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]]>मेडिकल स्टोर एक ऐसा नाम जिससे लोग दूर ही रहना चाहते हैं। लेकिन ज़रूरत उनको इसके करीब ले कर आ जाती है। क्यों के मेडिकल का सीधा सबंध इंसान के स्वास्थ्य से है और कोई भी इंसान अपने स्वास्थ्य से समझौता नहीं करना चाहता है। हर कोई चाहता है के वो स्वस्थ रहे। इसलिए किसी भी घटना या बीमारी की स्थिति में उसे मेडिकल की आवश्यकता होती ही है। इसलिए मेडिकल की मांग हर समय में रहता ही है। पहले लोग ज़्यादा ज़री बूटी या औषधि इत्यादि का सेवन करते थे। लेकिन वर्तमान में हर छेत्र में अंग्रेज़ी दवा का प्रचलन बढ़ रहा है। और लोग ज़्यादा अंग्रेज़ी दवा का ही सेवन करते हैं। इसलिए मेडिकल का बिजनेस काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। और ये अधिक मार्जिन का होने का चलते इसमें मुनाफ़ा भी अधिक होता है।
भारतीय pharmaceutical industry देश के हेल्थकेयर इंडस्ट्री में अपना योगदान तो देती ही है इसके अलावा भारतीय pharmaceutical industry दुनिया के भी health care इंडस्ट्री में अहम भूमिका निभाती है भारतीय pharmaceutical industry कम दाम पे अच्छे गुणवत्ता वाली मेडिसिन तैयार करती है। इसलिए ये भारत के अलावा विदेशो में भी 50 से 60% तक हर प्रकार के मेडिसीन को सप्लाई करता है। India pharmaceutical market लास्ट दशक से काफी तेज़ी से बढ़ा है और ये 15% की दर से बढ़ रहा है। भारत पूरी दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा pharmaceutical industry है।
भारत में दवा का इतना बड़ा इंडस्ट्री होने पर और इसकी मांग को देखते हुए आप मान सकते हैं के इसमें रोज़गार के भी ज़्यादा अवसर है। तो इस कड़ी में हम दवा से ही जुड़े बिजनेस के बारे में बताएंगे। आज हम बताएंगे के आप अपना मेडिकल स्टोर खोल कर कैसे लाखो कमा सकते हैं।
मेडिकल स्टोर भी आम दुकान की तरह है बस यहां डॉक्टर द्वारा लिखी हुई या दूसरे प्रकार से दवा मिलती है। यहां हर प्रकार के दवा ड्रग्स, या स्वास्थ से संबंधित हर प्रकार के समान मिलते हैं।
मेडिकल स्टोर खोलना तो बहुत आसान है लेकिन इसकी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करना थोड़ा मुश्किल होता है। क्यों के ये हेल्थ से संबंधित प्रोडक्ट है इलसलिए इसके नियम बाकी बिजनेस के मुकाबले कुछ करे है। आइये जानते हैं मेडिकल स्टोर खोलने के लिए किन किन चीजों की आवश्यकता होगी।
अगर आप मेडिकल स्टोर खोलने की सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज से D.pharma, B.pharma, या M.Pharma का certificate होना चाहिए ये सर्टिफिकेट के आधार पे ही state Drugs standard control organization और Central Drugs standard control organization द्वारा मेडिकल स्टोर खोलने की लाइसेंस दी जाती है।
अगर आपके पास सर्टिफिकेट है और आप मेडिकल स्टोर खोलने जा रहे हैं तो आपको सबसे पहले अपने बिजनेस entities का चुनाव करना होगा यानी के आप किस प्रकार का बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं जैसे LLP या pvt.ltd.
Pharmacy के बहुत सारे प्रकार है जिसमें से आपको सेलेक्ट करना होता है के आप किस प्रकार के pharmacy चलाना चाहते हैं। फार्मेसी के कुछ प्रकार।
इन pharmacy के प्रकार में से 4 मुख्य हैं जो भारत में ज़्यादा प्रचलित है जिसे आप कर सकते हैं।
हॉस्पिटल फार्मेसी में आप किसी हॉस्पिटल में या हॉस्पिटल के आस पास मेडिकल स्टोर खोल कर वहां के डॉक्टर द्वारा लिखे दवा को हॉस्पिटल के पेसेंट को दिया जाता है।
टाउनशिप फार्मेसी के अंतर्गत आप किसी बस्ती में अपना मेफिकेल स्टोर खोल सकते हैं और वहां के लोगो को दवा प्रदान कर सकते हैं।
स्टैंड अलोन फार्मेसी के अंतर्गत आप किसी रेजिडेंशियल एरिया या किसी गली मोहल्ले में अपना मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं और वहां के लोगों को मेडिसिन मुहैय्या कर सकते हैं।
चैन फार्मेसी में एक एक कंपनी का मेडिकल स्टोर कई शहरों में होता है। चैन फार्मेसी किसी भी बड़े कंपनी का फ्रेंचाइज़ी लेकर खोला जा सकता है।
इन सब डॉक्यूमेंटेशन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सब डॉक्यूमेंट के साथ अपने राज्य के state Drugs standard control organization के पास अप्लाई करें वहां आपको 3000 तक रजिस्ट्रेशन फीस लगेगा। सारी प्रक्रिया सफलतापूर्वक होने पर आपको 3 महीने के अंदर आपके दिए हुए पते पर आपका लाइसेंस पहुंच जाएगा।
अगर आप भी मेडिकल व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी हैं की मेडिकल की दूकान खोलने के लिए आपको कोनसी कोर्स करनी जरुरी है इस कोर्स के बिना आप मेडिकल स्टोर नहीं खोल सकते व लाइसेंस भी आपको नहीं मिल सकती है
B.pharma – अगर कोई स्टूडेंट या कोई अन्य व्यक्ति जो भी मेडिकल खोलना चाहते हैं उनके लिए यह जरूरी कोर्स है। यह bachelor of pharmacy का कोर्स 3 साल का होता हैं। इस कोर्स को आप किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कर सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आपको किसी भी प्राइवेट या सरकारी कंपनी या अस्पताल से 6 माह का प्रक्षिक्षण लेना अनिवार्य होता हैं।
D.Pharma – 2 साल के इस कोर्स को करने के लिए आपको यह जानना जरूरी हैं की इस कोर्स को करने खेल लिए आपको कक्षा 12 में PCM में निच्छित प्रतिशत से पास करना अनिवार्य होता हैं।
M.Pharma – यह कोर्स एक मास्टर का है और इसको B.pharma के बाद किया जा सकता हैं। यह कोर्स 2 साल का होता हैं।
Pharma D – इस कोर्स का पूरा नाम Doctor of pharmacy कहते हैं यह कोर्स 6 साल तक लंबा चलने वाला है।
उक्त में से किसी भी एक कोर्स को करने के बाद आपको एक मेडिकल का सर्टिफ़िकेट मिलता हैं जिसके साथ आप मेडिकल की स्टोर आसानी से खोल सकते हैं।
इन सब प्रक्रिया को पूरा करने के बाद बात आती है के अपने शॉप में दवा का स्टोरेज रखें अब इसके लिए माल कहां से लें तो इसके लिए आप होलसेल मार्केट से ले सकते हैं क्यों के हर शहर में दवा का होलसेल मार्केट होता ही है तो आप वहां से दवा ले सकते हैं। इसके अलावा हर मार्केट में अलग अलग कंपनी के MR होते हैं जिनसे आप संपर्क कर आप अपने शॉप पे उनसे माल ले सकते हैं। या आप चाहे तो ऑनलाइन भी दवा मंगवा सकते है। BAHUT सारी कंपनियां ऐसी है जो ऑनलाइन आर्डर लेकर दिए हुए पते पर दवा भेज देती है।
मेडिकल स्टोर ऐसा बिजनेस है जो खुद पर निर्भर करता है के आपका बज़ट क्या है क्योंके मेडिकल स्टोर कम लागत से लेकर ज़्यादा लागत लगा कर भी स्टार्ट कर सकते है जिसकी कोई सीमा नही है। वैसे इस धंधे से जुड़े एक्सपर्ट के अनुसार आप 5 लाख तक लगा कर एक अच्छा सा मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं।
मेडिकल खोलने के बाद अगर इससे कमाई की बात करते है तो इनको हम 2 भागों मे बाँट सकते है जिसमे पहला है जेनेरिक दवाइयों मे प्रॉफिट मार्जिन ओर इथिकल दवाइयां जैसे मैनकाइंड कंपनी के प्रोडक्ट इत्यादि। जेनेरिक दवाइयाँ अगर आप बेचते है तो आपको करीब 30-45 प्रतिशत तक का मार्जिन होता है वही इथिकल दवाइयां की बात करे तो इसमे आपको मार्जिन कम्पनी के हिसाब से तय होता है जो 10-20 प्रतिशत के मध्य रहता है। सलाह यह है की आप जेनेरिक ओर इथीकल दोनो प्रकार की दवाइयाँ बेचे।
अगर आप भी मेडिकल स्टोर खोलने के बारे में सोच रहे है तो आपको यह भी जानना जरूरी होती है की मेडिकल से आपको महीने की कितनी इनकम होती है। मेडिकल स्टोर के महीने की इनकम की बात करे तो आपको इससे लगभग 30-45 हजार रूपये तक की होती है। मेडिकल स्टोर से कमाई इस पर निर्भर करती है आप कितनी दवाइयाँ बेचते है व कैसे बेचते है।
अगर आप भी मेडिकल का स्टोर खोलते है ओर आपको इस चीज का नही पता की आप मेडिकल स्टोर कैसे चलाये तो हम आपको कुछ आसान से टिप्स बता रहे है जिससे आप आसानी से अपने मेडिकल स्टोर व मेडिकल के व्यवसाय को बढा सकते है।
एरिया : मेडिकल स्टोर किसी ऐसे क्षेत्र मे खाले जहा आसपास अस्पताल या कोई क्लिनिक हो क्योंकि ज्यादातर मरीज अस्पताल ही जाते है तो आपके लिए यह बेहतर होगा की आप किसी अच्छे व सुरक्षित क्षेत्र मे अपनी दुकान खोले।
डाक्टर से टाई अप : अगर आपकी दुकान किसी अस्पताल के पास है तो आपके लिए यह जरूरी होगा की आप अस्पताल के डॉक्टर से टाई अप कर ले क्योंकि वह डॉक्टर आपके लिए रोगियो को आपकी दुकान के लिए रैफर करते है।
लोकल क्लिनिकल से टाई अप : जिस तरह आप किसी डॉक्टर से टाई अप करते है उसी प्रकार आपको सलाह दी जाती है कि आप अपने नज़दीकी क्लिनिकल से टाई अप करे क्योंकि वो भी आपके लिए कस्टमर रैफर करते है।
लोकल विज्ञापन : अगर आप अपने व्यवसाय को बढाना चाहते है तो आपको यह भी सलाह दी जाती है कि आप अपने लोकल एरिया मे विज्ञापन व प्रसार प्रचार कर सकते है, इससे आपके दुकान की विजेब्लिटी बढेगी वही लोकल कस्टमर भी आयेंगे।
अगर आप भी मेडिकल स्टोर खोलने की सोच रहे है आपको कुछ बातो का ध्यान रखना चाहिए। वैसे तो ऐसा कोई फिक्स नियम नही है की मेडिकल स्टोर के लिए आपको कितनी जगह की आवश्यकता होती है परन्तु कुछ टिप्स जो हम आपको बता रहे है वो जरूर ध्यान रखें
अगर आप एक होलसेल दुकान खोल रहे तो उसके आपको कम से कम 130 Sq. Feet बडी दुकान की आवश्यकता होती है अगर आप एक रिटेल की दुकान खोल रहे है तो उसके लिए आपको कम से कम 110 Sq. Feet दुकान की आवश्यकता होती है। दुकान के आसपास प्रोपर पार्किंग की सुविधा भी होनी चाहिए।
अगर आप भी जानना चाहते है की क्या दूसरों के मेडिकल लाइसेंस से आप अपनी मेडिकल की दुकान खोल सकते है तो आपको बता दे की यह पूरी तरह अनलिगल है या वैध नहीं है। अगर आपके पास खुद का मेडिकल का सर्टिफिकेट नहीं है तो आप अपना खुद का मेडिकल स्टोर नही खोल सकते है। ऐसा अगर आप करते है तो यह पूरी तरह गलत है ओर खास कर मेडिकल लाइन मे जहा आप लोगो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते है। तो ऐसा बिलकुल न करे ओर क्योंकि ऐसा करने से हो सकता है की आपके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी हो।
अगर आप यह जानना चाहते है की कौन मेडिकल खोल सकता है ओर कौन नही तो आपको बता दे की मेडिकल खोलने के लिए फार्मासिस्ट का सर्टिफिकेट होना चाहिए जो की आवश्यक है। इस लेख मे पूर्व मे बताया गया है की आप मेडिकल का सर्टिफिकेट कैसे ले सकते है ओर आपको क्या करना पडता है वो आप उपर वाले टाॅपिक्स मे पढ सकते है।
एक मेडिकल की दुकान आप कैसे खोल सकते है उसके बारे मे बताया गया है। मेडिकल की दुकान खोलने के लिए क्या आवश्यक होता है वह भी आप देख सकते है।
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]]>The post अनाज का बिजनेस कैसे शुरू करें first appeared on ShubhVaani.
]]>गेहूं का 2 % भाग ही विदेशों को निर्यात किया जाता है 98% भाग भारत के अंदर ही रहता है। गेहूं और चावल तो ऐसी अनाज है जिन्हें लोग सबसे ज्यादा खाना पसंद करते हैं। दालें तो भारत के लोगों के घर की सबसे ज्यादा जरूरत है। दालें खाना तो लोग ज्यादा पसंद करते हैं। भारत में कई प्रकार की दालें पैदा की जाती है जैसे उड़द की दाल, राजमाह,मूंग,मसूर ,अरहर ,चना दाल आदि। अनाज तो मनुष्य की बहुत बड़ी जरूरतों में से एक है।
अनाज के बिना तो मनुष्य जीवित नहीं रह सकता है। अगर कोई व्यक्ति अनाज का व्यवसाय करना चाहता है तो उसे इसमें ज्यादा फायदा रहता है। चाहे जो भी हो जाए अनाज का व्यवसाय ऐसा व्यवसाय है जो कभी भी बंद नहीं होता है क्योंकि अनाज के बगैर तो मनुष्य का जीना ही असंभव होता है।
बाकी चीजों के बिना मनुष्य तो जीवित रह सकता है। लेकिन अनाज के बिना नहीं। जब हम कोई भी व्यवसाय शुरू करते हैं तो उसमें कुछ मुसीबतों का सामना तो करना पड़ता है। कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। कई बार असफलता को स्वीकार भी करना पड़ता है। अनाज का बिज़नस सबसे अच्छा बिज़नस है। चाहे कोई अमीर है या गरीब सभी को जीवित रहने के लिए अनाज की जरूरत होती है।
अनाज का बिजनेस शुरू करने से पहले हमें कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे पहले जगह का चुनाव किया जाता है। बिजनेस घर से शुरू करना है या कहीं अलग से जगह खरीदनी है| बिजनेस शुरू करने के लिए हमें गोदाम की जरूरत पड़ती है। गोदाम हमें ऐसी जगह पर बनाना चाहिए जहां गाड़ियां आसानी से आ जा सके। अनाज लाने में और ले जाने में कोई समस्या न आए|
बिजनेस शुरू करने के लिए काफी पैसों की जरूरत होती है। बिजनेस मैं कभी-कभी मुनाफे की जगह हानि भी होती है। बिजनेस के लिए हमें भवन ,जमीन ,मशीनरी, फर्नीचर आदि की भी आवश्यकता होती है| अतः बिजनेस शुरू करने के लिए पहले व्यक्ति के पास पैसों का प्रबंध होना जरूरी है|
अनाज का बिजनेस करना हो तो हमें सीधे किसानों से संपर्क करना चाहिए। किसान हम से सस्ते दामों पर अनाज देंगे और हम उसे ज्यादा कीमत पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
अनाज का बिजनेस करने के लिए हमें जीएसटी नंबर भी चाहिए होता है| खुली दाल व खुला आटा पर जीएसटी नहीं लगता अच्छी क्वालिटी की दाल व ब्रांडेड आटा बेचने पर 5% जीएसटी लगता है| अनाज का बिजनेस खाद्य से जुड़ा है इसलिए अनाज बेचनेवाले को फूड लाइसेंस लेना भी जरूरी होता है इसके अलावा नगर निगम ,नगर पालिका आदि से ट्रेड लाइसेंस लेना भी जरूरी होता है|
अनाज का बिजनेस शुरू करने से पहले यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अनाज रखने के लिए काफी जगह है या नहीं। इसके लिए बड़े गोदाम की आवश्यकता होती है। गोदाम का आकार बड़ा होना चाहिए। भारत में किसान तो काफी मेहनत करता है अनाज भी प्रचुर मात्रा में होता है लेकिन किसानों का अनाज खुले नहीं होने के कारण कई बार वह बारिश से भीग कर खराब हो जाता है जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है।
अनाज रखने की सही व्यवस्था होनी चाहिए। सफाई का ध्यान अनाज के गोदाम में स्थाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है| अनाज को बोरियों में अच्छी तरह से करके रखना चाहिए। अनाज के सबसे बड़े दुश्मन चूहे होते हैं ग्राम।अगर वहां सफाई का ध्यान नहीं रखेंगे तो चूहे अनाज को खराब कर देते हैं जिस पर अनाज को नुकसान होता है।
आजकल कंप्यूटर का जमाना है। अगर आपको कंप्यूटर की जानकारी है तो आप कंप्यूटर के माध्यम से भी अनाज के व्यापार को बढ़ा सकते हैं | कंप्यूटर पर आप अपने नाम से अपने बिजनेस की अलग से वेबसाइट बनाकर अपने बिजनेस का प्रचार कर सकते हैं। डीलर आपसे ऑनलाइन ही बिजनेस की बात कर सकते हैं। आजकल ऑनलाइन ही पेमेंट भी हो जाती है जिससे आपको ज्यादा परेशानी भी नहीं होगी। आप अपने बिजनेस की ऑनलाइन जानकारी डाल सकते हैं।
अनाज का बिजनेस शुरू करने से पहले आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि सबसे ज्यादा अनाज की खपत कहां होती है। कोई भी होटल या रेस्टोरेंट में जाकर पता किया जा सकता है कि उन्हें कितने अनाज की जरूरत होती है। आप सीधे ही होटल में जाकर ऑफर दे सकते हैं ताकि वे आपसे ही अनाज खरीदें। अगर उन्हें डिलीवरी की सुविधा दी जाती है तो वे ऐसे ही तैयार हो जाएंगे कि उनके होटल तक आप खुद अनाज पहुंचा रहे हैं जितना ज्यादा आपका लोगों से कांटेक्ट होगा उतनी ही ज्यादा बिक्री होगी और मुनाफा भी होगा।
1.अनाज तो हर व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी होता है। महनार चाहे सस्ता हो या महंगा खरीदना तो सभी को ही पड़ता है। अतः इस बिजनेस में लाभ ही लाभ होता है खाने की तो कोई गुंजाइश नहीं होती है।
2. अनाज को सीधे किसानों से कम कीमत पर खरीद कर हम उससे ज्यादा कीमत पर बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
3. अनाज का बिजनेस शहरी व ग्रामीण दोनों इलाकों में किया जा सकता है।
4. अनाज का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जो आपातकालीन परिस्थितियों में भी चलाया जा सकता है। चाहे सब दुकानें बंद हो लेकिन अनाज की सप्लाई तो चली रहती है क्योंकि अनाज तो जीने के लिए बेहद जरूरी होता है।
5. अनाज का बिजनेस तो ऐसा आसान बिजनेस है जिसे पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी कर सकती है। इससे महिलाओं को रोजगार का साधन मिल जाता है और वे आत्मनिर्भर बन जाती हैं।
6. अनाज का बिजनेस शुरू करने के लिए ज्यादा पैसों की जरूरत नहीं होती। इसे कम लागत में भी शुरू किया जा सकता है। इसके लिए गोदान की आवश्यकता होती है जहां पर अनाज को सही तरीके से भंडार करके रखा जा सके।
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सरकारी राशन की दुकान कैसे खोले
अत: हम कह सकते हैं कि अनाज का बिजनेस बहुत अच्छा बिजनेस है | गेहूं व चावल, बाजरा, दालें आदि किसी भी तरह का अनाज को इसका इस्तेमाल तो हर घर में होता है। इस बिजनेस के बंद होने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। लेकिन जब कभी कीमतें बढ़ जाती हैं तब इस बिज़नेस में थोड़ी कमी आती है। फिर भी साल के 365 दिन तक यह बिजनेस चला रहता है।
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]]>The post सरकारी राशन बांटने की दुकान कैसे खोलें first appeared on ShubhVaani.
]]>इन दुकानों को सरकार द्वारा जरूरी चीजों को बांटने की जिम्मेदारी दी जाती है। सरकार इस प्रकार की दुकानें गांव व शहरी इलाकों में खोलती है। सरकार ने राशन कार्ड योजना चलाई है जिसके अंतर्गत एपीएल, बीपीएल ,आईआरडीपी आदि कई श्रेणियों में राशन कार्ड को बांटा गया है। अलग-अलग वर्ग के राशन कार्ड धारको को अलग-अलग कीमतों पर राशन दिया जाता है।
राशन बांटने वाला सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार ही राशन बांट सकता है। इन दुकानों को उचित मूल्य की राशन की दुकान भी कहा जाता है। भारत एक विशाल देश है । भारत की जनसंख्या बहुत अधिक है। जनसंख्या अधिक होने से हमारे देश में बेरोजगारी भी बहुत ज्यादा हो गई है | पढ़े लिखे होने के बावजूद भी हमारे देश में बहुत सारे पढ़े लिखे बेरोजगार हैं |
सरकार रोजगार प्रदान करने के लिए बहुत सी योजनाएं चला रही है। फिर भी बेरोजगारी की समस्या दूर नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में लोग अपना व्यवसाय शुरू करना ज्यादा पसंद करते हैं | ऐसी स्थिति में सरकारी राशन की दुकान खोलकर व्यक्ति काफी फायदा उठा सकते हैं।
सभी राज्यों ने सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए अपने अलग-अलग नियम बनाए होते हैं परंतु कुछ पात्रता की शर्तें ऐसी है जो सभी राज्यों में एक जैसी होती है। जिनका वर्णन निम्नलिखित है-
जो व्यक्ति सरकारी राशन की दुकान को खोलना चाहता है वह भारतवासी होना चाहिए | वह जिस क्षेत्र में रहता है उसी क्षेत्र में वह सरकारी राशन बांटने की दुकान को खोल सकता है।
सरकारी राशन बांटने की दुकान खोलने वाला व्यक्ति कम से कम 10 वीं पास होना चाहिए | कई राज्यों में इस आयु को बढ़ाकर स्नातक तक कर दिया गया है।
सरकारी राशन की दुकान खोलने वाला व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहिए। उसके बैंक खाते में 50000 से ₹75000 तक की राशि जमा होनी चाहिए।
जो व्यक्ति कानूनी रूप से अपराधी हो या जिसने कानून के नियम तोड़े हो वह सरकारी राशन बांटने की दुकान नहीं खोल सकता है।
जो व्यक्ति पहले ही राशन की दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त कर चुका हो लेकिन किन्हीं कारणों से उसका लाइसेंस रद्द हो गया हो तो वह इस तरह दुकान को खोलने के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।
इस तरह की दुकानें गांव के आसपास ही खोली जानी चाहिए। ताकि गांव के लोगों को दूर ना जाना पड़े। राशन डिपो के आसपास गेहूं पीसने वाली चक्की भी हो तो और भी अच्छा होता है क्योंकि गरीब लोगों को सरकार गेहूं देती है। आटा चक्की होने से वे आटा पीसवाकर भी घर ले जा सकते हैं।
सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए यह भी देखना जरूरी होता है कि जो दुकान सरकारी राशन बांटने के लिए खोली जा रही है उसका आकार कितना है | दुकान की ऊंचाई 4 मीटर लंबाई 5 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर हो तो बहुत अच्छा है क्योंकि सरकारी राशन एक महीने का ही काफी मात्रा में होता है। उसे रखने के लिए काफी मात्रा में जगह चाहिए होती है।
सरकारी राशन को बांटने के लिए जो दुकान खोले जा रही हो उसमें उचित भंडारण की व्यवस्था होनी चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि कहीं से छत तो नहीं टपकती हो। बारिश का पानी कमरे के अंदर ना आता हो। अगर कहीं से भी बारिश का पानी अंदर आता हो या बारिश के कारण सीलन रहती हो तो इससे अनाज के खराब होने का डर रहता है।
अगर कोई व्यक्ति सरकारी राशन की दुकान को खोल लेता है, उसे दुकान खोलने की अनुमति मिल जाती है तो उस व्यक्ति को दुकान में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अनाज बाटते समय अनाज इधर-उधर गिर जाता है जिससे सफाई ना होने पर वहां पर चूहे अपना घर ही बना लेते हैं। जिससे अनाज को नुकसान होता है।
सरकारी राशन की दुकान खोलते समय यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि दुकान सड़क के किनारे हो ताकि राशन लाने और ले जाने वालों को समस्या ना हो। सड़क के किनारे दुकान होने से लोगों को राशन ले जाने में सुविधा होती है। सरकारी राशन भी बड़ी गाड़ियों में आता है। ऐसी स्थिति में राशन लाने वाले के लिए भी अच्छा रहता है।
सरकारी राशन की दुकान जो व्यक्ति खोलने जा रहा है वह ईमानदार होना चाहिए। उसे सरकार द्वारा निर्धारित तय दरों पर ही राशन बांटना चाहिए। कई बार सरकार गरीब राशन कार्ड धारकों के लिए मुफ्त अनाज भी बांटती है। ऐसे में उस व्यक्ति को चाहिए कि वह गरीब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त अनाज दें। कई बार दुकान वाला व्यक्ति हेराफेरी कर देता है। उस मुफ्त राशन को भी वह गरीब लोगों तक नहीं पहुचाते और बाद में उसे अन्य कीमत पर बांट देते हैं जो कि गलत होता है।
जैसा कि सब जानते हैं कि आजकल कंप्यूटर का जमाना है। ऐसे में जो व्यक्ति सरकारी राशन की दुकान को खोलना चाहता है उसे कंप्यूटर की जानकारी भी होनी चाहिए। अनाज के वितरण के बारे में आजकल पूरी जानकारी कंप्यूटर पर ही डाल दी जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखा गया है कि 5-6 गांव के लिए एक ही सरकारी डिपो होता है। जिससे लोगों को और राशन बांटने वालो को समस्या होती है। राशन लेने के लिए लोगों को दूर जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में गांव वालों की सुविधा के लिए गांव में ही सरकारी राशन की दुकान खोलने की बात की जाती है।
1) सबसे पहले खंड विकास अधिकारी बैठक बुलाते हैं। बैठक में विचार किया जाता है कि आखिर किन कारणों से गांव में सरकारी राशन की दुकान खोलने की जरूरत है। फिर ब्लॉक ऑफिसर के पास दुकान खोलने वाले पात्र व्यक्तियों के नाम दिए जाते हैं।
2) खंड विकास अधिकारी उन व्यक्तियों की योग्यता के आधार पर एक फॉर्म देता है जिसे भरकर उसको जमा करवाना पड़ता है। उस फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेजों को भी लगाया जाता है तथा उनकी जांच की जाती है।
3) खंड विकास अधिकारी के द्वारा फॉर्म की जांच होने के बाद वे जिला आपूर्ति अधिकारी के पास जाते हैं।
4) जिला विकास अधिकारी इन सभी दस्तावेजों को जिला मजिस्ट्रेट के पास भेजता है। फिर पात्र व्यक्ति को ही लाइसेंस दिया जाता है। लाइसेंस लेने से पहले सिक्योरिटी के आधार पर कुछ पैसों का भुगतान करना पड़ता है। इस प्रकार लाइसेंस प्राप्त करके व्यक्ति गांव में सरकारी राशन बांटने की दुकान खोल सकता है।
शहरी क्षेत्रों में सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए ज्यादा परेशानी की जरूरत नहीं होती है शहरी क्षेत्र में सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए एरिया चाहिए होता है। 2000 यूनिट एरिया में 400 कार्ड आते हैं। चार हजार यूनिट एरिया में 800 कार्ड आते हैं।
अगर शहरी क्षेत्र में दो हजार यूनिट या चार हजार यूनिट के लगभग एरिया हो तो अखबार या संबंधित कार्यालय की वेबसाइट के माध्यम से इसकी अधिसूचना दी जाती है। अखबार वेबसाइट के माध्यम से इच्छुक प्रार्थीयो से आवेदन मांगे जाते हैं। इसके लिए एक निश्चित तारीख रखी जाती है।
इस तारीख के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाते। संबंधित विभाग को आवेदन पत्र प्राप्त हो जाने के बाद आपूर्ति निरीक्षक इन आवेदनों की जांच पड़ताल करता है। आवेदनों की जांच के बाद पात्र उम्मीदवारों को चयन समिति बुलावा पत्र भेजती है।
चयन समिति में जिला आपूर्ति अधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी ,जिला मैजिस्ट्रेट आदि शामिल होते हैं। उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति और चरित्र की जांच करती है।
उसके बाद इन आवेदनों को जिला मैजिस्ट्रेट देखता है और फिर पात्र उम्मीदवार को लाइसेंस प्रदान किया जाता है। लाइसेंस मिलने पर उसकी सिक्योरिटी जमा करवानी पड़ती है। जब एक बार किसी व्यक्ति को लाइसेंस मिल जाता है तो इसे रिन्यू करवाने का कोई नियम नहीं है।
अगर किन्ही कारणों से उसी व्यक्ति को सस्ते राशन की दुकान बंद करनी पड़ती है और भविष्य में वह फिर से लाइसेंस लेना चाहे तो दोबारा उसे सस्ते राशन की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाता है।
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]]>The post गरीब महिलाओं के लिए भारत सरकार द्वारा रोजगार योजना first appeared on ShubhVaani.
]]>महिलाओं के विकास के बिना समाज की उन्नति असंभव है| इसीलिए सभी देश महिलाओं के विकास पर जोर दे रहे हैं| भारत की महिलाओं के लिए रोजगार एवं प्रशिक्षण सहयोग योजना 1986-87 में शुरू की गई थी| जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी गरीब महिलाओं का विकास करना है|
विश्व के अन्य देशों के साथ-साथ भारत में महिलाओं के रोजगार वह महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दे रहे है| कई प्रकार की योजनाओं के द्वारा सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और भेदभाव के प्रति सजग हो रही है| भारत सरकार महिलाओं के लिए विभिन्न रोजगार योजनाएं चला रही है ताकि वे आर्थिक रूप से संपन्न हो और समाज में उनका सम्मान हो | यह योजनाएं पीड़ित और कमजोर महिलाओं की सहायता कर रही हैं|
महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए और उनके व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकारों ने महिला स्वरोजगार योजना चलाई है| इस योजना से गरीब महिलाओं को रोजगार मिलता है| राज्य सरकारों द्वारा इस योजना को इसलिए शुरू किया जा रहा है ताकि रोजगार पाकर महिलाएं अपनी प्रतिदिन की जरूरतों का खर्च उठा सकें इसके लिए महिलाएं किसी पर निर्भर ना रहे|
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है| यह योजना 2005 में शुरू की गई थी लेकिन इस योजना में कुछ कमियों के रहते हुए इसका लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया था इसलिए राज्य सरकारों ने इस योजना को सफल बनाने के लिए कई बदलाव किए ताकि यह योजना सफल हो सके|
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को ₹2500 सहायता राशि प्रदान की जाती थी| जिसे अब राज्य सरकारों ने बढ़ाकर ₹5000 कर दिया है। महिलाओं को यह राशि व्यावसायिक यंत्रों को खरीदने के लिए दी जाती है। ताकि इससे महिलाएं अपना रोजगार शुरू कर सकें।
इस योजना में दिए जाने वाले प्रशिक्षण से महिलाओं को कई तरह के रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं जैसे महिलाएं कढ़ाई, बुनाई , पान , फूल ,फल या सब्जी की दुकानें, अचार डालना, सिलाई सेंटर आदि खोल कर अपने परिवार का पालन पोषण कर सकती है
इस योजना से गरीब महिलाओं विकलांग, शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है| ताकि वे अपना व्यवसाय शुरू करके रोजगार प्राप्त कर सकें।
इस योजना के माध्यम से राज्य ऐसी महिलाओं को जो पिछड़े क्षेत्र से संबंध रखती हैं ,उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है, उन्हें जागरूक करना है ताकि उनका सशक्तिकरण हो सके|
1) महिला स्वरोजगार योजना से लाभ उठाने के लिए लाभार्थी की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
2) स्वरोजगार योजना में केवल गरीब महिलाओं को ही रोजगार के लिए पैसा दिया जाता है|
3) परिवार की वार्षिक आय 35 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए|
4) इस योजना का लाभ केवल राज्य की महिला ही ले सकती है महिला राज्य की स्थाई निवासी होनी चाहिए|
1) इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला के पास राज्य का मूल निवासी प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
2) आवेदन कर्ता के पास बैंक खाता कामा पासबुक होनी चाहिए।
3) आवेदन कर्ता के पास वोटर कार्ड, आधार कार्ड , राशन कार्ड जैसे प्रमाण पत्र होना चाहिए।
4) आवेदन कर्ता की आय का प्रमाण पत्र होना चाहिए।
5) आवेदन कर्ता का जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए।
स्वयं सहायता समूह के अंतर्गत महिलाओं को बचत करना सिखाया जाता है। महिलाएं अपनी बचत का थोड़ा सा हिस्सा इन स्वयं सहायता समूह में जमा करवाती रहती हैं। अगर कोई महिला अपना रोजगार शुरू करना चाहती है तो उसे स्वयं सहायता समूह से ऋण प्रदान किया जाता है।
बैंक ऐसे स्वयं सहायता समूह को और अधिक आर्थिक मदद प्रदान करते हैं। स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की संख्या कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 20 होनी चाहिए। स्वयं सहायता समूह में इकट्ठे पैसे से महिलाएं गांव में सूक्ष्म या लघु उद्योगों की शुरुआत कर सकती है। जिससे समूह की अन्य महिलाओं को भी रोजगार मिलता है और उन्हें आय प्राप्त होती है।
1) इस योजना का उद्देश्य बैंकों एवं ग्रामीण गरीब जनता के बीच परस्पर भरोसा पैदा करना है।
2) ग्रामीण दिलीप महिलाओं में बचत व ऋण दोनों तरह के बैंकिंग कार्यों को प्रोत्साहन देना है|
गरीब महिलाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऋण संबंधी नीतियों का विकास करना इस योजना का उद्देश्य है।
1) स्वयं सहायता समूह के निर्माण होने से दूसरे अन्य संस्थाओं पर महिलाओं की पैसों पर निर्भरता कम हो जाती है|
2) स्वयं सहायता समूह को बैंकों से धन दिया जाता है जिससे पैसे के लेनदेन में आसानी हो जाती है|
3) स्वयं सहायता समूह मैं किसी महिला को नेतृत्व दे दिया जाता है जो सारे समूह के प्रबंधन का काम करती है|
इस समूह से महिलाएं अपनी छोटी सी बचत मैं से जरूरत पड़ने पर या आपातकालीन स्थिति अपने समूह के कार्य के लिए पैसों का प्रयोग कर सकती है|
1) सहायता समूह के सदस्यों की संख्या 10 से 20 के बीच होनी चाहिए|
2) समूह की स्थापना तथा इसके उद्देश्यों के प्रति बैंक संतुष्ट होना चाहिए|
3) समूह को अपने पास सामान्य रिकॉर्ड रखना चाहिए|
इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला के पास राज्य का मूल निवासी प्रमाण पत्र होना आवश्यक है।
मुफ्त सिलाई मशीन योजना को हमारे देश के प्रधानमंत्री के द्वारा देश के गरीब व शिक्षित महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए शुरू किया जा रहा है। योजना के अनुसार भारत सरकार देश की करीब और कामकाजी महिलाओं को फ्री में सिलाई मशीन उपलब्ध कराएगी।
योजना के अनुसार महिलाएं सिलाई मशीन को मुफ्त प्राप्त कर सकेंगे और फ्री सिलाई मशीन से अपना खुद का रोजगार घर बैठे शुरू कर सकती है जिससे वे कपड़े सिलाई करके अच्छी आय प्राप्त कर सकती हैं फ्री सिलाई मशीन से अपना खुद का रोजगार घर बैठे शुरू कर सकते हैं जिससे वह कपड़े सिलाई करके अच्छी आय प्राप्त कर सकती है।
फ्री सिलाई मशीन योजना के अंतर्गत सरकार देश के हर राज्य में 60,000 से अधिक महिलाओं को फ्री में मशीन प्रदान करेगी | इस योजना के अंतर्गत देश की जो गरीब व इच्छुक महिलाएं वह सिलाई मशीन प्राप्त करना चाहती है उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा। इस योजना के अंतर्गत केवल 20 वर्ष से 40 वर्ष की आयु के महिलाएं ही भाग ले सकती है |
1) इसी योजना के अंतर्गत देश की गरीब महिलाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा।
2) महिलाओं को रोजगार के लिए प्रेरित किया जाता है ताकि में रोजगार प्राप्त करके आत्मनिर्भर बन सकें।
3) यह योजना महिलाओं को मुफ्त में सिलाई मशीन उपलब्ध कराएगी।
4) मुफ्त सिलाई मशीन प्राप्त करके महिलाएं घर बैठकर लोगों के कपड़े सिलाई करके आमदनी प्राप्त कर सकती हैं।
1) आवेदन करने वाली महिला की आयु कम से कम 20 वर्ष और ज्यादा से ज्यादा 40 वर्ष होनी चाहिए।
2) महिला के पति की वार्षिक आय ₹14000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।
3) देश की विकलांग विधवा महिलाएं भी योजना के लिए पात्र हैं।
आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है।
1) आवेदन करने वाली महिला का आयु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र होना चाहिए।
2) यदि महिला विकलांग हो तो डॉक्टर से विकलांगता का प्रमाण पत्र अवश्य लेना होगा|
3) आवेदिका के पास आधार कार्ड होना चाहिए|
4) पासपोर्ट साइज फोटो होनी चाहीए|
अतः सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। अतः केंद्र सरकार समय-समय पर महिलाओं को रोजगार प्रदान करने वाली योजनाएं शुरू करती है जिससे गरीब महिलाओं को रोजगार मिल सके और महिलाओं को आय प्राप्त हो सके|
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आज के समय में महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए और उनके विकास के लिए कई सारे कार्य किए जा रहे हैं| ताकि हमारे देश की गरीब , पिछड़ी महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें| इसलिए भारत सरकार और राज्य सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही हैं| किसी भी देश का विकास तभी होता है जब उस देश की महिलाओं का विकास हो|
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]]>कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जो अपने जीवन मे अपने परिवार के लिए समर्पित रहकर घरेलू रूप से जुड़ी रहती हैं। पूरा जीवन वह घर के लोगों चाहे वह बड़े हो, बच्चे हो या बुजुर्गों हो सब का पूरा ध्यान रखती है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि महिलाएं चाहते हुए भी घर से बाहर निकल कर कोई व्यवसाय या कोई अन्य कार्य नहीं कर पाती हैं। ऐसे में उन महिलाओं को हताश और निराश होने की आवश्यकता नहीं है। आज की महिला पढ़ी-लिखी और समझदार है, जो घर से भी कुछ ऐसा करके खुद को स्थापित कर सकते हैं।
आज हम आपके के लिए लाये है कुछ घरेलू व्यवसाय जो महिलाओं को बनाए आत्मनिर्भर जिन्हें आप घरेलू रूप से शुरुआत करके अपना आत्मविश्वास को कायम रख कर आगे बढ़ सकती हैं।
घरेलू महिलाओं के लिए व्यवसाय के रूप में ट्यूशन पढ़ाने सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर आप को बच्चों को पढ़ाना पसंद है या फिर आप खुद को क्रिएटिव बनाना चाहते हैं, तो ऐसे में बच्चों को आसानी से घर पर ही पढ़ाया जा सकता है। ऐसा देखा जाता है कि बच्चे अपने परिजन से पढ़ना पसंद नहीं करते ऐसे में आप उन बच्चों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
अगर आप इस व्यवसाय के लिए इच्छुक हैं तो घर के बाहर ट्यूशन क्लास का बोर्ड लगाकर या किसी समाचार पत्र में विज्ञापन के माध्यम से भी आप अपने शौक को पूरा कर सकती हैं। ऐसा हो सकता है कि शुरुआत में थोड़ी परेशानी हो परंतु धीरे-धीरे आपको अच्छा महसूस होने लगेगा।
इस आधुनिक युग में लोगों को ऑनलाइन शॉपिंग करना बहुत ही पसंद आता है। जो घर बैठे ही आसानी से किया जा सकता है। ऐसे मौके का फायदा उठा कर आप रिसेलिंग का काम शुरू कर सकती हैं। रिसेलिंग व्यवसाय से जुड़े बहुत सारे मोबाइल एप्लीकेशन है, जो आपकी मदद कर सकते हैं।
रीसेल के माध्यम से आप कोई भी प्रोडक्ट को आसानी से कस्टमर तक पहुंचा सकते हैं। इसके लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं होगी बस घर से ही मोबाइल के माध्यम से इस काम को शुरू किया जा सकता है। किसी भी प्रोडक्ट में अपना मार्जिन जोड़ें और प्रोडक्ट को सेल करें। प्रोडक्ट के बेचे जाने पर उतना ही मार्जिन आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है।
इस काम को घर के काम से थोड़ी देर के ब्रेक के समय किया जा सकता है। इस रिसेलिंग के माध्यम से भी आप हजारों रुपए प्रति महीने कमा सकते हैं। यह है कुछ रिसेलिंग साइट जहा आप रजिस्टर कर कमा सकते है अच्छे पैसे MEESHO , FLIPCART, AMAZON, GLOWROAD
अचार बनाना हर ग्रहणी की पाककला में शामिल होता है। आपको हर घर की किचन में अचार आवश्यक रूप से ही नजर आ जाएगा। अगर आप चाहें तो अपने खाली समय में घर से अचार बनाने का बिजनेस शुरू कर सकती हैं और खाने में नया जायका लाया जा सकता है। अचार में मुख्यतः आम, नींबू, मिर्च, आंवला, कटहल का अचार बनाकर उसका व्यवसाय शुरू कर सकती हैं और आसपास के होटल, रेस्टोरेंट में सप्लाई कर हजारों कमाया भी जा सकता है।
अचार बनाने का व्यवसाय के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ पढ़े
भारतीय संस्कृति में पापड़ बनाने की कला महिलाओं में प्राचीन काल से ही शामिल है। आप चाहे तो पापड़ बना कर उसे मार्केट एरिया में सप्लाई कर सकती हैं। पापड़ मुख्य रूप से चावल, बेसन, साबूदाने ,उड़द दाल का बनाया जाता है जिससे खाने में स्वाद भी आ जाता है। आप चाहे तो घर में पापड़ बनाना भी सीखा सकती हैं और उससे अच्छा खासा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
घर में किसी भी तरह के समारोह के होने पर तरह तरह के नमकीन भी बनाए जाते हैं। नमकीन को अपने स्वाद के अनुसार खाया और बनाया जा सकता है। अगर आप चाहे तो इस हुनर को आप व्यवसाय के रूप में भी अपना कर फायदा ले सकती हैं। घर में ही बनाए गए नमकीन के छोटे छोटे पैकेट को आप आसपास के इलाकों में बांट कर खुद का प्रचार भी कर सकती हैं। यह व्यवसाय भी बहुत लाभदायक है इसे शुरू कर आप अच्छे खासे पैसे महीने के कमा सकते हो
जैम या जेली बच्चों को लिए बहुत ही पसंद आता है जिससे वे अपने स्कूल टिफिन में भी ले जा सकते हैं। ऐसे में अगर आप जैम या जेली का बिजनेस शुरू करती हैं, तो निश्चित रूप से आपको फायदा ही दिलाएगा। आप जैम, जेली घर में ही बना कर इसे बेचने का काम कर सकती हैं या फिर इसे अलग-अलग जगह सप्लाई करके भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
आजकल किसी भी खास मौके पर केक काटना महत्वपूर्ण समझा जाता है चाहे वह बर्थडे हो या एनिवर्सरी या कोई और खास मौका। आप चाहे तो केक बनाकर बेचने का काम शुरू कर सकती हैं या फिर अपने घर में आसपास की महिलाओं को केक बनाना सिखा भी सकती हैं। ऐसा देखा जाता है कि घर के बने हुए केक की डिमांड दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इसे आप सोशल मीडिया के माध्यम से भी अपने व्यवसाय का प्रचार कर सकती हैं जिससे आपको फायदा ही मिलेगा।
प्राय सभी घरेलू महिलाओं को डांस करने का बहुत ही शौक होता है। जब भी मौका मिले तो डांस के माध्यम से अपनी मनोभाव को प्रदर्शित किया जा सकता है। अगर आपने किसी प्रकार के डांस में महारत हासिल की है तब तो यह और भी सोने पर सुहागा हो जाएगा। अपने डांसिंग क्लास की शुरुआत आप अपने घर से ही कर सकती हैं। शुरुआत में आसपास के बच्चों के साथ अपनी क्लास शुरु कर सकती है और खुद में नई ऊर्जा के प्रवाह को देखा जा सकता है। साथ ही साथ आप अच्छी कमाई भी कर सकती हैं।
डांसिग क्लास का व्यवसाय के बारे में जानकारी के लिए यहाँ पढ़े
अगर महिलाएं घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं, तो ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय के माध्यम से भी खुद को स्थापित किया जा सकता है। इसके लिए आपको सर्वप्रथम 6 महीने का ब्यूटी पार्लर का कोर्स करना होगा जिसमें आपको ब्यूटी प्रोडक्ट से संबंधित जानकारी भी दी जाती है। आप ब्यूटी पार्लर का काम घर के छोटे से कमरे से ही शुरु कर सकते हैं।
यह काम करने के बाद आपको फायदा ही होगा जिसके लागत ज्यादा नहीं होती है। ब्यूटी पार्लर में महिलाएं थ्रेडिंग, वेक्सिंग, हेयरकट, मैनीक्योर, पेडीक्योर, फेशियल, मसाज करवाती है। अगर आप ब्यूटी पार्लर का काम शुरू करती है, तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि आप को इससे फायदा ही होने वाला है। धीरे-धीरे इस काम में आपको स्थिरता प्राप्त होगी जो आपके भविष्य को सुरक्षित करेगी।
ब्यूटी पार्लर कैसे खोले यहाँ से पढ़े
महिलाओं में अपनी पसंद के कपड़े पहनने का जबरदस्त क्रेज होता है कभी-कभी तो अपनी पसंद के कपड़े मार्केट में आसानी से नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में महिलाएं किसी टेलरिंग शॉप की ओर जाती हैं। आप अगर टेलरिंग का डिप्लोमा कर लेती हैं, तो इससे आपको बहुत ही फायदा पहुंचने वाला है।
घर पर ही लोगों के पसंद के अनुसार डिजाइनर वेयर या डेली वियर के कपड़े सील कर आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकती हैं। इस दौरान आप सूट, ब्लाउज, प्लाजो, कुर्ती, पटियाला, चूड़ीदार सील कर खुद में आत्मविश्वास को भी बढ़ा सकती हैं। इसके माध्यम से आप अपने घर खर्च में भी योगदान दे सकती हैं।
टेलरिंग व्यवसाय के बारे में जानकारी के लिए यहाँ पढ़े
महिलाओं को अपने परिवार के लिए उनका मनपसंद खाना बनाना बहुत ही पसंद आता है। ऐसे में अगर आप अपने ही घर में कुकिंग क्लास ले तो इससे आपकी कला में निखार आ जाएगा। कुकिंग क्लास में अलग-अलग प्रकार के व्यंजन, आचार, बढ़िया बनाना सिखा सकती है और आपको कहीं बाहर जाने की जरूरत भी नहीं होगी।
परिवार के साथ रहते हुए भी आप इस व्यवसाय में अपना 100% दे सकती हैं और इसके लिए किसी विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता भी नहीं होती है। इससे भी महीने में अच्छी खासी कमाई कर सकती हैं और साथ-साथ अपने शौक को भी पूरा किया जा सकता है।
आजकल लोगों के बीच यूट्यूब अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल कर रहा है, जहां महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। अगर आप किसी प्रकार का खास हुनर रखते हैं जिसके माध्यम से लोगों को आप खुद की ओर आकर्षित कर सकते हैं तो आप युटुब चैनल बनाकर उसमें वीडियो अपलोड कर सकते हैं। जैसे जैसे आपके वीडियो के व्यूज बढ़ेंगे वैसे वैसे आपको उनके पैसे मिलते जाएंगे लेकिन इस काम के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा।
हमने देखा है कि ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं ऐसे में आप घर बैठे ही कंप्यूटर या लैपटॉप के माध्यम से डाटा एंट्री का काम कर सकती हैं। इसके लिए आप विभिन्न जॉब पोर्टल के माध्यम से भी काम की खोज कर सकती हैं और आत्मनिर्भर हो सकती हैं।
ऐसा देखा जाता है कि स्कूल और कॉलेज के बच्चे अपने घर को छोड़कर पढ़ाई के लिए दूसरे शहर में आते हैं। कभी-कभी तो युवा पीढ़ी नौकरी के सिलसिले में भी दूसरे शहर आती है। ऐसे में उन्हें खाने में दिक्कत होने लगती है। अगर इस बात का फायदा उठा कर आप टिफिन सर्विस सेवा शुरू करें और उन विद्यार्थियों की मदद करें तो यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। यह सेवा आप अपने घर से ही शुरु कर सकती हैं और इससे अच्छा खासा पैसा भी कमाया जा सकता है।
टिफिन सर्विस बिज़नेस के बारे में जानकारी के लिए यहाँ पढ़े
महिलाएं घर का काम जल्दी पूरा करने के बाद इस सोच में पड़ जाती हैं कि अब वह खाली समय में क्या करें? ऐसे में अगर महिलाएं घर में ही या घर के आसपास में किराना जनरल स्टोर शुरू करें तो इससे भी अच्छी खासी कमाई हो सकती है। आप अपने स्टोर में महिला एवं बच्चों से संबंधित सामग्रियां रखकर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकती हैं। जैसे जैसे लोगों को आपके स्टोर के बारे में पता चलेगा वैसे वैसे आपको फायदा होने लगेगा और अच्छी आमदनी होने लगेगी।
किराना स्टोर के बारे में जानकारी के लिए यहाँ पढ़े
ऐसा माना जाता है कि एक लेखक सही तरीके से किसी बात को अभिव्यक्त कर सकता है। अगर आप अपने रोजमर्रा के कामों से बोर हो चुकी हैं तो ब्लॉक राइटिंग कर आसानी से कामयाबी हासिल कर सकती हैं। आजकल ब्लॉग हिंदी में भी लिखा और पढ़ा जाता है, जो लोगों को खासकर पसंद भी आता है। आप अपने मनपसंद विषय जैसे फैशन, लाइफ स्टाइल, कुकिंग, मोटिवेशन, धार्मिक मान्यताओं को लेकर ब्लॉग लिखकर अच्छा पैसा भी कमा सकती हैं। ब्लॉग राइटिंग के लिए आपको थोड़ा समय देने की जरूरत होगी जिससे आप खुद की राइटिंग स्किल्स में निखार ला सकें।
आज के दौड़ भाग वाले जीवन में लोगों को फिट रहना पसंद है। ऐसे में यदि आपको योगा के बारे में उचित जानकारी हो तो आप घर से ही योगा सर्विस सेंटर की शुरुआत कर सकती हैं। जिससे बच्चों, बड़े, बुजुर्गों को भी शामिल किया जा सकता है। इसके लिए पहले आप फ्री डेमो करें उसके बाद लोग खुद ही आपके पास आने लगेंगे। इसके माध्यम से प्रति व्यक्ति ₹1000 प्रति महीने शुरुआत में प्राप्त किया जा सकता है।
अगर आपको आर्ट एंड क्राफ्ट जैसे पेंटिंग, ड्राइंग की जानकारी और शौक है तो आप बच्चों को अलग-अलग बैच में इसे सिखा सकती हैं और अपने ज्ञान को बढ़ा भी सकती हैं। बच्चों को आर्ट क्राफ्ट का बहुत ही ज्यादा शौक रहता है तो आप आसपास के बच्चों के माध्यम से ही अपने आर्ट क्राफ्ट की शुरुआत कर सकती हैं।
भारतीय संस्कृति में मेहंदी का महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। चाहे शादी ब्याह हो या कोई त्यौहार मेहंदी लगवाना अनिवार्य होता है। ऐसे में अगर आप घर पर ही रह कर मेहंदी सिखाने का कार्य करें तो निश्चित रूप से आपको उसमें सफलता मिल सकती है। इसके लिए आपको प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा।
ऐसा देखा जाता है कि अरेबिक मेहंदी, दुल्हन मेहंदी, टैटू मेहंदी का चलन जोरों पर रहता है जिनसे आप महीने भर में अच्छी कमाई कर सकती हैं। शुरुआत में आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा लेकिन धीरे-धीरे आप आसानी से इस व्यवसाय को आगे बढ़ा सकती हैं।
यह व्यवसाय भी आपको रोचक अनुभव देगा। घर से आप इन ज्वैलरी डिजाइनिंग करके अलग-अलग दुकानों में सप्लाई कर सकती हैं। जिसमें आप कुंदन, मोती की ज्वेलरी बना सकती हैं और अगर आप चाहें तो ज्वेलरी डिजाइनिंग को घर में भी सिखाया जा सकता है।
आज के आधुनिक युग से जहां वेस्टर्न संगीत ने अपनी खास जगह बना ली हो ऐसे में आप भारतीय संगीत को फिर से जिंदा करने के बारे में सोच सकती हैं। अगर आपने कभी भी भारतीय संगीत का ज्ञान प्राप्त किया हो और घर की तमाम जिम्मेदारियों के बीच में आप सब कुछ भूल चुकी हो ऐसे में यह अच्छा मौका होगा जब घर से ही संगीत सिखाया जाए।
भारतीय संगीत सीखने में मेहनत बहुत लगती है ऐसे में आप उन लोगों के बीच ज्ञान का भंडार खोल सकते हैं, जो वाकई में भारतीय संगीत सीखने की चाहत रखते हैं। इसके अलावा यदि आपको किसी वाद्य यंत्र जैसे गिटार, तबला, हारमोनियम आदि का ज्ञान हो, तो आप घर से इसे सिखाने का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं और अच्छी कमाई भी किया जा सकता है।
