अस्पताल में मरीजों के 17 अधिकार (Patient ke 17 rights in hospital Hindi me)

दोस्तों! कई बार अस्पताल में ऐसा होता है कि डॉक्टर से ज्यादा सवाल करने में मरीज या उसके परिवार वाले हिचकते हैं। वे यह सोचते हैं कि यदि डॉक्टर से ज्यादा सवाल-जवाब करेंगे तो उनके इलाज में गड़बड़ी हो जाएगी। अब यदि हम भारत की ही बात करें तो भारत में कई लोग अस्पताल में मरीज के अधिकारों के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।

यदि आप जानना चाहते हैं कि अस्पताल में मरीजों को कौन-कौन सा अधिकार दिए जाते हैं तो यूं समझिए कि अब आप की तलाश खत्म हो गई। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि अस्पताल में मरीजों को कौन-कौन से अधिकार मिलते हैं। आप शायद नहीं जानते हैं कि हमारे देश के सरकार ने मरीजों को कई सारे अधिकार दिए हैं। केवल सरकार ही नहीं बल्कि इसके साथ कानून भी है और वह पूरी तरह से इन अधिकारों का समर्थन करता है।

मरीजों के अधिकार को जानना लोग जरूरी नहीं समझते हैं लेकिन हम बता दें कि भारत के प्रत्येक नागरिक को यह जानना चाहिए कि अस्पताल में मरीज को कौन-कौन से अधिकार मिलते हैं। वह चाहे तो अपने अधिकार के लिए मांग कर सकते हैं। उन्हें इस बात का डर नहीं होना चाहिए कि सरकारी कर्मचारी उन्हें उनके अधिकार के लिए रोकेंगे। यहां हम आपको 17 अधिकार बताने वाले हैं जो अस्पताल में मरीजों को मिलते हैं। बिना देर किए अब हम आपको बताते हैं कि मरीज को अस्पताल में कौन कौन से अधिकार मिलते हैं।

Patient 17 rights in hospital Hindi

1. सम्मान के साथ सुरक्षित इलाज का अधिकार – आपकी जानकारी के लिए आपको बता दें कि अस्पताल में मरीज को अपनी बीमारी के बारे में डॉक्टर से जानने का पूरा अधिकार दिया जाता है।

2. इलाज को ठुकराने का अधिकार – अगर मरीज या उसका परिवार बीमारी के इलाज से संतुष्ट नहीं हो रहे हैं तो वह दूसरे हॉस्पिटल में जाकर कोई दूसरी व्यवस्था कर सकते है।

3. किसी को आपके लिए बात करने का अधिकार – अगर आपको अस्पताल में इलाज के दौरान कुछ दूसरे फैसले लेने हो अथवा लेने में सक्षम न हों तो आप अपने लिए अपने किसी दोस्त या फिर कोई रिश्तेदार को बात करने के लिए खड़ा कर सकते हैं।

4. गोपनीयता का अधिकार – अगर मरीज चाहते हैं कि आपकी यह बीमारी अपने परिवार वालों से या फिर किसी से गोपनीय रहे तो आप इसके बारे में डॉक्टर या फिर अस्पताल के सरकारी कर्मचारियों से बात कर सकते हैं।

5. मेडिकल से जुड़े रिकॉर्ड को अस्पताल में सीक्रेट रखने का अधिकार – अगर अस्पताल में भर्ती मरीज चाहे कि अपने इलाज के दस्तावेज को कॉन्फिडेंशियल रहे, तो वह रख सकते हैं। उन्हें इसका भी अधिकार दिया गया है।

6. मेडिकल रिकॉर्ड रिव्यू करने का अधिकार – अस्पताल में मरीजों को यह अधिकार दिया जाता है कि वह अपनी इच्छा से अपने मेडिकल से जुड़े दस्तावेजों का रिव्यु आसानी से करवा सकते हैं। लेकिन इसमें शर्त यह है कि कानून मरीज को इजाजत दे तो ही आप यह कर सकते हैं।

7. अस्पताल की असलियत जानने का अधिकार – अगर अस्पताल की स्थिति अच्छी नहीं है तो मरीज का अधिकार है कि इसके बारे में वह पूरी जानकारी ले।

