केंचुआ खाद का बिजनेस अपनाएं और हर महीने लाखों कमाए
कुछ साल पहले तक केंचुआ खाद को एक साइड बिजनेस के तौर पर प्रयोग किया जाता था। लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया लोगों को इसकी जानकारी मिली और आज यह एक ऐसा बिजनेस बन चुका है जो बहुत ही कम इन्वेस्टमेंट में लाखों की कमाई हर महीने दे रहा है। पहले इसे सिर्फ एक किसान या अनपढ़ व्यक्ति का बिजनेस समझा जाता था।लेकिन अब पढ़े लिखे लोग भी अपनी जॉब छोड़कर इस बिजनेस को अपना रहे हैं। क्योंकि यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें लागत ना के बराबर या कह लें कि बहुत ही कम होती है और कमाई हम लाखों में कर सकते है। पहले केंचुए को सिर्फ किसान का मित्र कहा जाता था।लेकिन अब केंचुआ सिर्फ किसान का ही नहीं हर उस व्यक्ति का मित्र बन सकता है जो बहुत ही कम लागत में कोई अच्छा बिजनेस करना चाहता है। तो आइए बात करते हैं , केंचुआ खाद या वर्मी कंपोस्ट के बारे में –
- क्यों है इस बिजनेस की मांग-
- कैसे शुरू करें केंचुआ खाद का बिजनेस
- सरकार की सहायता कैसे लें
- कितनी सब्सिडी मिलती है
- केंचुआ खाद या वर्मी कंपोस्ट प्लांट कैसे बनाएं
- बैड तैयार करने के लिए सबसे जरूरी बात
- बेड में भरने के लिए गोबर कैसे तैयार करें-
- बेड में गोबर भरते समय सावधानियां
- बेड पर केंचुआ कैसे डालें
- बारिश में ध्यान रखने योग्य बातें
- मार्केटिंग कैसे करें
Table of Contents
क्यों है इस बिजनेस की मांग-
समय बदलने के साथ , रासायनिक खेती को छोड़कर लोग ऑर्गेनिक खेती यानी कि जैविक खेती को महत्व देने लगे हैं। जैविक खेती करने के लिए उन्हें जैविक खाद की ही जरूरत पड़ती है। यह खाद उर्वरक तत्वों से भरपूर होती है क्योंकि इसे बनाने में पत्ते मिट्टी और गोबर वगैरह का ही इस्तेमाल किया जाता है । इसलिए केंचुआ खाद की मांग बढ़ने के कारण इसका बिजनेस भी बढ़ता ही जा रहा है।
कैसे शुरू करें केंचुआ खाद का बिजनेस
यह एक ऐसा बिजनेस है जिसमें आपको बजट की कोई बंदिश नहीं है। आप अपनी हैसियत के अनुसार इसे छोटे या फिर बड़े लेवल पर शुरू कर सकते हैं। इस बिजनेस को शुरू करने में सरकार द्वारा भी सब्सिडी प्रदान करके सहायता की जाती है।
सरकार की सहायता कैसे लें-
रासायनिक खाद की बजाए सरकार भी ऑर्गेनिक खाद को बढ़ावा दे रही है जिसके लिए वह किसानों की सहायता सब्सिडी प्रदान करके करना चाहती है। यह सब्सिडी आप किसी भी सहकारी, स्वयं सहायता समूह, किसान संघ या अपने निजी सत्र के प्लांट को शुरू करने के लिए भी ले सकते हैं।
कितनी सब्सिडी मिलती है-
सरकार आपके उत्पादन के स्तर को ध्यान में रखकर ही सब्सिडी प्रदान करती है। अगर आप कम उत्पादन करते हैं तो आपको कम सब्सिडी दी जाएगी और अगर आप बड़े स्तर पर अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको सब्सिडी की मात्रा उसी हिसाब से ज्यादा मिलेगी। आप जितने उत्पादन का प्लांट स्थापित करते हैं,आपको उसकी कुल लागत का 40% हिस्सा सरकार द्वारा सब्सिडी उपलब्ध करवा कर दिया जाएगा।
केंचुआ खाद या वर्मी कंपोस्ट प्लांट कैसे बनाएं-
