बतख पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें? Duck Farming Business in Hindi

Batak Palan Kaise Kare – बतख पालन व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है जिसे लोग एक अच्छे आमदनी के स्रोत के रूप में शुरुआत करते हैं और यह पोल्ट्री बिजनेस के अंतर्गत आता है हमारे देश में जितनी कुल पोल्ट्री के व्यवसाय होता है उसमें 10% बतख पालन व्यवसाय का भी हिस्सा है।

बतख पालन व्यवसाय को कम संसाधन के साथ भी शुरू किया जा सकता है खेती के साथ-साथ यह व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है इसमें कोई संदेह नहीं है बतखों के पालन एवं इनके अच्छे से देखभाल किया जाए तो जितना मुर्गी पालन से लोग कमाते हैं उससे ज्यादा लाभ बतख पालन व्यवसाय में प्राप्त कर सकते हैं।

बतख मुर्गियों की तुलना में कम खाना खाते हैं तथा कम समय में तैयार हो जाते हैं तथा यह मुर्गी से दोगुना अंडे देते हैं बतख को एक मजबूत पक्षी के रूप में माना जाता है तथा बतख पालन व्यवसाय को कम जगह में एक साधारण से छप्पर बनाकर शुरू किया जा सकता है अगर आप बतख पालन व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तो आज हम इसके बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

बतख पालन व्यवसाय के लिए प्रजाति (Species For Duck Farming Business)

जब हम किसी फसल की खेती की शुरुआत करते हैं तब हमें फसल के अच्छे बीज की जानकारी होना बहुत जरूरी होता है जिससे फसल की खेती अच्छी हो सके इसी प्रकार जब बत्तख पालन व्यवसाय को शुरू किया जाता है तब हमें बतखों के विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी रखना अति आवश्यक होता है।

वैसे तो पूरी दुनिया में बतखों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन व्यवसाय के लिए हर प्रजाति के बतख ठीक नहीं होते हैं और इसके साथ यह भी निर्भर करता है कि आप बतख पालन व्यवसाय किस लिए करना चाहते हैं सिर्फ मीट के लिए या फिर अंडे के लिए या मीट और अंडे दोनों के लिए इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो इस बिजनेस के लिए बतख के कुछ प्रमुख प्रजाति इस प्रकार है।

अगर आप केवल मीट के लिए बतख पालन व्यवसाय करना चाहते हैं तो इसके लिए प्रमुख प्रजाति

  • वाइट पेकिन
  • एलिसबरी
  • मास्कोवी
  • आरफीगंटन
  • स्वीडन डक

अगर आप अंडे के लिए बतख पालन व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए प्रमुख प्रजाति

  • इंडियन रनर
  • खाकी कैंम्पबेल

बत्तख पालन कैसे शुरू करें? How to Start Duck Farming in India in Hindi

How to Start Duck Farming in India in Hindi
Batak palan kaise kare

1. बतख पालन व्यवसाय के लिए स्थान (Duck Farming Business Location)

जब किसी व्यवसाय को शुरू किया जाता है तो उसमें जगह की बहुत बड़ी भूमिका होती है इसलिए व्यवसाय के लिए सही और उचित स्थान को चुनना बहुत ही जरूरी होता है जो जगह उस बिजनेस के लिए अनुकूल हो अगर आप बतख पालन व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तो ऐसी जगह पर शुरू करें।

जहां पर पानी की सुविधा अच्छे से हो और बतख आसानी से प्रजनन कर अंडे दे सके और इधर उधर विचरण कर सके इसके लिए एक कृत्रिम तालाब भी बना सकते हैं और वहीं पर तालाब के नजदीक बातखों के लिए आवास बना कर उन्हें रख सकते हैं तथा इनके आवास में हवा अच्छे से आ जा सके इसलिए खिड़कियां भी होनी चाहिए।

2. बतख पालन के लिए भोजन (Duck Farming Business in Hindi)

जब हम बतख पालन का व्यवसाय शुरू करते हैं तब बतख के चूजों को पालते हैं उनका अच्छे से विकास हो सके इसलिए इन्हें संतुलित भोजन देना चाहिए लगभग 40% प्रोटीन युक्त दाने 15% चावल का कना 10% मछली का चूरा 1% नमक 30% चोकर की मात्रा वाला भोजन दिया जाता है।

और भोजन आसानी से पचा सके तथा चूजे बड़े हो जाएं अंडे देने लायक हो जाएं तब लगभग 17% भोजन कम कर देना चाहिए और इतना ही नहीं इन्हें आप तालाब के पास भी ले जा सकते हैं वहां पर यह घेंघे या और भी छोटे-मोटे  कीड़े मकोड़ों को का सेवन कर सकते हैं तथा प्रत्येक बतख को लगभग 100 से 160 ग्राम तक अनाज देना चाहिए इस तरह आप बत्तख पालन व्यवसाय के लिए भोजन प्रबंध कर सकते हैं।

3. बतख पालन व्यवसाय मे रोग तथा उपचार (Diseases and Treatment in Duck Farming Business)

बतख पालन व्यवसाय में बतखों को रोगों से बचाने की भी आवश्यकता होती है हालांकि बतख में मुर्गी के मुकाबले रोग का असर बहुत कम होता है बतक में ज्यादातर डक फ्लू रोग ही होने की संभावना होती है जिसमें बातखों को बुखार हो जाता है और यह धीरे-धीरे मरने लगते हैं।

डक फ्लू रोग से बचाव के लिए जब चूजें 1 महीने के हो जाते हैं तब बतखों को डक फ्लू वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी होता है इसके अलावा जहां पर बत्तख पालन किया जाता है उनके आवास में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है। जिससे बीमारी होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

4. बतख पालन व्यवसाय के लिए कर्मचारी

यदि बतख पालन का व्यवसाय छोटे स्तर पर शुरू किया जाए तो बहुत अधिक श्रमिकों को जरूरत नही होती है। लेकिन अगर इसी व्यवसाय को वृहद स्तर पर शुरू किया जाए तो कम से कम भी 2 से 3 कर्मचारियों की जरूरत पड़ जाती है जो कि बत्तखों की देखभाल कर सके उनकी साफ सफाई और खाने पीने की व्यवस्था देख सकें।

5. बतख पालन व्यवसाय के लिए लाइसेंस व पंजीकरण

किसी भी व्यवसाय की शुरुआत से पहले इस बात को निश्चित करना बहुत जरूरी है कि आम नागरिकों को इससे किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुँचे। यही कारण है कि गवर्नमेंट ने किसी भी व्यापारी के दक्षता एवं योग्यता को परखने के लिए लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता का नियम बनाया है। इन मापदंडों के न होने पर जनता का नुकसान हो सकता है और इसके साथ ही व्यवसायी के सामने भी कई प्रकार की समस्या खड़ी हो सकती है।

आइए जानते हैं कि इस व्यवसाय को पंजीकृत करवाने के लिए कौन से लाइसेंस अनिवार्य होते हैं।

  • उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन
  • ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन
  • GST रजिस्ट्रेशन
  • ट्रेड लाइसेंस

आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि यदि बतख पालन व्यवसाय के अंतर्गत आप अंडे एवं मीट को ओपन सेल करते हैं या फिर छोटे स्तर पर यह व्यापार शुरू करते हैं तो किसी भी प्रकार के ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की जरूरत नही होती है। इसके बावजूद भी आपको अपने व्यवसाय को नजर में रखते हुए एक बैंक खाता आवश्यक ही खुलवा लेना चाहिए और अपने आधार को भी इस बैंक खाते से लिंक करवा लेना चाहिए।

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बत्तख पालन व्यवसाय के लिए लागत (Investment For Duck Farming Business)

जब हम बतख पालन व्यवसाय को शुरू करते हैं तो मुख्य रूप से बतख के चूजों को खरीदने में तथा उनके भोजन प्रबंधन में और उनके घर का निर्माण करने लागत खर्च होती है तथा कितनी लागत खर्च होगी यह आपके व्यवसाय के ऊपर निर्भर करता है कि आप किस स्तर पर अपने व्यवसाय की शुरुआत करना चाहते हैं।

अगर आप छोटे स्तर पर बतख पालन व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं तो कम लागत लगेगी वहीं अगर आप बतखों की अधिक संख्या के साथ इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो आपको अधिक लागत खर्च करनी पड़ेगी तथा इन चूजों की कीमत अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होती है जिसे आप पता कर सकते हैं और अपने व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।

बतख पालन व्यवसाय में लाभ (Benefit of Duck Farming Business)

इस समय ज्यादातर लोग बतख के मीट और अंडे को भारी मात्रा में पसंद करते हैं तथा खरीदते हैं इसलिए मार्केट में इसकी डिमांड अधिक है मुर्गी पालन व्यवसाय की तुलना में बतख पालन काफी आसान व्यवसाय है तथा मुर्गी में मृत्यु दर अधिक होती है वहीं बतख के चूजों की मृत्यु दर काफी कम होती है।

इसलिए इस व्यवसाय में नुकसान की संभावना कम होती है एक अच्छी प्रजाति का बतख 1 साल में लगभग 300 अंडे देता है तथा इनके अंडे 60 से 70 ग्राम तक होते हैं और एक अंडे की कीमत लगभग 8 से 9 रुपए की होती है इस हिसाब से आप बाजार में इन अंडो को बेचकर काफी ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।

बतख पालन व्यवसाय में होने वाले रिस्क

हर बिजनेस में किसी न किसी तरह का रिस्क होता है। इसी तरह बतख पालन व्यवसाय में भी कई तरह की समस्याएं सामने आ सकती हैं जो कि इस तरह हैं –

● बत्तख पालन व्यवसाय करने में सबसे जरूरी है पाले गए पक्षियों को मासांहारी जानवरों से बचाना।

● बतख पालन के लिए सबसे अच्छी जगह तालाब, नाले या झील होती है लेकिन इन स्थानों में बतख पालन करते समय इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि इन स्थानों ओर मौजूद गंदगी एवं जहरीले पदार्थों का सेवन बतख न करें।

● एक भी बतख के रोगी होने पर बहुत तेजी से रोग अन्य बत्तखों में भी फैल सकता है इसलिए बीमार बतख को तत्काल अन्य पक्षियों से अलग रखना चाहिए और सही तरह से उसका उचित इलाज एवं देखभाल करनी चाहिए।

● बतख के अंडे बहुत काफी नाजुक होते हैं जरा सी भी लापरवाही से इन अंडों को हानि पहुँच सकती है। इसलिए इन अंडों को बहुत ही सावधानी से व्यवस्थित करना चाहिए। इसके साथ ही अंडों की बिक्री सही समय पर हो जाये इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि अधिक समय तक बतख के अंडे सही नहीं रह पाते हैं और यह सड़ सकते हैं।

निष्कर्ष:

तो दोस्तों ये थी आज की हमारी आर्टिकल जिसमे हमने आसान स्टेप के साथ आपको समझाया है की बत्तख पालन कैसे शुरू करें? How to Start Duck Farming in India in Hindi यह व्यवसाय आज के समय गांव में काफी लोगों की पसंद बनता जा रहा है तथा इसमें होने वाला मुनाफा भी बढ़ता जा रहा है अगर अभी आप बत्तख पालन का व्यवसाय शुरू करते है तो उम्मीद है की आगे चलकर यह व्यवसाय और भी ज्यादा बढ़ेगा और आपका फायदा बढ़ता ही जायेगा। धन्यवाद

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