8. अस्पताल के सभी नियम और शर्ते जानने का अधिकार – अस्पताल में पेमेंट के साथ-साथ इलाज संबंधी हर नियम जानने के लिए मरीज को अपना अधिकार मिलता है।

9. पोस्टमार्टम करने वाले के बारे में जानने का अधिकार – पोस्टमार्टम में पहले मरीज के परिवार वालों को एक अधिकार दिया जाता है जिसमें वह उस डॉक्टर के बारे में सभी जानकारियां प्राप्त कर सकते है। बता दें कि यह अधिकार सभी अधिकारों में से सबसे महत्वपूर्ण अधिकार है। पोस्टमार्टम के पहले मरीज भी इसकी पुष्टि कर सकता है।

10. अस्पताल के नियम जाने का अधिकार – अस्पताल में उपस्थित मरीज को पूरा अधिकार है कि वह अस्पताल से जुड़े सभी नियम एवं शर्तें जान सकता है। यह अधिकार अस्पताल में सभी मरीज को दिए जाते हैं। अस्पताल के कोई भी डॉक्टर या फिर नर्स मरीज के इस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं।

11. अस्पताल में आने जाने वाले या उससे संबंध रखने वाले लोगों के बारे में जानने का अधिकार – अस्पताल में आपको एक और अधिकार दिया जाता है जिसमें आप अस्पताल में बाहर से आने वाले लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस नजरिए से देखा जाए तो अस्पताल के सरकारी कर्मचारी ही नहीं बल्कि इसमें किसी भी तरह के साधारण काम के लिए आने वाले व्यक्ति शामिल होते हैं।

12. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज पर होने वाली रिसर्च को मना कर देने का अधिकार – अगर डॉक्टर मरीज के ऊपर कोई रिसर्च कर रहे हैं और वह उसे या उसके परिवार को पसंद नहीं आ रही तो वह उन डॉक्टर्स को रिसर्च करने के लिए मना भी कर सकते हैं।

13. अस्पताल की हकीकत जानने का अधिकार – अगर हॉस्पिटल की हालत आपको अच्छी नहीं लग रही तो आप को अधिकार है कि आप हॉस्पिटल के हालत के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अस्पताल की हकीकत के बारे में आप जाने के लिए सक्षम है।

14. कम खर्च से जुड़े इलाज के बारे में पूरी जानकारी लेने का अधिकार – बता दें कि अगर मरीज का ट्रीटमेंट बहुत ही ज्यादा महंगा पड़ रहा है जिसे वह अफोर्ड नहीं कर सकता तो उसे अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट के बारे में भी जानने का पूरा पूरा अधिकार है।

15. दवाई या ट्रीटमेंट की गलत जानकारी के लिए शिकायत करने का अधिकार – अगर किसी मरीज को उसकी बीमारी से जुड़ी दवाई या फिर ट्रीटमेंट की जानकारी पूरी तरह से नहीं दी जा रही तो वह इन सभी से संबंधित डॉक्टर्स के हेड को शिकायत कर सकता है। इसके अलावा हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से भी वह इसकी शिकायत कर सकता है।

16. दूसरे अस्पताल में रेफर होने का अधिकार – जिस अस्पताल में मरीज का इलाज चल रहा है यदि वह दूसरे अस्पताल में जाना चाहे तो मरीज को अधिकार है कि वह दूसरे अस्पताल में जाने के लिए डॉक्टर द्वारा रेफर प्राप्त कर ले।

17. शोषण से दूर रखने का अधिकार – अस्पताल में मरीज को अधिकार मिलता है कि वह किसी भी प्रकार के शोषण अथवा हैरेसमेंट का शिकार न हो। मरीज को परेशान करने पर उसके अधिकारों का उल्लंघन होता है।

निष्कर्ष:

दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल बहुत ही पसंद आयी होगी। आप जान चुके होंगे कि अस्पताल में मरीजों को कौन-कौन सा अधिकार दिए जाते हैं यानी कि आप यह जान गए होंगे कि अस्पताल में कौन-कौन सी सुविधाएं प्राप्त होती है। यदि आपको पोस्ट पसंद आई और और मददगार लगी हो तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।

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