आजकल ऐसा देखा जाता है कि ज्यादातर माता-पिता कामकाजी होते हैं ऐसे में वे छोटे बच्चों को संभालने में बहुत ही परेशानी महसूस करते हैं। ऐसे में यदि आप अपने घर में ही बेबी डे केयर खोले तो इससे आपको अच्छी आमदनी हो जाएगी और माता-पिता भी निश्चिंत होकर रह सकेंगे। इसके लिए अपने बच्चों के लिए कुछ खिलौने, किताबे, झूले रखने होंगे जिससे आसानी से बच्चों को संभाला जा सके। इसके माध्यम से आप खुद के अंदर एक आत्मविश्वास को बनाए रखने में कामयाब होगी।
हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या हमेशा ही देखी गई है। ऐसे में सरकार द्वारा कोई ना कोई सरकारी नौकरी का विज्ञापन दिया जाता है जिसके लिए युवा वर्ग लालायित रहते है। ऐसे में आप घर से ही सरकारी नौकरी का फॉर्म भरने का काम शुरू कर सकती हैं जिसके लिए आप को कंप्यूटर या लैपटाप तथा प्रिंटर की आवश्यकता होगी।
यह काम बहुत ही आसान है लेकिन आपको एक बार इसकी सही जानकारी जरूर प्राप्त करना होगा। सरकारी नौकरी के फॉर्म भरने के अलावा आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा के फॉर्म भरकर भी अपनी अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। इसके साथ ही साथ आप घर से ही जेराक्स की दुकान भी चला सकती हैं इसके लिए मशीन की आवश्यकता होगी।
आज के दौर में ऑनलाइन कामों में तेजी आ गई है जिसमें से एक काम है ट्रांसलेशन का। जिसे घर बैठे ही आसानी से किया जा सकता है आपको जिस भाषा का ज्ञान हो उस भाषा में ट्रांसलेशन का काम कर सकते हैं। इसके अलावा जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश भाषा का ज्ञान होने पर भी ट्रांसलेशन का काम किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न जॉब पोर्टल में जाकर काम की खोज की जा सकती है। इस कार्य के माध्यम से आपको महीने में हजारों रुपए की इनकम हो सकती है।
अगर आपको फैशन की पर्याप्त समझ हो, तो आप घर से ही बुटीक का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं। जहां पर आप अपने ही द्वारा तैयार किए गए ड्रेसेस बुटीक में रख सकती हैं। आजकल बुटीक से शॉपिंग करना स्टैंडर्ड की बात समझी जाती है। ऐसे में यह व्यवसाय चलने की पूरी उम्मीद होती है।
महिलाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती है बस अपनी जिम्मेदारियों के कारण उन प्रतिभाओं को वे छिपा लेती हैं। इस आधुनिक युग में महिलाएं अब घर बैठे ही अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकती हैं।
हमारे इस लेख में आपको हमने ऐसे व्यवसाय के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है, जो आपके लिए बहुत ही कारगर होंगे। इन के माध्यम से महिलाएं खुद में आत्मविश्वास ला कर आत्मनिर्भर बन सकती है साथ ही साथ खुद में नए बदलाव भी ला सकती है, जो भविष्य में होने वाली समस्याओं से लड़ने में भी कारगर होंगी।
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]]>दोस्तों पानी पूरी पुरे भारत की पहचान बन चुकी है। अगर आप कभी भी किसी के साथ बाजार में जाते हैं। तो आपको पानी पूरी वाले खोमचे या दुकाने हर दो किलोमीटर के अंदर देखने को मिल ही जाती है। आज का समय जो डिजिटल समय है आधुनिक समय में भी इस बढ़िया व्यंजन की मांग में कभी कमी नही देखि गयी।
हर कोई इसका दीवाना बना फिरता है। खासकर लड़कियां पानी पूरी को बहुत ज्यादा पसंद करती हैं। इसी वजह से आपको हर बड़े शहर और उसके हर बड़े मॉल में आपको पानी पूरी देखने को मिलेगी। दोस्तों आप भी बहुत कम पैसों में एक बहुत बढिया बिज़नेस शुरू कर सकते हैं ।
जो आप घर बेठे भी आसानी से कर सकते हैं। दोस्तों इस काम को करने के लिए ना तो आपको कोई ऑफिस खोलना पढ़ेगा ना ही आपको employ रखने पड़ेंगे। यह काम ऐसा है कि आप इससे अकेले भी कर सकते हैं। आज हम आपको यही बतायेंगे कि कैसे आप पानी पूरी का काम घर बेठे कम पैसों में कर सकते हैं ।
पानी पूरी का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले पर्याप्त साधनों की जरूरत होती है। पानी पूरी का काम आप हाथों से भी शुरू कर सकते हैं। परन्तु दोस्तों अगर आप इनको हाथों से करेंगे तो आप अधिक से अधिक नहीं बना पयोगे । इसलिए पानी पूरी के लिए सबसे अच्छा उपाय है। कि आप सबसे पहले एक मशीन खरीद लें।
यह मशीन लाखों की नहीं आएगी दोस्तों इसलिए आप इसको लेके परेशान मत हो। यह मशीन आपको 30 हजार से 40 हजार की कम किमित पे मिल जाएगी। यह आज के आधुनिक समय में आप को online में बहुत सारी वेबसाइट पे मिल जाएगी ।जो आपको डिस्काउंट पे भी मिल सकती है।
दोस्तों जब आप यह ले लेंगे तो उसके बाद आपको सिर्फ एक छोटा सा कमरा चहिये होगा। मतलब आपको एक दूकान चहिये होगी। जहाँ पे आप अपना बिज़नेस शुरू करेंगे। यह कुछ उपयुक्त साधन थे। जो आप इनको खरीद के अपने काम की शुरुआत कर सकते हैं ।
दोस्तों अब हम आपको पानी पूरी बनाने का तरीका बतायेंगे। जो आपके लिए बहुत ही आसान होगा अगर आप उसको अपनाएंगे तो आप पानी पूरी बनाना भी अच्छे से सिख जायेंगे ।
सबसे पहले आप एक मिक्सी ले और अपनी अवशता अनुसार मैदा या आटा लें। उसको सूजी के साथ मिला के मिक्सी में डालें । उसके बाद मशीन on करके इसमें थोडा थोडा पानी भी डालते रहें। पानी बिलकुल साफ़ होना चहिये। इस बात का ध्यान आप अच्छे से रखें।
इसके बाद आप थोडा थोडा करके डाला गया आटा गूंथना शुरू हो जायेगा। आप ये ध्यान रखें की आटा बिलकुल सख्त ही गूंथना होगा जिससे आपको आसानी होगी ।
इसके बाद आप ने जो आटा गुंथा है। उसको पानी पूरी बनाने वाली मशीन में डालें। इससे जब आप डालेंगे तो पूरी बनानी शुरू हो जाएगी। इस मशीन का ये फायदा है कि जब आप पूरी बनाओगे तो ये बिलकुल गोल गोल बनेगी।
फिर जब पूरी बनके बहार आएँगी तो आप इनको तलने के लिए कडाई में डालें। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि कहीं पूरी ना टूट जाएँ । क्यूंकि ये बहुत ही कड़ी और कड़क दार होती है। इसके बाद जब आप इनको तल लेंगे तो ये पुरियां बन जाएँगी ।
इस तरह आप यह बिज़नेस शुर कर सकते हैं। अगर आप इस आसान प्रक्रिया को अपनाते हैं। तो आप जल्द से जल्द बहुत सारी पुरियां बना सकते हैं। आपको बतादूँ कि एक किलो सूजी में 100 या 120 पूरी बन जाती हैं। तो आप अपनी आवस्यकता अनुसार बना सकते हैं। आप मशीन की मदद से एक घंटे में लगभग 4 से 5 हजार पूरी बना सकतें हैं।
गोलगप्पा (पानी पूरी ) का काम शुरू कर लिया। पानी पूरी बनानी भी अच्छे तरीके से आ गयी और अपने सब कुछ करलिया। जब आप दुकान को खोल लेते हैं ।
तब आप सोचते हैं कि मैंने ये काम किया है तो मुझे मुनाफा भी हो जिससे में भी कुछ कमा पाऊ। दोस्तों इस काम को करके आप जब एक घंटे में 4 हजार पूरी बना लेंगे इन 4 हजार पूरी में आप कम से काम 800 से 900 रूपए कमा सकते हैं।
इस तरह आप कम मेहनत करके अधिक मुनाफा कमा लेंगे। आपको बतादूँ कि आप 8 घंटे काम करके 6 से 8 हजार तक कमा सकते है। वो भी हर रोज इसलिए आप को मेहनत भी करनी है और कमाना भी खूब है।
दोस्तों सबसे जरुरी बात तब आती है। जब आप सब कुछ कर लेते हैं। कमाई भी खूब कर लेते हैं। परन्तु फिर सोचते है कि इस काम को आगे कैसे बढ़ाएं। आपको बतादूँ आप बजार में खुद भी जाके कोई दुकान लगा सकते हैं। अगर आपको घर बेठे काम नही करना या फिर आप किसी गरीब को रोजगार देके उसकी भी अन्य जगह पे छोटी मोटी स्टाल लगा सकते हैं ।
इससे आप उसको महीने की सेलेरी पे रख के अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। आप को दुकान लगाने के लिए ऐसी जगह देखनी है।
जहाँ लोगों कि भीड़ जयादा हो और लोग अधिक से अधिक खाएं। जैसे कि बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन , स्कूल का टाइम देख के आप इन जगहों पे अपना या जिसको अपने रखा है। उसका दुकान लगा सकते हैं । इससे आपका बिजनेस बढ़ेगा और आप अधिक से अधिक कमा सकते हैं ।
दोस्तों आज मैंने आपको बताया कि आप कैसे गोलगप्पे (पानी पूरी ) की दूकान खोल सकते हैं? इस पोस्ट में मैंने आपको विस्तार से बताया। अगर आप ये तरीके को अपना लेते हैं।
तो आप अच्छा खासा बिजनेस बढ़ा और कमाई कर लेंगे। उम्मीद करता हूँ । आपको मेरी ये पोस्ट बहुत अच्छी लगी होगी। ऐसी ऐसी और पोस्ट पढने के लिए हमे कमेंट करके बताएं ताकि आपके लिए अच्छे से अच्छे आर्टिकल लिख सकें।
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]]>या दूसरे शब्दों में कह लीजिए की प्याज के बिना सब्जी स्वादिष्ट नहीं बनती है| आलू और प्याज की जरुरत हर घर के साथ साथ सभी रेस्टोरेंट और ढाबे वालो को होती है| मौसम कोई सा भी हो इन दोनों चीजों की मांग कभी कम नहीं होती है, इसीलिए अगर आप इसका बिजनेस करते है तो आप काफी कम लागत लगाकर काफी अच्छी रकम मुनाफे के रूप में प्राप्त कर सकते है|
आलू प्याज का होलसेल का बिजनेस करने का सबसे बड़ा फायदा है की आपको शुरुआत में थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है, उसके बाद छोटे व्यापारी और सब्जी का ठेला लगाने वाले, ढाबे वाले इत्यादि लोग आपके गोदाम से ही माल ले जाते है आपको कही जाने की जरुरत नहीं होती है| आलू और प्याज ऐसी चीजे है जो जल्दी से खराब नहीं होती है, इसीलिए इनका बिज़नेस करना बेहतर होता है|
इस बिजनेस को करने के लिए आपको सबसे पहले एक गोदाम या शॉप की जरुरत होती है, जिसमे आप आलू प्याज को बड़ी मात्रा में रख सकते हो, गोदाम या शॉप आपको काफी सोच समझ कर लेनी चाहिए, अगर आपने शॉप कही ऐसी जगह ले ली जहाँ पर आने जाने की समस्या हो तो ग्राहक आपके पास आते हुए संकोच कर सकता है| इसीलिए दुकान बाजार में और ऐसी जगह लें जहाँ पर आसानी से सामान का आना जाना हो सकें|
आप सभी जानते है मंडी में आलू प्याज बेचने वाले और मुहल्लों में सब्जी की दुकान लगाने वाले ऐसे सभी छोटे व्यापारी आलू प्याज होलसेल की दुकान से ही लेते है| अगर आप अपने बिजनेस को जल्दी से बढ़ाना चाहते है तो आप अपने आस पास के रेस्टोरेंट और ढाबे वालो से बात करके उन्हें भी सामान दे सकते है, अगर आपकी बात बन जाती है तो रेस्टोरेंट और ढाबे वाले आपसे काफी बड़ी मात्रा में सामान लेंगे जिससे आपका मुनाफा भी काफी बड़ जाएगा| किसी भी चीज का बिज़नेस चलने के लिए आपका व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसीलिए सभी के साथ अपना व्यवहार बेहतरीन रखें|
जब आप बिजनेस करते है तो आपके दोस्त रिश्तेदार और आने लोगो को इसके बारे में पता चलता है, कई बार ऐसा भी होता है की जब उनके घर में शादी जैसा कोई फंक्शन होता है तो वो भी आपकी दुकान से सामान ले सकते है, क्योंकि शादी में आलू प्याज की जरूरत काफी बड़ी मात्रा में होती है, जिसके लिए वो ऐसी जगह ढूंढते है जहाँ से उन्हें कुछ सस्ता मिल जाएं, चूँकि आप होलसेल का बिजनेस करते हो तो आप उन्हें बाजार से सस्ता ही आलू प्याज दोगे|
आलू प्याज का बिजनेस करने के लिए आपको काफी बड़ी लागत लगाने की जरुरत नहीं है, आप इसे कम रकम से भी शुरू कर सकते है| छोटे दुकानदार जो मोहल्ले में सब्जी बेचते है वो आपके पास जरूर आएँगे इसका सबसे बड़ा कारण है हर जगह मंडी में सुबह आढ़ती आते है सामान बेचते है और चले जाते है, अगर किसी भी छोटे दुकानदार को दिन या रात में आलू प्याज की जरुरत हो तो वो कहा से खरीदेगा, जी हाँ वो आपके पास आएगा|
आलू प्याज का होलसेल का बिजनेस करने के लिए आप अपने आस पास के ऐसे किसानो से मिलकर उनसे उनके यहाँ उगने वाले आलू प्याज आपको देने के लिए बोल सकते है, या फिर उनके पास जितनी भी मात्रा में आलू प्याज हो उन से खरीद सकते है, ऐसा करने से आपको आलू प्याज काफी कम दाम में मिल जाते है और किसान को भी फायदा है की उसे आलू प्याज को बेचने कही जाना नहीं पड़ता है|
बहुत सारे ऐसे होलसेल व्यापारी होते है जो किसानों से एक साल या इससे ज्यादा सालो का कॉन्ट्रैक्ट कर लेते है, इस कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से किसान को आलू प्याज उसी व्यापारी को देता है, व्यापारी सारा सामान ले जाता है और कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से जितनी धनराशि उनके बीच में तय होती है वो किसानो को दे देते है| अलग अलग व्यापारी अलग हिसाब से किसानो के साथ कॉन्ट्रैक्ट करते है,
ऐसा करने से किसान और व्यापारी दोनों को काफी फायदा रहता है, कुछ केवल आलू प्याज खरीदने का कॉन्ट्रैक्ट करते है, कुछ आलू प्याज को उगने में लगनी वाली लागत को आधी आधी करते है, इसी तरह से जो भी समझौता किसान और व्यापारी को बेहतर लगता है वो समझौता कर लिया जाता है|
जब भी कोई इंसान आलू-प्याज के होलसेल का बिजनेस करने की सोचता है तो सबसे पहले उसके दिमाग में एक सवाल आता है की इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए कितनी लागत की जरुरत होती है|
चलिए हम आपकी इस परेशानी को दूर करते है, किसी भी चीज का होलसेल बिज़नेस करने अर्थ होता है की आपके पास माल की कमी ना हो| क्योंकि होलसेल का मतलब ही सामान बड़ी तादाद या मात्रा में बिकना होता है| आपको आलू प्याज का होलसेल बिज़नेस करने के लिए 60 हजार से 1 लाख रूपए तक की जरुरत होती है|
आलू प्याज का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको निम्न चीजों की जरुरत होती है –
1 – गोदाम या दुकान – इस बिजनेस को करने के लिए सबसे पहले आपके पास एक गोदाम होना चाहिए, अगर आपका अपना गोदाम है तो ये आपके बिज़नेस के लिए बहुत फायदेमंद होता है अन्यथा आपको गोदाम किराए पर लेना पड़ता है अगर आप गोदाम या दुकान किराए पर लेते है, तो दुकान बाजार में लेने की कोशिश करें|
2 – एक हेल्पर – हेल्पर इसीलिए जरुरी होता है क्योंकि सामान को उतारने और चढ़ाने के लिए आपको एक इंसान की जरुरत होती है|
3 – कुछ महिलाएँ – आलू और प्याज की सफाई करने के लिए आपको कुछ महिलाओ की भी जरुरत पड़ती है|
4 – वजन तोलने वाली इलेक्ट्रॉनिक मशीन
5 – कुछ जूट की बोरी
6 – प्लास्टिक के कट्टे
किसी भी बिजनेस का मुनाफा माल बिकने पर निर्भर करता है, जितना ज्यादा माल बिकेगा मुनाफा भी उतना ही बढ़ेगा| लेकिन अगर आप थोड़ी सी भी मेहनत कर लें तो आसानी से 50 हजार रूपए महीना कमा सकते है| अगर आप शुरुआत में खूब मेहनत करते है और आपका व्यहवार अच्छा है तो आप आसानी से लगभग 1 लाख रूपए महीना कमा सकते है|
मुनाफा अधिक कमाने के लिए आपको बाजार पर भी अपनी पेनी नजर रखनी पड़ती है, नजर रखने का मुख्य कारण यह भी है की मान लीजिए आज आपने आलू और प्याज थोड़ा सा महंगा खरीद लिया और अगले दिन दोनों चीजों पर दाम बहुत ज्यादा गिर गए तो आप क्या करोगे|
ऐसी परिस्थिति में या तो आप माल को कम दाम पर बेच दोगे या माल को कुछ समय के लिए गोदाम में रखा रहने दोगे अगर आप माल बेचते हो तो आपको काफी नुक्सान उठाना पड़ेगा| दूसरी तरफ अगर आप आलू प्याज कम दामों पर खरीदते हो और अगले भाव बढ़ जाए तो आपको कितना मुनाफा होगा आप समझ ही सकते हो, इसीलिए बेहतर मुनाफा कमाने के लिए आपको बाजार पर नजर रखना जरुरी है|
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]]>आज हम बात करेंगे ऐसे बिजनेस आइडिया कि जो गर्मियों के दिनों में आपकी टेंशन को दूर करके आपके दिमाग और जेब को ठंडक पहुंचायेगे यानि आप इन बिजनेस को शुरु करके गर्मियों में मालामाल हो सकते हैं। ये है गर्मियों के दिनों में शुरू किये जाने वाले 10 कूल कूल बिजनेस के आइडिया-
इस सीजन में आप ऐसा बिजनेस करने की प्लानिंग कर रहे हैं जो आपको तुरंत ही रिटर्न देने लगे तो आपके लिए रूम का कूलर के बिजनेस की शुरुआत करना फायदे का सौदा रहेगा। आप रूम कूलर बनाने की यूनिट लगाकर बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं। जो आज भी फायदेमंद है और कल भी होगा। इस बिजनेस में संभावनाओं को देखते हुए सरकार की स्कीम में भी आपको लोन मिल जायेगा वो 90 प्रतिशत तक।
पहला स्टेप – सबसे पहले एक पेपर वर्क कर लें। कि आपकी कितनी लागत लगेगी, आपका कितना खर्च आयेगा, सरकार की तरफ से मिलने वाले लोन को कैसे अप्लाई करना है और कितने लोगों की जरूरत होगी। फिर आप यूनिट डालने के लिए जगह का चुनाव कर लें।
दूसरा स्टेप – जिसके बाद एक खाका तैयार कर लें कि आप कितने कूलर को बनायेंगे, उसमें कितना खर्च आ सकता है, कितने लोगों की जरूरत पड़ेगी। फिर आप मुद्रा स्कीम या प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तरह लोन के लिए अप्लाई करें। माना कि आप कैपिटल पर 1.5 लाख और वर्किंग कैपिटल पर 3 लाख रूपये के खर्च का अनुमान लगाते हैं। तब आपके बिजनेस की कॉस्ट 4 लाख 50 हजार रुपये होगी। इसमें आपको 90 फीसदी लोन मुद्रा स्कीम या प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत सर्कार दुवारा मिल जाएगी फिर आप मार्केट से कूलर बनाने के रॉ मैटेरियल की खरीददारी शुरू कर दें।
अनुमानित आय – इस बिजनेस में आप जितनी जल्दी कूलर बनायेगे उतनी ही जल्दी उन्हें मार्केट में निकाल सकते है। जिससे लगे हाथों आपको मुनाफा भी होगी और आगे के रॉ मैटेरियल का इंतजाम भी हो जायेगा। आपको शुरुआती महीनों में 50 हजार से 150,000 के प्रॉफिट की संभावना रहेगी।
आईसक्रीम बड़ों से लेकर बच्चों तक सभी को पसंद होती है, लोग इसे हर मौसम में खाना पसंद करते हैं लेकिन गर्मी में कूल कूल आइसक्रीम मिल जाये तो ग्राहकों का मन एकदम खुश हो जाता है। ऐसे में आइसक्रीम का बिजनेस एक ऐसा बिजनेस है जो कम लागत के साथ शुरु करके लाखों की कमाई देता है। आईसपार्लर में आपको बहुत ज्यादा निवेश की जरुरत भी नहीं होगी और आपका बिजनेस भी बढ़िया चल निकलेगा
पहला स्टेप – आप निर्णय ले कि आपको किसी आईसक्रीम कंपनी की फ्रेंचाइजी लेनी है या फिर इंडिपेंडेंट पार्लर खोलना चाहते हैं। जहां पर आप कस्टमर्स को एक ही जगह पर कई तरह की आईसक्रीम दे सके। जिसके बाद आप एक अच्छी लोकेशन पर शॉप किराये पर लें। एक बढ़िया डीप फ्रीजर लें और फिर अपने अनुसार का इंटीरियर और फर्नीचर तैयार करवा लें।
दूसरा स्टेप – शहर के आइसक्रीम डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क करके अलग-अलग ब्रांड की आईसक्रीम अपने पार्लर में रख लें। आपको आईसक्रीम में 10-15 फीसदी का मार्जिन कंपनी देती हैं।
लागत और अनुमानित आय- आपको डीप फ्रिजर 15-20 हजार की रेंज में मिल जायेगा। आप चाहे तो सेकेंड हैंड भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आपको अपने पास शुरुआत में अलग अलग ब्रांड की 25 से 35 हजार तक की आईसक्रीम रखनी होगी। बाकी इंटीरियर और फर्नीचर और किराया मिलाकर आप 70 हजार से 1 लाख के अंदर ही एक अच्छा आईसक्रीम पार्लर खोल सकते हैं।
आइसक्रीम का बिजनेस की अधिक जानकारी के लिए यहाँ से पढ़े
गर्मियों के दिनों में मटके और नांद की खासी डिमांड रहती है और अब तो लोगों की डिमांड पर मिट्टी की बोतले बाजार में आ चुकी हैं। मिट्टी के बर्तन ना सिर्फ दिखने में अच्छे होते हैं बल्कि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि मिट्टी के घड़े में स्टोर किए गए पानी को पीने के लिए इस्तेमाल किया जाए तो वह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आईए अब बताते है कैसे शुरु करें इसका बिजनेस-
पहला स्टेप – मिट्टी के बर्तन को बनाने के लिए एक कुम्हार रख सकते हैं। जो गिली मिट्टी को वसुरी के उपयोग से काटकर घड़े या अन्य बर्तन बनाने का संपूर्ण कार्य चाक पर करता है। चाक पर मिट्टी के बर्तनों को मनचाहा आकार दिया जाता है और फिर उस पर मनपंसद आकृति का निर्माण किया जाता है। जिसके बाद बर्तनों को पकाने और उसकी रंगाई का कार्य कुम्हार करता और बर्तन बाजार में आने को तैयार होते हैं।
दूसरा स्टेप – आजकल मिट्टी बर्तन छोटे छोटे गरीब से लेकर बड़े बड़े अमीरों के घरों में पाये जाते हैं। जिस कारण इनकी डिमांड भी मार्केट में बढ़ गयी है। आप या तो बाजार में एंटिक और बड़ी बड़ी शॉप में इसकी सप्लाई कर सकते हैं। या फिर खुद की एक छोटी सी शॉप लगाकर इन्हें बेच सकते हैं।
इंनवेस्टमेंट और अर्निंग – मिट्टी के बर्तन या घड़े के व्यवसाय के लिए आपको बहुत ज्यादा लागत की जरुरत नहीं पड़ती है। शुरुआत में आप सिर्फ 5 हजार से लेकर 15 हजार तक में इसकी शुरुआत कर सकते हैं। आपको शुरुआत में सिर्फ एक कारीगर या कुम्हार की जरूरत होगी। गर्मी के सीजन में बड़े व्यवसायियों को 3-5 लाख का मुनाफ होता है और वहीं छोटे करोबारी जो खुद मटके बनाकर बेचते हैं उन्हें सीजन में 1 से डेढ़ लाख की कमाई हो सकती है।
जूस वैसे तो साल भर लोग पीते हैं लेकिन कुछ जूस ऐसे होते हैं जिनकी डिमांड गर्मियों में ज्यादा रहती है। इसमें शुगर केन यानि गन्ने का रस मुख्य रूप से शामिल है। बीमारी से लेकर मन को तरोताजा करने के लिए लोग जूस की तरफ रूख करते है। अगर आप फ्रूट जूस बिजनेस की प्लानिंग कर रहे हैं तो इस प्रकार से बिजनेस की शुरुआत करें-
पहला स्टेप – सबसे पहले आपको अच्छे एरिया में एक छोटी सी दुकान खोजें और फ्रूट जूस मशीन मशीन खरीदनी होगी। जिसके लिए मार्केट में जूस मिक्सर और शुगरकेन जूस मशीन आसानी से उपलब्ध हो जायेगी। आपको डिसपोज्ल और कांच के ग्लास मार्केट से खरीद लें। रॉ मैटेरियल में आपको फ्रूट, शुगर आदि की जरूरत ही पड़ेगी।
दूसरा स्टेप – अगर आप खुद जूस बनाकर सप्लाई करना चाहते हैं तो कारीगर का खर्च बचेगा या फिर एक कारीगर जूस निकालने के लिए रख सकते हैं और काम की शुरुआत कर सकते हैं।
लागत और अनुमानित आय – लागत के लिए मशीनों पर आपका खर्च 25 से 30 हजार रूपये का आयेगा। अगर आप एक ग्लास जूस 20 रूपये का बेचते हैं और उसकी लागत 11-12 रुपये आती है तो 8-9 रुपये आप कमाते हैं। ऐसे में आप हर महीनें 15 हजार रुपये से 30 हजार रुपये तक पैसे कमा सकते हैं।
फ्रूट जूस का बिजनेस की अधिक जानकारी के लिए यहाँ से पढ़े
