होम्योपैथिक क्लीनिक कैसे खोले | How to open Homeopathic Clinic
जानिए होम्योपैथिक क्लीनिक कैसे खोलें | How to start My Homeopathic Clinic
आज के समय मे यदि आप अपना स्टार्टअप करना चाहते है या अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है तो होम्योपैथिक क्लीनिक एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, आप होम्योपैथिक क्लीनिक में इनवेस्ट करके अच्छा पैसा कमा सकते है, इसे आप अपने प्रोफेशन के रूप में देख सकते है, यह एक बेहतरीन प्रोफेशन में शामिल हो सकता है, आपको उसके लिए थोड़ी मेहनत करना होगा क्योंकि कुछ भी चीज मेहनत के नही मिलता है, अमूमन हम देखे है जितने भी होम्योपैथिक होते है वह मेडिकल स्टोर के साथ होते है लेकिन आज के समय मे यह सोच बदल रही है होम्योपैथिक क्लिनिक व मेडिकल अलग अलग होते है, और दोनों प्रोफेशन में अच्छा पैसा है।
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होम्योपैथिक क्या है?
होम्योपैथिक एक तरह का एलोपैथिक व आयुर्वेदिक इलाज की तरह ही इलाज का प्रोसेस है जिसमे साइड इफेक्ट बहुत कम होता है, भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अंतर्गत होम्योपैथिक को रखा गया है, जटिल से जटिल बीमारी के इलाज में होम्योपैथिक इलाज किया गया जिसमें साइड इफेक्ट बिल्कुल नही हुआ जितना भी देखे फायदे बहुत है। भारत सरकार ने इसके लिए कुछ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथिक, इंस्टिट्यूट ओपन किये है जहाँ BHMS अर्थात बैचलर्स ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड रिसर्च डिग्री मिलता है, जिसे आपको होम्योपैथिक क्लीनिक खोलने के लिए लाइसेंस मिल जाता है, होम्योपैथिक से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, किसी भी रोग से लड़ने की हिम्मत मिलती है।
BHMS (Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery) करने की योग्यता व वर्ष :
BHMS कोई भी कर सकता है, उसके पास BHMS कोर्स के लिए आपके पास 12वी में साइंस विभाग में बायोलॉजी में पास होने का डिग्री होना चाहिए तभी आप BHMS के लिए एलिजिबल होंगे, नही तो नही। BHMS कोर्स साढ़े पांच वर्ष का होता है इसमें चार- साढ़े चार साल तक पढ़ाई करना होता है व 1 साल आपको इंटरशिप करना होता है तभी डिग्री मिलती है, साथ ही आपको रोटरी इंटरशिप भी करना होता है, BHMS की डिग्री मिलने के पश्चात आप गोवरमेंट हॉस्पिटल, प्राइवेट हॉस्पिटल या फिर खुद का क्लिनिक खोल सकते है बस आपको कुछ शर्तों का ध्यान रखना जरूरी होगा।
होम्योपैथिक क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
• सर्वप्रथम आपको भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट में जाकर फॉर्म डाऊनलोड करना होगा, फिर उस फॉर्म का प्रिंट आउट लेकर भरना होगा, फॉर्म को भरने का इन्टरक्शन आप आयुष मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट पर पढ़ सकते है।
• अपनी सम्पूर्ण जानकारी ध्यान पूर्वक पढ़कर भरें, अपनी जानकारी सही सही व साफ रूप से भरें।
• फॉर्म भरने के बाद, आवश्यक दस्तावेज अटेच करें, व फ़ोटो चिपकाना व सिग्नेचर करना न भूलें।
• फॉर्म को राज्य सरकार आयुष मंत्रालय या केंद्र सरकार आयुष मंत्रालय में जमा कर दे।
• आपके फॉर्म की रिव्यु करने के बाद सम्पूर्ण जानकारी सही व स्पस्ट है तो आपको 1 महीने के अंदर होम्योपैथिक क्लीनिक खोलने का लाइसेंस मिल जाता है।
• लाइसेंस मिलने के बाद आप अपना होम्योपैथिक क्लीनिक डिमांड के अनुसार शहर में खोल सकते है।
होम्योपैथिक क्लीनिक खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज :
• BHMS की डिग्री (आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त)
• आधार कार्ड व मतदाता परिचय पत्र
• निवास प्रमाण पत्र व जन्म प्रमाण पत्र
• 2 पासपोर्ट साइज फ़ोटो
• रेजिस्ट्रेशन फीस (अलग अलग राज्य का अलग चार्ज है)
• प्रूफ ऑफ ओनरशिप इन साइट या किरायानामा
• इंटरशिप सर्टिफिकेट
होम्योपैथिक क्लिनिक के लिए दवा कहाँ से खरीदे :
अपने क्लिनिक या फिर मेडिकल के लिए आप दवा दो तरह से ले सकते है या तो आप डायरेक्ट कंपनी जहाँ मैनुफैक्चरिंग होता है दवाई वहाँ से डायरेक्ट आप डील कर सकते है और यह पहुँच से बाहर है तब आप विक्रेता या फिर होल सेलर से ले सकते है इसे क्या होगा आपको एक अच्छा मरजीन मिलता है जिसे आपको आपना क्लिनिक रन करने में काफी मददगार साबित होता है, आपको इस बात का ध्यान रखना है विक्रेता या फिर होल सेलर कितना परसेंट में दवाई उपलब्ध करा रहा है, यदि आप क्लिनिक ओपन करते है और दवाई नही देते है तब आप दवाई लिखते है तब आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि मेडिकल में दवा उपलब्ध है और नही।।
होम्योपैथिक क्लीनिक कहाँ खोले :
होम्योपैथिक दवा क्लीनिक ऐसे जगह पर खोले जहाँ इसका डिमांड हो, आज एलोपैथी से लोग आयुर्वेद व होम्योपैथी की ओर फिर से वापस आ रहे है ऐसे में आप होम्योपैथी क्लिनिक कहि भी खोलते है आपको फायदे होंगे, बस आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप क्लिनिक खोलते है उसके आसपास कोई बढ़े हॉस्पिटल न हो, और इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप जिस जगह पर दवाखाना खोल रहे है उसके आसपास स्कूल, कॉलोनी या फिर मार्केट प्लेस हो इसे मरीज आपके पास आसानी से आयेंगे, लोकशन का चुनते वक़्त मरीज को ध्यान में रखते हुए चूने।
होम्योपैथिक क्लिनिक खोलने में कितना इन्वेस्ट करें :
होम्योपैथिक क्लिनिक खोलना अब आसान हो गया है, भारत सरकार के द्वारा आप नई स्टार्टअप की तहत मुद्रा लोन ले सकते या फिर बिजेनस लोन भी ले सकते है। आप यदि होम्योपैथिक क्लिनिक खोल रहे है तो खुद का बिल्डिंग है तो आप उसे क्लिनिक बना रहे है तो आप उसमें इंटीरियर के लिए 1लाख तक इन्वेस्ट कर सकते है व मेडिसिन और इंस्ट्रूमेंट्स में आप 1लाख से 10लाख तक शुरुआत में इन्वेस्ट कर सकते है, साथ ही आप यदि किराए के जगह में क्लिनिक ओपन कर रहे है तो आपको इंटीरियर में खर्च कम करने की जरूरत है, समय के अनुसार आप इन्वेस्ट कर सकते है लेकिन इंस्टूर्मेंट्स व मेडिसिन में आपको सबसे ज्यादा इन्वेस्ट करने की जरूरत है ताकि आपका क्लिनिक बेहतरीन रूप से चले।
आप होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर क्लिनिक के साथ खोल सकते है :
यदि आप होम्योपैथिक क्लिनिक ओपन किये है तो आप होम्योपैथिक मेडिकल स्टोर ओपन कर सकते है इसे आपको फायदा होगा, इसके लिए आपको फार्मेसी की डिग्री लगेगी व आपका आसानी से मेडिकल स्टोर ओपन हो जाएगा, आपको भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के आधिकारिक वेबसाइट के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसे आपको आसानी से 1 महीने के अंदर ही आपको लाइसेंस मिल जायेगा, होम्योपैथिक दवाइयों का डिमांड बढ़ रहा है ऐसे में क्लिनिक के साथ आप मेडिकल खोल लेते है तो आपको फायदे ही होंगे नुकसान का सवाल ही नही उठता है।
होम्योपैथिक मेडिकल व क्लिनिक में फायदे :
होम्योपैथिक मेडिकल व क्लिनिक में आपको बहुत फायदे है जितना आप इन्वेस्ट करते है उतना ही प्रॉफिट होता है इसमें मार्जिन अच्छा मिलता है, क्योकि सभी दवा खनिज, प्राकृतिक संसाधनों व जड़ी बूटियों से बना होता है और यह एलोपैथी से थोड़ा महंगा मिलता है इसलिए आप इसमें आसानी से कमा सकते है, दवाई को एकाएक अधिक मात्रा में न मंगाये, शुरुआत में कम दवाई रखे उसके बाद मांग के अनुसार स्टॉक बढ़ाये, शुरुआत में कम वेरायटी का दवा रखें जिसे आपको आर्थिक रूप से हानि न हो, बाद में आप दवा का स्टॉक आदिम रख सकते है, समय के मांग अनुरूप।
होम्योपैथिक दवा का असर :
आम तौर पर देखा जाता है एलोपैथी दवा किसी भी बीमारी को पल भर में खत्म कर देता है क्योंकि वह रासायनिक क्रिया द्वारा रिएक्शन करता है लेकिन होम्योपैथि दवा इस तरह का नही इसे मिनिमम मात्रा में ली जाती है, और इससे बीमारी के उपचार में वक़्त लगता है लेकिन बीमारी जड़ से खत्म होता है, होम्योपैथी के कम डोस दिए जाते है जिसे किसी तरह का साइड इफेक्ट न हो व इलाज में रुकावट हो, आप दवा देते वक्त रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी ध्यान रखे, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में होम्योपैथिक बहुत असरदार है।
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