Coaching Center Kaise Khole? अपना कोचिंग सेंटर शुरू करने की सभी जानकारियां

coaching classes kaise khole? और रजिस्ट्रेशन कैसे करें जाने पूरी जानकारी | How to Start Coaching Center Full Information in Hindi 

भारत की आबादी दिन -प्रतिदिन बढ़ती जा रही है कम्पटीशन की अधिकता के कारण माँ बाप अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करना चाहते है। ज्यादा आबादी होने के कारण स्कूल व कोचिंग दोनों की ही मांग में बढ़ोत्तरी भी देखी गयी है।

आज के समय मे जितना जरूरी स्कूल में पढ़ाई करना है उतना ही जरूरी कोचिंग में भी पढ़ना हो गया। इसीलिए माँ-बाप भी अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों और कोचिंग में पढ़ने भेजते है।

अगर यही चीज़ को बिजनेस के नजरिये से देखा जाए तो यह एक बहुत ही अच्छा बिजनेस आईडिया है। आप अक्सर देखते होंगे कि कोचिंग के बाहर कितनी भीड़ रहती है और कितने बच्चे वहां पर पढ़ाई करने जाते है

अगर आप पढ़े लिखे है तो आप भी खुद की कोचिंग खोल सकते है अगर आप पढ़े लिखे नहीं भी है तब भी आप अपनी कोचिंग इंस्टीटूट खोल सकते है और पैसे कमा सकते है।

आज हम इस पोस्ट में Coaching Center Kaise Khole? से जुड़ी सारी जानकारी देने की कोशिश करेंगे। आज आपको इस पोस्ट में कोचिंग क्या है कितने प्रकार की होती है, इसे खोलने के लिए क्या करना पड़ेगा और ऑनलाइन कोचिंग के बारे में भी जानकारी मिलने वाली है

अगर आप बिजनेस करना चाहते है और उसके लिए एक कोचिंग सेंटर खोलना चाहते है तो आपको आज मैं उससे जुड़ी सारी जानकारियां देने वाला हूं।

वर्तमान में कोचिंग सेंटर बिजनेस और शिक्षा के लिए बहुत ही अहम हिस्सा बन चुका है। आप आसानी से थोड़ा सा इन्वेस्ट करके पैसे कमा सकते है। तो चलिए जानते है आज के इस विषय के बारे में कि आपको एक कोचिंग सेंटर (Coaching Center Business Opening Process in hindi) खोलने के लिए क्या क्या करना पड़ेगा। तो बने रहिए हमारे साथ अंत तक।

Table of Contents

कोचिंग सेंटर क्या होता है?

सबसे पहले आपको ये जान लेना बहुत जरूरी है कि आखिर कोचिंग सेंटर है क्या इसमें होता क्या है। जैसा कि आप लोगो को पता ही होगा। आज कल बच्चो के माता पिता चाहते है कि उनका बच्चा स्कूल की पढ़ाई के अलावा भी अपनी पढ़ाई पर कुछ अलग से समय देकर कुछ अच्छा करे।

उसी के लिए स्कूलों के अलावा भी कुछ प्राइवेट और गवर्नमेंट तरीको से कुछ ऐसे संस्थान होते है जहा पर बच्चे आसानी से अपना समय देकर बहुत कुछ सीख सकते है। इन संस्थानों को ही कोचिंग सेंटर कहा जाता है।

कोचिंग कितने प्रकार की होती है? Types of Coaching Center

अगर हम बात करे कोचिंग सेंटर के प्रकारों की तो वैसे कोचिंग कई प्रकार की होती है। कोचिंग संचालन की दृष्टि से दो प्रकार की होती है।

  • ऑनलाइन कोचिंग सेंटर
  • ऑफलाइन कोचिंग सेंटर

वही अगर विषय और क्षेत्र के हिसाब से देखा जाए तो भी कोचिंग दो प्रकार की होती है।

  1. कक्षाओं के लिए।
  2. तैयारी के लिए।

कक्षा एक से बारहवीं या और उसके बाद भी पढ़ाई की जाने वाली कोचिंग पहली श्रेणी में आती है और दूसरी श्रेणी में इसी नौकरी की परीक्षा के लिए आवश्यक विषयों की तैयारी कराने वाले कोचिंग आते है।

यह भी पढ़े : भारत में स्कूल कैसे खोले?

