फैशन डिजाइनिंग में करियर कैसे बनायें | How to make a Career in Fashion Designing
आज के समय में हर कोई अच्छा दिखना चाहता है, जिसके लिए वो नए नए स्टाइल के कपड़े, ज्वेलरी, फुटवियर को चयन कर खुद को अलग और बाकी लोगो से स्टाइलिश दिखना चाहता है, इन्ही सब के लिए आज वर्तमान में फैशन डिज़ाइनर एक बेहतरीन फील्ड है, तो आज हम फैशन डिजाइनिंग से जुड़ी जानकारियों के बारे में जानेंगे, जिनमे निम्न है-
फैशन डिजाइनिंग क्या है, फैशन डिज़ाइनर और टेक्सटाइल डिज़ाइनर में अंतर क्या है, फैशन डिजाइनिंग में विषय क्या है,फैशन डिजाइनिंग में scope क्या है, फैशन डिजाइनिंग के लिए होने वाले एग्जाम क्या है, फैशन डिज़ाइनर के कोर्स क्या है, फैशन डिज़ाइनर कैसे बन सकते है, फैशन डिजाइनिंग में सैलरी कितनी होती है,
Table of Contents
फ़ैशन डिजाइनिंग क्या है
फैशन डिजाइनिंग कपड़े ,ज्वेलरी, फुटवियर, को नये और सृजनात्मक तरीके से उसके सौंदर्य को बेहतर से बेहतर बनाने की एक कला है, इसके अंतर्गत कपड़ो की स्टिचिंग, फैब्रिक चयन(Selection), डिजाइनिंग, फैशन लुक स्केचिंग आदि आते है, जो मिलकर एक बेहतरीन एवम अलग तरह की डिजाइनिंग तैयार करते हैं।
फैशन डिजाइनिंग और टेक्सटाइल डिजाइनिंग में अंतर-
फैशन डिजाइनिंग
किसी भी नई स्टाइल के कपड़ो का चयन (Selection), कपड़ो की स्टिचिंग, फैब्रिक चयन(selection), कपड़ो के लुक की डिजाइनिंग करना फैशन डिजाइनिंग है।
टेक्सटाइल डिजाइनिंग
किसी भी डिज़ाइन किये हुए कपड़ो पर थ्रेड की चयन, डिजाइनिंग पैटर्न, कपड़ो पर कलर और डाई के सिलेक्शन की कला टेक्सटाइल डिजाइनिंग है।
इस तरह फैशन डिजाइनिंग और टेक्सटाइल डिजाइनिंग मिलकर एक पूरे कपड़ो के बेहतरीन और स्टाइलिश दिखाती है।
ये कपड़ो ज्वेलरी, फुटवियर के सौंदर्य देती है जैसा मार्किट में डिमांड होता है, और कुछ यूनिक स्टाइल तैयार करता है।
फैशन डिजाइनिंग के विषय (subject)-
फैशन डिजाइनिंग में मुख्यतः विषय(Subject) की 2 कैटेगरी होती है जो निम्न है-
कैटेगरी 1–
इस कैटेगरी के अंतर्गत वो विषय आते है, जो फैशन डिजाइनिंग की आधार है, और ये विषय हर फ़ैशन डिजाइनिंग से जुड़े कॉलेज में पढ़ाई जाती है-
- टेक्सटाइल(Textile)
- चित्रण(Illustration)
- प्रतिमान निर्माण(Pattern making)
- परिधान निर्माण टेक्नोलॉजी(Garment manufacturing technology)
- फैशन इतिहास(Fashion history)
कैटेगरी 2–
इस कैटेगरी के अंतर्गत फैशन डिजाइनिंग के जुड़े वो विषय आते है, जो फैशन की दुनिया मे नए सोच और सृजनात्मकता को दुनिया जोड़ता है-
- फैशन थ्योरी(Fashion theory)
- ड्रेपिंग और मिरर वर्क(Draping and mirror work)
- फ़ैब्रिक चयन(Fabric selection)
- फैशन की भविष्यवाणी(Fashion forecasting)
- फैशन शो व फैशन प्रदर्शिनी (Fashion show and fashion exhibition)
- फैशन डिजाइन पोर्टफोलियो(Fashion design portfolio)
- फैशन मर्चेंडाइजिंग(Fashion merchandising)
इन दो कैटेगरी में फैशन डिज़ाइन के विषय बांटे गए हैं, जिसमे छात्रों को पूरी फैशन डिजाइनिंग सिखाई जाती है।
फैशन डिज़ाइन के स्कोप (scope)
फैशन डिजाइनिंग में बहुत स्कोप है, लेकिन मुख्यतः ये निम्न है-
* इंटर्नशिप(internship)
* फैशन डिजाइनिंग बिज़नेस
इंटर्नशिप(Internship)
फैशन डिजाइनिंग के द्वारा बड़े बड़े डिज़ाइनर के अंडर में इंटर्नशिप का कैर्रीयर है, जो फैशन वर्ल्ड के नए सोच और मांग से हमे अवगत कराता है।
फैशन डिजाइनिंग बिज़नेस
अपना खुद का फैशन बिज़नेस का कैर्रीयर है, जिसमे एक बेहतरीन भविष्य होता है, इसमें हम ज्वेलरी डिज़ाइन, कपड़ो की डिजाइनिंग, टेक्सटाइल डिजाइनिंग, फुटवियर डिजाइनिंग जैसी फील्ड में आना खुद का शॉप या बिज़नेस कर सकते है।
इन दोनों स्कोप के अंतर्गत हम इन जॉब प्रोफाइल पर काम करके फैशन डिजाइनिंग में एक बेहतर कैर्रीयर बना सकते है-
- फैशन सलाहकार(Fashion adviser)
- फैशन समन्वयक( fashion co-ordinator)
