2022 में सरकारी राशन बांटने की दुकान कैसे खोलें

Sarkari Rashan Ki Dukan Kaise Khole 2022 – अपने शहर या गली मुहल्ले में आपने सरकारी राशन की दुकान तो देखे ही होंगे जहाँ से हमारे रोजमर्रा की सबसे जरूरी चीज राशन दिया जाता है। बहुत सारे लोगों को ऐसा लगता है कि चूंकि राशन सरकार द्वारा दी जाती हैं तो राशन दुकान भी सरकारी नौकरी वाले ही खोल सकते है पर आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नही है। अगर आप भी Sarkari Rashan Ki Dukan खोलने के इच्छुक है तो आज हम आपको इस बारे में सारी जानकारी देने वाले है।

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सरकारी राशन की दुकान क्या है (Sarkari Rashan Ki Dukan Kaise Khole)

सरकारी राशन बांटने की दुकान उस दुकान को कहते हैं जो कि सरकार द्वारा खोली जाती है और जिससे उसके आसपास रहने वाले लोगों को सरकार द्वारा तय की गई दरों पर निश्चित मात्रा में चावल, दाल, चीनी, गेहूं, नामक, आटा आदि सामग्री सस्ते दामों पर उपलब्ध कराई जाती है।

इन दुकानों को सरकार द्वारा जरूरी चीजों को बांटने की जिम्मेदारी दी जाती है। सरकार इस प्रकार की दुकानें गांव व शहरी इलाकों में खोलती है। सरकार ने राशन कार्ड योजना चलाई है जिसके अंतर्गत एपीएल, बीपीएल ,आईआरडीपी आदि कई श्रेणियों में राशन कार्ड को बांटा गया है। अलग-अलग वर्ग के राशन कार्ड धारको को अलग-अलग कीमतों पर राशन दिया जाता है। राशन बांटने वाला सरकार द्वारा तय नियमों के अनुसार ही राशन बांट सकता है। इन दुकानों को उचित मूल्य की राशन की दुकान भी कहा जाता है। 

सरकारी राशन बांटने की दुकान खोलने के लिए आवश्यक पात्रता शर्तें- आवेदन करने के लिए योग्यता

सरकारी राशन की दुकान कैसे प्राप्त करें? सभी राज्यों ने सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए अपने अलग-अलग नियम बनाए होते हैं परंतु कुछ पात्रता की शर्तें ऐसी है जो सभी राज्यों में एक जैसी होती है। जिनका वर्णन निम्नलिखित है-

1. राशन बांटने वाला भारत का निवासी होना चाहिए –

जो व्यक्ति सरकारी राशन की दुकान को खोलना चाहता है वह भारतवासी होना चाहिए | वह जिस क्षेत्र में रहता है उसी क्षेत्र में वह सरकारी राशन बांटने की दुकान को खोल सकता है।

2. शैक्षणिक योग्यता-

सरकारी राशन बांटने की दुकान खोलने वाला व्यक्ति कम से कम 10 वीं पास होना चाहिए | कई राज्यों में इस आयु को बढ़ाकर स्नातक तक कर दिया गया है।

3. आर्थिक रूप से मजबूत व्यक्ति हो-

सरकारी राशन की दुकान खोलने वाला व्यक्ति आर्थिक रूप से मजबूत होना चाहिए। उसके बैंक खाते में 50000 से ₹75000 तक की राशि जमा होनी चाहिए।

4.कानूनी रूप से अपराधी व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकता है-

जो व्यक्ति कानूनी रूप से अपराधी हो या जिसने कानून के नियम तोड़े हो वह सरकारी राशन बांटने की दुकान नहीं खोल सकता है।

5. पहले से जारी लाइसेंस प्राप्तकर्ता न करें आवेदन-

जो व्यक्ति पहले ही राशन की दुकान के लिए लाइसेंस प्राप्त कर चुका हो लेकिन किन्हीं कारणों से उसका लाइसेंस रद्द हो गया हो तो वह इस तरह दुकान को खोलने के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

6. दुकान खोलने के लिए जगह का चुनाव-

इस तरह की दुकानें गांव के आसपास ही खोली जानी चाहिए। ताकि गांव के लोगों को दूर ना जाना पड़े। राशन डिपो के आसपास गेहूं पीसने वाली चक्की भी हो तो और भी अच्छा होता है क्योंकि गरीब लोगों को सरकार गेहूं देती है। आटा चक्की होने से वे आटा पीसवाकर भी घर ले जा सकते हैं।

आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज

Sarkari Rashan Ki Dukan खोलने के लिए आपके पास नीचे दी गई दस्तावेजों का होना भी अनिवार्य है –

  • आवेदक का आधार कार्ड
  • आवेदक के शैक्षणिक योग्यता का प्रमाण पत्र
  • आवेदक का निवास प्रमाण पत्र
  • अगर राशन की दुकान के लिये जगह रेंट पर लेनी है तो रेंट अग्रीमनेट
  • आरक्षण वर्ग प्रमाण पत्र
  • आवेदक की आयु 21 वर्ष या उससे ज्यादा हो
  • आवेदक का बैंक खाते में कम से कम 40 हजार रुपये होने ही चाहिए
  • पुलिस अधीक्षक से प्राप्त चरित्र प्रमाण पत्र
  • जिला अधिकारी द्वारा प्राप्त चरित्र प्रमाण पत्र

Sarkari Rashan Ki Dukan खोलते समय ध्यान रखने योग्य बातें-

1. दुकान के लिए जगह

सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए यह भी देखना जरूरी होता है कि जो दुकान सरकारी राशन बांटने के लिए खोली जा रही है उसका आकार कितना है एक सरकारी राशन की दुकान के लिए जगह बड़ी होनी चाहिए। माल का स्टॉक रखने के लिये एक गोदाम भी होनी चाहिए। इसके अलावा आपके दुकान के बाहर कम से कम 7 से 15 फीट चौड़ी सड़क भी होनी चाहिए ताकि राशन के लिए लोग आसानी से लाइनें लगा सके । राशन के दुकान की ऊंचाई कम से कम 3 मीटर होनी चाहिए ।

2. राशन भंडारण की उचित व्यवस्था-

सरकारी राशन को बांटने के लिए जो दुकान खोले जा रही हो उसमें उचित भंडारण की व्यवस्था होनी चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि कहीं से छत तो नहीं टपकती हो। बारिश का पानी कमरे के अंदर ना आता हो। अगर कहीं से भी बारिश का पानी अंदर आता हो या बारिश के कारण सीलन रहती हो तो इससे अनाज के खराब होने का डर रहता है।

3. सफाई का पूरा ध्यान रखें-

अगर कोई व्यक्ति सरकारी राशन की दुकान को खोल लेता है, उसे दुकान खोलने की अनुमति मिल जाती है तो उस व्यक्ति को दुकान में साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। अनाज बाटते समय अनाज इधर-उधर गिर जाता है जिससे सफाई ना होने पर वहां पर चूहे अपना घर ही बना लेते हैं। जिससे अनाज को नुकसान होता है।

4. सड़क की व्यवस्था-

सरकारी राशन की दुकान खोलते समय यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि दुकान सड़क के किनारे हो ताकि राशन लाने और ले जाने वालों को समस्या ना हो। सड़क के किनारे दुकान होने से लोगों को राशन ले जाने में सुविधा होती है। सरकारी राशन भी बड़ी गाड़ियों में आता है। ऐसी स्थिति में राशन लाने वाले के लिए भी अच्छा रहता है।

5. ईमानदार व्यक्ति-

सरकारी राशन की दुकान जो व्यक्ति खोलने जा रहा है वह ईमानदार होना चाहिए। उसे सरकार द्वारा निर्धारित तय दरों पर ही राशन बांटना चाहिए। कई बार सरकार गरीब राशन कार्ड धारकों के लिए मुफ्त अनाज भी बांटती है। ऐसे में उस व्यक्ति को चाहिए कि वह गरीब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त अनाज दें। कई बार दुकान वाला व्यक्ति हेराफेरी कर देता है। उस मुफ्त राशन को भी वह गरीब लोगों तक नहीं पहुचाते और बाद में उसे अन्य कीमत पर बांट देते हैं जो कि गलत होता है।

6. कंप्यूटर की जानकारी-

जैसा कि सब जानते हैं कि आजकल कंप्यूटर का जमाना है। ऐसे में जो व्यक्ति सरकारी राशन की दुकान को खोलना चाहता है उसे कंप्यूटर की जानकारी भी होनी चाहिए। अनाज के वितरण के बारे में आजकल पूरी जानकारी कंप्यूटर पर ही डाल दी जाती है।

सरकारी राशन दुकान शुरू करने के लिए आवेदन कैसे करे 

सरकार दे रही है राशन दुकान खोलने का सुनहरा मौका शहरी और ग्रामीण इलाकों में सरकारी राशन दुकान शुरू करने की प्रक्रिया अलग अलग है जिसके बारे में आगे हम आपको विस्तार से बताने वाले है-

ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी राशन बांटने की दुकान खोलने की प्रक्रिया-

ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर देखा गया है कि 5-6 गांव के लिए एक ही सरकारी डिपो होता है। जिससे लोगों को और राशन बांटने वालो को समस्या होती है। राशन लेने के लिए लोगों को दूर जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में गांव वालों की सुविधा के लिए गांव में ही सरकारी राशन की दुकान खोलने की बात की जाती है।

1) सबसे पहले खंड विकास अधिकारी बैठक बुलाते हैं। बैठक में विचार किया जाता है कि आखिर किन कारणों से गांव में सरकारी राशन की दुकान खोलने की जरूरत है। फिर ब्लॉक ऑफिसर के पास दुकान खोलने वाले पात्र व्यक्तियों के नाम दिए जाते हैं।

2) खंड विकास अधिकारी उन व्यक्तियों की योग्यता के आधार पर एक फॉर्म देता है जिसे भरकर उसको जमा करवाना पड़ता है। उस फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेजों को भी लगाया जाता है तथा उनकी जांच की जाती है।

3) खंड विकास अधिकारी के द्वारा फॉर्म की जांच होने के बाद वे जिला आपूर्ति अधिकारी के पास जाते हैं।

4) जिला विकास अधिकारी इन सभी दस्तावेजों को जिला मजिस्ट्रेट के पास भेजता है। फिर पात्र व्यक्ति को ही लाइसेंस दिया जाता है। लाइसेंस लेने से पहले सिक्योरिटी के आधार पर कुछ पैसों का भुगतान करना पड़ता है। इस प्रकार लाइसेंस प्राप्त करके व्यक्ति गांव में सरकारी राशन बांटने की दुकान खोल सकता है।

शहरी क्षेत्रों में सस्ता राशन बांटने के दुकान खोलने की प्रक्रिया –

शहरी क्षेत्रों में सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए ज्यादा परेशानी की जरूरत नहीं होती है शहरी क्षेत्र में सरकारी राशन की दुकान खोलने के लिए एरिया चाहिए होता है। 2000 यूनिट एरिया में 400 कार्ड आते हैं। चार हजार यूनिट एरिया में 800 कार्ड आते हैं।

अगर आप शहर में राशन की दुकान खोलना चाहते है तो इसके लिए सूचना स्थानीय लोकल न्यूज पेपर या संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है । राशन की दुकान के लिए 4 हजार यूनिट का एरिया होना अनिवार्य है। अतः आप अधिसूचना की जानकारी प्राप्त कर एक सरकारी राशन की दुकान खोलने हेतु आवेदन कर सकते है या फिर आप खाद्य विभाग से आवेदन के लिये फॉर्म ले सकते हैं।

इसके अलावा अगर आप ऑनलाइन आवेदन फॉर्म लेना चाहते है तो आप संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर दिए गये लिंक पर क्लिक करके इसके लिए फॉर्म डाऊनलोड कर सकते है।

  • आवेदन फॉर्म में आवेदक का नाम , पता , शैक्षणिक योग्यता , जिस जगह पर राशन की दुकान खोलना चाहते है और कुछ अन्य पूछी गई जानकारी भरनी होती है। आवेदन फॉर्म को पूरे ध्यान से भरें क्योंकि अधूरी जानकारी देने से आपका आवेदन अस्वीकार भी किया जा सकता है।
  • आवेदन फॉर्म के साथ आपको मांगे गये सभी दस्तावेजों को भी संलग्न करके जमा करना होता है।
  • इसके लिए एक निश्चित तारीख रखी जाती है। इस तारीख के बाद आवेदन स्वीकार नहीं किए जाते। संबंधित विभाग को आवेदन पत्र प्राप्त हो जाने के बाद आपूर्ति निरीक्षक इन आवेदनों की जांच पड़ताल करता है। आवेदनों की जांच के बाद पात्र उम्मीदवारों को चयन समिति बुलावा पत्र भेजती है।
  • चयन समिति में जिला आपूर्ति अधिकारी ,मुख्य विकास अधिकारी ,जिला मैजिस्ट्रेट आदि शामिल होते हैं। उम्मीदवारों की आर्थिक स्थिति और चरित्र की जांच करती है।
  • उसके बाद इन आवेदनों को जिला मैजिस्ट्रेट देखता है और फिर पात्र उम्मीदवार को लाइसेंस प्रदान किया जाता है। लाइसेंस मिलने पर उसकी सिक्योरिटी जमा करवानी पड़ती है। जब एक बार किसी व्यक्ति को लाइसेंस मिल जाता है तो इसे रिन्यू करवाने का कोई नियम नहीं है।

अगर किन्ही कारणों से उसी व्यक्ति को राशन की दुकान बंद करनी पड़ती है और भविष्य में वह फिर से लाइसेंस लेना चाहे तो दोबारा उसे राशन की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाता है। इस तरह आप शहरी इलाकों में राशन दुकान शुरू करने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते है।

सरकारी राशन की दुकान के लिए इन्वेस्टमेंट कितना लगता है

जहाँ तक इन्वेस्टमेंट की बात है तो एक सरकारी राशन की दुकान शुरू करने के लिए आपको दुकान के लिए जगह खरीदनी या रेंट पर लेनी पड़ती है। इसके अलावा आपको गोडाउन बनाने के लिए भी खर्च करना पड़ता है। आपको सिकयोरिटी डिपॉजिट के रूप में कुछ तय राशि का भी भुगतान करना पड़ सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात आपके बैंक खाते में कम से कम 40 हजार रुपये भी होने चाहिए।

सरकारी राशन की दुकान से मुनाफा कैसे मिलता है

सरकारी राशन दुकान शुरू करने से आपको मुनाफा सरकार के द्वारा कमीशन के रूप में दी जाती है। जितने ज्यादा राशन कार्ड धारक आपके राशन दुकान से राशन लेते है उतना ही ज्यादा आपको कमीशन प्राप्त होता है।

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