Coaching Classes Kaise Khole in Hindi
Coaching Classes Kaise Khole

कोचिंग सेंटर कैसे शुरू करें? How to Start a Coaching Center Business in India

कोचिंग सेंटर खोलने से पहले आपको यह निर्णय लेना होगा कि आप खुद वहां पर पढ़ाना चाहेंगे या फिर किसी दूसरे शिक्षक को अपनी कोचिंग में पढ़ाने के लिए रखेंगे।

अगर आप खुद इस योग्य है कि कोचिंग में पढ़ा सकते है तो आपको खुद ही पढ़ाना चाहिए। क्योंकि अगर आप काबिल है तब भी आप किसी और दूसरे को पढ़ाने के लिए रखते है तो आप उसको जो पैसे देंगे वो आप एक तरह से व्यर्थ ही गवाएंगे। खुद पढ़ा कर आपकी मेहनत जरूर ज्यादा लगेगी पर मुनाफा भी अधिक होगा।

अगर आप ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है तो आप कोचिंग सेंटर खोल कर खुद उसको मैनेज कर सकते है जबकि पढ़ाने का जिम्मा कुछ शिक्षकों को दे सकते है जिनको आप हर महीने एक सैलरी के बेसिस पर रखेंगे।

ऐसे में आपका मुनाफा जरूर कम होगा पर आप यह काम पार्ट टाइम भी कर सकते है। कोचिंग मैनेज करने के साथ साथ आप कोई और काम भी कर सकते है।

आप अगर कोचिंग सेंटर खोलने का मन बना चुके है तो उसके पहले कुछ जरूरी बातों का खयाल रखना बहुत जरूरी होता है। आप कोचिंग सेंटर खोलने से पहले इन पहलुओं पर अच्छे से जानकारी प्राप्त करने के पश्चात ही कोई कदम आगे बढ़ाए। कुछ जरूरी बातों में ये मुख्य है।

1. क्षेत्र की शिक्षा की मांग समझे

क्षेत्र की शिक्षा की मांग को समझने से हमारा तात्पर्य है कि आप जिस जगह अपना कोचिंग सेंटर खोलने वाले है वहां पर रहने वाले विद्यार्थी किस तरह के स्कूल में पढ़ते है और किस तरह की कोचिंग का वहां पर आभाव है?

स्कूल में किस तरह की शिक्षा दी जाती है ये जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आजकल स्कूल भी कई अलग अलग बोर्ड जैसे कि ICSE , CBSE और state बोर्ड की पढ़ाई मुहैया कराते है और यह सब एक दूसरे से बहुत ही अलग होती है आपको अपने स्किल के हिसाब से अपनी कोचिंग में पढ़ाये जाने वाले बोर्ड का चयन करना होगा।

2. कोचिंग के विषयों का चयन करें

अब जब आप अपने बोर्ड का चयन कर चुके है तो आपको सोचना होगा कि आप किस विषय को अच्छी तरह से दूसरों को पढ़ा सकते है। मान लीजिए आप इंग्लिस में अच्छे है और आपके क्षेत्र में इंग्लिश की कोचिंग की कमी है तो आप इंग्लिश पढ़ाना शुरू कर दीजिए। क्योंकि इस तरह की कोचिंग की वहां जरूरत है।

इसी तरह अगर आप एक विषय के अलावा दूसरे में भी उतने ही अच्छे है और मजबूत पकड़ रखते है तो आप दो विषय भी पढ़ा सकते है। जैसे कि इंग्लिश तो आप पढ़ा ही रहे है पर अगर आपका गणित या कोई और विषय अच्छा है तो आप वह भी पढ़ा सकते है।

पर आपको बता दे कोचिंग वही ज्यादा लोकप्रिय होती है जिनमे सिर्फ एक ही विषय पढ़ाया जाता है। और आपके ज्यादातर बच्चे 9वीं कक्षा के बाद के ही होंगे।

