कक्षा 10 के बाद Commerce लेने के फायदे
जानिए कक्षा 10 के बाद Commerce लेने के क्या क्या फायदे है पूरी जानकारी
हर विद्यार्थी दसवी कक्षा पास करने के बाद यह सोचने मे व्यर्थ रहता की कक्षा 10 के बाद कौनसा विषय सही रहता है। कक्षा 10 के बाद आप Arts (Hummenity), वाणिज्य (Commerce), व विज्ञान (Science) इत्यादी विषयो का चुनाव कर सकते है। कक्षा 10 के बाद आपको वाणिज्य या काॅमर्स क्यो लेनी चाहिए इस विषय के बार मे हम चर्चा करेंगे। तो आप इस लेख को पुरा अंत तक पढे ताकि आपको इस विषय के बारे मे मुरा समझ आ सके।
Table of Contents
क्या है काॅमर्स विषय? (What is commerce subject)
वाणिज्य एक ऐसा विषय है जिसके बारे में काफी लोगों के मन मे काफी सारे विचार रहते है। वाणिज्य विषय का मुल आधार हिसाब व रोजगार मे फायदेमंद के आसार पर जाना जाता है। इस विषय को पढने के बाद आप आसानी से किसी भी व्यवसाय, कम्पनी व दूकान की बैलेंस शीट, व बाजार के उतार चढाव को समझ सकते है। काॅमर्स विषय को चूनने या पढने से पहले खुद को एक प्रश्न पूछे की क्या आप इस विषय को पढने मे Intersted है?
वाणिज्य विषय के चुनाव से पहले कुछ मुख्य बिन्दू जिसको जानना आपके लिए जरूरी है।
क्या आपका व्यवसायीक विषय गणित को समझने की अच्छी क्षमता है।
क्या आप किसी विषय को अच्छे से विश्लेषण कर सकते है।
क्या आपको व्यापार सम्बंधित ज्ञान है या उसे पढने व समझने मे कौशल रखते है।
क्या आप त्रुटि रहित काम को करना पसंद करते है।
क्या आप गणित के आंकड़ों को पढ़ने, समझने व उनके साथ खेलने का हूनर रख सकते है।
10 के बाद काॅमर्स (Commerce after 10th)
अगर आप कक्षा 10 के बाद कॉमर्स लेने की सोच रहे है तो आपके लिए यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इस विषय को आप आसानी से पढ व समझ सकते है। यह विषय थ्योरिकल से ज्यादा पे्रक्ट्रिल है। इस विषय मे पढने से कम समझने की जरूरत है। काॅमर्स एक व्यवहारिक विषय है साथ ही इस विषय को पढने के बाद एक सामान्य सा विद्यार्थी भी व्यापारिक विषय को आसानी से समझ सकते है।
काॅमर्स के विषय ( Commerce Subject)
काॅमर्स मे कई तरह के विषयो को पढ सकते है।
Business Economics (बिजनेस इकोनॉमिक्स) : इस विषय में आप व्यवसाय से जुड़ी Law of Supply and dimand और व इकोनाॅकिम्स इत्यादी प्रकार के तथ्यो के बारे मे पढ सकते है।
Cost Accounting (कॉस्ट अकाउंटिंग) : इस विषय में आप कॉन्ट्रैक्ट सम्बंधित तथ्य के बारे मे पढे़गे और साथ बजत कंट्रोल से जुडी जानकारियो के बारे मे पढ़ेंगे।
Auditing (एडिटिंग) : कॉमर्स के इस विषय में आप ऑडिट से जुडी जानकारी के बारे मे पढ सकते है। इसमे आप कम्पनी या किसी व्यवसाय से जुडी ट्रांजेक्शन, आय – व्यय के बारे मे Audit के बारे मे पढ व समझ सकते है।
Financial Accounting (फाइनैंशल एकाउंटिंग) – इस विषय में आप मुख्य रूप से कम्पनी या व्यवसाय के फंड से सम्बंधित कार्य कर सकते है।
Business Finance (बिजनेस फाइनेंस) : कॉमर्स के इस विषय में आप व्यवसाय के एनालाईज से सम्बंधित कार्य कर सकते है
Income Tax (इनकम टैक्स) – इस विषय में आप इनकम टैक्स से सम्बंधित कार्य को कर सकते है व उसका विशलेषण भी कर सकते है।
COMMERCE के बाद स्कोप
आप अगर काॅमर्स पढने से पहले इसके स्काॅप को देखना चाहते है तो आप यहा देख सकते हे।
CA : अगर आपको भविष्य में चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना है तो आपको कोॅमर्स विषय पढना चाहिए क्योंकि इस विषय मे व्यापार व व्यवसाय के बारे मे बताया जाता है साथ ही लेखांकन के बारे मे भी। कॉमर्स में लेखांकन और वित्तीय व्यवहार के बारे मे बताया व पढाया जाता है तो आप अगर खुद को भविष्य मे एक चार्टेड एकाउंटेंड देखना चाहते है तो आप इस विषय को पढना चाहिए।
CS : CS का यह सीधा सा मतलब Company Secretary से है जो की आप कोमर्स के के बाद कर सकते है। एक कम्पनी सेकेट्री कम्पनी का अधिकारी होता है जो कम्पनी मे एक मैनेजर के तौर पर कार्य करता है साथ ही वह कम्पनी मे होने वाले कार्यो पर निगरानी भी रख सकता है।
Banking : अगर आप भविष्य में बैंकिंग सेवा में जाना चाहते है तो आप 10वी कक्षा के बाद काॅमर्स पढ सकते है। काॅमर्स विषय मे आपको लेखांकन के बारे मे बताया जाता है और बैंकिंग कार्य में भी ज्यादातर कार्य लेखांकन से संबंधित ही होता है।
Chartered Financial Analyst Program : अगर आपको आंकड़ों के साथ खेलना पसंद है तो आप भी इस फिल्ड मे आ सकते है परन्तु इसके लिए आपको लेखांकन और वित्तीय व्यवहार का ज्ञान होना भी जरूरी है इसलिए आप कोसर्म पढ कर इस फिल्ड मे आ सकते है।
COMMERCE के बाद किये जाने वाले कोर्सेज
अगर आपने कक्षा 10 से 12 तक काॅमर्स पढी है ओर आगे काॅलेजे के लिए यह सोच रह है की कोर्मस के बाद कौनसा कोर्स करना उचित रहता है तो आप इन कोर्सेज को देख सकते है।
B,COM : अगर आपके कक्षा 10 और कक्षा मे कोमर्स पढी है तो आप कक्षा 12 के बाद B.COM का कोर्स भी कर सकते है। यह एक ग्रेजुएट कोर्स है जो कि 3 साल का होता है।
BMS : इस Bachelor of Management Studies कोर्स का पूरा नाम है। यह एक Management कर डिग्री होती है।
BE : Bachelor of economies की यह डिग्री भी 3 साल की होती है जो गेजुएट लेवल की होती है। इसमे कोर्स मे आप फाइनेंनस फन्डामेंटल के बारे मे सीखते है।
BACHELOR OF COMMERCE IN BANKING & INSURANCE : इस तीन साल के कोर्स मे आपको बैंकिंग सेक्टर से जुडी जानकारियां दी जाती है। यह भी 3 साल की डिग्री होती है जो ग्रेजुएट लेवल की होती है।
BCA : Bachelor of computer application यह एक तीन साल का कंप्यूटर कोर्स होता है जो आप कोमर्स के बाद कर सकते है यह भी एक प्रकार के गे्रजुएट की डिग्री होती है।
COMMERCE विषय को क्यो चुने।
दसवी के बाद कोमर्स को चुनने के कारण
काॅमर्स आज के समय में लगभग हर प्रकार के व्यवसाय मे काम मे आती है। काॅमर्स को पढ कर आप इससे कुछ ऐसे फंडामेंटल का चीख सकते है जिसका उपयोग आप अपने व्यवसाय मे कर अपना समय बचा सकते है।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने 10वी कक्षा के बाद कॉमर्स का चुनाव क्यो करे और किस उदृेश्य से करे। उम्मीद करते है आपको यह लेख पसंद आया होगा और कोई जानकारी ओर लेनी है तो आप कमेंट कर सकते है।