हवाई चप्पल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें | Slipper Making Business in Hindi

Slipper Making Business in Hindi – आज मैं आपको चप्पल बनाने का बिजनेस के बारे में बताने जा रहा हूँ की आप कैसे यह बिजनेस शुरू कर के अच्छा मुनाफा कमा सकते है और अपनी रोज मर्राह की जिंदगी को खुशहाल कर सकते हैं चप्पल हर-तरह से पैरों को सुरक्षित रखते हैं जितना महत्वपूर्ण हम लोग के लिए कपड़े है ठीक वैसे ही महत्वपूर्ण है चप्पल का उपयोग गांव शहरों दोनों जगहों में किया जाता हैं। शहरों में जहां चप्पल का उपयोग फैशन के तौर पर किया जाता है वही गावों में चप्पल का उपयोग कंकड़ और पत्थर से बचने के लिए किया जाता है।

भारत में चप्पल की बिक्री अत्यधिक मात्रा में होती हैं। अधिकतर लोग चप्पल का प्रयोग घर के अन्दर और बहार किया करते हैं। चप्पल कई तरह के होते है कुछ तो ऐसे होते है जिन को पहन कर आप घर से बाहर भी जा सकते है। बाजार में कई तरह की छोटी-बड़ी रंगीन चप्पलें मिलती है। इन चप्पल को बेचकर कम्पनियां अत्यधिक मुनाफा कमाती हैं। अगर आप भी चप्पल बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते है तो आप इस बिजनेस के जरिये महीने के अच्छे खासे पैसे कमा सकते है

अब सवाल यह उठता है कि कितनी पूंजी की जरूरत होगी, कितनी जगह की जरूरत होगी, प्रति चप्पल की कीमत क्या होगी और आखिर मेरे पास क्या बचेगा? तो चलिए आज हम चप्पल के बिजनेस के बारे में बात करते हैं। आइए हर पहलू को विस्तार से समझते हैं

Table of Contents

चप्पल बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें ( Slipper Making Business in Hindi)

किसी भी बिज़नेस को शुरू करने से पहले हमे उसके बारे में प्लानिंग करनी होती है अर्थात कुछ चीजों का निर्धारण करना होता है जैसे . :-

बजट का निर्धारण
स्लिपर (हवाई चप्पल ) निर्माण के लिए रॉ मटेरियल
मशीन कहाँ से ख़रीदे
पैकेजिंग के लिए वस्तुए आदि.

जब आपका बिज़नेस प्लान बन जाये अर्थात चीजों का निर्धारण हो जाये अर्थात कौन – सी चीज कहाँ से और कैसे लानी है इसका निर्धारण कर लेने के पश्चात् आपको बिज़नेस के लिए अगला कदम बढ़ाना चाहिए

हवाई चप्पल बनाने के व्यापार के लिए जरूरी लाइसेंस

आप छोटे पैमाने में चप्पल बनाने का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो आपको विशेष पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। केवल बैंक खाता खोलने और बैंक से ऋण लेने के लिए, आपको एमएसएमई के तहत पैन नंबर और उद्योग आधार पंजीकरण करना होगा। यह बहुत आसान है और आप बिना किसी खर्च के अपना ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं

वही अगर आप बड़े पैमाने में चप्पल बनाने का व्यवसाय शुरू कर रहे हैं तो इसका रजिस्ट्रेशन बहुत आवश्यक होता है इसके बिना आपके बिज़नेस में और उसके मैन्युफैक्चरिंग बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए आपको अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन जरूर करवाना चाहिए रजिस्ट्रेशन करवाने से आप सरकार द्वारा दी गयी सुविधाओं का लाभ उठा सकते है