इसलिए विषयों के चयन के बाद छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखै। और जहां तक हो सके खुद एक विषय ही पढ़ाये। दूसरे विषय के छात्रों को भी अगर आप अपनी कोचिंग में पढ़ाना चाहते है तो उसके लिए शिक्षक रख ले। जो उस विषय मे अच्छा हो।

3. कोचिंग सेंटर के लिए स्थान का चयन करें

कोचिंग सेंटर खोलने से पूर्व आपको उसके लिए एक अच्छे स्थान का चयन करना बहुत जरूरी है। आवागमन और शांत वातावरण को ध्यान में रखते हुए कोई अच्छी जगह का चयन करना चाहिए।

ध्यान रखे कोचिंग इंस्टीट्यूट एक साफ सुथरे माहौल में होना चाहिए, भीड़भाड़ वाले इलाके दूर, और बच्चों के आने जाने की दृष्टि से उपयुक्त स्थान पे होना चाहिए। साफ सुथरे माहौल से आपके इंस्टीट्यूट की शोभा बढ़ेगी।

बच्चों का और उनके माता पिता का ध्यान इंस्टीट्यूट की तरफ आकर्षित होगा। भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर होने की वजह से और शांत वातावरण में पढ़ने से बच्चों का पढ़ने में और शिक्षकों का पढ़ाने में ध्यान बना रहेगा। 

4. अनुभवी लोगों की सलाह

कोचिंग सेंटर शुरू करने से पहले उस क्षेत्र के अनुभवी लोगों की सलाह लेना कभी भी फायदेमंद हो सकता है।

उनके अनुभवों से सीख लेकर हम अपने कोचिंग सेंटर को और बेहतर बना सकते हैं। और उनके काम करने के तरीके देख कर हमें अपने काम करने की दिशा निश्चित करने में आसानी मिलती है।

5. उपयुक्त और well qualified शिक्षकों का चयन

जहां एक अच्छा शिक्षक आपके इंस्टीट्यूट को बुलंदियों तक पहुंचा सकता है वहीं एक बुरा शिक्षक उसे डूबा भी सकता है।

इसलिए अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट में शिक्षक नियुक्ति से पहले उनके शैक्षणिक स्तर कि और बाकी बातों कि जांच कर लेना बहुत आवश्यक होता है। उनके सिखाने के तरीके पे निर्भर करता है कि आपके इंस्टीट्यूट में बच्चों के एडमिशन बढ़ेंगे या कम होंगे।

6. उचित शैक्षणिक साधनों का इस्तेमाल –

जब भी कोई शिक्षक अच्छे साधनों का इस्तेमाल अपने अध्यापन में करता है तो उसकी सिखाए हुई बात का असर (impact) बहुत अच्छा होता है।

उचित साधनों के इस्तेमाल से जहां बच्चों का अध्यापक के सिखाने की तरफ ध्यान और आकर्षित होता है, वहीं उनकी उत्सुकता देख कर एक शिक्षक भी और जोश में उन्हें पढ़ा सकता है।

आप इसमें पाठयपुस्तक के अलावा overhead projectors, PPts, Live Demonstrations जैसे साधनों का इस्तेमाल करके अपने अध्यापन को और बेहतर बना सकते हैं।

7. फीस निर्धारण

सबसे जरूरी बातों में फीस भी आती है आपको पहले से ही एक बच्चे से ली जाने वाली फीस का निर्धारण करना होता है। इसे दो तरह से कर सकते है। पहला monthly फीस ले सकते है और दूसरा आप पूरे कोर्स की फीस निर्धारित कर ले।

शुरुवाती दौर में यह जरूरी है कि आप भले ही कितना ही अच्छा पढ़ाने का दावा करें लेकिन बच्चों के माता पिता का ध्यान आपके इंस्टीट्यूट की तरफ आकर्षित करने के लिए कम फीस से शुरुवात करें। और जैसे जैसे आप सफलता हासिल करने लगें तो फिर आप फीस बढ़ाने के बारे में सोच सकते हैं।

याद रखिए किसी भी बड़ी चीज की शुरुवात हमेशा छोटी चीज से ही होती है। और जैसा कि English में एक कहावत है कि struggle in silence, and let your success make the noise। तो पहले यह जरूरी है कि आप अपने टैलेंट के जोर पर लोहा मनवाएँ।