- फैशन शो आयोजनकर्ता(Fashion show organizer)
- फैशन मार्केटर(Fashion marketer )
- फैशन कॉन्सेप्ट मैनेजर(Fashion concept manager)
- क्वालिटी कंट्रोलर(quality controller)
- स्केचिंग असिस्टेंट(Sketching assistant)
- रिटेल मैनेजर(Retail manager)
- टेक्सटाइल डिज़ाइनर(Textile designer)
- फैशन जर्नलिस्ट(Fashion journalist)
फैशन डिजाइनिंग के लिए होने वाले एंट्रेंस (entrance) एग्जाम कौन से है
फैशन डिजाइनिंग में एडमिशन के लिए सबसे चर्चित एंट्रेंस एग्जाम निम्न है-
- CEED( Common entrance exam for design)
- UCEED(Undergraduate common entrance exam for design)
- NIFT(National Institute of fashion technology entrance exam)
- NID(National Institute of design entrance exam)
- AIEED(All India entrance exam for design)
- GD GOYENKA DAT(GD Goenka design aptitude test )
- IIAD entrance exam(Indian institute of art and design entrance exam)
- Pearl academy entrance exam
फैशन डिजाइनिंग के कोर्स
फैशन डिजाइनिंग के अंतर्गत मुख्यतः 3 तरह के कोर्स होते है-
- सर्टिफिकेट कोर्स
- डिप्लोमा कोर्स
- डिग्री कोर्स
- Post graduation डिग्री कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स एलिजिबिलिटी
- 10+2
- 50% marks
सर्टिफिकेट कोर्स ऑप्शन
10+2 Certificate course option-
- Certificate in creative fashion styling
- Certificate in textile for interiors and fashion
- Certificate in pattern making and garment construction
- Certificate in fashion designing
- Certificate in fundamental of fashion designing
- Certificate course in fashion merchandising
- Certificate in pattern designing
10 pass out certificate course option
- Certificate in fashion styling and draping
- Certificate course in tailoring and designing
- Diploma in apparel design
डिप्लोमा कोर्स–
योग्यता (Eligibility)
- 10+2
- 50% मार्क्स
इनमे निम्न ऑप्शन मिलता है–
- Fashion design
- Fashion communication
- Fashion accessories
- Fashion illustration
- Fashion marketing
- Fashion management
डिग्री कोर्स
योग्यता (Eligibility)
- 10+2
- 50% मार्क्स
डिग्री कोर्स में ऑप्शन मिलते है–
- Fashion design
- Fashion styling and image designing
- Leather designing
- Jewelry design
- Communication design
Post graduation डिग्री कोर्स–
योग्यता (Eligibility)
- Graduation
- 50% मार्क्स
Post graduation डिग्री कोर्स ऑप्शन–
- Fashion design
- Fashion design and business management
- Textile management
- Fashion Communication
- Fashion merchandising and retail management
ये सभी फैशन डिजाइनिंग के कोर्स है, जो हर साल फैशन डिज़ाइन में रुचि लेने वाले छात्र करते है।
फैशन डिज़ाइनर कैसे बन सकते है
फैशन डिज़ाइनर बनाने के लिए हमे 10th या 12th के बाद सर्टिफिकेट कोर्स करके भी कर सकते है या डिप्लोमा कोर्स या डिग्री कोर्स करके फैशन डिज़ाइनर बन सकते है।
फैशन डिज़ाइनर बनने के मुख्य पद(steps)
- एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम(entrance exam) देना।
- रिजल्ट के अनुसार कोर्स में एडमिशन लेना।
- कोर्स पूरा होने पर किसी फैशन डिज़ाइनर के अंडर में इंटर्नशिप करना या अपना खुद का फैशन बिज़नेस करना।
फैशन डिज़ाइनर की सैलरी
फ़ैशन डिज़ाइनर के तौर पर इंटर्नशिप के दौरान 10000 से 15000 तक शुरुआती सैलरी होती है, लेकिन अनुभव के साथ ये सैलरी बढ़ती हुई लाखो तक जाती है।
इस तरह आज हम फैशन डिजाइनिंग की दुनिया मे new idea creativity, visual imagination, sketching, एवम fashion forecasting जैसे कौशल से फैशन डिजाइनिंग की फील्ड में एक बेहतर भविष्य बनाया जा सकता है।
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