सागौन की खेती का व्यापार कैसे शुरू करें? Teak Wood Farming Business in Hindi

Sagwan ki Kheti Kaise Kare हम सभी लोग जानते हैं जैसा कि Sagwan (Teak Wood) एक बहुत महत्वपूर्ण पेड़ होता है जो कीमती एवं अधिक मूल्यवान होता है तथा इसका एक और नाम साक भी होता है जिसका उपयोग घर में प्रयोग की जाने वाली फर्नीचर के निर्माण तथा और भी कई चीजों में किया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम टैकटोना ग्रैंडिस (Tectona grandis) होता है

सागवान उष्णकटिबंधीय लकड़ी प्रजाति का वृक्ष है सागवान के पेड़ की लंबाई 80 से 100 फीट तक होती है इसकी टहनी एवं तना हल्का भूरे रंग का होता है सागवान (Teak wood) की लकड़ी से बनाए गए सामान अच्छी क्वालिटी का होता है और अधिक समय तक टिकाऊ होता है इसलिए सागवान की लकड़ी हर समय अधिक डिमांड में रहती है 

तथा सागौन की लकड़ी की खेती के व्यापार में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है आज इस लेख के माध्यम से Sagwan ki Kheti Kaise Kare की पूरी जानकारी दी जाएगी और किस तरह आप सागवान की लकड़ी की खेती का व्यापार शुरू करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं

भारत में सागवान की लकड़ी के प्रकार (Varieties of Teak Wood in India)

हमारे देश में सागवान लकड़ी के कई प्रकार के पाए जाते हैं जो नीचे दिए गए हैं :

  • गोदावरी सागौन
  • आदिलाबाद सागौन
  • दक्षिण और मध्य अमेरिकन सागौन
  • नीलांबर मालाबार सागौन
  • पश्चिमी अफ्रीकन सागौन
  • कौन्नी सागौन

सागवान की खेती के लिए आवश्यक जलवायु

जिस प्रकार हमारे देश में किसी फसल की खेती एक अनुकूलित वातावरण एवं मौसम में की जाती है जैसे उस फसल का अच्छे से विकास हो सके और एक अच्छा परिणाम दे सके ठीक उसी प्रकार सागवान की खेती भी की जाती है जिसके लिए अनुकूलित वातावरण नमी एवं उष्णकटिबंधीय वातावरण की आवश्यकता होती है जैसे इसकी खेती पर अधिक तापमान का भी कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है

  • इसीलिए सागौन की खेती के अच्छे विकास के लिए अधिकतम तापमान 39 से 44 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए।
  • वहीं न्यूनतम तापमान 13 से 17 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए।
  • वही 1200 से 2500 किलोमीटर वाले बारिश के क्षेत्र में सागौन की खेती अच्छी होती है एवं इसका अच्छा विकास होता है।

सागवान की खेती के लिए आवश्यक मृदा और जमीन

जिस प्रकार किसी फसल की खेती के लिए उपयुक्त एवं फसल के अनुरूप मिट्टी की आवश्यकता होती है जिससे फसल अच्छी हो सके इसी प्रकार सागवान की खेती के लिए मिट्टी की भौतिक और रासायनिक दशाएं अच्छी होनी चाहिए जिससे सागवान अच्छे से तैयार हो सके जिसके लिए जलोढ़ मिट्टी जिसमें बैसाल्ट भूसी चूने का पत्थर शैल आदि मिश्रित हो तथा मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए जिससे वहां पर सागवान की सबसे अच्छी खेती होती है और पेड़ का अच्छा विकास होता है।

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सागौन की खेती कैसे करें? Sagwan ki Kheti Kaise Kare

Sagwan ki Kheti Kaise Kare in Hindi

सागौन की खेती करने से पहले खेत की जुताई अच्छी तरह से की जाती है जिससे खेत में उपस्थित कंकड़ पत्थर खर एवं अनावश्यक चीजों को आसानी से बाहर निकाल सकें उसके बाद खेत की मिट्टी को बराबर करने के लिए कम से कम 2 बार और खेत की जुताई की जाती है।

तथा जिस जगह पर पौधा लगाया जाता है वहां पौधों के बीच की दूरी कम से कम 2 मीटर से 3 मीटर तक होनी चाहिए जिसके लिए गड्ढे को तैयार किया जाता है और गड्ढे की लंबाई चौड़ाई और गहराई 45 सेंटीमीटर की होनी चाहिए जहां पर पौधारोपण कर सकें तथा इस गड्ढे को तैयार करने के लिए मई और जून का महीना बहुत ही उपयुक्त होता है जिस समय धूप तेज होती है और तापक्रम अधिक होता है 

अगर इस समय गड्ढे को तैयार कर लिया जाए तो अधिक तापक्रम के कारण उसमें मौजूद कीड़े मकोड़े और कीट नष्ट हो जाते हैं जो पौधे के लिए अच्छा होता है और पौधे को कोई नुकसान नहीं होता है जिससे पौधे की वृद्धि अधिक होती है जिस में गोबर का खाद और थोड़ी सी काली मिट्टी डालना चाहिए

जिसे जो काली मिट्टी होती है वह पानी को अवशोषित करती है और जब भी पौधे को पानी की कमी होती है तब काली मिट्टी से पौधे को पानी मिल जाता है तथा जब पौधा छोटा होता है तो उसे जल्दी से बढ़ने के लिए गोबर का खाद डालना अति आवश्यक होता है फिर जमीन खेती करने योग्य तैयार हो जाती है।

Teak wood farming business plantation सागौन की खेती के लिए जुलाई और अगस्त महीने में पौधा रोपण किया जाता है क्योंकि इस समय वातावरण में नमी का प्रतिशत अच्छा होता है अगर इस समय पौधारोपण किया जाता है तब बहुत ही अच्छे से पौधे का विकास होता है।

सागवान का पौधा कहां मिलेगा कहां से खरीदे 

  • सागौन के रोपण के लिए टिशू कल्चर किए हुए पौधे को ही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • सागौन की खेती के लिए सरकारी वन विभाग के प्लांट नर्सरी से पौधे उचित दाम पर खरीद सकते हैं।
  •  किसी कंपनी या संस्था कि नर्सरी प्लांट से भी पौधों को खरीद सकते है।
  • तथा जो लोग आपके आसपास सागवान की प्लांटिंग करते हैं आप उनसे भी सागौन के प्लांट खरीद सकते हैं
  • पौधा रोपण के समय पौधे की कीमत हर एक क्षेत्र में अलग-अलग होती है।

सागौन की खेती के लिए सिंचाई

Teak Wood Farming Business in hindi : पौधा लगाने के बाद शुरुआती दौर में पौधे की सिंचाई बहुत जरूरी होती है और समय पर सिंचाई होने से पौधो का विकास तेजी से होता है जिसके लिए 1 महीने तक रोज पौधे में पानी डालना अति आवश्यक होता है

एक महीने बाद अगर बारिश नहीं होती है तब हर तीसरे दिन पौधों में पानी डालना चाहिए और फिर जरूरत के अनुसार 15 दिन पर पौधों की सिंचाई करें और इसके साथ खरपतवार की सफाई रखना भी बेहद जरूरी होता है पौधारोपण के दो-तीन साल तक खरपतवार का नियंत्रण रखना होता है जिससे पौधे की वृद्धि में कोई दिक्कत ना हो और पौधा तेजी से बढ़ सके।

खरपतवार में नियंत्रण :-

सागौन की खेती के बिजनेस में शुरू के 2-3 वर्ष खरपतवार को नियंत्रित करना बहुत आवश्यक होता है। इसके लिए निर्धारित समय पर खरपतवार को हटाते रहना जरूरी है। शुरुआती पहले साल में खरपतवार हटाने का अभियान तीन बार चलाना चाहिए इसके बाद दूसरे और तीसरे साल क्रमशः यह अभियान दो बार और एक बार जरूर चलाना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि सागौन के पेड़ पर्याप्त सूर्य की रौशनी में ही बढ़ते हैं।

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सागवान की खेती के लिए खाद एवं उर्वरक 

  • सागवान की खेती के लिए ज्यादातर सेंद्रिय उर्वरक का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
  • पहले 3 साल तक हर 3 महीने में कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।
  • और साल में दो बार रासायनिक उर्वरक 50-50 ग्राम प्रति पौधा देना चाहिए।
  • तथा बारिश के दिनों में 1 से 2 बार रासायनिक उर्वरक देना चाहिए।

सागवान का पेड़ कितने दिन में तैयार होता है

(Teak wood) सागवान के पौधे को लगाने के पश्चात शुरुआती दौर के 3 से 4 साल तक अच्छी सी देख रेख की जाती है जैसे कि उसमें लगे हुए खरपतवार और घास की समय-समय पर सफाई करते हैं अगर उसमें कोई रोग या कीट लग जाता है तो उसका तुरंत नियंत्रण करते हैं तब पौधा आपका 12 से 14 साल में अच्छे से तैयार हो जाता है और एक पेड़ में 10 से 15 क्यूबिक फीट या घनफीट लकड़ी प्राप्त होता है। घनफीट लकड़ी का वजन 22.5 से 24 किलोग्राम तक होता है

सागौन की खेती में आने वाली कीट समस्याएं

बढ़ते हुए सागौन के पौधे को दीमक जैसे कीटों से बचाना बहुत आवश्यक है, क्योंकि यह कीट पौधे को काफी हानि पहुँचाते हैं। ज्यादातर सागौन के पौधे में पाँलिपोरस जोनालिस लगते हैं और यह सागौन के पेड़ की जड़ को सड़ाने का कार्य करते हैं। सागौन के पेड़ में लगने वाला गुलाबी फंगस भी सागौन के पौधे को पूरी तरह से खोखला कर देता है।

इसके अलावा ओलिविया टेक्टोना एवं अनसिनुला टेक्टोना सागौन के पौधे में पाउडर जैसे फंगस लगने के कारक होते हैं जिसके कारण असमय ही पौधे के पत्ते झड़ जाते हैं। इसलिए सागौन की खेती करने में यह जरूरी है कि पौधों को सुरक्षित रखने के लिए रोगनिरोधी उपाय समय- समय पर किये जाएँ।

सागौन के पौधे को होने वाले इस तरह के रोगों से लड़ने में केलोट्रोपिस प्रोसेरा, डेटयूरा मेटल एवं अजदिराचता इंडिका के ताजे पत्तों का रस काफी उपयोगी होता है। यह कीट से सागौन के पौधे की रक्षा करता है और पर्यावरण को भी हानि नही पहुँचाता है।

सागवान के पेड़ को कैसे बेचे (How To Sell Teak Wood Tree)

सागवान के पेड़ को बेचने के लिए वन विभाग से परमिशन लेना पड़ता है जिसके लिए वन विभाग में आवेदन करना पड़ता है फिर वन विभाग यह जांच करता है की पेड़ विक्रेता की जमीन पर है या वन विभाग की जमीन पर है फिर जितना पेड़ आप बेचने के लिए काटना चाहते हैं उतने पेड़ का चालान भरना होगा जोकि अलग अलग राज्य में अलग-अलग चालान धनराशि है फिर परमिशन लेकर पेड़ को काटकर आप खरीदार को आसानी से बेंच सकते हैं और एक अच्छी खासी रकम प्राप्त कर सकते हैं।

सागौन की लकड़ी वृक्षारोपण लागत और आय (Investment of Teak Wood Farming Business)

इस बिजनेस को बहुत ही कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है जिसके लिए आपको पौधे के रोपड़ युक्त जमीन को तैयार करना पड़ता है और अपने नजदीकी नर्सरी प्लांट से सागवान के पौधे को खरीद कर और अपने खेत में लगा कर बहुत ही आसानी से और कम लागत में Teak Wood Farming Business को शुरू कर सकते हैं और पेड़ बड़ा हो जाने पर काफी मुनाफा कमा सकते हैं।

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सागौन की खेती से लाभ (profit of teak wood farming business)

सागवान की लकड़ी का प्रयोग फर्नीचर प्लाईवुड तथा और भी बहुत ही चीजों को बनाने में किया जाता है और इसकी लकड़ी से बनाई हुई चीजें बहुत मजबूत और काफी समय तक टिकता हैं और जल्दी खराब नहीं होती है  इसीलिए सागौन की लकड़ी महंगी होती है और इसकी हमेशा मार्केट में डिमांड रहती है

मार्केट में 1 क्यूबिक फीट लकड़ी की कीमत 25 से 30,000 रुपए की होती है और 12 साल के सागौन के 1 पेड़ से लगभग 10 से 15 क्यूबिक फीट लकड़ी प्राप्त होता है जिसके माध्यम से काफी प्रॉफिट कमाया जाता है इसलिए भारत में काफी लोग Teak Wood Farming business करते हैं और अच्छा प्रॉफिट कमाते हैं।

FAQ – सागवान की खेती से जुड़े लोगों द्वारा पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या सागौन की खेती लाभदायक है?

Ans. जी हाँ सागौन की खेती बहुत ही लाभदायक मणि जाती है एक बहुत महत्वपूर्ण पेड़ होता है जो कीमती एवं अधिक मूल्यवान होता है जिसका उपयोग घर में प्रयोग की जाने वाली फर्नीचर के निर्माण तथा और भी कई चीजों में किया जाता है

Q2. सागवान को बढ़ने में कितना समय लगता है?

Ans. सागौन के पेड़ को सही से उगाने में कम से कम 20 से 25 साल लग जाती है जिसके बाद इन्हे काटा जाता है

Q3. सागवान की लकड़ी कितने रुपए कुंतल है?

Ans. वर्तमान में बाजार में सागौन की लकड़ी का मूल्य 50 से 60 हजार रुपए प्रति कुंतल है

Q4. सागौन का पेड़ कितनी दूरी पर लगाना चाहिए?

Ans. सागौन का पेड़ को कम से कम 8 से 10 फीट की दूरी पर लगाना चाहिए अगर आपके पास 1 एकड़ ज़मीन है तो उसमे आप 450 से 500 सागवान के पौधे लगा सकते है

Q5. मैं भारत में सागौन की लकड़ी कैसे बेच सकता हूं?

Ans. भारत में सागौन की लकड़ी बेचने के लिए आपको वन विभाग से अनुमति लेनी होगी जिसके बाद आप आसानी से किसी भी लकड़ी के व्यापारी को सागौन की लकड़ी बेच सकते है

निष्कर्ष:

अगर आपको हमारी यह जानकारी सागौन की खेती कैसे करें? Teak Wood Farming Business in Hindi पसंद आया तो जरूर इसको अपने दोस्त और परिवार के साथ शेयर करें अगर आपको सागौन की खेती के बारे में कुछ पूछना है तो आप नीचे कमेंट करके हम से पूछ सकते हो आपकी सागौन की खेती से जुड़े हुए सारे सवाल का जवाब देने के लिए हम तैयार हैं धन्यवाद

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