8. अच्छी शिक्षा में कमी नहीं आनी चाहिए –

कम फीस लेने का यह मतलब बिल्कुल नहीं की आप क्वालिटी से समझौता करें। कुछ शिक्षक ज्यादा फीस तो ले लेते हैं लेकिन उस स्तर का शिक्षण नहीं दे पाते हैं जिससे बच्चों का शैक्षणिक और उनके माता पिता का आर्थिक नुकसान होता है।

लेकिन आपको इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि अध्यापक का काम एक पवित्र कार्य है। इसमें किसी चीज की मिलावट नहीं होनी चाहिए। बच्चों को अच्छा ज्ञान देने के लिए जरूरी है कि अध्यापक भी समय के अनुसार अपने आप को ढलते रहें और अपने ज्ञान में बढ़ौतरी करते रहें।

साथ ही साथ ही साथ तजुर्बेकार अध्यापकों से मिलकर उनके अनुभवों से सीख लेना भी फायदेमंद साबित होता है। याद रखें बेहती हुई नदी हमेशा मीठा पानी देती है। लेकिन एक जगह पर रुके हुए तालाब का पानी भी सड़ने लगता है।

9. अच्छी आधारिक संरचना (Infrastructure)

अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट का मतलब सिर्फ यह नहीं होता की आप कितना अच्छा सीख रहें हैं, वरन् कितनी अच्छी जगह पर सीखा रहे हैं यह भी उतना ही जरूरी होता है।

एक अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट में बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए, सभी तरफ की सुविधा जैसे कि बैठने के लिए बेंचेस, पर्याप्त लाइट की व्यवस्था, और साथ ही washrooms भी होना जरूरी है। इन सब सुविधाओं की वजह से बच्चों के मातापिता भी बिना किसी संकोच के उन्हें इंस्टीट्यूट में भेजने के लिए तैयार हो जाते हैं।

यह भी पढ़े : Computer training Institute कैसे खोले?

कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन कैसे करें? Coaching Center Registration Process 

अब बात आती है आप अपने कोचिंग का रजिस्ट्रेशन कैसे करें? कोचिंग सेंटर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस। अगर आप कोचिंग सेंटर चलाना चाहते है तो गवर्नमेंट के आदेशानुसार आपको उसका एक वर्चुअल रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है।

कोचिंग सेंटर खोलना और चलाना बिजनेस में आता है इसलिए उसका पहले से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन के बाद आपको अपनी कोचिगं से की गई कमाई का सरकार को टैक्स भी भरना पड़ता है।

आपके मन में ये भी सवाल उठ रहा होगा कि रजिस्ट्रेशन करना क्या इतना जरूरी है। तो मैं आप लोगो को बता दूं कि रजिस्ट्रेशन करने से आपकी कोचिंग को क़ानूनी मान्यता प्राप्त हो जायेगी और आपको एक जीएसटी नंबर भी मिल जायेगा। अब चलिए जानते है कैसे रजिस्ट्रेशन करें। 

कोचिंग का रजिस्ट्रेशन कई तरह का होता है। जिनमे से कुछ है–

  • स्वयं की जिम्मेदारी पर खुद का कोचिंग सेंटर।
  • साझेदारी कोचिंग सेंटर (कई शिक्षक मिलकर खोले)
  • प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या LLP

सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत लोग स्वयं खुद का कोचिंग खोलते है। इसके लिए सबसे पहले आपको स्टेट गवर्नमेंट से परमिशन लेने के लिए अप्लाई करना होगा।

भारत में अलग अलग राज्य में अलग अलग तरीके से कोचिगं सटेंर के लिए रजिस्ट्रेशन करने के अपने नियम है। लेकिन सभी राज्यों की इन चीजों की एक वेबसाइट होती है जिस पर आप आसानी से सारी डिटेल्स देकर अपने कोचिगं सटेंर का रजिस्ट्रेशन कर सकते है।

रजिस्ट्रेशन कराने पर आपको टैक्स जरूर भरना पड़ता है लेकिन उसके साथ साथ आपको कोचिगं सटेंर बदं करने जैसी समस्या से छुटकारा मिल जाता है। इसलिए अगर आप कोचिगं सटेंर खोलना चाहते है तो उस राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं।

इसके पश्चात आपको अपनी कोचिंग सेंटर के लिए एक नाम तय करना पड़ेगा। उसे आप अपने अनुसार रख सकते है। नाम के साथ आपको सारे डिटेल्स और जीएसटी नंबर से अप्रूवल मिल जायेगा और आप आसानी से अपनी कोचिंग चला सकते है।

अगर आप चाहे तो ISO और MSME सर्टिफिकेट के लिए भी अप्लाई कर सकते है। इसके लिए आपको बस एक ऑनलाइन फॉर्म अप्लाई करना होगा और कोचिंग से संबंधित सारी जानकारी देनी होंगी। फिलहाल इस सर्टिफिकेट की कोई खास आवश्यकता नही पड़ती।

कोचिंग सेंटर के लिए क्या क्या सामान खरीदें?

कमरा मिलने तक तो आपका सिर्फ 25 प्रतिशत की काम पूरा हुआ है कमरे या हॉल में आपको पढ़ाने के लिए कई और महत्वपूर्ण चीजो कि जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा छात्रों के बैठने का भी इंतजाम करना होगा।

इतना ही बल्कि आप जिस विषय को भी पढ़ाने वाले है उस विषय से जुड़ी सभी सामग्री (किताबे , पुराने पेपर्स आदि) को भी अपनी कोचिंग में रखना होगा।

गर्मी के मौसम में छात्रों के लिए पंखा/कूलर का भी इंतजाम करना होगा। क्योंकि गर्मी में पढ़ाई बहुत ही कठिन होती है ऐसे में छात्र अपना 100 प्रतिशत नही दे पाते और वह पूरा ध्यान भी आपके बताये हुए टॉपिक्स पर नही लगा पाते। इसलिए कूलर/पंख बहुत ही आवश्यक है।

ऑनलाइन कोचिंग कैसे शुरू करें? How to Start Online Coaching

बहुत सारे कोचिंग सेंटर को लॉकडाउन और corona के चलते बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिसमे उन्हें ऑनलाइन क्लासेज संचालित करना पड़ा। ऑनलाइन कोचिंग सेंटर चलाने में भी ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता।

बस आपके पास अपने बच्चो का एक डाटा ग्रुप होना चाहिए जिसके द्वारा आप लिंक भेजकर जूम या फिर यूट्यूब पर ऑनलाइन क्लास ले सकते है।

अगर आपका कोचिंग सेंटर बड़ा है तो आप अपने कोचिंग सेंटर का एक एप बनाकर सारी सुविधाएं दे सकते है। आप उसी एप के माध्यम से फीस भी ले सकते है और बच्चो को उनकी ऑनलाइन क्लासेस भी टाइम पर दी जा सकेगी।

एप के ही मदद से आप पढ़ाई से संबंधित सारे कंटेंट और पीडीएफ फ़ाइल बच्चो तक आसानी से पहुंचा सकते है। अगर आप अपने कोचिंग सेंटर को ऑनलाइन तरीके से ही चलाना चाहते है तो आपको इसके लिए कुछ अलग तैयारियां करनी होंगी उसके लिए आपको सामान्य बोर्ड की जगह एलईडी बोर्ड चाहिए होगा। जिससे आप आसानी से क्लास ले सकते है।

अपनी कोचिंग सेंटर की मार्केटिंग कैसे करें?

यदि आपकी कोचिंग नई है तो स्वाभाविक सी बात है कि बहुत की कम लोग आपकी कोचिंग के बारे में जानकारी रखते होंगे इसलिए आपको यदि अपनी कोचिंग को अपने क्षेत्र में एक जगह दिलानी है तो आपको इसकी मार्केटिंग का विशेष ध्यान रखना होगा आजकल का दौर विज्ञापन का दौर है।

तो अगर आप चाहते हैं कि आपके कोचिंग इंस्टीट्यूट में ज्यादा से ज्यादा बच्चे एडमिशन लें, तो यह जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट की खबर पोहिचाएं।

इसके लिए सोशल मीडिया जैसे आधुनिक साधनों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। और आप आपके कोचिंग का Ad समाचार पत्र आदि में निकलवा सकते है यकीन मानिए, इससे आपके इंस्टीट्यूट में एडमिशन बढ़ने में सहायता जरूर मिलेगी।

कोचिंग सेंटर शुरू करने की अनुमानित लागत कितनी होगी?