प्लांट शुरू करने के लिए 9 बाई 30 फीट की जमीन एक सेट के लिए लेनी है और उसके बाद जमीन को समतल करें और उसके ढलान इस तरह से बनाएं कि जो भी हम पानी का छिड़काव करेंगे,वह नीचे की तरफ नाली में बह जाए यानी कि बीच में से जमीन को ऊंचा रखना है और साइड से नीचे की तरफ। पानी निकासी के लिए हमें 2 फुट चौड़ाई की नाली बनानी है और नाली का लेवल बेड से 2 इंच नीचे रखना चाहिए ताकि पानी का बहाव सही तरह से हो सके। हमेशा दाएं और बाएं तरफ बेड लगाकर बीच में 10 से 12 फीट का रास्ता जरूर छोड़ें। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आपकी लेबर लागत कम आएगी क्योंकि आप बीच रास्ते पर चलते हुए दाएं और बाएं तरफ एक साथ अपना रॉ- मटेरियल डाल सकते हैं।
बैड तैयार करने के लिए सबसे जरूरी बात-
हमें इस बात का सबसे ज्यादा ध्यान रखना है की जमीन का लेवल ऊंचा होना चाहिए, इतना ऊंचा कि वहां पर पानी का भराव ना हो सके। यदि वहां पर पानी का भराव होगा तो केंचुए मर जाएंगे और खाद सही तरह से नहीं बन पाएगी। जब भी आप दोबारा से उसी बेड पर केंचुआ छोड़े तो आपको इस बात का ध्यान रखना है कि वहां पर खड्डा ना बना हो।
दूसरी जरूरी बात की बेड बनाने के लिए हमेशा उच्च क्वालिटी की ईंट का प्रयोग करना है। आप यह इंट सेकेंड हैंड भी ले सकते हैं परंतु आपको निम्न गुणवत्ता वाली ईंटों का प्रयोग नहीं करना क्योंकि यह इंट पानी के छिड़काव से खराब हो जाएंगी। एक बेड बनाने के लिए कम से कम 140 ईंट की जरूरत होती है और बढ़िया क्वालिटी की ईंट। 6 से 7 साल तक आराम से चल जाती है।
जमीन समतल करने के बाद उस पर एक प्लास्टिक की शीट बिछानी है जो 18 बाय 8 साइज की होनी चाहिए जिसकी लागत 80 से ₹85 प्रति किलो आती है और यह भी 6 से साल तक खराब नहीं होती है। सीट बिछाने के बाद ईट लगाते हुए हमें इस बात का ध्यान रखना है कि ,ईंट खिसक न पाए जिससे गोबर नाली में नहीं गिरेगा ।इसके लिए एक से डेढ़ इंच जगह छोड़कर ही ईट लगाएं। अब आपका बेड भरने के लिए तैयार है।
बेड में भरने के लिए गोबर कैसे तैयार करें-
बेड में भरने से पहले लगातार तीन-चार दिन तक, दिन में दो बार,पाइप से गोबर पर पानी का छिड़काव करें ताकि गोबर सही तरीके से ठंडा हो सके और उसके अंदर की इंप्योरिटीज बाहर निकल जाए। इसे कूल प्रोसेसिंग बोलते हैं और इसका फायदा यह होता है कि गोबर नरम हो जाता है जिससे केंचुए को निगलने में आसानी होती है। गोबर को किसी भी तरह से पलटाने की जरूरत नहीं है ,पानी अपने आप नीचे तक चला जाता है और जब पानी अपने आप गोबर से नीचे निकलना शुरू हो जाए तो आपको पानी का छिड़काव करना बंद कर देना है। एक बात का खास ध्यान रखना है कि गोबर 15 से 20 दिन से पुराना नहीं होना चाहिए क्योंकि बासी गोबर केंचुए के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
बेड में गोबर भरते समय सावधानियां-
बेड में गोबर भरते हुए गोबर के ऊपर दबाव नहीं डालना और जब 1 फीट ऊंचा गोबर की सतह बन जाए तो उसे हाथों से समतल करना है। गोबर पर बिना दबाव डाले इसे कबर नुमा शेप देने के लिए आप अपने हाथों या फिर फावड़े का प्रयोग कर सकते हैं। अब बेड की ऊंचाई नापने के लिए एक लोहे की रॉड लेकर सेंटर में जमीन के नीचे तक ले जाकर नाप ले ।हमारे बेड की ऊंचाई 1 फुट तक तैयार होने चाहिए। गर्मियों में गोबर की ऊंचाई 1 फुट से ज्यादा नहीं करनी है परंतु सर्दियों में आप सवा एक फुट तक ले जा सकते हैं। बेड लगाने के बाद फिर से
इसके ऊपर पानी का छिड़काव करना है ताकि गोबर और अच्छी तरह से मुलायम हो जाए। अब बेड केंचुए को छोड़ने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। अगर गोबर अच्छी तरह से मुलायम है तो केंचुआ 10 सेकेंड के अंदर ही गोबर के अंदर चला जाएगा अगर नहीं जाता तो समझ लीजिए आपके बेड में अभी भी कोई कमी है।
केंचुआ खरीदते समय क्या ध्यान रखें-
जो केंचुआ बढ़िया क्वालिटी का होता है वह 1 किलो में कम से कम हजार बारह सौ की संख्या में आ जाता है। मतलब ढाई से 3 किलो खाद में 1 किलो केंचुआ होता है। क्योंकि खाद केंचुआ का खाना है और खाद से निकालने के बाद मर जाता है।
बेड पर केंचुआ कैसे डालें-
बेड तैयार होने के बाद 1 फीट जगह में 1 किलो केंचुआ डाला जाएगा। अब दो महीने में आपके खाद भी तैयार हो जाएगी और यह ,केंचुआ भी डबल हो जाएगा। इसके बाद ऊपर पराली डालकर बेड को कवर कर दें ।खास ध्यान रखना है कि गर्मियों में पराली पतली डालनी है और सर्दियों में पराली की मोटी तह लगा सकते है। पराली डालने के बाद फिर से ऊपर पानी का छिड़काव करें ताकि पराली बेड के ऊपर अच्छी तरह से चिपक जाए। पराली एक तरह से बहुत ही कम लागत में शेड का काम करते हैं जो सर्दियों में रजाई और गर्मियों में कूलिंग का काम भी करती है।
पराली (धान के बचे हुए हिस्से को कहते हैं)
बारिश में ध्यान रखने योग्य बातें
बारिश के मौसम में हमें ज्यादा पानी का छिड़काव नहीं करना है उसे पहले हमें अपने हाथ से अपनी त्वचा के संपर्क से नमी चेक करनी है यदि बेड गर्म है तो हमें पानी का छिड़काव करना है नहीं तो बारिश के मौसम में पानी के छिड़काव की आवश्यकता कम है यदि बेड गर्म है तो भी हमें पानी का छिड़काव शाम को 6:00 बजे के बाद करना है।
मार्केटिंग कैसे करें-
इंडिया में तो आप आसानी से बेच सकते हैं परंतु मार्केटिंग लाइसेंस बनवा कर आप दूसरी देश में भी एक्सपोर्ट कर सकते हैं। इस बिजनेस को शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप पहले इसे छोटे स्तर पर शुरू करके अपने खुद के प्लांट में केंचुआ तैयार करके अपना बड़ा प्लांट शुरू कर सकते हैं। यह आज के समय का सबसे फायदे वाला बिजनेस है और बहुत ही कम लागत में यानी कि नाममात्र लागत में आपको लाखों रुपए का मुनाफा दे सकता है।
FAQ
Q: खाद प्लांट में कितने मजदूरों की आवश्यकता होती है?
केंचुआ खाद के बिजनेस में दो से तीन वर्कर में आसानी से शुरुआती बिजनेस कर सकते हैं।
Q: खाद कितने समय में बनकर तैयार हो जाती है?
केंचुआ खाद को पूरी तरह से तैयार होने में लगभग 2 महीने का समय लग जाता है।
Q: क्या केंचुआ खाद बिजनेस को घर पर ही शुरू किया जा सकता है?
हां,आप शुरुआती स्तर पर घर पर ही इसकी शुरुआत कर सकते हैं।
Q: केंचुआ खाद का रेट क्या है?
10 किलो की वर्मी कंपोस्ट खाद का मूल्य 1 हजार रुपए से शुरू होकर 1400 रुपए तक होता है।
Q: केंचुआ खाद बिजनेस को शुरू करने के लिए कम से कम कितनी जगह की आवश्यकता होती है?
25 वर्ग मीटर की किसी भी जगह या खेत में आप यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
Q: मौसम का प्रभाव केंचुआ खाद उत्पादन पर पड़ता है?
हां,सर्दी- गर्मी और बरसात के मौसम के हिसाब से केंचुआ खाद उत्पादन में कमी और बढ़ोतरी होती रहती है।
Q: केंचुआ खाद बिजनेस से कितना मुनाफा होता है?
25 वर्ग मीटर के एरिया में आपके उत्पादन करके दो से ढाई लाख रुपए सालाना कमा सकते हैं ।
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