वॉटर टूरिज्म का बिजनेस गर्मियों में कमाई के लिए एक अच्छा जरिया है। अगर आप किसी झील, नदी, समुद्र के आसपास के निवासी है तो वॉटर टूरिज्म के बिजनेस की शुरुआत करना इस मौसम में बहुत अच्छा होगा साथ इसके बढ़ावे के लिए राज्य सरकारें मदद भी दे रही हैं। आईये जानते हैं कैसे शुरू करें वॉटर टूरिज्म का बिजनेस-
पहला स्टेप – आप हाउस बोट, क्रूज, मोटर बोट और वॉटर स्पोर्ट्स की सेवाएं देने के बारें में एक खाका तैयार कर लें। फिर सबसे पहले उसके लिए लाइसेंस अप्लाई करें। जैसे हाउस बोट, क्रूज, पैरासेलिंगें बोट्स के लिए लाइसेंस फीस 50 हजार और स्मॉल बोट के लिए 10 हजार होती है और टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड पर ऑन या ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाएं।
दूसरा स्टेप – आपको लाइसेंस मिलने के पहले टूरिस्ट के लिए थर्ड पार्टी इन्श्योरेंस करना अनिवार्य है। टिकट की दरें तय करने के लिए निजी संचालक स्वतंत्र होंगे।
लागत और अनुमानित आय – शुरूआत छोटे से करें इसके लिए अगर आप एक मोटर बाइक और 6 सीटर स्पीड बोट लेंगे तो इसकी कुल लागत 5-6 लाख के आसपास आयेगी। ऐसे में आप हर महीने या विशेषकर गर्मियों के सीजन में 20 हजार से लेकर 40-45 हजार रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।
वैसे तो जल ही जीवन होता है लेकिन पानी की असली कीमत तो गर्मियों में पता चलती है। जब एक एक बूंद भी काफी होती है। ऐसे में गर्मियों के दिनों में पानी का एटीएम लगाकर कमाई का अच्छा जरिया खोज सकते है। स्वच्छ पानी के लिए छोटे बड़े शहरों में पानी के एटीएम की मांग बढ़ गयी है। साथ ही इसका कॉम्पटिशन ना के बराबर है।
पहला स्टेप – आपको इसके लिए वॉटर एटीएम मशीन लेनी होगी जोकि विभिन्न साइज में उपलब्ध होती है। आपको वॉटर एटीएम लगाने के लिए 200 वर्गफुट की जरूरत होती है। इसके अलावा उस स्थान पर कॉर्मशियल इलेक्ट्रिक कनेक्शन होना जरूरी है। आप प्राइम लोकेशन जैसे बस अड्डे, स्टेशन, स्कूल, शॉपिंग मॉल, हाईवे आदि पर लगा सकते हैं।
दूसरा स्टेप – वॉटर एटीएम में क्वांइन ऑपरेटिंग सिस्टम लगा होने की वजह से लोग सिक्का डालकर इससे अपनी जरूरत के हिसाब से आधा लीटर, 1 लीटर, 2 लीटर पानी निकालने की सुविधा होती है।
लागत और अनुमानित आय – वॉटर एटीएम मशीन की कीमत 25 हजार से 5 लाख तक होती है। आप शुरूआत मं कम पैसे वाला एटीएम खरीद कर हर महीने 20-30 हजार रूपये कमा सकते हैं।
मिनरल वाटर का बिजनेस की पूरी जानकारी के लिए यहाँ से पढ़े
सॉफ्ट ड्रिंक की मशीन लगा कर आप कम लागत में, कम जगह पर रखकर शुरु कर सकते हैं। बड़ी बड़ी कंपनियों की सॉफ्टड्रिंक की कीमत दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। ऐसे में आप इस सॉफ्ट ड्रिंक को सस्ते में सेल कर लोगों को आकर्षित कर सकते हैं।
पहला स्टेप – मार्केट में मशीन तीन अलग अलग तरह की उपलब्ध होती है। 6, 8 व 10 सोडा फ्लेवर और 2 जूस फ्लेवर के साथ सबसे पहले इसका चयन आपको करना होगा। मशीन बाजार में 50 हजार से 2 लाख तक की मिल जायेगी। फिर आपको रॉ मैटेरियल में पानी का केन, शुगर, छोटा गैस सिलेंडर, पेपर कप आदि को खरीदना होगा।
दूसरा स्टेप – इसके लिए आपको बहुत छोटी सी जगह की जरूरत होगी। 10 *10 की जगह में आपकी बड़ी मशीन आ जायेगी।
लागत और अनुमानित आय- आपके 5 रुपये ग्लास की लागत करीब 2.5 रूपये होगी यानि आपका प्रॉफिट सीधे 50 प्रतिशत रहेगा। आप हर रोज 300 ग्लास के हिसाब से 1500 रुपये कमा सकते हैं जिसमें 750 रुपये आपके होंगे और महीने में मौटे तौर पर 22500 कमा सकते हैं।
गर्मी के मौसम में कूलिंग इफेक्ट वाली लस्सी मिल जाये तो क्या बात होती है और अगर नमकीन छाछ वो भी एकदम ठंडी ठंडी मिले तो मजा ही आ जाता है। इनको पीने के जितने फायदें है उतने ही इसके बिजनेस से कमाई के लाभ भी हैं।
पहला स्टेप – आप किसी गांव से या दूध डेयरी से दूध के बारें में संपर्क कर लें। लस्सी बनाने के लिए कुछ लोग पारंपरिक साधन तो कुछ मशीन का प्रयोग करते हैं जो बाजार में 5 से 10 हजार रूपये में मिल जाती है। बाकी रॉ मैटेरियल के लिए आपके बड़े बड़े जार, डिस्पोजल ग्लास, चीनी, नमक, बर्फ की जरुरत पड़ेगी।
दूसरा स्टेप – आप अच्छी जगह दुकान या रेहड़ी लगा सकते हैं या फिर swiggy, zomato से जुड़ कर ऑनलाइन बिक्री भी कर सकते हैं।
लागत और अनुमानित आय – यह कम लागत का व्यवसाय है। जिसके लिए आपको शुरुआत में 10 से 20 हजार की लागत लगानी होगी और महीने में आप 20-25 हजार तक कमा सकते हैं।
गर्मियों में लोग धूप से बचने के लिए कैप लगाते हैं। गर्मियों के दिनों में कैप और चश्मों की मांग बहुत बढ़ जाता है। अगर आप कैप और चश्में का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो गर्मियों में बहुत अच्छा रहेगा।
पहला स्टेप – आप बाजार से थोक में अलग अलग वैरायटियों के चश्में थोक बाजार से खरीद लें और टोपी के लिए या तो आप रॉ मैटेरियल लेकर कारीगर से बनवा सकते हैं। या फिर बाजार से डिजाइनर कैप थोक में उठा सकते हैं।
दूसरा स्टेप – अब आपको इसे बेचने के लिए बहुत बड़ी शॉप की जरूरत नहीं है और ना ही ढ़ेर सारे फर्नीचर की बस एक छोटी सी शॉप में चश्मों और कैप को इस तरह टांगे की दूर से ग्राहक आपकी तरह खीचे चले आये और रेट अपने प्रॉफिट के अनुसार तय कर लें।
लागत और अनुमानित आय – आपको कैप और चश्में के बिजनेस के लिए शुरुआती तौर पर 15 हजार से 20 हजार की लागत लगानी होगी। जिसके बाद आप हर महीने 10 हजार से लेकर 18 रुपये कमा सकते हैं।
बर्फ या आइस की जरूरत गर्मी में बहुत होती है फ्रूट जूस वालों से लेकर आइसक्रीम बनाने तक की बर्फ की जरूरत होती है। आइस सेलिंग बिजनेस कम लागत में शुरू किया जाने वाला अच्छा व्यापार है-
पहला स्टेप – आप किसी फैक्ट्री से कॉन्टैक्ट करें जो आपको आइस दे और आप उसे सेल करने के लिए जूस वालो, आइसक्रीम और दुकानदारों से टाइ अप कर लें और फैक्ट्री से लेकर उन्हें सप्लाई करें।
दूसरा स्टेप – आपको इसके लिए एक वाहन की जरूरत होगी जिस पर रखकर आप सप्लाई करेंगे। बाकी तो आप फैक्ट्री से कम कीमत पर लेकर 400-500 रुपये टुकड़े की लादी के अनुसार बेच सकते हैं।
लागत और अनुमानित आय- अगर आप 2 से चार लादी भी रोज बेच दिये तो आपका 1000 से 1500 रोज की कमाई हो सकती है। यानि महीने में कम से कम 20 हजार से 30 हजार बन सकते हैं।
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]]>DJ बिजनेस की शुरुआत करने से पहले अगर आपने उसके बारें में कागजी तौर पर प्लानिंग-प्लाटिंग नहीं की है या फिर उसका अनुभव नहीं लिया है तो आपका लिए वह नुकसानदेह साबित हो सकता है। इसलिए किसी भी बिजनेस को शुरू करने के पहले उसके बारें में एक ढ़ांचा तैयार करना चाहिए और एक एक स्टेप के साथ आगे बढ़ना चाहिए लेकिन जो सबसे पहली चीज DJ बिजनेस स्टार्ट करने की लिए आवश्यक है, वो है आपका इस क्षेत्र में अनुभव, तो चलिए यहीं से करते हैं शुरुआत-
अनुभव लें- अनुभव किसी चीज में इसलिए बहुत जरूरी होता है कि क्योंकि वहइस क्षेत्र में आगे बढ़ने और करियर बनाने के लिए आपका मांइडसेट तैयार करता है।
DJ बिजनेस स्टार्ट करने के लिए सबसे पहले आपको अनुभव लेना होगा। जिसके लिए आपको किसी एक्सपर्ट डीजे के साथ उसके सहायक या असिसटेंट के तौर पर काम करें या फिर किसी छोटी मोटी पार्टी में डीजे का रोल निभाये। इससे आपको इसकी बारीकियों का पता चलेगा और साथ ही होने वाली गलतियों से सबक लेकर उसमें सुधार कर सकते हैं। ताकि जब आप खुद का DJ बिजनेस स्टार्ट करें तो आपको आने वाली परेशानियों का पता रहे।
इसके बाद आते हैं DJ बिजनेस बिजनेस की प्लानिंग पर। बिना प्लानिंग किये किसी भी बिजनेस की शुरुआत ही नहीं कर सकते हैं। आपको अपने बिजनेस की प्लानिंग करते वक्त तीन बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहला बजट, दूसरा टारगेट ऑडियंस और तीसरा मार्केटिंग। सबसे पहला कि आप DJ बिजनेस स्टार्ट करने के लिए कितना पैसा खर्च करना चाहते हैं,
अपने बजट की व्यवस्था कैसे करें। फिर आपकी टारगेट ऑडियंस कौन सी होगी। क्या आप सिर्फ शादी ब्याह या फंक्शन में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं या फिर एक बड़े इवेंट में डीजे पार्टनर बन सकते हैं, शुरुआत में आपको कितने मैनपावर की आवश्यकता होगी। तीसरा नंबर मार्केटिंग जो कि किसी बिजनेस को स्थापित करने में बहुत ही महत्वपूर्ण रोल निभाता है। आप अपने बिजनेस की मार्केटिंग कैसे करेंगे और उस पर कितना पैसा खर्च करेंगे आदि। इन सभी बातों की प्लानिंग कर लें।
DJ बिजनेस स्टार्ट करने के लिए मुख्य रूप से आपको सीडी प्लेयर, लैपटॉप, चैनल मिस्कर, एम्लीफायर, डीजे मिक्सर, डीजे लाइट, साउंड सिस्टम, माइक्रोफोन, DJ turtable, Music Tune, DJ dance floor आदि की जरुरत होती है। इन सारी चीजों को आप किसी अच्छे लोकल मार्केट से तीन चार DJ equipment supplier से इनके रेट लेने चाहिए और फिर अपने बजट व उनकी विशेषताओं को देखते हुए उनका चयन करना चाहिए।
आप शुरुआत में आहूजा के प्रोडक्ट यूज़ कर सकते हैं। इसकी प्राइस कम होती है और साउंड क्वालिटी अच्छी। आजकल ऑनलाइन मार्केट की दुनिया में भी आपको बड़े से बड़े सामान उपलब्ध हो जाते हैं। पर इसकी जगह आपको स्थानीय मार्केट पर ज्यादा डिपेंडेट रहना चाहिए। अगर इस बिजनेस को शुरु करने के बारें में सोच रहे हैं तो आपको 2 से 3 लाख के निवेश के साथ आसानी से शुरु कर सकते हैं।
आप अगर DJ सर्विस बिजनेस की शुरुआत करना चाहते है तो उसका पंजीकरण करवाना होता है। आप अपने DJ बिजनेस को एक बड़े लेवल पर कंपनी के तौर पर इसकी शुरुआत करना चाहते हैं या फिर व्यक्तिगत व्यक्ति के तौर पर इसका संचालन करना चाहते हैं। इसके लिए आपको स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस और परमिशन लेने की आवश्यकता होती है। कई बार ग्राहक आपके रजिस्टर्ड होने की स्थिति पर आप पर भरोसा ज्यादा करते हैं साथ ही आप पक्का बिल अपने ग्राहक को देने के लिए जीएसटी भी करवानी पड़ती है। इसके अलावा आप अपने उपकरणों का बीमा भी करवा सकते है, उपकरणों के खराब, खो जाने या चोरी हो जाने पर रिस्क कवर होता है।
डीजे सर्विस के प्राइस आपको घंटे, समय, दिन, दूरी, इवेंट के अनुसार तय करने चाहिए अर्थात् आप कस्टमर से इन सारी बातों के अकॉर्डिंग DJ सर्विस का रेट तय कर सकते हैं। यानि लोकेशन क्या है (पास है या दूर), इवेंट कैसा है (छोटा या बड़ा), बड़े इवेंट होने पर आपको लोगों की ज्यादा जरूरत पड़ेगी तो सर्विस चार्ज ज्यादा आयेगा। डीजे सर्विस दिन में चाहिए या रात में, कस्टमर को कौन कौन से सिस्टम की आवश्यकता है आदि। इसलिए आपको इन सारी परिस्थितियों के हिसाब से डीजे सर्विस का प्राइस निर्धारित करना चाहिए।
मार्केटिंग किसी भी बिजनेस में सबसे अहम रोल निभाता है। इसका नंबर भले ही सबसे आखिर में आता है लेकिन एक अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेटजी आपके बिजनेस को स्थापित भी कर सकती है और उसे ऊंचाईयों पर पहुंचा सकती है। DJ बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए आप कई तरह की मार्केटिंग स्ट्रैटजी अपना सकते है।