यदि कोचिंग सेंटर की बात करें, तो जो इसमे मुख्य खर्चा आता है वह एक अच्छे और बड़े कमरे का होता है वैसे तो यदि आप चाहे तो इसे घर पर ही शुरू कर सकते हैं,

लेकिन जगह की कमी की वजह से कई बार आपको कमरा किराए पर लेना पड़ता है यदि एक सामान्य कमरे के अनुमानित किराए की बात करें तो यह करीब 5000 तक पड़ जाता है

इसके अलावा कोचिंग सेंटर के लिए आपको अलग अलग सामान जैसे कुर्सियां, वाइट बोर्ड, लैपटॉप/कंप्यूटर, इंटरनेट, बेंच, चॉक, डस्टर, मार्कर, बिजली का बिल आदि को मिलाकर अनुमानित लागत निकाले तो यह करीब 60,000-70,000 रु तक पड़ता है 

आपको यह पैसे एक बारे ही निवेश करने पड़ते है इसके बाद तो आप कमाते है और कोचिंग में लगाते जाते है।

कोचिंग सेंटर से होने वाली कमाई कितनी हो सकती है?

कोचिंग सेंटर बिजनेस से होने वाली कमाई इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस क्लास के बच्चों को पढ़ा रहे हैं साथ ही आपके कोचिंग क्लास में कितने बच्चे पढ़ने के लिए आते है

यदि एक अनुमान लगाएं और यह मान ले कि आपकी क्लास में 50 बच्चे आते है, जिनमे से आप प्रत्येक से 500 फीस लेते है तो कुल मिलाकर आपकी कमाई 25000 रुपये होगी

अगर आप अच्छा पढ़ाते है तो आपकी यह कमाई आगे जाकर बढ़ेगी ही क्योंकि जैसे जैसे आपके छात्र आगे जाते जाएंगे वो दूसरे छात्रों को भी आप पर पढ़ने की सलाह देंगे। अच्छे शिक्षक को मार्केटिंग की जरूरत नही पड़ती। बस आप बेहतर पढ़ाते जाए। छात्र खुद आपके पास आएंगे।

आशा है कि उपरोक्त सभी बातों का ख्याल रखकर आप अपने लिए एक बेहतर कोचिंग इंस्टीट्यूट बना सकते हैं। यही नहीं, इस आर्टिकल में छात्रों और उनके माता पिता के लिए भी यह जानकारी है कि उन्हें एक अच्छे कोचिंग इंस्टीट्यूट से क्या अपेक्षा रखनी चाहिए। आखिरकार अच्छी शिक्षा से ही एक बेहतर कल का निर्माण हो सकता है।

Conclusion

आशा है कि उपरोक्त सभी बातों का ख्याल रखकर आप अपने लिए एक बेहतर कोचिंग इंस्टीट्यूट बना सकते हैं। यही नहीं, इस आर्टिकल में छात्रों और उनके माता पिता के लिए भी यह जानकारी है कि उन्हें एक अच्छे coaching classes kaise khole से क्या अपेक्षा रखनी चाहिए। आखिरकार अच्छी शिक्षा से ही एक बेहतर कल का निर्माण हो सकता है।

तो आज के इस आर्टिकल में हमने आपको कोचिंग सेंटर कैसे शुरू करें? How to Start a Coaching Center in India के बारे में बताया है, जीने आप शुरू कर के आप आसानी से अच्छे पैसे कमा सकते हैं।

तो उम्मीद है दोस्तों मुझे आशा है आप सबको इस पोस्ट में सारी जानकारियां मिल गई होगी और आपको हमारे इस लेख से जरुर कुछ नया जानने को मिला होगा। अगर आपको हमारे द्वारा दी यह जानकारी पसंद आई हो तो, इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर जरूर करें। धन्यवाद

अन्य लेख पढ़े:

4 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *