आपको आवश्यक मशीनरी की खरीदारी और वर्कर की नियुक्ति से संबंधित भी जानकारी दी।

इसके अलावा हमने आपको बताया कि आप किस प्रकार से इस काम को शुरू करके मुनाफा कमा सकते हैं। हमने आपको अपने इस लेख में उन सभी जरूरी बातों की जानकारी दे दी है जो राइस मिल बिजनेस को शुरू करने के लिए जरूरी है। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा यह आर्टिकल आपके लिए काफी हेल्पफुल रहा होगा। यदि आपको सारी जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे ऐसे लोगों के साथ जरूर शेयर करें जो राइस मिल का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।

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