इस बिज़नेस के रजिस्ट्रेशन में लगने वाले डाक्यूमेंट्स की लिस्ट :-

  • GST रजिस्ट्रेशन करवाना होगा
  • उसके बाद आपको अपनी कंपनी का ROC में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा .
  • अगर आप छोटे स्तर पर ये बिज़नेस करना चाहते है तो आपको (one Farm कंपनी ) या फिर आप LLP (लिमिटेड लिएबिलिटीज़ प्रोप्रिएटोरशिप ).
  •  यदि आप स्लीपर का बिजनेस गांव से करना चाहते है तो कर सकते है पर इसके लिए आपको अपने गाँव के ब्लॉक से परमिशन लेनी होगी 
  •  इसके बाद आपको ट्रेड लाइसेंस की आवश्यकता होगी जिसके लिए आपको लोकल म्युनिसिपेलिटी अथॉरिटी में अप्लाई करना होगा
  • इसके बाद आपको SSI रजिस्ट्रेशन करवाना DIC (डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेण्टर ).
  • इसके बाद आपको प्रदुषण कण्ट्रोल विभाग से परमिशन लेनी होगी
  • आप चाहा तो अपने बिज़नेस का रजिस्ट्रेशन उद्योग आधार की वेबसाइट पर जाके अपने बिज़नेस को ऑनलाइन रजिस्टर करवा सकते है .

हवाई चप्पल बनाने का बिजनेस के लिए जरूरी मशीन

1) हैण्ड ऑपरेट हवाई चप्पल सोल कटिंग मशीन ( Hawai Chappal Sole Cutting Machine) – 

इस मशीन का काम रबर शीट को नंबर के हिसाब से काटने में किया जाता है।यह मशीन के जरिये चप्पल बनाने के लिए जो रबर की शीट इस्तेमाल होती है उस रबर की शीट को यह मशीन die के मदद से बहुत ही आसानी के साथ हर साइज में काटने के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है

यह मशीन की मदद से आप किसी भी तरह का हवाई चप्पल बना सकते है यह मशीन बिजली से चलती है और इन्हें चलने के लिए 3 फैज़ बिजली की जरूरत होती है यह मशीन आप बाजार से यह फिर ऑनलाइन इंडिया मार्ट से बहुत ही आसानी के साथ खरीद सकते है और यह मशीन लगभग 1 लाख तक आपको मिल जाएगी

2) हवाई चप्पल ग्राइंडिंग मशीन (Hawai Chappal Grinding Machine) – 

इस मशीन का उपयोग रबर को काटने के बाद चप्पल के सोल को घिस कर प्लेन किया जाता है ऐसा करने से चप्पल की ख़ूबसूरती थोड़ी बढ़ जाती है यह मशीन 1 यह 3 फैज़ बिजली से चला सकते है यह मशीन की कीमत 6 से 7 हज़ार तक होती है और यह आपको आसानी के साथ बाजार यह ऑनलाइन मिल जाएगी

3) हवाई चप्पल स्क्रीन प्रिंटिंग (Screen Printing) –    

स्क्रीन प्रिंटिंग मशीन के मदद से आप चप्पल के उप्पर के हिस्से में डिजाइन बनाने के लिए कर सकते हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां चप्पलों पर डिजाइन बनाकर अपने ब्रांड का प्रचार करती हैं। इस डिजाइन को देखकर पहनने वाला भी इसकी ओर आकर्षित हो जाता है। यह मशीन आपको 2 से 3 हजार रुपए में आसानी से मिल जाती है।

4) हवाई चप्पल ड्रिल मशीन (Hawai Chappal Drill Machine) –

ड्रिल मशीन का इस्तेमाल चप्पल के सोल में होल करने के लिए किया जाता है रबर सोल को काटने और डिजाइन करने के बाद अब उसमें स्ट्रैप लगाने के लिए ड्रिल मशीन से तीन छेद किए जाते हैं। फिर उसमे स्ट्रैप लगाया जाता है जब शुरू में चप्पल की शोल की कटाई करते है तभी उसमे 3 छोटे छोटे होल die के दुवारा हो जाता है उसी होल को यह ड्रिल मशीन के जरिये से बड़ा किया जाता है ताकि स्ट्रैप आसानी से घुस सके बाजार में इस मशीन की कीमत 15 से 20 हजार रुपये के बीच है। आपको यह मशीन ऑनलाइन 12 से 14 हज़ार में मिल जाएगी 

5) हवाई चप्पल स्ट्राप मशीन (Strap Machine) –

 यह मशीन के जरिये से चप्पल के सोल में स्ट्राप लगाया जाता है यह मशीन आपको 4 से 5 हज़ार तक मिल जाएगी 

6) चप्पल की 3 से 10 नंबर तक की Die – 

डाईस का इस्तेमाल अलग अलग साइज की स्लिपर बनाने के लिए किया जाता है यह die की मदद से चप्पल का सोल काटा जाता है इसी die से चप्पल का साइज बनाया जाता है और यह die अलग अलग साइज के होते है इसकी कीमत 400 से 600 तक प्रति die की होती है ऑनलाइन यह die आपको और भी सस्ते में मिल जाएंगे, डाईस तीन प्रकार की होती है , सिंगल डाई, चिल्ड्रन डाई , डबल डाई

चप्पल बनाने की मशीन कहाँ से खरीदे

चप्पल बनाने में लगने वाली मशीन इन सभी चीजों को आप ऑनलाइन Indiamart, Amazon से खरीद सकते हैं या फिर अपने नजदीकी दुकान से भी इन्हें खरीदा जा सकता है।

हवाई चप्पल बनाने के लिए कच्चा माल (Raw Material)

सारे मशीन का सेटअप होने के बाद आपको कच्चा माल की भी आवश्यकता होगी। इन कच्चे माल  में जो सबसे प्रमुख है हवाई चप्पल बनाने के लिए 2 रॉ मटेरियल ही use किया जाता है

1) रबर की शीट –

इसका इस्तेमाल हवाई चप्पल की सोल बनाने के लिए किया जाता है इसके कारण ही हवाई चप्पलों में सोल होती है जिससे वह जल्दी घिसती नहीं है पर ये भी रबड़ की क्वालिटी पर निर्भर करता है अगर स्लीपर की सीट जो की रबड़ की बनी होती है यदि वह बेहतर क्वालिटी की है तो वह जल्दी नहीं घिसेगी ; लेकिन अगर रबड़ अच्छी क्वालिटी का नहीं है तो आपके स्लिपर के सोल के घिसने के चान्सेस बहुत ज्यादा है

यह चप्पल बनाने वाली रबर की शीट अलग अलग quality की बाजार में मिलती है पतले रबर शीट की कीमत थोड़ी काम होती है यह 200 से 250 में मिल जाता है और इससे सस्ते दामों वाला चप्पल तैयार किया जाता है और दूसरी मोटी शीट होती है यह थोड़ी अच्छी quality की होती है और इसका कीमत 400 से 450 तक होता है एक रबर की शीट से 20 चप्पल आसानी से बन जाता है

2) चप्पल की स्ट्रैप –

स्ट्राप यानी चप्पल का फीता इसे चप्पल के उप्पेर तीनो होल में लगाया जाता है इसकी कीमत 4 से 5 रुपए प्रति स्ट्राप की होती है

स्लीपर स्ट्रैप बहुत तरह की होती है :-

चौड़ी स्लीपर स्ट्रैप men’s के लिए कीमत 2 रूपए से 10 रूपए तक
पाइप स्ट्रेप (ट्रांसपेरेंट स्ट्रेप ) Womens के लिए 4 रुपय से 12 रुपय तक
आप अपनी आवश्यकता अनुसार इससे कम या अधिक दाम वाली स्ट्रेप का इस्तेमाल कर सकते है

इस व्यापार में काम आने वाले कच्चा माल आपको स्थानीय बाजारों में आसानी से मिल जाता है। अगर आप चाहते है इसे ऑनलाइन Indiamart से भी सस्ते में मंगवा सकते है

3) PVC पेंट :-

यह वह पेंट है जिसकी सहायता से आप हवाई चप्पल पर पेंट करने का कार्य करते है बाजार में PVC पेंट की कीमत 500 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक है।

चप्पल बनाने की विधि (Hawai Chappal Making Process)

आइए जानते है हवाई चप्पल कैसे तैयार होते है? सबसे पहले रबर शीट को सोल कटिंग मशीन में रखा जाता है इसके बाद आपको जिस नंबर की सोल बनानी होती है उसी नंबर की die रबर शीट के उप्पेर रख दिया जाता और सोल कटिंग मशीन से die को प्रेस किया जाता है और उसी आकर का सोल कटिंग हो जाता है कटिंग के दौरान ही चप्पल में छोटे छोटे सुराख़ हो जाते है मशीन अगर अच्छी quality की हो तो कटिंग अच्छी होती हैं।

कटिंग के बाद ग्राइंडिंग मशीन की सहायता से चप्पल के खुरदुरे हिस्से को प्लेन किया जाता है। इसे बहुत ही सावधानी के साथ किया जाता है चप्पल के चारो तरफ मशीन से प्लेन किया जाता है जिससे चप्पल में खूबसूरती थोड़ी बढ़ जाती है

इसके बाद चप्पल को प्रिंट करने की भी आवश्यकता होती है। इसमे काफी कम खर्च होता है। स्क्रीन प्रिंटिंग मशीन के मदद से हवाई चप्पल की उप्पेर वाले हिस्से में डिज़ाइन बनाया जाता है जिस से चप्पल और भी खुबसुरत देखने में लगता है चप्पल प्रिंट हो जाने के बाद इसे कुछ वक़्त सूखने के लिए छोड़ना जरूरी होता है

चप्पल सूख जाने के बाद अब ड्रिलिंग मशीन की आवश्यकता होती है यह मशीन की सहायता से चप्पल की उप्परि स्थानों पर पहले से जो छोटो छेद हुवी रहती है उसे ड्रिलिंग मशीन की मदद से और बड़ा किया जाता है। 

इसके बाद स्ट्रैप डालने के मशीन की सहायता से चप्पलो में फीते डाले जाते हैं। इस तरह चप्पलें हो गई तैयार और इसे अब पैकिंग कर के बाजार में सप्लाई किया जा सकता है।

चप्पल के लिए पैकेजिंग

चप्पल की पैकिंग के लिए आपके पास बहुत सारे ऑप्शन रहते है जिसमे से आप किसी एक ऑप्शन का चुनाव कर उसे पैकिंग के लिए कर सकते है जैसे पैकिंग बॉक्सेस जब आपका स्लिपर अर्थात हवाई चप्पल बनकर तैयार हो जाये तथा उसकी पैकिंग कार्य पूर्ण हो जाये फिर आप उसे सेल कर सकते है सेल करने लिए आप ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीका अपना सकते है

कैसे करें चप्पल की प्रचार-प्रसार?

आप इस बिजनेस की मार्केटिंग ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं। ऑफलाइन मार्केटिंग करने के लिए आप अपने आस-पास के सभी क्षेत्रों की जूतों की दुकान में जा सकते हैं और कमीशन के आधार पर अपने उत्पाद की बिक्री की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वे उन्हें मार्जिन पर देकर अपना लाभ कमा सकते हैं।

अपने उत्पाद की जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए आप अपने उत्पाद के अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए होर्डिंग, पैम्फलेट, मैगज़ीन,अखबार विभिन्न शहरों में स्थापित करवा सकते हैं। जितने अधिक लोग आपके उत्पाद के बारे में जानेंगे, आपके उत्पाद की उतनी ही अधिक मांग बाजार में होगी।

हवाई चप्पल बनाने में कितनी आएगी लागत?

यदि आपको छोटे स्तर पर अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आप हाथ से चलने वाली वाली मशीन से बिजनेस को शुरू कर सकते हैं इसके बाद आप अपने स्तर को बढ़ा सकते हैं और बडी़ मशीनों से अपने बिजनेस को ऊपर ले जा सकते हैं। इसमें कम से कम 1 से 1.50 लाख तक की लागत लग सकती हैं। अगर आप इस बिज़नेस को बड़े स्तर पर शुरू करना चाहते है तो आपको 3 से लेकर 5 लाख तक की लागत आ सकती है। क्यों की मार्किट में मशीन थोड़ी मेहेंगी मिलती है

मोटेतौर पर आपकी कुल लागत = रॉ मटेरियल + मशीनरी + लेबर सैलरी + भूमि + वाहन किराया
मान लीजिये 10,000 + 90,000 + 7000 + 50000 + 4000 = 161000
यदि भूमि आपकी अपनी हो खरीदी हुई या किराये की न हो तो आपकी लगत मानी गयी कुल लगत से कम आएगी

चप्पल बनाने के व्यापार से लाभ

आमतौर पर एक जोड़ी चप्पल बनाने में कुल लागत 20 से 25 रुपए तक आती है। वहीं आप इन्हें थोक में 50 से 70 रुपये में आसानी से बेच सकते हैं तो आपको 25 से 35 रूपए का प्रॉफिट होगा | अगर बिजली समेत अन्य खर्च हटा दिए जाएं तो आपको एक चप्पल पर 10 रुपए का लाभ मिलता है

यह मशीन एक घंटे में करीब 70 चप्पल बनाती है। दिन के आठ घंटे में करीब 560 जोड़ी सैंडल बनाई जा सकती हैं। इसमें आपको करीब 5600 रुपये की आमदनी होती है. लोन पर ब्याज, जगह का किराया, ट्रांसपोर्टेशन आदि का खर्च काटकर महीने में करीब सवा लाख की बचत होती है. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आपके पास पर्याप्त मांग हो।

ये मानी गयी डेली स्लिपर मैन्युफैक्चरर / प्रोडक्शन तथा उत्पादन के हिसाब से आपकी एक महीने की कमाई इतनी होगी अगर आपका उत्पादन इससे ज्यादा होगा तो आपको एक माहिने इससे ज्यादा लाभ प्राप्त होगा इस तरह से आप कमाई का हिसाब लगा सकते है।

यदि आप अपने हवाई चप्पल को ऑफलाइन बेचना चाहते है तो आप डिस्ट्रीब्यूटर और शॉप वाले को बेच सकते है आप ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन भी अपने स्लिपर अर्थात प्रोडक्ट को सेल करना चाहते है तो Flipkart, Amazon, Myntra पर बेच सकते हैं इससे आपको अच्छा प्रॉफिट होगा

कैसे पहुंचाए चप्पल बाजार तक (Marketing)

सबसे पहले इन चप्पलों को बाजार तक पहुंचाने के लिए कुछ लोगों को इस काम में लगाना होगा ताकि ये लोग बाजार में जाकर आपकी बनाई हुवी चप्पल को होलसेलर और रिटेलर तक पंहुचा सके। जिससे आपको एक फ़ायदा यह होगा की आपकी बनी हुई चप्पल का मार्केटिंग भी हो जाए और बिक्री भी होने लगेगी।

देखिए, कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले कुछ ट्रेनिंग जरूर लेनी चाहिए या फिर उसी बिजनेस की रनिंग यूनिट में जाने का मौका मिले तो बेहतर है। हालांकि, मशीन की मदद से चप्पल बनाना आसान है। फिर भी, व्यवसाय में प्रवेश करने से पहले, इसकी ट्रेनिंग करें। आप अपने क्षेत्र के जिला उद्योग केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। यहां आपको ट्रेनिंग और बिजनेस से जुड़ी तमाम जानकारियां मिलेंगी।

कोई भी व्यवसाय, चाहे छोटा हो या बड़ा, आपको शुरुआत में विशेष रूप से सामान बेचने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। एक बार खुदरा दुकानदार आपसे सामान लेना शुरू कर दें तो आप पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे।

आपको खुद एक दुकान और शॉपिंग मॉल आदि में जाकर दुकानदार को तैयार करना है। आपको कुछ दिनों के लिए कर्ज भी देना पड़ सकता है। इसलिए आपको सभी पहलुओं पर ध्यान से विचार करना चाहिए। इसके लिए आपको बिक्री नीतियों को अपनाना होगा, वह भी अपने प्रतिद्वंदी को देखकर। जैसे शुरुआत में छूट देना या उपहार देना आदि।

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