जन औषधि केंद्र – Generic Medicine Store कैसे खोले सम्पूर्ण जानकारी

जन औषधि केंद्र – सरकारी जेनेरिक मेडिसिन स्टोर कैसे खोलें? How To Open Generic Medical Store in India 

Generic Medical Kaise Khole – नमस्कार दोस्तों, आप सभी जानते है कि आज के समय में कोई भी दवाई के जीना मुश्किल हो गया है, छोटे से छोटे बीमारी का इलाज हम तुंरन्त कराने के लिए डॉक्टर के पास जाते है व डॉक्टर दवाई लिखता है उसे मेडिकल से खरीद कर टाइम टू टाइम खाते इससे बीमारी से जल्दी रिलीफ मिलता है। आज के समय मे मेडिकल स्टोर की मांग बढ़ रही, साथ ही

आज भी लोग जेनरिक दवाई लेना पसंद करते है, ऐसे में जेनरिक दवाई की ओर लोग भाग रहे है क्योकि इसका कोई साइड इफेक्ट अबतक देखा नही गया है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से जेनरिक दवाई क्या है, जेनरिक मेडिकल स्टोर कैसे खोले, व जेनेरिक मेडिकल खोलने के लिए क्या क्या की जरूरत पड़ती है, आदि के बारे में विस्तार से बात करेंगे, यदि आप जेनरिक मेडिकल स्टोर खोलने का सोच रहे है तब आप इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़े।

Table of Contents

जेनरिक दवा क्या है?

जेनरिक दवा वह दवा है जो कि बिना किसी पेटेंट के बनाई जाती है व वितरित की जाती है, इसका फार्मूलेशन पेटेंट हो सकता है परंतु इसका सक्रिय घटक में पेटेंट नही होता है क्योंकि यह ब्रांडेड दवा की गुणवत्ता के समान ही गुणकारी होता है, जेनरिक दवा उतना ही असरदार होता है जितना ब्रांडेड दवा होता है। जेनरिक दवाओ में मात्रा (डोज), साइड इफेक्ट व सक्रिय तत्व आदि ब्रांडेड दवाईओ के समान ही होता है, जेनेरिक दवा का डिमांड बढ़ रहा क्योंकि यह सस्ता होता है व असरदार ब्रांडेड दवा के समान होता है।

जेनेरिक मेडिकल स्टोर क्या है

जिस तरह ब्रांडेड दवाओं का मिलने का स्थान मेडिकल होता है उसी तरह जेनेरिक दवाओं का मिलने का स्थान भी मेडिकल स्टोर होता है, जेनेरिक दवाई बिना ब्रांड की दवा है जो फार्मूला व सभी तरीके से सुरक्षित होता है, बीमार पढ़ने पर इसके सेंवन से जिस तरह ब्रांडेड दवाओं से रिकवरी जल्दी होता है उसी तरह जेनेरिक दवा से भी होता है।

जेनेरिक मेडिकल स्टोर में आम मेडिकल के अपेक्षा सस्ते दाम में दवा मिलता है, व मरीज के इलाज में उतना ही सहायक है जितना ब्रांडेड या पेटेंट दवा है। साथ ही कोई भी मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवा के साथ साथ ब्रांडेड दवा भी रखते है लेकिन दोनों के मूल्य में 30-40 प्रतिशत का अंतर होता है। जेनेरिक दवा बहुत सारे मेडिकल में मिल जाता है, इसका पर्टिकुलर कहि कहि बस मेडिकल है जहाँ जेनेरिक दवा रखते है।

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जन औषधि केंद्र कैसे खोले? How to Open Generic Medical Store

यदि आप Jan Aushadhi Kender Generic Medical Store Kaise Khole के बारे में सोच रहे है तब आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे-

  1. सर्वप्रथम आपके पास जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज होना बेहद जरूरी है तभी आप जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोल सकते है।
  2. जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको भारत सरकार के आधिकारिक वेबसाइट janaushadhi.gov.in में जाकर फॉर्म डाऊनलोड करना होगा।
  3. फॉर्म का प्रिंट आउट निकाल कर उसे ध्यान पूर्वक पढ़े व उसके बाद साफ अक्षरो में फॉर्म को भरे।
  4. फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेज व डिमांड ड्राफ्ट की कॉपी पेस्ट करें।
  5.  फॉर्म भरा जाने के बाद उसे पोस्ट ऑफिस के माध्यम से आवेदन को ब्यूरोऑफ पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (BPPI) के जनरल मैनेजर के नाम से भेजना पड़ता है।
  6. यदि आप ऑनलाइन फॉर्म भरते है तो उसकी भी व्यवस्था है उसके लिए सभी डिटेल्स भरे, उसके बाद आवश्यक दस्तावेज को स्कैन करके उसे अपलोड करें।
  7. जैसे ही आपका आवेदन औषिधि विभाग में आता है उसके बाद उसका verification होता है, सभी चीजें सही होने पर आपको जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए लाइसेंस मिल जाता है।
  8. आवेदन करने के 15 से 30 दिन के भीतर लाइसेंस मिल जाता है।

जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज :

• B.Pharma या फिर M.Pharma की डिग्री होना जरूरी है।
• आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र होना चाहिए।
• दुकान का पेपर या फिर किराये से है तब किरायानामा होना चाहिए।
• ड्रग लाइसेंस का होना जरूरी है।
• बैंक में किसी तरह का लोन नही होना चाहिए।
• BPPI के मानक अनुरूप दुकान होना चाहिए।
• अग्निशमन विभाग व सुरक्षा परिषद का कागजात होना चाहिए।

Generic मेडिकल स्टोर खोलने के लिए जरुरी कोर्स

Generic मेडिकल स्टोर हर कोई नहीं खुल सकता है इसके लिए आपके पास नीचे बताए गए कोर्स की डिग्री होना आवश्यक है तभी आप जेनेरिक स्टोर खोलने के योग्य हो पाएंगे।

(1) D pharma Course

12th के बाद फार्मेसी से जुड़ा अगर कोई कोर्स किया जाता है तो वह डी फार्मा होता है यह कोर्स आज के समय में काफी पॉपुलर है। 12वीं करने के बाद जिस तरह से ग्रेजुएशन 3 साल के लिए होता है उसी तरीके से 3 साल का डी फार्मा का कोर्स होता है। जब आपके पास 3 साल के डी फार्मा कोर्स की डिग्री हाथ में आ जाती है तो आपको 3 महीने के लिए गवर्नमेंट हॉस्पिटल में बतौर ट्रेनर ट्रेनिंग दी जाती है जिससे आपको गवर्नमेंट हॉस्पिटल से जुड़े काम काजो के बारे में एक्सपीरियंस हो सके।

(2) B. Pharma Course

इसका Full Form होता हैं Bachelor Of Pharmacy यह कोर्स डी फार्मा की तुलना में थोड़ा मुश्किल है इस कोर्स में पास होने के लिए आपको अच्छी रैंक लानी होती है क्योंकि इसमें कंपटीशन बहुत ज्यादा है। यह कोर्स भी 12वीं करने के बाद किया जा सकता है और इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष की है। अगर बी फार्मा कोर्स करने के बाद आपका गवर्नमेंट हॉस्पिटल में सिलेक्शन नहीं होता है तो आप जेनेरिक मेडिकल स्टोर भी खोल सकते हैं क्योंकि आपके पास सर्टिफिकेट रहेगा।

(3) M. Pharma Course

एम फार्मा का कोर्स बी फार्मा का कोर्स करने के बाद किया जाता है लेकिन एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि एम फार्मा कोर्स में आपको एडमिशन तब ही मिल पाएगा जब आपके बी फार्मा में अच्छे मार्क्स होंगे यानी कि आपके कम से कम 60% मार्क्स तो बी फार्मा में होने ही चाहिए और यह कोर्स 2 साल की अवधि में होता है इस कोर्स को करने के बाद आप अपना कोई भी जेनेरिक स्टोर खोल सकते हैं और उसमें आप मास्टर कहलाएंगे।

(4) Pharma D. Course

अगर आपने 12वीं मेडिकल विषय से की है तो आप यह कोर्स कर सकते हैं इस कोर्स की अवधि 6 साल की होती है यह कोर्स सामान्यतः वही लोग करते हैं जो बड़े लेवल पर अपना मेडिकल स्टोर चलाना चाहते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आपके मेडिकल की अथॉरिटी कुछ अलग ही बन जाएगी और आप फर्स्ट ग्रेड में आने लगेंगे। यह कोर्स करने के बाद आपको मेडिकल साइंस से जुड़ी छोटी से लेकर बड़ी चीज जो सभी के बारे में कंप्लीट जानकारी मिल पाएगी।

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Generic मेडिकल स्टोर खोलने के लिए लाइसेंस कैसे बनवाये?

कोर्स कंप्लीट कर लेने से ही आप मेडिकल स्टोर खोलने के योग्य नहीं हो जाते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको लाइसेंस बनवाना होता है लाइसेंस बनवाने के लिए सबसे पहले आपको राज्य औषधि मानक नियंत्रण संगठन से संपर्क करना होगा। यह संगठन आपकी योग्यता की जांच करता है अगर इन्हें लगता है कि आप मेडिकल के लिए योग्य हैं तो आपको इनके द्वारा लाइसेंस बनाकर दे दिया जाता है और इसके लिए कुल ₹3000 से लेकर ₹5000 तक का खर्चा रहता है।

राज्य औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा आप दो तरह के लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकते हैं पहला रिटेल ड्रग लाइसेंस यह लाइसेंस आपको तब मिलेगा जब आप छोटे लेवल पर अपना मेडिकल स्टोर शुरू करना चाहते हैं वहीं अगर आप बड़े लेवल पर मेडिकल स्टोर शुरू करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको होलसेल ड्रग लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी।

नए जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलने में सरकार की मदद 

यदि आप व्यवसाय करने का सोच रहे है व आपके पास फार्मासिस्ट से सम्बंधित डिग्री है तब आप जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोल सकते है, इसके लिए सरकार भी आपका सहायता करेगा। यदि आपका दुकान 120 स्क्वायर फीट में है तब सरकार आपको 900 दवा उपलब्ध कराएगी जब आप जेनेरिक मेडिकल स्टोर डालते है, केंद्र सरकार जेनेरिक मेडिकल स्टोर के लिए 2.5 लाख रुपये की मदद करती है साथ ही दवाओं में 20-30 प्रतिशत का मार्जिन होता है, व अलग से दवाई बेचने पर 15 प्रतिशत incentive मिलता है, साथ ही बैंक भी आपको कम ब्याज पर बिजनेस लोन देती है इसके सहायता से आप जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोल सकते है।

प्रमुख जेनेरिक दवाई व उसकी पहचान

आज के समय मे विभिन्न जेनेरिक दवाओं का डीमांड अधिक है, मरीजों के उपचार के लिए निम्न दवा डॉक्टर लिखते है वह सीटीजेड, पाईरेस्टेट 100, मेरिसुलाइड, ओमेसेक 20, ओमिप्राजोल, लिगनोकेन, बूपीवेक्सीन, एसीटिल सालिसाइकिल एसिड डिक्लोफेनेक, इबूप्रोफेन, परासीटामोल, क्लोरोक्वीन, एमलोडिपिन, एटीनोलेल, लोजारटन, मेटफोरमिन, व प्रोगेस्टीरोन आदि दवा है।

इसके उपयोग से विभिन्न बीमारी क्षण भर में दूर हो जाते है व यह ब्रांडेड दवा के अपेक्षा 40 प्रतिशत तक कम दाम में मिलता है, आप अपने आस पास किसी भी मेडिकल स्टोर में जाकर जेनेरिक दवा मांग सकते है, जेनेरिक दवा की पहचान आप आसानी से कर सकते है कोई भी दवा का नाम बढ़े अक्षरो में लिखा हुआ रहता है व ब्रांड का नाम छोटे छोटे लिखा होता है उससे आप पता कर सकते है कि यह जेनेरिक दवा है।

जेनेरिक दवा के लाभ

  1. जेनेरिक दवा ब्रांडेड दवा से सस्ती दरों में मिल जाता है।
  2. जेनेरिक दवा आम इंसानों की स्वस्थ सुविधा को ध्यान में रखकर लाया गया है जिससे कम पैसे में अच्छी दवा लेकर वह अपना इलाज कर सके।
  3. जेनेरिक दवा सीधे कंपनी से रिटेलर के पास आता है इसलिए यह सस्ता व आम इंसान के पहुँच के करीब है।
  4. जेनेरिक दवा की मानक किसी ब्रांडेड दवाई के मानक के समान होती है क्योकि यह अन्तराष्ट्रीय मापदंड के अनुसार बना होता है व पूरे विश्व मे जेनेरिक दवा का एक ही नाम होता है।
  5. जेनेरिक दवा सस्ते होते है क्योंकि इसका प्रचार नही किया जाता है व आसानी से पता नही चलता है कौन से मेडिकल स्टोर में मिलेगा इसलिए आप कोई भी मेडिकल स्टोर जाते है वहाँ दवाई लेते वक्त जेनेरिक दवा के बारे में आवश्य पूछे।
  6. जेनेरिक दवाओं का असर, डोज व साइड इफेक्ट्स ब्रांडेड दवाओं के समान ही होते हैं, व इसके रेट का निर्धारण सरकार करती है।

बिना डिग्री के Generic मेडिकल स्टोर खोलने की प्रक्रिया

बिना डिग्री के Generic मेडिकल स्टोर खोलना पॉसिबल नहीं है लेकिन हां एक तरीका है जिससे आप बिना डिग्री के भी मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं। इसमें आपको किसी दूसरे व्यक्ति  की डिग्री की जरूरत होती है उसी के नाम पर मेडिकल स्टोर रहेगा और उसको चला आप सकते हैं। अगर आप अपने स्वयं के नाम पर मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं तो उसके लिए आपको फार्मेसी की डिग्री करनी होगी तभी जाकर आप खुद के नाम का मेडिकल स्टोर खोल पाएंगे अन्यथा बिना डिग्री के मेडिकल स्टोर खोलने पर आप पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है और आप को जेल भी जाना पड़ सकता है।

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Generic मेडिकल स्टोर के लिए दवाईया कहा से ख़रीदे

जेनेरिक मेडिकल स्टोर के लिए दवाइयां कहां से खरीदें यह एक कॉमन प्रशन है जो अक्सर हर मेडिकल स्टोर वाले के मन में उठता है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता देंगे कि आप दवाइयां अपने आसपास की होलसेल दुकानों से खरीद सकते हैं और ज्यादा अच्छा रहेगा अगर आप डायरेक्ट कंपनी से कांटेक्ट रखते हैं और कंपनी वाले आपके मेडिकल स्टोर तक स्वयं दवाइयां पहुंचाएंगे आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

जो दवाइयां फैक्ट्री से आप डायरेक्ट प्राप्त करेंगे वह होलसेल की तुलना में भी काफी सस्ती रहेंगी जिनमें आप अच्छा मार्जिन निकाल सकते हैं लेकिन अगर आपका डायरेक्ट कंपनी से कांटेक्ट नहीं है तो आप होलसेल दुकानों से भी दवाइयां खरीद सकते हैं। एक बात का विशेष ध्यान रखें की दवाई की क्वालिटी में किसी भी तरह की कॉम्प्रोमाइज ना करें

जेनेरिक दवा का भारत से तात्पर्य 

ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा की सुविधा सस्ते दाम में उपलब्ध कराने के लिए जेनेरिक दवा का इस्तेमाल किया जाता है। शहरों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधा का लाभ ग्रामीण उठा सके इसके लिए गाँव को शहर से जोड़ने की आवश्यकता है। आज के समय मे टेलीमेडिसिन के तहत चिकित्सा को ग्रामीण तक पहुँचाने का काम किया जा रहा है साथ ही उन्हें जेनेरिक दवा उपलब्ध कराई जाती हैं।

जेनेरिक व एथिकल ब्रांडेड दवा में क्या अंतर है 

सभी दवा बनाने वाली दवा कम्पनी जेनेरिक व एथिकल ब्रांडेड दोनों तरह की दवा बनाती है दोनों दवाई की कंपोज़िंसन समान होता है, साथ ही दोनों एक समान वर्क करती है। दोनों में सिर्फ ब्रांडिंग व मार्केटिंग का फर्क होता है बाकी दोनों एक समान है दोनों का फॉर्मूला समान होता है दोनों एक समान बॉडी में वर्क करता है।

जेनेरिक मेडिकल कौन खोल सकता है?

जेनेरिक मेडिकल खोलने के लिए किसी भी तरह का अलग से डिग्री करने की आवश्यकता नही है, यदि आपके पास ड्रग लाइसेंस है तब आप जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोल सकते है, यदि आपके पास ड्रग लाइसेंस नही है तब आपके पास diploma in pharmacy, या B.Pharma या M.Pharma आदि में से किसी एक।डिग्री होना चाहिए तभी आप लाइसेन्स के लिए आवेदन कर सकते है व जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोल सकते है।

जेनेरिक दवा की क्वालिटी कैसे होता है?

जेनेरिक दवा एथिकल ब्रांडेड दवा के समान होता है क्योंकि अंतराष्ट्रीय मानक को ध्यान में रखते हुए दवा को बनाया जाता है, जिस लाइसेंस के तहत जेनेरिक दवा बनती है उसमें सिर्फ फार्मूला का उपयोग होता है, इसलिए इसमें सिर्फ निर्माण का खर्च होता है इसलिए यह सस्ता होता है, सभी को बुनियादी चिकित्सा मिले इस कारण इसका निर्माण पूरी दुनिया में एक समान होता है व जेनेरिक दवा का नाम भी सभी देश मे समान होता है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियम के अनुरूप जेनेरिक दवा का निर्माण व वितरण देश मे शासित सरकार के अनुरूप होता है।

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जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलने में लागत?

यदि आप जेनेरिक मेडिकल खोलना चाहते है तब आप सरकार की योजना का लाभ उठा सकते है साथ ही आप करीब 5 लाख रुपए का शुरुआत में इन्वेस्ट कर सकते है, आपको मार्केट के बारे में जानकारी होना जरूरी है, यदि मार्केट में बिक्री कम होगी तो आप लॉस में चले जायेंगे इसलिये आप शुरुआत में छोटा मेडिकल स्टोर खोल रहे है तब आपको करीब 3-4 लाख इन्वेस्ट करना होगा व बड़ा जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोलना चाहते है तब आपको 10-15 लाख इन्वेस्ट करना होगा।

जेनेरिक मेडिकल स्टोर में कमाई?

आज के समय मे बहुत सारे मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवा आती है, पर्टिकुलर एकाकक ही जेनेरिक मेडिकल शॉप होती है, ऐसे में जेनेरिक मेडिकल स्टोर में कमाई कम होता है एथिकल ब्रांड मेडिकल स्टोर के अपेक्षा क्योंकि जेनेरिक दवा सस्ती होती है व मार्जिन कम होता है, फिर भी आज के समय मे लोगो को जेनेरिक दवा चाहिए होता है क्योंकि सभी लोग जानते है कि एथिकल ब्रांडेड व जेनेरिक दवा लगभग एक समान होता है, ऐसे में आप जेनेरिक दवा बेचकर 20- 30 प्रतिशत कमा सकते है।

अपने जेनेरिक मेडिकल स्टोर का प्रचार कैसे करें?

वैसे तो जेनेरिक दवाई का कीमत कम होता है क्योकि इसके लिए किसी तरह का प्रचार प्रसार नही होता है, सीधे फार्मास्युटिकल कंपनी से दवा मेडिकल स्टोर में आती है, लेकिन आप लोगो के लाभ चाहते है तब आप अपने मेडिकल स्टोर का प्रचार कर सकते है उसके लिए आप सोशल मीडिया का सहारा ले सकते है , न्यूजपेपर में ऐड दे सकते है कि जेनेरिक दवा हमारे मेडिकल स्टोर में मिलता है व तीसरा आप होर्डिंग लगवा सकते है मेडिकल स्टोर में की जन औषधि दवा केंद्र आदि तरह से आप अपने जेनेरिक मेडिकल स्टोर का प्रचार कर सकते है।

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