डीजे का प्रमोशन करने के लिए आप एक अच्छा सा नाम दीजिए। ऐसे नाम जो आसानी से लोगों के दिमाग में बैठ जाए और एक शॉप को तैयार कीजिए। जहां छोटा मोटा बोर्ड और सेटअप लगाइये।
आप किसी मार्केटिंग कंपनी के द्वारा उस एरिया में विज्ञापन, इस्तिहार के द्वारा मार्केटिंग सकते हैं। या फिर सोशल मार्केट में अपनी ऑडियंस को टारगेट करके इसका प्रचार प्रसार करवा सकते हैं।
अपने एरिया के इवेंट प्लानर, वेडिंग प्लानर, कैटरिंग बिजनेस वालों के साथ जुड़ करके आप अपने बिजनेस और ग्राहक को बढ़ा सकते हैं।
आप उस एरिया के गेस्ट हाउस, होटल या टेंट हाउस वालों से टाइ अप कर सकते हैं। ताकि अगर उनके फंक्शन या पार्टी का काम आये तो वह डीजे के लिए आपकी डीजे सर्विस का उपयोग करें।
आज किसी के घर में शादी हो या किसी सेमिनार की पार्टी सभी में डीजे का होना तय होता है। डीजे अब घर के छोटे मोटे फंक्शन से लेकर बड़ी बड़ी ऑफिशयल पार्टियों की मांग बन चुका है। पिछले कुछ सालों में कुछ सर्विस ऐसी रही हैं जिनकी मांग पहले से काफी बढी है। डीजे सर्विस भी उसी में से एक है। कुछ सालों पहले तक डीजे सर्विस की मांग कुछ शहरों तक ही सीमित थी।
लेकिन आज गांव से लेकर कस्बों तक लोग डीजे को बुलाना शान समझते हैं। अब पार्टी का मतलब अब डीजे हो चुका है। लोग अपने घर की छोटी मोटी पार्टियों में भी डीजे को बुलाना नहीं भुलते हैं। ऐसे में DJ बिजनेस का क्षेत्र अब बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। ऐसे में यह बिजनेस आज और आने वाले सालों में आपके लिए घाटे का सौदा साबित नहीं होगा।
अब DJ बिजनेस का काम सिर्फ शादी पार्टियों तक ही सीमित नहीं रह गया है। शादी ब्याह के अलावा लोगों की जिंदगी में कई ऐसे मौके आते हैं जब लोग इन मौकों को यादगार बनाने के लिए पार्टी का आयोजन करते हैं और अगर पार्टी है तो डीजे का होना अनिवार्य होगा। आपकी आमदनी इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपना बिजनेस किस लेवल पर शुरु करना चाहते हैं।
परन्तु मोटे तौर पर मान लें तो DJ बिजनेस करने वाले इसके लिए 8000 से 25000 तक का किराया लेते है। यह किराया ग्राहक की सर्विस और जरूरत पर निर्भर करता है। माना कि आप 10000 किराया तय करते हैं और आपको साल के 365 दिनों में 120 दिनों का काम भी मिलता है तो उस हिसाब से साल भर की आपकी कमाई 1200000 (10000*120) निकलती है। इस कमाई में आपको अपने कई खर्चे जैसे मैनपावर लागत, ट्रांसपोर्टेशन कास्ट और अन्य कई तरह के खर्चे शामिल होंगे। जिन्हें घटाकर आप अपनी कमाई यानि लाभ जोड़ सकते हैं।
अगर आप डीजे बिजनेस शुरु करना चाहते हैं आशा है कि हमने इस आर्टिकल में आपके लिए सारी जानकारियां उपलब्ध करवा दी हैं। अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो कमेंट जरूर करें।
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]]>अगर आप भी ऐसा बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं या करने वाले हैं तो ये आप सभी के लिए बेहतर साबित हो सकता हैं जहाँ आप कुछ हजार रुपये पूँजी लगाकर एक अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।
नीचे टोटल 15 स्टेप्स में पेट फूड बिजनेस की शुरुआत से लेकर अन्त तक डिटेल में जानकारी दी गयी है जिसे पढ़कर आप भी ऐसे बिजनेस को खोल सकते है।
यहाँ पेट का मतलब होता है पालतू और फूड का मतलब भोजन। यानी की जिस तरह से आपके और हमारे लिए मार्केट में खाने की चीजें उपलब्ध है उसी प्रकार से मार्केट में गाय,भैस और कुत्ते जैसे जानवरों के खाने वाले समान भी बिकते हैं और ऐसे सामानों का बिजनेस ही होता है पेट फूड बिजनेस।
आज भारत में ज्यादातर गाँव धीरे-धीरे शहर में बदल रहें हैं और बहुत पहले से ही जानवरों को पालने का चलन रहा है। इसकी जागरूकता भी अब बड़े लोगों से लेकर आम लोगों के बीच में पनप रही है साथ ही आस-पास के बाजार में जानवरों के पालन-पोषण से सम्बंधित सारे समान भी आ गए हैं,पेट फूड्स इन्हीं प्रोडक्ट्स(समान) में से एक है। इस तरह इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए ऐसे बिजनेस को शुरू करना अपने आप में एक अच्छी समझ है।
अगर बात करें ये बिजनेस करने की तो इसे कोई भी कर सकता है चाहे आप एक आम आदमी हों,बिजनेसमैन हों,रिटायर्ड ऑफिसर हों या फिर स्टूडेंट हों। ये बिजनेस सभी के लिए एक जैसा ही है। अगर आप भी इनमें से एक हैं या आपको जानवरों से लगाव है और उनकी उनकी केयर करना जानते हैं फिर ऐसा बिजनेस खोलने की सोच रहें हैं तो फिर आप सही दिशा में हैं।
आज के समय में आप अगर कोई भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या फिर शुरू करने की सोच रहे हैं तो आपके सामने मुख्य रूप से दो प्रॉब्लम आती है-
पहली- बिजनेस के बारे में नॉलेज की कमी।
दूसरी- बिजनेस खोलने में पैसों की कमी।
यहाँ इन सवालों के जवाब में आपको ये ध्यान देना है कि कौन-कौन से जानवरों को किस तरह के फूड्स दिए जाते हैं। और रही बात पैसों की तो देखिए हर एक बड़े बिजनेस की शुरुआत छोटे से ही हुई है यहाँ आप 15 से 20 हज़ार रुपये की पूँजी लगाकर बिजनेस खोल सकते हैं।
ऊपर बताई गयीं बातों के बाद अब बारी आती है असली शुरुआत करने की तो अब आपको अपनी दुकान या बिजनेस खोलने के लिए एक अच्छी जगह की जरूरत है आगे हर एक बिजनेसमैन को पता होती है कि वो जगह सबसे बेस्ट है जहाँ लोग आते जाते हैं और जहाँ से आपका दुकान साफ-साफ दिखता है अगर आपकी कहीं कोई ऐसी जगह है तो बढ़िया है पर अगर नहीं है तो आप ऐसी जगह किराये पर भी ले सकते हैं।
अगर आप पेट फूड्स के लिए कोई दुकान खोलने वाले हैं और चाहते हैं कि बाद में आपको कानूनी तौर पर कोई दिक्कत न आये तो आपको अपने दुकान का रजिस्ट्रेशन करवा लेना चाहिए और दुकान की लाइसेंस बनवा लेनी है और अगर बात आती है प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जैसी बड़ी बिजनेस की तो ये चीज़े करनी अनिवार्य हो जहाँ तक संभव हो कस्टमर के बिल काटने के लिए GST नम्बर और अपने बिजनेस में प्रोडक्ट्स के क्वालिटी की गारण्टी के लिए ISO सर्टिफिकेशन इसके साथ ही अपने ब्रांड की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क ज़रूर लें।
आज के समय में न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में इंटरनेट तेजी से फैल रहा है और इसकी सहायता से बिजनेस करने में बहुत सारे फायदे हैं और ये कोई छुपी बात नहीं है। जिस तरह से कहीं किसी जगह आपकी दुकान है उसी तरह से इंटरनेट की दुनिया में ऑनलाइन के रूप में आपकी एक स्टोर होती है जहाँ आप ऑनलाइन मार्केटिंग कर सकते हैं।
चाहे बात ऑफलाइन मार्केटिंग(दुकान) की हो या फिर ऑनलाइन मार्केटिंग की। अपने बिजनेस के लिए ऐसा करने से न केवल आपके स्टोर की बल्कि आपकी भी लोकप्रियता बढ़ती है और इससे लोग आपके और आपके बिजनेस के बारे में जागरूक भी बनते हैं।
अगर आपकी दुकान है तो आप जगह-जगह अपने दुकान में जानवरों के लिए पेट फूड्स के पोस्टर बनवाकर छपवा सकते हैं या अगर ऑनलाइन मार्केटिंग में हैं तो सोशल मीडिया जैसे कि गूगल और फेसबुक पर विज्ञापन लगवा सकते हैं और ये करना आपके बिजनेस में कारगर साबित हो सकता है।
अब मार्केट में जानवरों के लिए बहुत सारे तरह के पेट फूड्स आते हैं लेकिन अभी आपकी शुरुआत है इसलिए आपको केवल उन्हीं प्रोडक्ट्स के बारे में पता करनी है जो जानवरों के लिए फायदेमंद हों और जिनकी आस-पास डिमांड ज्यादा हो।
यहाँ एक बात और जब आपकी शुरुआत है तो आपको पेट फूड्स के लगभग सारे प्रकार के थोड़े-थोड़े और कुछ ग्राम से लेकर 1 से 3 किलो तक के समान खरीद सकते हैं,बाद में जब आपका बिजनेस बढ़ने लगे फिर माँग के अनुसार समान खरीदना अच्छा कदम है।
इसके लिए बहुत सारी कंपनियां हैं जिनमें से आज के समय में Royal Canin जैसी बेसिक कम्पनी की मार्केट में अच्छी पकड़ है और इसके प्रोडक्ट्स आपको जगह-जगह स्टोर पर देखने को मिलेंगे। ऐसी कंपनियों से सामान खरीदने में ये भी फायदा है कि अगर आपका बिजनेस अच्छा चल रहा है फिर भी आपको कोई प्रॉब्लम होती है तो आप इनसे समान खरीदने के 15 से 20 दिन बाद इन्हें पैसा दे सकते हैं।
आम तौर पर आप किसी भी जिले में किसी भी होलसेल से ज़रूरी पेट फूड्स के समान खरीद सकते हैं लेकिन अगर आप कम पैसों में अच्छी क्वालिटी के समान लेना चाहते हैं तो उसी जिले में कंपनियों के डीलर और सबडीलर होते हैं अगर आप अपने बिजनेस के लिए इनसे समान खरीदते हैं तो इससे न केवल आप फायदे में रहेंगे बल्कि अगर आपको उनसे अच्छे समान नहीं मिले हैं तो मनी बैक गारण्टी के साथ आप सामान भी वापस कर सकते हैं।
यहाँ एक बात समझनी है कि आपको जानवरों के केवल फूड से ही सम्बंधित समान ही नहीं रखने हैं बल्कि गाय,भैस और कुत्ते जैसे जानवरों की सेहत को बनाये रखने के लिए भी प्रोडक्ट्स जैसे कि लीवर टॉनिक, मल्टी विटामिन्स, कैल्शियम होने चाहिए और साथ में उनकी रोज के लाइफ में काम आने वाली बेसिक चीजें जैसे कि बालों में लगाने वाले शैम्पू,गले मे पहनाये जाने वाले, हर साइज के अलग-अलग बेल्ट और चैन की भी डिमान्ड रहती है।आपके स्टोर पर अगर कोई भी कस्टमर पेट फूड लेने आता है तो ज़्यादा चांस है कि वो इनमे से कोई समान भी साथ मे ले सकता है। यहाँ आप दो बिजनेस को एक करके आगे बढ़ रहें हैं और इससे आपको डबल फायदा भी हो सकता है।
एक अनुभवी बिजनेसमैन इस बात से अवेयर(जागरूक) रहता है। इसलिए आपसे जितना हो सके अपने कस्टमर का ध्यान रखें यहाँ ध्यान से मतलब है कि कस्टमर की माँग के ही आधार पर अपने स्टोर में वैसे समान रखें और हो सके तो समान के साथ में समानों पर मिलने वाले ऑफर भी उन्हें दें। कोशिश करें कि आपको अपने कस्टमर से कोई भी शिकायत ना मिले। ये बात जान लीजिये की अगर आप अपने कस्टमर को फायदे देंगे तो कस्टमर आपके बिजनेस को फायदा देगा।
अब इतना सबकुछ करने के बाद आप इस पोजीशन पर आ चुके हैं कि आस-पास के गली,मोहल्ले के लोग आपसे भली-भाँति परिचित हो चुके होंगे। आपको अब अपने बिजनेस में सुधार लाने के लिए नए-नए तरीके लाने हैं जैसे कि अपने स्टोर में पेट फूड्स के नए और फायदेमंद प्रोडक्ट्स,जानवरों के दैनिक जीवन में काम आने वाली नई चीजें। इससे आपके बिजनेस में न केवल सुधार होगा बल्कि इसमें एक नयापन भी दिखेगा।
अगर आप ऊपर बताई गई बातों का बखूबी पूरे तरीके से ध्यान रखते हुए जानवरों के लिए पेट फूड्स स्टोर का बिजनेस खोलते है और सही माँग दिशा में लेकर जाते हैं साथ ही साथ कस्टमर को भी फायदे देते हैं तो इससे आप 40 से 50 हज़ार तक हर महीने कमा सकते हैं और अगर अपने बिजनेस को लगातार सुधारते रहते हैं तो और ज़्यादा भी कमा सकते हैं। अब आगे की बात पूरे तरीके से आप पर निर्भर करती हैं कि आप ये बिजनेस कहाँ तक लेकर जा सकते हैं।
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