भारतीय गाय की प्रमुख नस्ल की जानकारी और उनकी विशेषता Cow Breeds in India

भारतीय गाय की प्रमुख नस्ल की जानकारी आपको अगर गाय पालन व्यवसाय सुरु करना है और आपको अच्छी प्रॉफिट कमाना है तो सब से पहले आपको एक अच्छी नस्ल की गाय का चुनाव करना होगा कौन सी नस्ल कितना दूध देती है कौन सी नस्ल हमारे बिजनेस के लिए बेस्ट होती है और कौन सी नस्ल की गाय काम बीमार पड़ती है यह सब की जानकारी रहना जरूरी होता है

हमारे देश में कई नस्ल की गाय पाई जाती हैं और जिसका इस्तेमाल लोग ज्यादा तर दूध के लिए सदियों से करते आरहे हैं हमारे भारत में अलग अलग राज्य में कई अलग नस्ल की गाय पाए जाते हैं जो अपने नस्ल में खास होते हैं आपने पिछले आर्टिकल में डयरी फार्मिंग कैसे शुरु करे पूरा तरीका मैं ने बताया था आज मैं आपको गाय के नस्ल के बारे में बताने जा रहा हूं किस नस्ल की गाय अपने फार्म में रख कर अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा प्रौफिट कामा सकते हैं

भारतीय गायो की प्रमुख प्रजातिया:

1) साहीवाल (Sahiwal) – हमारे भारत में साहीवाल नस्ल की गाय ज्यादा तर Punjab, Haryana, Delhi and Uttar प्रदेश में पाई जाती है यह सब से अच्छी नस्ल में से एक मानी जाती हैं इनका रंग पीला लाल भूरा यह काला होता हैं यह नस्ल की गाय का शरीर लम्बा चावड़ा सींग छोटा और टांगे छोटे छोटे होते है और इसका थन बड़ा और झूलता हुवा रहता है यह नस्ल की गाय भारत में कोई भी वातावरण में आराम से रह सकती हैं इनकी भरी शरीर को देख कर इनका नाम लोला रखा गया हैं

इस नस्ल की गाय का औसत वजन लगभग 350 से 500 किलोग्राम हैं होता है यह 10 महीने तक लगातार दूध देती है और एक दिन में 15 से 18 लीटर तक दूध देती हैं अगर आप डायरी फार्म बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो यह नस्ल की गाय आपके लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक हो सकती हैं

2) सिंधी (Sindhi) – यह नस्ल की गाय का प्राकृतिक आवास पाकिस्तान के राज्य कराची और सिंध के आसपास है, फिर भी यह हमारे भारत के कई हिस्सों में पाया जाता हैं। यह नस्ल की गाय गहरे लाल रंग के होते है इनका सरीर साहीवाल नस्ल के गाय से कुछ मिलता जुलता होता है इनका सींग छोटा और चावड़ा होता है इनकी एक ख़ास बात यह है की इसमें रोगों से लड़ने की ताकत अच्छी होती है यह जल्दी बीमार नहीं पड़ती हैं पुरुषों का औसत वजन 480 किलो और मादा 300 किलो की होती है। ब्याने के 320 दिन के अंदर यह 220 लीटर तक दूध देती है यह नस्ल की गाय भी डायरी फार्मिंग के लिए अच्छी मानी जाती है

3) गिर (Gir) – यह नस्ल की गाय भारत में गुजरात के कथियावार जिले में पाई जाती है इनका शरीर का रंग लाल सफेद और कला होता है इनके कान मुड़े और चौड़े होते है और सींग छोटा होता है इनका थान बड़ा और झुलता हुवा होता है यह जगह के हिसाब से औसत 2000 किलो दूध उत्पादन मन गया है इनका वजन 450 से 500 किलो होता है

4) थारपारकर (Tharparkar) – यह नस्ल की गाय राजस्थान में जोधपुर और जैसलमेर में ज्यादा तर पाई जाती है गुजरात के कुछ राजय में इस नस्ल की गाय की बड़ी संख्या पाई जाती हैं यह नस्ल की गाय ज्यादा दूध उत्पादन की वजह से लोकप्रिय गायो में माना जाता है यह गाय मालाणी नाम से भी राजस्थान के कुछ भाग में जाना जाता हैं यह नस्ल की गाय को आप दूर से भी पहचान सकते है इनका रंग सफेद और कान की तरफ झुका हुवा इनका सींग होता है यह गाय की उँचाई 3 से 4 फिट तक होती है

इनकी रोग से लड़ने की ताकत भी बहुत अच्छी होती है यह काम खरचे में ज्यादा दूध देने वाली गाय है इस गाय का वजन 420 किलो और बैल का 480 किलो होता है यह नस्ल की गाय सूखे और चारे की कमी की स्थिति में भी आराम से रह सकते हैं यह गाय एक दिन में 15 से 20 लीटर तक दूध दे सकती है डेयरी फार्म बिजनेस के लिए इन नस्लों की गाय की लोगो में भारी मांग पाई जाती हैं

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published.

error: