Shubhvaani Editor – ShubhVaani http://shubhvaani.com Business Ki Baat Hamare Sath Hindi Me Fri, 02 Oct 2020 19:47:16 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.4.2 http://shubhvaani.com/wp-content/uploads/2019/04/cropped-shubhvaani.com_-1-32x32.png Shubhvaani Editor – ShubhVaani http://shubhvaani.com 32 32 शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर कैसे बनाएं | Career in Education http://shubhvaani.com/shiksha-ke-chetra-me-career-kaise-banaye/ http://shubhvaani.com/shiksha-ke-chetra-me-career-kaise-banaye/#respond Fri, 02 Oct 2020 19:46:20 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1807 Career Guid | Career in Teaching कैसे बनाएं शिक्षा के क्षेत्र में करियर व पाएं जॉब   शिक्षा का क्षेत्र, एक ऐसा क्षेत्र जिसमे आप एक गुरु की तरह होते हैं। लोग आपको को एक गुरुजी के रूप में देखते हैं। आज हम हमारे इस लेख में आपको शिक्षा से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी […]

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Career Guid | Career in Teaching कैसे बनाएं शिक्षा के क्षेत्र में करियर व पाएं जॉब  

शिक्षा का क्षेत्र, एक ऐसा क्षेत्र जिसमे आप एक गुरु की तरह होते हैं। लोग आपको को एक गुरुजी के रूप में देखते हैं। आज हम हमारे इस लेख में आपको शिक्षा से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी बताएंगे, साथ ही यह भी बताएंगे कि आप शिक्षा के क्षेत्र में कैसे अपना कैरियर बना सकते हैं। अतः आप इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको इससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो सके।

क्या हैं शिक्षा का क्षेत्र

इस क्षेत्र में आप किसी भी निजी व सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के तौर पर काम कर सकते हैं। शिक्षा का क्षेत्र काफी dynamic होता हैं जिसमे आपको हर रोज एक नए चैलेंज से गुजरना पड़ता हैं। शिक्षा के क्षेत्र का मतलब सिर्फ इससे ही नही हैं की आप स्कूल में एक शिक्षक के रूप में कार्य करे, इसके अलावा भी आप काफी सारे कार्य कर सकते है जैसे किसी निजी संस्थान में पढ़ाई करवाते हैं या खुद का कोई निजी शिक्षण संस्थान भी खोल सकते हैं जहा आप विद्यार्थियों को पढ़ाई करवा सके।

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु

अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं या करने की सोच रहे हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी हैं कि आप उस क्षेत्र में क्या – क्या कर सकते हैं। क्या आज भी इस क्षेत्र में उतने ही स्कोप हैं जितने पहले थे? शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु

  • शिक्षा का क्षेत्र काफी dynamic होता है, आप इस बात को इस तरह से समझ सकते हैं एक शिक्षक स्कूल में भी पढ़ाता हैं और एक शिक्षण संस्थान ( coaching ) में भी। एक शिक्षक कई अलग – अलग विषयो के बारे में पढ़ा सकता हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में आप एक तृतीय श्रेणी शिक्षक से लेकर कॉलेज के प्राचार्य के पद तक भी जा सकते हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में आप प्राइवेट या सरकारी संस्थानों में अपना कैरियर बना सकते हैं।
  • शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा खुद का एक निजी संस्थान भी खोल सकते हैं।

शिक्षा क्षेत्र से जुड़ने के फ़ायदे

शिक्षा क्षेत्र से जुड़े वैसे तो कई फायदे हैं परंतु यहा हम आपको शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कुछ मुख्य फायदे बताने जा रहे हैं।

  • अगर आप शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं तो यह एक अच्छी बात हैं कि यहां काफी स्वतंत्र होकर काम कर सकते हैं, अन्य क्षेत्रों में देखा जाए तो वहां आपको कुछ अन्य प्रोटोकॉल को फॉलो करना पड़ सकता है पर इस क्षेत्र में आप काफी स्वतंत्र हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में एक अच्छा खासा कैरियर बना सकते हैं।
  • शिक्षा क्षेत्र से जुड़े संस्थानों में आपको काफी प्रसिद्धि मिलती हैं इसका मतलब इस क्षेत्र में आपका मान-सम्मान काफी बढ़ जाता हैं।
  • शिक्षा का क्षेत्र काफी आर्थिक लाभ देने वाला क्षेत्र भी होता हैं।
  • शिक्षा का क्षेत्र एक dynamic फील्ड हैं जिसमे आप कई अलग – अलग तरह के काम कर सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र से कैसे जुड़े?

अगर आप शिक्षा क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपके लिए यह अच्छा मौका साबित हो सकता हैं। इस क्षेत्र में आपको कई सारे अवसर मिलते हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़ने के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी हैं कि आप इस में क्या क्या कार्य कर सकते हैं।

  • शिक्षा के क्षेत्र में आप उन सभी पदों पर जा सकते हैं जिसमे आप एक शिक्षक ओर एक गुरु के रूप कार्य करने की सोच रखते हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में आप एक शिक्षक, एक व्याख्याता, एक प्राचार्य के तौर पर कार्य कर सकते है।
  • शिक्षा के क्षेत्र में आप निजी संस्थानों में भी कार्य कर सकते हैं जिसमे प्राइवेट ट्यूटर शामिल हैं।

निजी और सरकारी शिक्षा क्षेत्र में अंतर

अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर चाहते हैं परंतु आप इस बात से परेशान हैं कि आप निजी क्षेत्र में जाये या सरकारी क्षेत्र में तो आपकी यह परेशानी भी हम दूर कर देते हैं। हमारे इस लेख में हम निजी और सरकारी शिक्षा क्षेत्र के बारे में बता रहे हैं।

  • निजी क्षेत्र में आप एक निजी स्कूल , कॉलेज में विद्यार्थियों को पढ़ा सकते हैं, वही सरकारी स्कूल और कॉलेज में आपको सरकारी स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों को पढ़ाने का मौका मिलता हैं।
  • निजी स्कूल में अध्यापकों को उतनी सैलरी नहीं मिल पाती जितनी एक सरकारी स्कूल के अध्यापकों को मिलती हैं।
  • निजी स्कूल में आप पर काम का काफी दबाव रहता हैं वही सरकारी स्कूल में काम का दबाव कम रहता हैं।
  • निजी क्षेत्र में आप निजी कोचिंग संस्थान में भी पढ़ा सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में एक शिक्षक के कार्य

वैसे तो एक शिक्षक के कई कार्य होते हैं परंतु विशेषः शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कार्यो के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं जो की निम्न हैं।

  • एक शिक्षक का मुख्य कार्य होता हैं विद्यार्थियों को शिक्षा देना फिर चाहे वो सरकारी संस्थान में हो या निजी संस्थान में।
  • एक शिक्षक स्कूल, कॉलेज में शिक्षा देने ले साथ विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार करता हैं।
  • एक शिक्षक भारत के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए शिक्षा जैसा महादान देता हैं।
  • एक शिक्षक शिक्षा के अलावा भी कई कार्य करता हैं जैसे जनगणना, महामारी इतियादी कार्यो में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता हैं।
  • देश के किसी कोने में होने वाले चुनावों में भी एक शिक्षक ही अपना महान योगदान देता हैं।

प्राइवेट शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कुछ अन्य पहलू

अगर आप भी प्राइवेट शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी होता हैं कि एक निजी शिक्षा के क्षेत्र में क्या होता हैं।

  • निजी शिक्षा के क्षेत्र में आपको एक अवसर मिलता हैं कि आप किसी भी निजी और सरकारी स्कूल, कॉलेज ओर विश्वविद्यालय में अपना कैरियर बना सकते हैं।
  • निजी क्षेत्र में आप किसी भी कोचिंग संस्थान में भी पढ़ा सकते हैं जिसमे आप चाहे तो खुद भी पढ़ा सकते हैं और कोचिंग संस्थान भी खोल सकते हैं।
  • आप खुद का कोचिंग सेंटर भी खोल सकते हैं अगर आप चाहे तो।
  • आप निजी क्षेत्र में खुद का अच्छा करियर बना सकते हैं।
  • अगर आपने कॉलेज व्याख्यता के लिए एग्जाम क्वालीफाई किया हैं तो आप प्राइवेट कॉलेज में( ही पढ़ाई भी करवा सकते हैं।
  • शिक्षा का निजी क्षेत्र काफी dynamic माना जाता हैं जहाँ आप अलग अलग संस्थानों में अलग विषयो में पढ़ा सकते हैं।
  • कुछ अन्य मायने में शिक्षा में क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

कैसे बने शिक्षक ( How to become a teacher )

अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और एक शिक्षक बनना चाहते हैं तो आपको कुछ विशेष प्रकार की डिग्री करने की आवशयकता होती हैं। इसके साथ ही आपको कुछ विशेष बातो का ध्यान रखना पड़ता हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं।

शिक्षक बनने के लिए योग्यता

  • शिक्षक बनने के लिए क्वालिफिकेशन भी काफी मायने रखती हैं अगर आप निजी स्कूल में शिक्षक बनने की सोच रहे हैं तो आप कक्षा 12 पास होना चाहिए , अगर आप सरकारी स्कूल में शिक्षक बनना चाहते हैं तो आपका स्नातक होना जरुरी होता हैं।
  • शिक्षक बनने के बाद भी मुख्य मांग होती हैं विषय की कि आप किस विषय को पढ़ाने में रुची रखते हैं। जिस विषय मे आप रुची रखते हैं उस विषय के बारे में आपको अच्छा ज्ञान होना जरूरी होता हैं।
  • वैसे तो शिक्षक बनने के लिए को आयु की आवश्यकता नही होती परन्तु एक शिक्षक को बनने की आयु 18 साल से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए।
  • शिक्षक बनने के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता कम से कम स्नातक होना चाहिए।
  • शिक्षक बनने के लिए आपको बी.एड क्वालीफाई करना जरूरी होता है।
  • अगर आप कॉलेज में शिक्षक बनने की सोच रहे है तो आपको NET ( National Eligiblity Test )  का एग्जाम क्वालीफाई करना आवश्यक होता है।

शिक्षक बनने के बाद किस क्षेत्र मे कार्य कर सकते है।

  • प्ले स्कूल
  • नर्सरी स्कूल
  • प्राथमिक / माध्यमिक स्कूल
  • विश्वविद्यालय मे प्रोफसर
  • विशेष स्कूल
  • शिक्षण संस्थान / कोचिंग सेन्टर
  • शिक्षा काउंसलर
  • लेक्चलर

जरूरी योग्यता

अगर आप एक शिक्षक बनने की सोच रहे है तो आपको इसकी योग्यताओ के बारे मे जानना जरूरी है।

  • उम्मीदवार जो एक शिक्षक बनने की सोच रहे है तो आपका स्नातक होना जरूरी होता है साथ B.ed or D.ed होना जरूरी होता है।
  • आवेदन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व अधिकतम आयु 45 होनी चाहिए।
  • आवेदक को शिक्षक बनने के लिए T.E.T की परीक्षा पास करना जरूरी होता है।

शिक्षक बनने के लिए कोई विशेष कौशल

शिक्षक बनने के लिए आवेदन के पास कुछ विशेष कौशल के होने की आवश्यकता होती है।

  • विशेष विषय का ज्ञान : अगर आपको शिक्षक बनने की होड मे हो तो आपको किसी विशेष विषय का ज्ञान होना जरूरी होता है।
  • शिक्षक का  धैर्यवान होना : अगर आप शिक्षक बनने की सोच रहे है तो आपको धेर्यवान होना जरूरी होता है।
  • लेखन शैली : शिक्षक को लेखन शैली में विशेष योग्यता होना जरूरी होता है।
  • रचनात्मक होना : शिक्षक को रचनात्मक होना जरूरी होता है।
  • अध्यापन मे रूची : शिक्षक को अध्यापन मे रूचि होनी चाहिए।

शिक्षक बनने के लिए कुछ मुख्य एग्जाम

अगर आप शिक्षक बनने से पहले यह जानना चाहते है कि आपको कौनसे एग्जाम देने पडते है तो यहा देख सकते है।

  • B.ed : B.ed का पूरा नाम Bachelor in Education होता है। आज के समय मे यह कोर्स विद्यार्थियो मे काफी पाॅप्यूलर है। शिक्षक बनने से पहले आपको यह कोर्स करना जरूरी होता है जो की एक आवश्यक योग्यता भी मानी जाती है।
  • BTC : इस कोर्स का पुरा Basic Certificate Training नाम है। यह एक दो साल का कोर्स होता है जिस अगर विद्यार्थी चाहे तो कर सकते है। इस कोर्स को आप स्नातक करने के बाद भी कर सकते है।
  • NTT : इस कोर्स का पूरा नाम Nursery Teacher Training होता है। इस कोर्स मे प्रवेश आपको बाहरवी कक्षा मे नम्बर के आधार पर दिया जाता है अगर आपके कक्षा 12 मे नम्बर अच्छे है तो आप इस परीक्षा मे प्रवेश ले सकते है।
  • BPED : इस कोर्स का पूरा नाम Bachelor in physical education होता है। इस 2 साल के कोर्स को करने के बाद स्नातक स्तर पर Physical education पढा सकते है।
  • JBT : इस कोर्स का पुरा नाम Junior teacher training है। इस कोर्स को आप बाहरवी स्तर के कक्षा के बाद कर सकते है। इस कोर्स को करने के बाद विद्यार्थी के लिए Primary teacher के योग्य हो जाता है।
  • TET : इस परीक्षा का पूरा नाम Teacher Eligibility Test होता है। कुछ राज्यो मे इस परीक्षा को पास अनिवार्य नही है परन्तु कई राज्या मे इस कोर्स को करना जरूरी होता है।
  • UGC Net : इस परीक्षा का आयोजन UGC (University Grant commission) द्वारा करवाया जाता है। इस परीक्षा मे 2 पेपर होते है जिसमे एक सामान्य अध्ययन का पेपर होता है तो दूसरा आपके पसंदीदा विषय का।

शिक्षक की सैलेरी

अगर आप एक शिक्षक या व्याख्याता की सैलरी के बारे मे जानने के लिए बैताब है तो आपको बता देते है की एक शिक्षक की सैलरी 22,000 से 45,000 के मध्य होती है वही एक व्याख्याता की सैलरी 65,000 से 85,000 तक होती है।

निष्कर्ष

हमारे इस लेख मे हमने शिक्षक बनने से सम्बंधित पुरी जानकारी प्रदान की है जिसमे यह भी बताया गया है की एक शिक्षक बनने के लिए क्या योग्यता आवश्यकता होती है।

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क्लास 10th के बाद साइंस लेने के फायदे http://shubhvaani.com/10th-ke-baad-science-lene-ke-fayde/ http://shubhvaani.com/10th-ke-baad-science-lene-ke-fayde/#respond Wed, 30 Sep 2020 16:06:03 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1784 जानिए क्लास 10th के बाद विज्ञान स्ट्रीम लेने के फायदे | Benefits Of Science Stream After Class 10th क्लास 10th में आते ही सबसे पहले बच्चों के mind में एक ही बात आती है की अगले साल क्लास 11th में क्या स्ट्रीम ली जाये ? यह बहुत ही कठिन decision होता है की 11th में […]

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जानिए क्लास 10th के बाद विज्ञान स्ट्रीम लेने के फायदे | Benefits Of Science Stream After Class 10th

क्लास 10th में आते ही सबसे पहले बच्चों के mind में एक ही बात आती है की अगले साल क्लास 11th में क्या स्ट्रीम ली जाये ? यह बहुत ही कठिन decision होता है की 11th में क्या स्ट्रीम select की जाये। वैसे तो तीन options available होते है और सभी स्ट्रीम से अच्छा भविष्य बनाया जा सकता है पर साइंस को एक complete एजुकेशन माना गया है। साइंस स्ट्रीम भी दो part में बाटी होती है –

1). PCM (Engineering)

2). PCB (Medical)

यह सच है कि अगर कोई छात्र पढ़ाई में औसत है तो वह विज्ञान से दूर भागता है, लेकिन जब वह रुचि लेना शुरू करता है तो विज्ञान बहुत मजेदार विषय होता है।

क्यू विज्ञानं विषय –

माता-पिता और छात्रों दोनों में ही विज्ञानं स्ट्रीम सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा कैरियर विकल्प है।

• विज्ञान स्ट्रीम इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी जैसे कई आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करता है और आप अनुसंधान भूमिकाओं का option भी चुन सकते हैं।

• साइंस स्ट्रीम लेने का सबसे अच्छा फायदा है, यह आपके लिए बहुत सारे विकल्पों को खुला रखता है। आप विज्ञान से वाणिज्य या विज्ञान से कला में भी जा सकते हैं। लेकिन आर्ट्स या कोम्मेर्स स्ट्रीम से साइंस स्ट्रीम में जाना संभव नहीं है।

• विज्ञान स्ट्रीम लेना आपको उत्कृष्ट समस्या सुलझाने की क्षमताओं से लैस करता है।

• विज्ञान और गणित अच्छी भुगतान वाली नौकरियों को पूरा करने में सक्षम बनाता है।

• विज्ञान मजेदार, अद्भुत और आकर्षक है। जैसा कि एडवर्ड टेलर ने सही कहा है

“आज का विज्ञान कल की तकनीक है।”

क्या है विज्ञानं –

विज्ञान स्ट्रीम अक्सर उन लोगों द्वारा पसंद की जाती है जो 12 वीं के बाद व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। विज्ञान स्ट्रीम में प्राथमिक विषय में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान हैं। अन्य विषयों में, अंग्रेजी अनिवार्य है जबकि अन्य भाषा विषय पसंद के लिए छोड़ दिया जाता है।

अगर आप रटने से ज्यादा समझने पर विश्वास रखते है तो साइंस स्ट्रीम बेस्ट है। साइंस आपको थेओरिटिकल नॉलेज के साथ साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी देता है। यह प्रूफ देता है हर बात की। विज्ञान एक विशाल क्षेत्र है और लगभग हर चीज की चिंता है जिसे हमारी आंखें देख सकती हैं या नहीं देख सकती हैं। ब्रह्मांड में हर चीज का अध्ययन विज्ञान के क्षेत्र के तहत किया जा सकता है।

विज्ञानं विषय चुनने से पहले निम्न बातों को समझना जरुरी है –

क्या विषय गणित को समझने की अच्छी क्षमता है।

क्या आप किसी विषय को अच्छे से विशलेषण कर सकते है।

क्या आप अपनी पढाई को अच्छे से समय दे सकते है।

क्या आप थ्योरी के साथ साथ पतराक्टिकल ज्ञान पर भी भरोसा रखते है।

क्या आप गणित के आंकडो को पढने, समझने व उनके साथ खेलने का हूनर रख सकते है।

क्या आप केमिस्ट्री की एक्वेशन्स को समझने में इंटरेस्ट रखते है।

क्या आप फिजिक्स में लॉजिक्स को समझ सकते है।

क्या आप बायोलॉजी के टर्म्स याद रख सकते है।

क्या आप फिजिक्स के कॉन्सेप्ट्स को अपनी दैनिक लाइफ में महसूस कर सकते है

10th के बाद science stream –

अगर आप कक्षा 10 के बाद science लेने की सोच रहे है तो आपके लिए यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इस विषय को आप आसानी से पढ व समझ सकते है। यह विषय थ्योरिकल से ज्यादा पे्रक्ट्रिल है। इस विषय मे पढने से कम समझने की जरूरत है। विज्ञान स्ट्रीम में बहुत ज्यादा म्हणत और लगन से पढ़ने की जरुरत होती है।

साइंस stream के विषय

फिजिक्स –

कक्षा 11-12 के स्तर पर भौतिकी का अध्ययन करने से आपको वैचारिक समझ, रचनात्मक सोच और समस्या को सुलझाने के कौशल के साथ-साथ अवलोकन, विश्लेषणात्मक, खोजी और निर्णय लेने के कौशल को विकसित करने में मदद मिलेगी।

Career option – भौतिकी का अध्ययन करने के बाद कई प्रकार के करियर विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें एक भौतिक विज्ञानी, अंतरिक्ष यात्री, डेटा वैज्ञानिक, तकनीशियन और इंजीनियर के रूप में काम करना शामिल है।

केमिस्ट्री

ब्रह्मांड में सब कुछ परमाणुओं और पदार्थों से बना है, और रसायन विज्ञान का अध्ययन परमाणु संरचना और रासायनिक प्रतिक्रियाओं से प्रभावित परिवर्तनों सहित संरचना, गुणों और पदार्थ की संरचना के अध्ययन पर आधारित है। आपके द्वारा अध्ययन किए जाने वाले विषयों के उदाहरण हैं:

Chemical Bonding and Molecular Structure

Chemical Thermodynamics

Organic Chemistry

Chemical Kinetics

Surface केमिस्ट्री

Career option – रसायन विज्ञान का अध्ययन करने के बाद करियर के विकल्पों में अनुसंधान, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य देखभाल के रूप में प्रयोगशाला वैज्ञानिक, रासायनिक इंजीनियर, जैव रसायन, स्वाद रसायनज्ञ, विश्लेषणात्मक रसायनज्ञ आदि शामिल हैं।

मैथ्स

गणित नंबरों का एक विज्ञान है और अक्सर छात्रों को इस विषय से नफरत ही रहती है, और कभी-कभी वास्तुकला, कला, इंजीनियरिंग हर जगह मैथ्स है। बड़ी बड़ी बुलडिंग्स, ब्रिड्जस सभी जगह मैथ्स है। एक विषय के रूप में, गणित मात्रा, परिवर्तन, संरचना और स्थान की अवधारणाओं पर केंद्रित है।

Career option – कक्षा 11-12 में गणित का अध्ययन करने से वाणिज्य के क्षेत्र में कई तरह के करियर विकल्प खुलते हैं। कैरियर विकल्पों में इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान, बीमा, सांख्यिकी, अर्थशास्त्र, बैंकिंग, अकाउंटेंसी आदि शामिल हैं।

बायोलॉजी

कक्षा 11-12 के स्तर पर जीव विज्ञान का विषय वास्तविक जीवन प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और उद्योग के साथ विषय के अध्ययन को जोड़ने के साथ एक दृढ़ वैचारिक आधार प्रदान करने पर केंद्रित है।

Career option – जीव विज्ञान का अध्ययन करने के बाद कैरियर के अवसर काफी हैं, जिसमें एमबीबीएस या आयुर्वेद या होम्योपैथी, चिकित्सा का सबसे लोकप्रिय मार्ग भी शामिल है। चिकित्सा के अलावा, आप जैव प्रौद्योगिकी, दंत चिकित्सा, पशु विज्ञान, फार्मास्यूटिकल्स, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, समुद्री जीव विज्ञान, आनुवंशिकी, जैव सूचना विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, और अधिक जैसे कैरियर पथों का पीछा कर सकते हैं।

साइंस स्ट्रीम क्यों बेस्ट मानी जाती है –

जब कोई छात्र भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन करता है, तो यह दुनिया की उनकी समझ, प्रभाव, कारण आदि को बढ़ाता है। इससे उन्हें अपने आसपास की हर चीज के बारे में वैज्ञानिक ज्ञान और सिद्धांत विकसित करने में मदद मिलती है।

विज्ञान प्रगतिशील और असाधारण विकास का कारण बनता है। इसने कई बीमारियों का इलाज खोजने, जागरूकता बढ़ाने और हमारे लिए अंतहीन संभावनाएं पैदा करने में लोगों को सहायता प्रदान की है।

CBSE विज्ञान पाठ्यक्रम में अनगिनत क्षेत्रों में कई अनुप्रयोग हैं और जेईई और एआईपीएमटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बैठने के अवसर खोलते हैं।

विज्ञान आस-पास के पारिस्थितिकी तंत्र की छात्रों की प्रशंसा और समझ को व्यापक बनाने में मदद करता है, विद्वानों को उत्कृष्ट समस्या-सुलझाने की क्षमताओं और बहुत अधिक हस्तांतरणीय कौशल की एक पूरी भीड़ से लैस करता है।

ग्लोबल वार्मिंग, बर्ड फ्लू, आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थ, तेल की कमी, परमाणु ऊर्जा, एमएमआर टीके और जीन थेरेपी जैसी अवधारणाओं के साथ, भविष्य के वैज्ञानिकों की एक महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण भूमिका है।

विज्ञान और गणित उच्च लागू कौशल वाले विद्वानों को वितरित करते हैं जो लगभग किसी भी कार्यशैली के लिए प्रासंगिक हैं। वे छात्रों को अत्यधिक सम्मानित और आकर्षक नौकरियों को प्राप्त करने के लिए एक लोचदार आधार प्रदान करते हैं और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य का आश्वासन देते हैं।

इंजीनियरिंग (IIT, JEE, NIT, BIT), मेडिकल (AIIMS, CMC, AIPMT) या बेसिक साइंस (IISc), भारत में विश्व स्तर के संस्थान हैं जहाँ छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

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CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) कैसे बने- पूरे कोर्स की जानकारी http://shubhvaani.com/ca-kaise-bane-full-information-in-hindi/ http://shubhvaani.com/ca-kaise-bane-full-information-in-hindi/#respond Tue, 29 Sep 2020 18:34:10 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1789 CA कैसे बने? ||How to Become a CA?||Chartered Accountant || पूरी जानकारी आजकल छात्रों के पास करियर के बहुत सारे ऑप्शन खुल गए हैं। एक समय था जब ज्यादातर छात्रों का सपना डॉक्टर या इंजीनियर बनने का या सिविल सर्विसेज में जाने का हुआ करता था। इसके बाद टीचर/प्रोफेसर, बैंक अफसर, या आई० टी० प्रोफेशनल […]

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CA कैसे बने? ||How to Become a CA?||Chartered Accountant || पूरी जानकारी

आजकल छात्रों के पास करियर के बहुत सारे ऑप्शन खुल गए हैं। एक समय था जब ज्यादातर छात्रों का सपना डॉक्टर या इंजीनियर बनने का या सिविल सर्विसेज में जाने का हुआ करता था। इसके बाद टीचर/प्रोफेसर, बैंक अफसर, या आई० टी० प्रोफेशनल का नम्बर आता था। अभिभावक भी इन्हीं कैरियर में अपने बच्चों का भविष्य देखते हैं। परंतु इन दिनों मान्यताओं में तेजी से बदलाव आया है और जैसे जैसे देश की वित्तीय स्थिति मजबूत होती जा रही है, फाइनेंशियल सेक्टर की ओर छात्रों का रुझान बढ़ता जा रहा है। बहुत से मेधावी छात्र फाइनेंस के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

CA इस क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह एक बेहतरीन और आकर्षक करियर है जहां पद प्रतिष्ठा और पैसा तीनों है। परन्तु CA प्रोफेशन से संबंधित जानकारी के अभाव में कई छात्र कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं और इस अपेक्षाकृत नए फील्ड में करियर बनाने से कतराते हैं। परन्तु जो छात्र इस फील्ड की विशेषताओं से अवगत हैं वो अपने मन में CA बनने का सपना संजोते हैं।

इस फील्ड को लेकर आपके सारे संशय दूर करने के लिए आज हम आपको CA के करियर से संबंधित हर प्रकार की जानकारी देंगे जैसे – CA बनने के लिए आपको कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए? इसके लिए कौन सी प्रवेश परीक्षा देनी होगी? इसके लिए न्यूनतम आयु या न्यूनतम योग्यता क्या है? और CA बनने के बाद आप किस तरह की नौकरी कर सकते हैं या कैसे अपना स्वयं का काम कर सकते हैं? और इस कार्य से आप कितने पैसे कमा सकते हैं?

CA क्या है?

CA का फुल फॉर्म होता है चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant)। CA का मुख्य काम कंपनियों का वित्तीय हिसाब किताब रखना होता है। इसके अलावा वित्तीय सलाह देना, अकाउंट की ऑडिट करना, टैक्स गणना से संबंधित काम करना भी उनके कार्य क्षेत्र में आता है। दूसरे शब्दों में CA का काम किसी कंपनी के फाइनेंसियल मैनेजमेंट का काम है, जिसके अंतर्गत टैक्स भरना, बैलेंस शीट बनाना आदि आते हैं।

न्यूनतम योग्यता:

अगर आप किसी भी स्ट्रीम से प्लस टू यानि 12वीं में कम से कम 33% मार्क्स लाकर पास करते हैं तो आप CA बनने के लिए योग्य या एलिजिबल हैं। अर्थात साइंस, कॉमर्स, या आर्ट्स (हयूमैनिटिज़) किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स CA बन सकते हैं। लेकिन मुख्य तौर पर यह देखा जाता है कि कॉमर्स के स्टूडेंट CA के कोर्स के लिए अधिक इच्छुक रहते हैं। यह बेहतर भी है कि यदि आप CA बनना चाहते हैं तो आपको प्लस टू में कॉमर्स स्ट्रीम लेना चाहिए क्योंकि कॉमर्स के छात्रों की सफलता का प्रतिशत अधिक होता है।

आयु सीमा: 

CA के कोर्स के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है। अगर आप 12वीं पास हैं तो आप इस कोर्स के लिए एलिजिबल हैं, चाहे आपकी आयु कुछ भी हो।

चयन प्रक्रिया:

भारत में CA की परीक्षा ICAI (इंस्टीटूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया), जो कि एक गवर्नमेंट बॉडी है, संचालित करती है।

CA की परीक्षा तीन चरणों में होती है –

CA फाउंडेशन

CA इंटरमीडिएट

CA फाइनल

आइए अब इन तीन चरणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

CA फाउंडेशन कोर्स (पहला चरण):

पहले इस परीक्षा का नाम CPT (common proficiency test) या सामान्य प्रवीणता परीक्षा था यह CA करने के लिए प्रवेश परीक्षा होती थी। उस वक़्त इसके लिए दसवीं के बाद ही रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता था। परंतु सब इसका बदल कर फाउंडेशन कोर्स कर दिया गया है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन 12वीं के बाद किया जाता है।

CA फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन तीन साल तक वैध होता है। अर्थात एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के पर पर आप तीन बार इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। अगर तीन बार में भी आपने यह परीक्षा पास नहीं की तो आपको रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण (renewal) कराना होगा।

यह परीक्षा साल में दो बार कंडक्ट किया जाता है – मई एवं नवम्बर में। रजिस्ट्रेशन परीक्षा से पहले करवानी होती है।

CA फाउंडेशन कोर्स की रजिस्ट्रेशन फीस ₹9800 है।

एक बार रेजिस्ट्रेशन कराने के 4 महीने बाद आप फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा दे सकते हैं।

CA फाउंडेशन एग्जाम पैटर्न: 

CA फाउंडेशन में 4 पेपर होते हैं, प्रत्येक पेपर100 मार्क्स का होता है। पास होने के लिए सभी पेपर में कम से कम 40% मार्क्स लाना आवश्यक है और सभी पेपर मिलाकर 50% मार्क्स लाना आवश्यक है।

अलग अलग पेपर के नाम एवं उनमें मार्क्स का विभाजन निम्नलिखित है:

Paper 1 – Principals & Practices of accounting (100 marks)

Paper 2 – Business Laws and Business Correspondence and Recording (100 marks)

Paper 3 – Business Mathematics, Logical Reasoning and Statistics (100 marks)

Paper 4 – Business Economics and Business and Commercial Knowledge (100 marks)

परीक्षा की अवधि पेपर 1 और पेपर 2 के लिए 3 घंटे होती है एवं पेपर 3 और पेपर 4 के लिए 2 घंटे होती है।

पेपर 1 और पेपर 2 में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं जबकि पेपर 3 और पेपर 4 में सब्जेक्टिव।

पेपर 1 और पेपर 2 में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है, जबकि पेपर 3 और पेपर 4 नेगेटिव मार्किंग होती है जिसमें एक प्रश्न का उत्तर गलत होने पर चौथाई अंक काट लिए जाते हैं।

एग्जाम और सिलेबस से संबंधित हर तरह की जानकारी ICAI के ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध है। छात्र इसे अवश्य देखें।

CA फाउंडेशन एग्जाम की तैयारी के टिप्स:

CA फाऊंडेशन एक्जाम का पैटर्न अच्छी तरह समझने के लिए छात्रों को विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए।

पेपर 1 और पेपर 2 के लिए उन्हें मॉक टेस्ट पेपर्स को हल करने का अभ्यास करना चाहिए। ताकि परीक्षा की दी गई अवधि में वह प्रश्नों को पूरा कर सकें और अपना टाइम मैनेजमेंट सुधार सकें।

गणित और स्टैटिसटिक्स के लिए छात्रों को प्रश्नों को हल करने की संक्षिप्त विधि का अभ्यास करना चाहिए।

बिजनेस लॉ सेक्शन के प्रश्नों के लिए उन्हें विगत वर्षों के केस स्टडीज पर ध्यान देना चाहिए।

CA इंटरमीडिएट कोर्स (दूसरा चरण)

इस कोर्स को करने के दो ऑप्शन है। इसके लिए आप इसके लिए आप “फाउंडेशन रूट” या “सीए कोर्स में सीधी भर्ती योजना” के तहत अपने आप को रजिस्टर कर सकते हैं।

फाउंडेशन रूट- फाउंडेशन रूट के तहत आप सीए फाउंडेशन पास करने के बाद इंटरमीडिएट कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

सीधी भर्ती योजना- अगर आपने किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर लिया है तो आपको CA फाउंडेशन करने की जरूरत नहीं है। लेकिन इसके लिए आपको ग्रेजुएशन अथवा पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 55% मार्क्स (कॉमर्स स्ट्रीम के लिए) और 60% मार्क्स (अन्य स्ट्रीम के लिए) लाना जरूरी है।

CA इंटरमीडियट एग्जाम पैटर्न: 

CA इंटरमीडिएट की परीक्षा में 8 पेपर होते हैं प्रत्येक पेपर 100 मार्क्स का होता है। पास होने के लिए सभी पेपर में कम से कम 40% मार्क्स लाना आवश्यक है और सभी पेपर मिलाकर 50% मार्क्स लाना आवश्यक है।

CA इंटरमीडिएट की परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी या हिंदी होता है।

परीक्षा की अवधि प्रत्येक पेपर के लिए 3 घंटे होती है। प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट एक्स्ट्रा दिए जाते हैं।

इसमें ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।

एग्जाम और सिलेबस से संबंधित हर तरह की जानकारी ICAI के ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध है।

अलग अलग पेपर के नाम एवं उनमें मार्क्स का विभाजन निम्नलिखित है:

Group I

Paper 1 – Accounting (100 marks)

Paper 2 – Corporate laws and other laws (100 marks)

Part I – Company law (60 marks)

Part II – Other law (40 marks)

Paper 3 – Cost & Management Accounting (100 marks)

Paper 4 – Taxation (100 marks)

Section A: Income-Tax Law (60 marks)

Section B: Indirect Taxes (40 marks)

Group II 

Paper 5 – Advanced Accounting (100 marks)

Paper 6 – Auditing & Assurance (100 marks)

Paper 7 – Enterprise Information Systems & Strategic Management (100 marks)

Section A: Enterprise Information Systems (50 marks)

Section B: Strategic Management (50 marks)

Paper 8 – Financial Management & Economics for Finance (100 marks)

Section A: Financial Management (60 marks)

Section B: Economics for Finance (40 marks)

CA इंटरमीडिएट की परीक्षा भी साल में दो बार कंडक्ट की जाती है– मई एवं नवम्बर में। एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद यह 4 साल तक वैध रहता है। रजिस्ट्रेशन परीक्षा से पहले करवानी होती है।

CA इंटरमीडिएट कोर्स की फीस ₹27200 है।

CA इंटरमीडिएट एग्जाम की तैयारी के टिप्स:

छात्रों को विगत वर्ष में आए प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए ताकि वह प्रश्न पत्र के पैटर्न से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएं।

ICAI के ऑफिशियल वेबसाइट पर परीक्षा के मॉक टेस्ट पेपर दिए रहते हैं। उनका अभ्यास कर परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।

कॉस्ट अकाउंटिंग के पेपर के लिए हर फार्मूला की तैयारी शॉर्ट नोट्स बनाकर करनी चाहिए।

लॉ से संबंधित पेपर के अध्ययन के लिए उन्हें केस स्टडी की सहायता से अभ्यास करना चाहिए।

CA फाइनल कोर्स (तीसरा चरण):

CA इंटरमीडिएट पास कर लेने के बाद आपको 3 साल की CA आर्टिकलशिप करनी होतीहै। इसमें आपको किसी CA के अंडर 3 सालों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेनी होती है। यह ट्रेनिंग किसी CA फर्म में की जा सकती है। इस ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड भी मिलता है।

इस ट्रेनिंग को पूरी करने के 6 महीने बाद आप CA फाइनल के लिए साल में कभी भी फॉर्म भर सकते हैं। ICAI की गाइडलाइन के अनुसार उन विद्यार्थियों को फाइनल एग्जाम में बैठने की अनुमति मिल जाती है जिन्होंने आर्टिकलशिप की ढाई साल की अवधि पूरी कर ली हो।

यह CA बनने का अंतिम चरण होता है और इसके पास करने के बाद आप CA बन जाते हैं। यह परीक्षा कठिन होती है और इसके लिए आपको बहुत मेहनत करने की जरूरत है।

CA फाइनल कोर्स की रजिस्ट्रेशन फीस ₹32300 है।

एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको 4 महीने का समय पढ़ाई करने के लिए दिया जाता है।

CA फाइनल के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद 5 साल तक की इसकी मान्यता रहती है। अगर इस दौरान भी आपने इसे पास नहीं किया तो आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।

CA के कोर्स में कोई कोई आयु सीमा नहीं है इसीलिए आप चाहे जितनी बार भी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।

CA फाइनल एग्जाम पैटर्न: 

CA फाइनल में भी 8 पेपर होते हैं। 2020 में होनेवाले CA फाइनल एग्जाम के पैटर्न में ICAI (The Institute of Charted Accountants of India) ने थोड़ा परिवर्तन किया है। अब इसमें पेपर 6 के लिए छह वैकल्पिक विषय (6A से 6F) दिए गए हैं। छात्र इनमें से अपनी पसंद के किसी एक विषय को चुन सकते हैं। प्रत्येक का फुल मार्क्स 100 ही होगा। इसके अलावा भी एग्जाम पैटर्न में कुछ बदलाव आया है। 2020 में एग्जाम देनेवाले जो छात्र पुराने सिलेबस को फॉलो करेंगे उन्हें पुराने पैटर्न के अनुसार ही एग्जाम देना होगा। छात्रों की सुविधा के लिए दोनों पेटर्न के पेपर्स का विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है।

पुराने सिलेबस के अनुसार:

Group 1

Paper 1 – Financial Reporting (100 marks)

Paper 2 – Strategic Financial Management (100 marks)

Paper 3 – Advanced Auditing and Professional Ethics (100 marks)

Paper 4 – Corporate and Allied Laws (100 marks)

Group 2

Paper 5 – Advanced Management Accounting (100 marks)

Paper 6 – Information Systems Control and Audit (100 marks)

Paper 7 – Direct Tax Laws (100 marks)

Paper 8 – Indirect Tax Laws (100 marks)

नए सिलेबस के अनुसार:

Group 1

Paper 1 – Financial Reporting (100 marks)

Paper 2 – Strategic Financial Management (100 marks)

Paper 3 – Advanced Auditing and Professional Ethics (100 marks)

Paper 4 – Corporate and Economic Laws (100 marks)

Group 2

Paper 5 – Strategic Cost Management and Performance Evaluation (100 marks)

Paper 6A – Risk Management (100 marks)

Paper 6B – Financial Services and Capital Markets (100 marks)

Paper 6C – International Taxation (100 marks)

Paper 6D – Economic Laws (100 marks)

Paper 6E – Global Financial Reporting Standards (100 marks)

Paper 6F – Multidisciplinary Case Study (100 marks)

Paper 7 – Direct Tax Laws and International Taxation (100 marks)

Paper 8 – Indirect Tax Laws (100 marks)

पास होने के लिए सभी पेपर में कम से कम 40% मार्क्स लाना आवश्यक है और सभी पेपर मिलाकर 50% मार्क्स लाना आवश्यक है। इसमें नेगेटिव मार्क्स नहीं होते हैं।

CA फाइनल की परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी या हिंदी होता है।

परीक्षा की अवधि प्रत्येक पेपर के लिए 3 घंटे होती है। प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट एक्स्ट्रा दिए जाते हैं।

इसमें ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।

एग्जाम और सिलेबस से संबंधित हर तरह की जानकारी ICAI के ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध है।

CA के कोर्स के दौरान आपको 2-2 सप्ताह की 4 ट्रेनिंग भी लेनी होती है।

दो ट्रेनिंग CA इंटरमीडियट और CA फाइनल के बीच लेनी होती है जिनके नाम हैं – Information Technology & Orientation Course.

CA फाइनल के बाद भी दो ट्रेनिंग लेनी होती है जिनके नाम हैं – Management end Communication Skill Course & Advanced ITT.

उपसंहार:

इस प्रकार CA की फाइनल परीक्षा पास कर लेने के बाद आपको ICAI में रजिस्टर करवाना होता है। इसके बाद आप एक सर्टिफाइड CA यानि चार्टर्ड अकाउंटेंट बन जाते हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम करने के लिए आपके पास बहुत सारे ऑप्शन्स होते हैं। आप चाहे तो किसी इंडस्ट्री, फाइनेंशियल सेक्टर या सार्वजनिक क्षेत्र में काम कर सकते हैं। आप किसी बड़ी कंपनी को भी ज्वाइन कर सकते हैं।

इसके अलावा अगर आप चाहे तो स्वतंत्र रूप से अपना स्वयं का फर्म भी खोल सकते हैं जिसमें आप लोगों को फाइनेंस और टैक्स से संबंधित सलाह दे सकते हैं। इस तरह CA का कोर्स आपको एक सुनहरा करियर बनाने का अवसर प्रदान करता है। अगर आप पूरे मनोयोग से ऊपर बताई गई जानकारियों को ध्यान में रखकर तैयारी करेंगे तो कोई वजह नहीं कि आप एक अच्छा आरामदायक और प्रतिष्ठा से परिपूर्ण जीवन यापन न कर सकें।

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MBBS क्या है ? MBBS डॉक्टर कैसे बने ? How to become a doctor in Hindi http://shubhvaani.com/mbbs-doctor-kaise-bane-in-hindi/ http://shubhvaani.com/mbbs-doctor-kaise-bane-in-hindi/#respond Tue, 29 Sep 2020 15:22:53 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1779  MBBS डॉक्टर कैसे बने, डॉक्टर बनने के लिए क्या करें पूरी जानकारी MBBS एक ऐसा कोर्स जो शायद आपकी जिन्दगी बदल के रख देगा। एक ऐसा कोर्स को जो आपको एक अच्छे पद पर पहुचायेगा। आज हम हमारे इस लेख में इस कोर्स के बारे मे पुरी जानकारी देने जा रहे है जिसे आप आसानी […]

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 MBBS डॉक्टर कैसे बने, डॉक्टर बनने के लिए क्या करें पूरी जानकारी

MBBS एक ऐसा कोर्स जो शायद आपकी जिन्दगी बदल के रख देगा। एक ऐसा कोर्स को जो आपको एक अच्छे पद पर पहुचायेगा। आज हम हमारे इस लेख में इस कोर्स के बारे मे पुरी जानकारी देने जा रहे है जिसे आप आसानी से समझ सकेंगे तो आप इस लेख को अन्तः तक पढे़।

अगर आपने कभी भी जीवन एक बार डॉक्टर बनने का सपना देखा है या देख रहे है तो आपको इस बात का जरूर ध्यान रखना होगा की आपको किसी प्रकार का डाॅक्टर बनना है, कहने का मतलब यह है की आपको किस रोग से सम्बंधित विशेषज्ञ बनना है। डाॅक्टर बनने के लिए आपको कई तरह से कोर्सेज करने की जरूरत होती है जिसमे से एक कोर्स है MBBS ओर आज हमारे इस लेख मे इसी कोर्स के बारे मे आपको बता रहे है जो की इस प्रकार है।

क्या होता है MBBS?

एक ऐसा कोर्स होता है जो जिसे कर के आप डाॅक्टर बन सकते है ओर साथ एक विश्ष्ठि प्रकार की पहचान समाज मे पा सकते है। एक विद्यार्थी कक्षा 10 व कक्षा 12 पास करने के बाद इस असमंजस मे पड जाता है कि उसको आगे क्या करना हर विद्यार्थी के लिए यह एक परीक्षा की घडी होती है की उसको जीवन मे क्या करना है और आगे वह क्या करना चाहते है। एक स्टूडेंट डॉक्टर बनना चाहता है तो उसे कक्षा 12 से ही तैयारी करनी पडती है ओर साथ ही विद्यार्थी के लिए जरूरी होता है की वै विज्ञान विषय मे अपनी रूची बनाये।

विज्ञान ही एक डॉक्टर का मूल आधार है साथ ही विज्ञान मे कुछ ऐसे अन्य विषय जैसे बायोलोजी, रसायन विज्ञान इत्यादी विषयो को पढने की जरूरत रहती है।

MBBS का FULL FORM Bachelor of medicine and bachelor of surgery होता हैं। MBBS मेडिकल डिग्री का एक बैचलर कोर्स होता हैं। इस कोर्स में अभ्यर्थियों को सामान्यतः 5.5 वर्ष का समय लगता हैं। जिन छात्रों ने कक्षा 12 में बायोलॉजी, केमेस्ट्री, ओर फिजिक्स जैसे विषयों को पढ़ा हैं वो छात्र इस कोर्स को काफी पसन्द करते हैं।

MBBS के लिए योग्यता

इस कोर्स को को करने के लिए अभ्यर्थियों के पास कुछ जरूरी योग्यता होनी आवश्यक है जो की निम्न है।

अगर आप इस कोर्स में प्रवेश लेने की सोच रहे है तो आपको कक्षा 12 मे विज्ञान विषय मे 50 प्रतिशत से अधिक अंक होना जरूरी है और कक्षा 12 मे विज्ञान में फिजिक्स, केमिस्ट्री, और बायोलॉजी जैसे विषयों का होना जरूरी होता है।

छात्रों को इस कोर्स में प्रवेश के लिए जो आयु की योग्यता होनी चाहिए वो कुछ यह है जिसमे छात्रो की आयु कम से कम 17 वर्ष और अधिकतम उम्र 25 वर्ष से ज्यादा न होनी चाहिए।

इस कोर्स में अगर छात्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से है तो उसके लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाती है।

अगर आप कक्षा 12 के बाद इस कोर्स में प्रवेश लेने की सोच रहे है तो आपको इसके लिए नीट का एग्जाम क्वालीफाई करना पडता है जिसमे बाद आप इस कोर्स मे प्रवेश से सकते है।

नीट की परीक्षा पास करने के बाद छात्रो को उनकी वरियता के अनुसार काॅजेल दिये जाते है जहा वे इस कोर्स की पुरी पढाई करते है।

नीट की परीक्षा पास करने के बाद छात्रो को उनकी वरियता के अनुसार कोई भी काॅलेज और विश्वविद्यालय मिल सकती है फिर चाहे वो प्राईवेट काॅलेज हो या सरकारी।

अगर कोई छात्र अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से है तो उसके भी बाहरवी कक्षा के प्रतिशत मे छूट दी जाती है जैसे अगर उनके कक्षा 12 में 40 प्रतिशत है तो उनको भी MBBS में प्रवेश दिया जा सकते है, यह पूरा निर्धारित करता है NEET बोर्ड पर की वे किस तरह छात्रो को चुनाव करते है।

इस परीक्षा में जो सभी सिलेबस दिया जाता है वह मेडिकल से सम्बंधित ही होता है।

MBBS कोर्स करने की अवधि

अगर कोई विद्यार्थी इस कोर्स को करना चाहता है तो उनको यह जानना जरूरी है की वह कब तक इस कोर्स को पूरा करेंगे और इसके दौरान आप किस किस प्रक्रिया से गुजरेंगे।

इस कोर्स को करने लिए सबसे पहले NEET की परीक्षा को पास करना जरूरी होता है ओर उसके बाद छात्रो को काॅलेज दी जाती है जहा व लगभग 4 साल से अधिक तक का समय बिताते है ओर का कोर्स करते है।

कोर्स की इस अवधि के दौरान छात्रो को मुख्यतः 2 स्टेप्स से गुजरना पडता है जिसमे पहले 4 साल छात्रो को कालेज मे पढने व सिखाया और अंतिम के एक साल छात्रो को इंटर्नशिप के जरिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है।

अगर आप नीट क्लाईफाई नही कर पाते है ओर विदेश से इस कोर्स को करना चाहते है आपको यह जरूरी होता है की वहा पर भी आपको लगभग 5 साल की पढाई करनी पडती है और उसके बाद आपको भारत में आपको CAT (Common aptitude test) देना पडता है ओर उसके बाद भारत मे डाॅक्टर से सम्बंधित कार्य कर सकते है या किसी भी सरकारी अस्पतालों में या प्राइवेट अस्पतालों में जाॅइन कर सकते है।

विदेश में अगर आप इस कोर्स को करते है तो आपको भारत मे CAT (Common aptitude Test) पास करना जरूरी होता है अन्यथा आपकी डिग्री कोई काम की नही है।

किस तरिके से होती है की MBBS पढाई

हाल ही में इस कोर्स के सिलेबस मे हाल ही में परिर्वतन किया गया है ओर इस नये पाठ्यक्रम को नये सत्र से लागू किया जायेगा ऐसा बताया जा रहा है। इस कोर्स में छात्रों को हर तरह की विशेषता से सम्बंधित थोडी थोडी पढाई कराई जाती है जेसे हड्डी रोग, हद्रय रोग इत्यादी । वर्तमान मे जो नया सेेलेबस बनाया गया है उसका उद्देश्य सिर्फ एक ही है जिसमे छात्रो को स्नातक लेवल से ही इस काबिल बनाया जायेगा जिसे छात्र इस कोर्स के बाद ही रोगियो के ईलाज करने मे सक्षम होंगे। इस नये सेलेबस मे स्नातकोतर के भी कुछ विषयो को इसमे जोडा गया है जिससे की छात्रो को शुरूआती दौर मे ही इसका अच्छा ज्ञान होगा।

MBBS की फिस क्या होती है।

इस कोर्स के लिए फीस का निर्धारण दो फैक्टर करते है जिसमे पहला है की आप इस कोर्स को देश मे किसी भी संस्थान से करते है या विदेश मे किसी संस्थान से। अगर आप इस कोर्स को देश के किसी भी सरकारी संस्थान से करते है तो आपको इस के लिए खर्चा कम सालाना 30,000 से 70,000 तक हो सकते है और अगर आप इस कोर्स को प्राइवेट से करते है देश मे तो यह खर्चा बढकर 12,00,000 – 15,00,000 के मध्य या इससे ज्यादा भी हो सकता है। अगर आप इस कोर्स को विदेश से करते है तो इस कोर्स के लिए फिस अनुमानत 25,00,000 से 30,00,000 के मध्य सालाना हो सकती है। कोर्स को करने बाद छात्रो को 1 साल का इंटरशिप कोर्स करना पडता है जिसमे देश मे कुछ काॅलेज तो ऐसे जो आपको यह कोर्स मुफ्त मे कराते है और कुछ कॉलेजों को इसके लिए आपको एक निश्चित राशि फिस के तौर पर देनी पडती है।

MBBS करने के बाद छात्रो के लिए स्काॅप 

एक बार अगर आप इस कोर्स को कर लेते है तो फिर आपके मन मे यह सवाल जरूर आता है इसके बाद क्या करेंगे। तो आईये जानिये की इस कोर्स के बाद बाद आप क्या कर सकते है। आज के समय में सर्जरी की काफी डिमांड बढ़ रही है जिस वजह से करने वाले छात्रो की भी मांग बढ रही है। इस कोर्स को करने के बाद आप एक सर्जन भी सकते है या किसी रोग या बिमारी से सम्बंधित कोई स्पेशलिस्ट।

कुछ ऐसे क्षेत्र जहा आप इस कोर्स को करने के बाद कार्य कर सकते है।

सरकारी अस्पताल

प्राईवेट अस्पताल

प्रयोगशाला

बायोमेडिकल कम्पनियां

मेडिकल काॅलेज

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र

फार्मास्यूटिकल

बायोटक्नोलोजी इत्यादी

करने के बाद अन्य पद जिसपे आप कार्य कर सकते है।

जूनियर डाॅक्टर

जूनियर फिजिशीयन

जूनियर सर्जन

मेडिकल प्रोफेसर

वैज्ञानिक

MBBS के बाद डाॅक्टर कैसे बन

अगर आप डॉक्टर बनने की सोच रहे है और आप MBBS भी कर रहे है तो आपको कोई ज्यादा दिक्कतो का सामना नही करना पडेगा क्योंकि इस कोर्स के बाद आपको सिर्फ एक सामान्य टेस्ट देना पडेगा ओर अगर आप उसे क्वालीफाई कर लेते है तो आप एक डाॅक्टर के पद पर बैठ सकते है।

मेडिकल लाईन से जुडे अन्य कोर्स

इन कोर्सेज को कर के आप आसानी मेडिकल लाईन मे अपना केरियर बना सकते है।

MBBS (Bachelor of medicine and bachelor of surgery)

BDS (Bachelor of dental surgery)

BHMS (Bachelor of homeopathic medicine and surgery)

BAMS ( Bachelor of Ayurvedic medicine and surgery )

MD (Doctor of medicine)

MS (Master in surgery)

DM (Doctorate in medicine)

B.PHARMA (Bachelor of pharmacy)

B.SC Nursing

BPT (Physiotherapy)

BOT (Occupational therapy)

BUMS (Unani medicine)

D. PHARMA 2 years

AYURVEDIC, SIDDHA MEDICINE

BMLT (Bachelor of medical lab technician)

MBBS के लिए महत्वपूर्ण Colleges

करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण काॅलेज निम्न है।

Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research, Puducherry

All india institute of medical and science (AIIMS)

Armed force medical college

University of delhi

Grand medical college, Mumbai etc

इन कॉलेजों के नाम हमने अपनी व्यक्तिगत रिचर्स के आधार पर बनाये है आप इनमे अपने अनुसार कोई भी College इसके अलावा कोई भी काॅलेज से MBBS कर सकते है।

निष्कर्ष

हमने हमारे इस लेख मे MBBS कैसे करे इसके बारे मे पढा साथ ही MBBS के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए और इसके बाद के स्काॅप के बारे मे भी पढा। आपको अगर कोई और जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर के बता सकते है।

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जानिए कैसे बने वकील | How to Become an Advocate? http://shubhvaani.com/wakil-advocate-kaise-bane-in-hindi/ http://shubhvaani.com/wakil-advocate-kaise-bane-in-hindi/#respond Mon, 28 Sep 2020 17:07:04 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1774 वकील कैसे बने | Advocate Kaise Bane | About LLB In Hindi वकील एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कानून के हिसाब से ओर न्यायपालिका व भारतीय दंड संहिता के हिसाब से न्यायपालिका मे अपना काम करता है और साथ ही लोगो को न्याय दिलाने के लिए कार्य करता है। क्या आप जानते है कि […]

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वकील कैसे बने | Advocate Kaise Bane | About LLB In Hindi

वकील एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कानून के हिसाब से ओर न्यायपालिका व भारतीय दंड संहिता के हिसाब से न्यायपालिका मे अपना काम करता है और साथ ही लोगो को न्याय दिलाने के लिए कार्य करता है। क्या आप जानते है कि एक वकील इन कामो के अलावा और क्या – क्या करते है ? नही तो आप इस लेख को अत तक पढे ताकी आपको इससे सम्बंधित पुरी जानकारी मिल सके।

कौन होता है एक वकील

आपने अपने आस पास देखा होगा की एक व्यक्ति काला कोट पहन कर हाथ मे फाइलो का बैग लेकर कोर्ट जा रहा है। वकील सामान्यतः अधिवकता, एडवोकेट जनरल, लाॅयर, लोक इत्यादी नामो से जाने जाते है। वकील दूसरे लोगो के लिए न्यायालय मे कानून के हिसाब से किसी भी केस से सम्बंधित दलिले पेश करते है।

वकील की विशेषताएँ

एक वकील के कुछ निच्छित कार्य हैं जो उनकी विशेषताओं के नाम से जानी जाते है।

एक वकील देश की मुख्य इकाई न्यायपालिका का एक अंग होता हैं।
एक वकील दलीलों के आधार लोगो के लिए केस लड़ता हैं वही लोगो के साथ हुए अन्याय से मुक्ति दिलाकर उन्हें न्याय दिलाता हैं।
एक वकील न्यायपालिका के अनुसार एफिडेविट बनवा कर उन्हें सरकारी कामो में उपयोग में लेता हैं।
एक वकील कानून का रखवाला भी होता हैं।
एक वकील नित्य हित मे काम करता है।

कौन होता है वकील

देश के कानून और न्यायपालिका के अनुसार काम करने वाला वकील कोई भी बन सकता हैं परंतु इसके लिए कुछ शर्तें व नियम और योग्यताओ का भी होना जरूरी हैं। इसके लिए जरूरी शर्ते व नियमो के बारे में हम पढ़ेंगे।

1) एक वकील देश का नागरिक होता हैं, अगर हम विदेश की बात करे तो उसमें अलग अलग देशों में अलग – अलग वकील हो सकते है।

2) वकील बनने के लिए अभियार्थी का LLB YA MLB पास होना जरूरी होता है।

3) LLB का पूरा नाम , LLB को BACHELOR OF LOW भी कहा जाता हैं। यह एक स्नातक डिग्री होती हैं जो आप कक्षा 12/GRADUTION के बाद कर सकते हैं।

4) LLB करना हर उस विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है जो वकील बनने की सोच रखता हैं या न्यायालय में जाकर case लड़ने या उस case में अपनी दलील पेश करने की इच्छा रखता हैं।

5) वकील बनने के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल हैम ओर उसमे अधिकतम उम्र की कोई सीमा नही हैं।

6) एक वकील को कानून का ज्ञाता भी कहा जाता है।

7) वकील बनने के लिए आपको एक स्नातक का कोर्स करना पड़ता हैं जिसे LLB के नाम से जाना जाता हैं।

वकील बनने के लिए कोर्स

वकील बनने का सपना एक बार तो हर उस व्यक्ति ने देखा होगा जो स्नातक कर के कुछ नई चीज करने की सोच रहा होगा। वकील बनने के लिए आपको LLB करने की जरूरी होती हैं। LLB दो तरह से होती हैं।

कक्षा 12 के बाद LLB जो कि 5 साल की होती हैं।
स्नातक के बाद LLB जो 3 साल की होती हैं।

कक्षा 12 के बाद LLB

अगर आप कक्षा 12 के बाद LLB करने की सोच रहे हैं तो यह एक अच्छा विकल्प हैं जिसमे आप 5 साल की LLB कर सकते हैं। यह COURSE LLB+GRADUTE का कोर्स भी कर सकते हैं । इस कोर्स को आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से कर सकते हैं।

स्नातक के बाद LLB

अगर आपने स्नानतक कर रखी है या करने की सोच रहे हैं तो इसके बाद भी आप LLB का कोर्स कर सकते हैं। स्नातक के बाद यह कोर्स 3 साल का होता हैं। इस कोर्स को LLB AFTER GRADUATE भी कहा जाता है।

क्या होता हैं ललब ( LLB )

अगर आप वकील बनने की सोच रहे है तो आपको कम से कम LLB तो करना ही होता हैं। LLB के बाद आप चाहै तो MLB भी कर सकते हैं।

LLB एक कोर्स होता हैं जो 3 साल ओर 5 साल का होता है। अगर आप कानून के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना तो आपको LLB का कोर्स करना होता हैं तो देखते हैं LLB के कोर्स के बारे में

1) यह एक स्नातक स्तर का कोर्स होता हैं।

2) इस 3 साल होता ओर 5 साल का भी होता है।

3) यह कोर्स आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से कर सकते हैं।

4) इस कोर्स का संचालन विधि आयोग दुवारा मॉनिटर किया जाता हैं।

5) इस कोर्स को bachelor of low भी कहा जाता हैं।

6) अगर आप बाहरवी कक्षा के बाद यह करना चाहते तो कर सकते हैं या स्नातक के बाद करना चाहे तो भी कर सकते हैं।

7) LLB करने के बाद आप एक अच्छा कैरियर कानून में बना सकते हैं।

LLb करने कद बाद आपको वकालत की डिग्री मिलती हैं जिसके बाद आप कानून के रखवाले बन जाते है उसके बाद आपके पास यह अधिकार प्राप्त होता हैं की आप न्यायपालिका के अधीन अधिवक्ता का कार्य कर सकते हैं।

वकील (Advocate) के काम

वकील कानून से संबंधित सारे काम करते हैं जिनमे से कुछ निम्न हैं।

1) वकील एक सलाहकार के तौर पर भी काम करता हैं।

2) एक वकील दीवानी या फौजदारी से संबंधित मामले भी देख सकता हैं ओर इससे संबंधित काम कर सकते हैं।

3) एक वकील अपने clients के लिए कोर्ट में दलीलें पेश कर कोर्ट केस लड़ सकता हैं।

4) कानूनी मामलों से संबंधित कार्य देख सकता हैं।

5) किसी मामले में पुलिस दुवारा जारी की गई case file का विश्लेषण करना साथ ही यह देखना की कुछ गलत तो नही हैं।

6) एक वकीक आपराधिक ओर आम नागरिक दोनो के मामलो को देखता हैं।

7) एक वकील सरकार का प्रतिनिधित्व भी होता हैं और सरकार का विरोधी भी।

LLB के बाद कैरियर

अगर आपने LLB कर रखी है या करने की सोच रहे है या कर रखी हैं तो आप इन क्षेत्रों में अपना कैरियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में आपको काम के साथ कानूनी ज्ञान होना जरूरी होता हैं।

न्यायपालिका
न्यायालय
सरकारी विभाग
अधिवक्ता
डिफेंस सर्विसेज
शिक्षण क्षेत्र
मल्टीनेशनल कंपनी
बैंक

न्यायपालिका – अगर आप जज बनने की सोच रहे हैं तो LLB करने के बाद आप जज की परीक्षा भी दे सकते हैं। अगर आप परीक्षा पास कर देते है तो आप जज बन सकते हैं।

न्यायालय – LLB पास आप कॉलेज और विश्वविद्यालय कोर्ट में नौकरी भी कर सकते हैं जैसे
कनिष्ठ न्यायिक सहायक।
सहायक न्यायलय सचिव
सहायक अभिनियोजन
क्लर्क
ओर अन्य LOW के पदों पर।

सरकारी विभाग – LLB करने के बाद सरकारी विभागों में भी नौकरी कर सकते हैं बैंक इतियादी में
किसी भी बैंक में उप विविध प्रबंधन
मॉल जैसे नेटवर्क में कानूनी सलाहकार
कानून और न्यायिक मंत्रालयों में कानूनी सलाहकार
ओर किसी अन्य कंपनी में कानूनी सहायक

अधिवक्ता – अगर आप LLB करते हैं किसी भी कोर्ट या कंपनी में अधिवक्ता का कार्य भी कर सकते हैं।
किसी कोर्ट में अधिवक्ता कार्य
किसी कंपनी के लिए अधिवक्ता का कार्य

डिफेंस सर्विसेज – अगर आप भारतीय सेना में लॉ से संबंधित कार्य करना चाहते हैं तो इस सेवा में भी कार्य कर सकते हैं।
इंडियन आर्मी में भी कार्य के सकते है।
इंडियन नेवी में भी कार्य कर सकते हैं

शिक्षण क्षेत्र – आप LLB करने के बाद किसी भी प्राइवेट या सरकारी शिक्षण क्षेत्र में नौकरी कर सकते हैं। आप शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफ़ेसर, शिक्षक, लेक्चरर इतियादी बन सकते हैं।

कंपनी – अगर आप किसी भी प्राइवेट कंपनी में काम करने की इच्छा रखते हैं तो कंपनी में भी low से संबंधित कार्य कर सकते हैं।

बैंक – अगर आप low के क्षेत्र में बैंकिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो यह बैंकिंग क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं।

वकील बनने के लाभ

वकील बनने के भी कुछ लाभ निम्न है।

एक स्वतंत्र कार्य – एक वकीन अपने हिसाब से एक स्वतंत्र कार्य कर सकता है।

कानून के ज्ञाता – एक वकील एक कानून का ज्ञाता होता है।

राजस्व सम्बंधित कार्य – एक वकील राजस्व सम्बंधित कार्य करता है जो की वकील की तरफ से काफी फायदेमंद होता है।

निष्कर्ष

इस लेख मे हमने वकील बनने से सम्बंधित जानकारी आपको प्रदान करने की कोशिश की है। इस लेख मे हमने वकील के सम्बंधित कार्य, इनकी विशेषताएँ, इनके लाभ, वकील के कार्य क्षेत्र इत्यादी के बारे मे आपको बताने की कोशिश की है।

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सरकारी बैंक में जॉब कैसे पाए? http://shubhvaani.com/sarkari-bank-me-job-kaise-paye/ http://shubhvaani.com/sarkari-bank-me-job-kaise-paye/#respond Sun, 27 Sep 2020 15:38:52 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1766 सरकारी बैंक में नौकरी-जॉब के लिए क्या करें बैंक के लिए योग्यता आयु सीमा, तैयारी कैसे करें पूरी जानकारी बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करना आज के युवाओं का सपना होता है। बैंक की नौकरी में पद, प्रतिष्ठा और पैसा के साथ साथ स्थायित्व भी होता है। यह एक आरामदायक जॉब है जिसमें काम करने की […]

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सरकारी बैंक में नौकरी-जॉब के लिए क्या करें बैंक के लिए योग्यता आयु सीमा, तैयारी कैसे करें पूरी जानकारी

बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करना आज के युवाओं का सपना होता है। बैंक की नौकरी में पद, प्रतिष्ठा और पैसा के साथ साथ स्थायित्व भी होता है। यह एक आरामदायक जॉब है जिसमें काम करने की अवधि निश्चित होती है जिससे वर्कलाइफ बैलेंस करने में काफी सहूलियत होती है। इसके अलावा कई तरह की अन्य सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है जैसेजॉब सिक्योरिटी, पेंसन, कम ब्याज पर लोन इत्यादि। इसलिए आज बैंक में नौकरी युवाओं की पसंदीदा नौकरियों में से एक है। लेकिन यह जितनी आकर्षक नौकरी है, इसे प्राप्त करना उतना ही कठिन है। इस क्षेत्र में प्रतियोगिता भी बहुत है। कुछ सौ रिक्त पदों के लिए लाखों की संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करते हैं। 

आइए बैंक की नौकरी से सम्बंधित हर पहलू के बारे में विस्तार से जानते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि बैंकों को दो श्रेणी में रखा जाता हैसरकारी और प्राइवेट। सरकारी और प्राइवेट बैंक में नौकरी पाने की प्रक्रिया में थोड़ी भिन्नता होती है। यहाँ हम सरकारी बैंकों में विभिन्न पदों पर नौकरी प्राप्त करने की चयन प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। सरकारी बैंकों में जॉब के लिए लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू दोनों होता है।

रिक्तियाँ और पद:

बैंक में मुख्य रूप से दो पदों के लिए रिक्तियाँ निकलती हैं

  • क्लर्क कैडर इसके अंतर्गत मुख्य रूप से क्लर्क, टाइपिस्ट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, स्टेनो के पोस्ट आते हैं।
  • PO (Probationary Officer) की पोस्ट इस पोस्ट में पहले चयनित उम्मीदवार को ट्रेनिंग दी जाती है फिर नियमित जॉब पर रखा जाता है। 
  • स्पेशलिस्ट ऑफिसर (लीगल, आई०टी०)इस पोस्ट के लिए संबंधित फील्ड की क्वालिफिकेशन भी होनी चाहिए।

न्यूनतम योग्यता:

  • उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • उम्मीदवार के पास किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक यानी ग्रेजुएशन की डिग्री होना आवश्यक है जिसमें उन्हें 55% से 60% तक मार्क्स होने चाहिए।
  • इसके अलावा आपको बैंक में नौकरी के लिए आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा में भी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। 

प्रवेश परीक्षा:

इसके लिए IBPS (Institute of Banking Personnel Selection) के अंतर्गत CWE (Common Written Examination) परीक्षा आयोजित की जाती है। CWE की परीक्षा तीन चरणों में होती है और इन तीनों में पास होना अनिवार्य है। ये तीन स्टेप्स हैं

  • प्रारम्भिक परीक्षा (Preliminary Exam) 
  • मुख्य परीक्षा (Main Exam)
  • साक्षात्कार (Interview

जो उम्मीदवार पहले चरण की परीक्षा में पास होते हैं उन्हें ही मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। जो उम्मीदवार दूसरे चरण की परीक्षा में सफल होते हैं उन्हें ही तीसरे चरण के इंटरव्यू में बुलाया जाता है।

बैंक में कुछ पदों के लिए इंटरव्यू अनिवार्य नहीं होता है जैसे कि सरकारी बैंकों में क्लर्क के पद के लिए इंटरव्यू नहीं होता है।

यहां आपको एक बात बता दें कि कुछ महत्वपूर्ण सरकारी बैंक और कुछ प्राइवेट बैंक में 12वीं पास के लिए भी भर्तियां निकलती हैं। 

12वीं पास उम्मीदवारों के लिए भी IBPS के अंतर्गत भर्ती और परीक्षा का आयोजन किया जाता है। 12वीं पास उम्मीदवारों को क्लर्क कैडर और डाटा एंट्री ऑपरेटर की जॉब मिल सकती है। 

इसके अलावा 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए बैंक में ऑफिस असिस्टेंट, चपरासी और सुरक्षा कर्मचारी की नौकरी उपलब्ध होती है।

SBI , RBI, NABARD के लिए:

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), और नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) उम्मीदवारों के चयन के लिए अपनी अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करते हैं। इन परीक्षाओं में भी लिखित एवं इंटरव्यू शामिल होता है।

आयु सीमा:

जो उम्मीदवार 12वीं के बाद की बैंकिंग परीक्षा में शामिल होते हैं उनके लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष है। 

जो उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद की बैंकिंग परीक्षा में शामिल होते हैं उनके लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष है। 

आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा में नियमानुसार छूट मिलती है।

तैयारी कैसे करें:

  • बैंक में जॉब करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी न्यूनतम योग्यता पूरी करनी होगी। आप किस पोस्ट के लिए तैयारी कर रहे हैं, उसके हिसाब से आपको 12वीं या ग्रेजुएशन अच्छे अंको से पास करना होगा। 
  • इसके बाद आपको बैंकिंग की परीक्षा में सफल होने के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। अगर संभव हो तो आपको अपनी 12वीं या ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ साथ ही तैयारी शुरू कर दें। आप चाहे तो किसी कोचिंग संस्थान को भी ज्वाइन कर सकते हैं। अगर आप कोचिंग ज्वाइन करना नहीं चाहते तो आप इसके लिए उपलब्ध स्टडी मटेरियल जुटा लें। आजकल ऑनलाइन कोचिंग ज्वाइन करने का भी ऑप्शन आपके पास है।
  • बैंकिंग परीक्षा की तैयारी के लिए आपको एक टाइम टेबल या रूटीन बना कर चलना चाहिए। और अपने टाइम टेबल का विभाजन इस तरह से करना चाहिए ताकि हर विषय पर आप उचित समय दे सकें। 
  • आजकल क्योंकि सारे बैंक में कंप्यूटर से कामकाज अनिवार्य हो गया है। इसीलिए आपको कंप्यूटर की शिक्षा भी ले लेनी चाहिए। 

प्रश्नों का अभ्यास: 

चलिए अब आपको बता दें कि बैंकिंग की लिखित परीक्षा में किस किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

  • बैंकिंग की परीक्षा में सामान्य ज्ञान के सभी प्रश्न पूछे जाते हैं। अतः आपको किसी अच्छी पुस्तक, गाइड और न्यूज़ पेपर का अध्ययन कर अपने जनरल नॉलेज को बढ़ाना चाहिए। 
  • इसके अलावा आप भारतीय इतिहास, भारतीय राजनीति और भारतीय अर्थशास्त्र जैसे विषयों की तैयारी के लिए एनसीईआरटी (NCERT) के बुक का अध्ययन करें।
  • आप को नियमित रूप से न्यूज़ पेपर पढ़ना चाहिए और करंट अफेयर्स की जानकारी रखनी चाहिए।
  • बैंकिंग की परीक्षा की तैयारी से संबंधित स्टडी मैटेरियल आपके पास जरूर होने चाहिए। 
  • किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए उस परीक्षा के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का हल करने से तैयारी करने में बहुत सहायता मिलती है। इससे आप परीक्षा के पैटर्न से पूरी तरह अवगत हो जाते हैं और आपका अभ्यास भी निरंतर होता रहता है। 
  • बैंक में रिजनिंग एवं एप्टिट्यूड के प्रश्न भी पूछे जाते हैं जिसके लिए आपको निरंतर अभ्यास करना बहुत जरूरी है। 
    • न सिर्फ प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए बल्कि आगे चलकर बैंक में कार्य करने के लिए भी आप की पकड़ गणित पर मजबूत होनी जरूरी है क्योंकि बैंक का सारा कामकाज आंकड़ों पर ही आधारित होता है।
    • गणित में मुख्यतः 10 मुख्यतः दसवीं के स्तर तक के प्रश्न पूछे जाते हैं। इसके लिए एनसीईआरटी (NCERT) के दसवीं कक्षा की गणित पुस्तक का अभ्यास अच्छी तरह करें। 
    • क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का भी अभ्यास अवश्य करें।
    • बैंकिंग की परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी होता है और अंग्रेजी की परीक्षा भी होती है। इसीलिए आपको अपनी अंग्रेजी को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। 
  • आजकल किताबों के अलावा इंटरनेट पर भी अध्ययन की बहुत सारी सामग्री उपलब्ध है जिनका उपयोग कर आप अच्छी तैयारी कर सकते हैं। 
  • आप अपने अंदर आत्मविश्वास और तर्कशक्ति को बढ़ाएं ताकि इंटरव्यू पास करने में आपको परेशानी ना हो। 

अगर आप पूरे निष्ठा एवं मनोयोग से तैयारी करेंगे और आत्मविश्वास रखेंगे तो अवश्य ही आप इस कठिन परीक्षा में सफल होकर अपने सपनों का जॉब प्राप्त कर सकते हैं।

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12th के बाद होटल मैनेजमेंट कैसे करें- विस्तृत जानकारी http://shubhvaani.com/hotel-management-course-after-12th-in-hindi/ http://shubhvaani.com/hotel-management-course-after-12th-in-hindi/#respond Sat, 26 Sep 2020 04:21:15 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1754 12th के बाद होटल मैनेजमेंट कोर्स इनफार्मेशन – Career In Hotel Management  विगत वर्षों में होटल इंडस्ट्री में बहुत अधिक विकास हुआ है और होटल मैनेजमेंट आजकल के किशोरों और युवाओं का एक मनपसंद करियर ऑप्शन बन गया है। होटल मैनेजमेंट का स्कोप और आयाम बहुत ही विस्तृत है। इसके अंतर्गत होटल को सही तरीके […]

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12th के बाद होटल मैनेजमेंट कोर्स इनफार्मेशन – Career In Hotel Management 

विगत वर्षों में होटल इंडस्ट्री में बहुत अधिक विकास हुआ है और होटल मैनेजमेंट आजकल के किशोरों और युवाओं का एक मनपसंद करियर ऑप्शन बन गया है। होटल मैनेजमेंट का स्कोप और आयाम बहुत ही विस्तृत है। इसके अंतर्गत होटल को सही तरीके से चलाने से संबंधित सभी आवश्यक कार्य आते हैं जैसे कि होटल बुकिंग, इवेंट मैनेजमेंट, हॉस्पिटैलिटी, कस्टमर सर्विस इत्यादि। आप अपनी पसंद और रूचि के अनुसार होटल मैनेजमेंट से जुड़े किसी भी क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं जिसके लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम (Courses) उपलब्ध हैं। हम होटल मैनेजमेंट से जुड़े उन कोर्सेज के बारे में विस्तार से जानेंगे जिन्हें हम 12th के बाद कर सकते हैं:-

  • न्यूनतम योग्यता:

होटल मैनेजमेंट में कोर्स करने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम (साइंस कॉमर्स या ह्यूमैनिटी) से 12 वीं पास होना आवश्यक है। साथ की 12 वीं में कम से कम 45-50 % मार्क्स होने चाहिए। आप कुछ डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स 10 वीं के बाद भी कर सकते हैं। फ्रंट आफिस, हाउस कीपिंग, फूड एंड बेवरेज सर्विसेज, फूड प्रोडक्शन, बेकरी एंड कंफेक्शनरी से सम्बंधित कई तरह के डिप्लोमा कोर्स के ऑप्शन हैं जिन्हें आप 10वीं या 12वीं के बाद कर सकते हैं।  

इसके अलावा होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण होना आवश्यक है प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं निम्नलिखित हैं:-

  • AIMA UGAT
  • AIHMCT WAT
  • BVP CET
  • JET Entrance Exam
  • DTE HMCT

इसके अलावा कुछ बड़े होटल अपनी स्वतंत्र प्रवेश परीक्षा भी लेते हैं जिसमें लिखित, मौखिक और ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू शामिल होता है।

  • प्रमुख कोर्स:

होटल मैनेजमेंट के कुछ प्रमुख कोर्स निम्नलिखित है:

    1. बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट (BHM)
    2. बैचलर इन होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग टेक्नोलॉजी (BHMCT) 
    3. बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) इन हॉस्पिटैलिटी, ट्रेवल & टूरिज्म 
    4. बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc.) इन हॉस्पिटैलिटी & एडमिनिस्ट्रेशन 
    5. बैचलर ऑफ साइंस (B.Sc.) इन होटल मैनेजमेंट एंड केटरिंग 
    6. डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट 

ग्रेजुएशन कोर्स की अवधि 3 से 4 साल की होती है जबकि डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 6 से 18 महीने तक की होती है। 

  • सब स्पेशलाइजेशन कोर्स:

प्रत्येक कोर्स में कई सब स्पेशलाइजेशन के विषय भी हैं, जो आप अपने संस्थान में उपलब्धता और अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं। होटल मैनेजमेंट से जुड़े कुछ सब स्पेशलाइजेशन कोर्सेज निम्नलिखित हैं:-

  • मार्केटिंग ऑफ सर्विसेस:

इसमें यह सिखाया जाता है कि होटल के सर्विसेस और प्रोडक्ट को किस तरह से कस्टमर तक पहुंचाना है। इसके अंतर्गत रूम, फूड, स्पा सर्विस और लाउंज सर्विसेज से गेस्ट को कैसे सन्तुष्ट करना है, इस प्लानिंग की ट्रेनिंग दी जाती है।

  • फूड साइंस एंड डायटिक मैनेजमेंट:

इसमें फूड सर्विस से जुड़ी व्यवहारिक जानकारियां दी जाती है जिससे फूड में न्यूट्रिएंट्स को बचाते हुए खाना स्वादिष्ट बनाया जा सके। इसके अलावा मीनू प्लान करने का तरीका भी सिखाया जाता है ताकि गेस्ट को हेल्थी और क्वालिटी फूड मिल सके। 

  • इवेंट एंड कॉन्फ्रेंस मैनेजमेंट:

होटल में आए दिन इवेंट और कॉन्फ्रेंस ऑर्गेनाइज होते रहते हैं। उनको सही तरीके से संचालित करने की जिम्मेदारी होटल मैनेजमेंट के कर्मचारियों की होती है जिसके लिए उन्हें उचित ट्रेनिंग दी जाती है।

  • फैसिलिटी प्लैनिंग डिजाइन एंड मैनेजमेंट:

इसके अंतर्गत होटल के लेआउट को खूबसूरत और उपयोगी तरीके से डिजाइन और डिवेलप करने का स्किल सिखाया जाता है। 

  • हॉस्पिटैलिटी लॉ: 

इसके अंतर्गत कर्मचारियों को हॉस्पिटल इंडस्ट्री से सम्बंधित लॉ की जानकारी दी जाती है।

  • फीस:-

सरकारी संस्थान से कोर्स करने की फीस ₹40,000/- से ₹50,000/- है।

प्राईवेट संस्थान की फीस आमतौर पर ₹50,000/- से ₹1,00,000/- है।

कुछ प्राइवेट संस्थान, जिसमें बड़े बड़े होटल भी शामिल हैं, 1 लाख से 10 लाख रुपये तक फीस भी लेते हैं। इन संस्थानों की ब्रांड वैल्यू की वजह से बेहतरीन जॉब ऑप्शन्स मिल जाते हैं।

  • तैयारी कैसे करें:- 

होटल मैनेजमेंट के कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण होना आवश्यक है। परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी है और अंग्रेजी विषय की भी परीक्षा ली जाती है। अतः आपकी अंग्रेजी (दसवीं के स्तर तक) अच्छी होनी चाहिए। इसके अलावा रीजनिंग एवं एप्टीट्यूड के प्रश्न भी पूछे जाते हैं, जिसके लिए आपको अभ्यास करना जरूरी है। प्रवेश परीक्षा में न्यूमेरिकल एबिलिटी और साइंटिफिक एप्टीट्यूड के प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इसके लिए आपको क्लास 10 की NCERT की पाठ्य-पुस्तक का अध्ययन करना चाहिए। आपको सामान्य ज्ञान और करेंट अफेयर की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से न्यूज़ पेपर पढ़ना ज़रूरी है। प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का सतत अभ्यास करने से भी आपको इस परीक्षा में सफल होने में काफी मदद मिलेगी।

  • प्रमुख संस्थान:-

  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन, दिल्ली
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड अप्लाइड न्यूट्रिशन, चेन्नई
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड अप्लाइड न्यूट्रिशन, मुंबई
  • आर्मी इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, केरल
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग एंड न्यूट्रिशन पंजाब 
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ होटल मैनेजमेंट, अहमदाबाद
  • वेलकमग्रुप ग्रैजुएट स्कूल आफ होटल एडमिनिस्ट्रेशन उडुपी
  • इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट कैटरिंग टेक्नोलॉजी एंड अप्लाइड न्यूट्रिशन, लखनऊ

इसके आलावा कई बड़े बड़े होटल भी होटल मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्स ऑफर करते हैं। इनमें प्रमुख हैं:

  • IHM ताज ग्रुप
  • ITC होटल
  • द ओबेरॉय सेंटर ऑफ लर्निंग & डेवलपमेंट
  • जॉब प्रोफाइल: 

होटल मैनेजमेंट करने के बाद आप कई तरह के जॉब्स को करने के लिए योग्य हो जाते हैं। इस क्षेत्र के कुछ मुख्य जॉब प्रोफाइल निम्नलिखित हैं:-

  • मैनेजर
  • डायरेक्टर ऑफ होटल ऑपरेशन
  • फ्रंट ऑफिस मैनेजर 
  • हाउसकीपिंग मैनेजर
  • शेफ
  • गेस्ट सर्विस सुपरवाइजर
  • फूड एंड बेवरेज मैनेजर 
  • रेस्टोरेंट एंड फूड सर्विस मैनेजर
  • किचन मैनेजर
  • इवेंट मैनेजर 
  • वेडिंग कोआर्डिनेटर 

होटल इंडस्ट्री के अलावा भी कई क्षेत्रों में स्किल्ड होटल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स की बहुत डिमांड है। इनमें प्रमुख हैं-

  • एयरलाइन केटरिंग
  • रेलवे केटरिंग
  • क्रूज़
  • रेस्टॉरेंट
  • क्लब
  • रिसॉर्ट्स एंड गेस्ट हाउस
  • हॉस्पिटल
  • फारेस्ट लॉज
  • टूरिस्म डेवलोपमेन्ट कॉरपोरेशन / एजेंसीज
  • हॉस्पिटैलिटी डिपार्टमेंट इन कॉर्पोरेट हाउसेस
  • कैंटीन सर्विसेज इन स्कूल/ कॉलेज/ फैक्ट्री/हॉस्पिटल
  • सैलेरी:-

होटल मैनेजमेंट के बाद आपको जॉब आसानी से मिल जाएगी और सैलरी आपको अपनी पोस्ट और अनुभव के आधार पर ही मिलेगी। लेकिन सामान्य रूप से अगर आप फ्रेशर हैं तो आपको एक अच्छे होटल में ₹15000 से ₹20000/- तक मिल जाता है, जो अनुभव बढ़ने के साथ-साथ बेहतर होता जाता है। अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा इस इंडस्ट्री में जल्दी जल्दी तरक्की होती है और सैलरी भी बढ़ जाती है।

  • विदेशों में अवसर:

होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद विदेशों में भी जॉब करने की अपार संभावनाएं हैं। आज हमारे देश मे बहुत से 5 स्टार होटल हैं जिनकी चेन विदेशों में भी है। इसके अलावा अगर आपने अच्छे संस्थान से यह कोर्स किया है और आपको हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य विदेशी भाषा की भी जानकारी है तो आपके लिए विदेश में जॉब करने का सुनहरा अवसर उपलब्ध हो सकता है। विदेशों में सैलरी भी बहुत ज़्यादा होती है।

  • बेहतर करियर:

आज लोगों का देश और विदेश में घुमना फिरना काफी बढ़ गया है इसलिये होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस क्षेत्र में शोहरत, पैसा और तरक्की भरपूर है। किसी भी देश की जीडीपी में होटल इंडस्ट्री का बहुत बड़ा योगदान होता है। हमारा देश भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश तो है ही, साथ ही विश्व पटल पर यह एक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। हमारी सरकार भी ट्रेवल और टूरिज्म को काफी बढ़ावा दे रही है और होटल इंडस्ट्री इसका अभिन्न अंग है। इसलिए यदि आप भी होटल इंडस्ट्री में करियर बना कर एक सफल और आरामदायक जीवन की चाह रखते हैं तो कमर कस लीजिए और इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए तैयारी में जुट जाएँ। 

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कक्षा 10 के बाद छात्र क्या करे पूरी जानकारी करियर विकल्प http://shubhvaani.com/class-10th-ke-baad-students-kya-kare/ http://shubhvaani.com/class-10th-ke-baad-students-kya-kare/#respond Wed, 23 Sep 2020 07:49:34 +0000 http://shubhvaani.com/?p=1747 जानिए कक्षा 10 के बाद छात्र क्या करे, 10 के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले? बेस्ट करियर-स्कोप भारत मे जब कोई विद्यार्थी कक्षा 10 पास कर लेता है तो उसके सामने हजारों options खुल जाते है , फिर वह तय नही कर पाता कि वह करे तो क्या करे ? कक्षा 10 के बाद उसके […]

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जानिए कक्षा 10 के बाद छात्र क्या करे, 10 के बाद कौन सा सब्जेक्ट ले? बेस्ट करियर-स्कोप

भारत मे जब कोई विद्यार्थी कक्षा 10 पास कर लेता है तो उसके सामने हजारों options खुल जाते है , फिर वह तय नही कर पाता कि वह करे तो क्या करे ?

कक्षा 10 के बाद उसके सामने सबसे बड़ी समस्या तो ये होती है कि वह कौनसा सब्जेक्ट चुने की उसकी लाइफ पूरी तरह से सुरक्षित हो जाये ।

बिना सब्जेक्ट चुने ऐसा कोनसा कोर्स कर की उसे एक अच्छी नौकरी मिल जाये।

बहुत से विद्यार्थियों के सामने ये भी एक बड़ा प्रश्न होता है कि अगर मैं कक्षा 10 के बाद अगर नही पढ़ना चाहूँ तो मैं ऐसा क्या करूँ की मुझे सरकारी नौकरी आसानी से मिल जाए ।

आज आपके सभी प्रश्नो के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलने वाले है अतः इस आर्टिकल को अंत तक पूरा ही पढ़ना ।

10 वी के बाद कौनसा सब्जेक्ट चुने –

कक्षा 10 पास करने के बाद विद्यार्थियों के सामने जो सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा होता है , वह यह है कि मैं कौनसा विषय चुनु ? हर बार अधिकतर विद्यार्थी अपने साथियों या अपने रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों के कहे अनुसार विषय चुन लेते है और बाद में उन्हें उस विषय मे परेशानी का सामना करना पड़ता है ।

कौनसा विषय चुनना है ये आपको स्वयं को तय करना चाहिए कि आपको क्या बनना हैं और आपको कौनसा विषय ज्यादा अच्छा लगता है ?

आपकी सहायता करने के लिए यहां पर हर एक options के बारे में जानकारी दी जाएगी जिससे आपको कक्षा 10 के बाद क्या करना चाहिए इसकी बहुत ही अच्छे से आपको जानकारी मिल जाएगी ।

कक्षा 10 के बाद चुनने के लिए मुख्यतः तीन ही स्ट्रीम होती है । लेकिन एक और स्ट्रीम भी होती है जिसकी बहुत ही कम students को जानकारी होती है। इसलिए हम कह सकते है कि कक्षा 10 के बाद चुनने के लिए 4 स्ट्रीम्स होती है ।

1. Science ( विज्ञान )

2. Arts ( कला )

3. Commerce ( वाणिज्य )

4. Streem independent career option ( प्रोफेशनल कोर्स )

अब हम इन सभी स्ट्रीम्स के बारे में पूरी जैसे इन स्ट्रीम्स में कौन कौनसे कोर्स किये जा सकते है ? इनमें कैरियर बनाने के क्या विकल्प मौजूद है ।

1. Science स्ट्रीम्स –

हमारे देश मे सबसे ज्यादा विद्यार्थी अगर किसी स्ट्रीम में है , तो वह विज्ञान ही है । शायद इसका कारण यह है कि इसमे कैरियर बनाने के बहुत ही अच्छे विकल्प मौजूद है । जैसे – मेडिकल , इंजीनियर , आई टी , कंप्यूटर साइंटिस्ट ।

शायद विज्ञान विषय ज्यादा चुनने का एक कारण यह भी हो सकता है कि अगर किसी कारण से आप आगे विज्ञान नही पढ़ना चाहते है तो आप अगली क्लास में अपना स्ट्रीम बदल सकते है और आप कॉमर्स में या आर्ट्स में भी जा सकते है , लेकिन ऐसा आर्ट्स में और कॉमर्स में कर पाना सम्भव नही है । यानी कि आर्ट्स पढ़ने वाला विद्यार्थी अगली कक्षा में विज्ञान विषय नही ले सकता है। इसलिए सीधे शब्दों में कहे तो विज्ञान विषय लेने वाला किसी भी विषय को चुन सकता है और उसे इसे चुनने की पूरी आजादी होती है ।

हमारे देश के अधिकतर विद्यालयों में साइंस के नाम पर गणित , भौतिक विज्ञान , जीव विज्ञान , कृषि विज्ञान ही पढ़ाया जाता है लेकिन साइंस में तो बहुत ही ज्यादा कोर्स है जो विद्यार्थियों को अपने मन के अनुसार कोर्स चुनने का मौका देती है।

साइंस स्ट्रीम्स में कौन कौनसे विषय पढ़ने होते है –

साइंस स्ट्रीम में मुख्यत पढ़ाये जाने वाले विषय

1. फिजिक्स

2. केमिस्ट्री

3. मैथमेटिक्स

4. बायोलॉजी

5. एग्रीकल्चर

6. कंप्यूटर साइंस या इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी

7. बियोटेक्नॉलोजी

8. इंग्लिश

साइंस स्ट्रीम चुनने के बाद किस किस क्षेत्र में आप कैरियर बना सकते है –

साइंस स्ट्रीम में तो कैरियर बनाने वाले क्षेत्रों की तो समझो बाढ़ ही है । इन्हें तीन भागो में बांटा जा सकता है ।

 इंजीनियरिंग – इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाने के विकल्प

1. मैकेनिकल इंजीनियरिंग

2 . सिविल इंजीनियरिंग

3. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग

4. कैमिकल इंजीनियरिंग

5. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

6. इंजीनियरिंग मैनेजमेंट

7. एरोस्पेस इंजीनियरिंग

8. इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग

9. इंटीग्रेटेड इंजीनियरिंग

10. मिलिट्री इंजीनियरिंग

11. न्यूक्लियर इंजीनियरिंग

12. इलेट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग

13. इलेट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

 मेडिकल साइंस – मेडिकल साइंस में कैरियर के बेस्ट ऑप्शन

1. बायोकेमिस्ट्री

2. बायोमैकेनिक्स

3. बायोस्टेटिस्टिक्स

4. बायोफिजिक्स

5. एनाटोमी

6. सीयटोलॉजी

7. डेंटल साइंस

8. एम्ब्रायोलॉजि

9. एपिडेमियोलॉजी

10. जेनेटिक्स

11. इम्मुनोलोगि

12. माइक्रोबायोलॉजी

13. पैथोलॉजी

14. फोटोबायोलॉजी

अन्य कोर्स – साइंस स्ट्रीम में इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा भी कोर्स होते है जिनमे भी आप अच्छा कैरियर बना सकते है

1. जिओकेमिस्ट्री

2. प्लेनटोलॉजी

3. सिस्मोलॉजी

4. फोटोनिक्स

5. मीटरोलॉजी

6. फ़ूड टेक्नोलॉजी

7. एस्ट्रोनॉमी

8. एग्रोकेमिस्ट्री

9. टीचिंग

10 . पेपर इंडस्ट्री

11. प्लास्टिक इंडस्ट्री

12. सेरामिक इंडस्ट्रीज

13. फॉरेंसिक साइंस

14. सॉफ्टवेयर डिज़ाइन

15. फार्मास्युटिकल्स

कक्षा 10 के बाद साइंस लेने के क्या फायदे है –

ऊपर दी गई सूची को देखकर एक बात तो आपके सामने स्पष्ट हो गयी होगी कि विज्ञान विषय मे कैरियर बनाने के बहुत से विकल्प है । साइंस लेने के बाद आप अपने मन के अनुसार जो आपको अच्छा लगे उस क्षेत्र में जाकर अपना बहुत अच्छा कैरियर बना सकते है क्योकि यहां पर एक बहुत लंबी श्रृंखला है जिंसमे कोई ना कोई क्षेत्र ऐसा मिल ही जायेगा , जिंसमे आप अपना कैरियर बनाना चाहेंगे ।

2. आर्ट्स स्ट्रीम –

आर्ट्स एक ऐसा विषय है जो व्यक्ति को सच में आर्ट्स ही सिखाता है । हमारे देश मे एक बहुत ही नकारात्म सोच बनी हुई है कि आर्ट्स तो वही लेते है जिनके 10 वी में कम मार्क्स आते है , और ये स्ट्रीम तो कमजोर छात्रों के लिए है । लेकिन ऐसा नही है इस सोच को बदलना चाहिए क्योंकि जो बात आपको आर्ट्स सीखा सकती है कोई और स्ट्रीम आपको नही सीखा सकती है । आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने के बाद आप सीखते है कि जीवन को किस प्रकार जीना चाहिए , आप सीखते है कि किस प्रकार का व्यवहार हमे दुसरो से अलग बनाता है , आप सीखते है कि किस प्रकार का व्यवहार करके आप समाज मे अपनी प्रतिष्ठा बना सकते है , आप सीखते है क्यो हम मानव जानवरो से अलग है ।

दूसरे और सरल शब्दो मे कहूँ तो आर्ट्स हमे जीवन जीने की कला सिखाती है ।

आर्ट्स स्ट्रीम में मुख्यत पढ़े जाने वाले विषय –

1. इतिहास

2. भूगोल

3. राजनैतिक विज्ञान

4. इंग्लिश

5. अर्थशास्त्र

6. मनोविज्ञान

7. समाज शास्त्र

8. फाइन आर्ट्स

9. साहित्य

आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी किन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते है ? –

आर्ट्स स्ट्रीम लेने वाले विद्यार्थी निम्न क्षेत्रो में अपना कैरियर बना सकते है –

1. आर्कियोलॉजी

2. एंथ्रोपोलॉजी

3. सिविल सर्विसेज

4. कार्टोग्राफी

5. इकोनॉमिस्ट

6. जियोग्राफी

7. हेरिटेज मैनेजमेंट

8. हिस्टोरियन

9. लाइब्रेरी मैनेजमेंट

10. पोलिटिकल

11. पापुलेशन साइंस

12. साइकोलॉजी

13. सोशियोलॉजी

14. सोशल सर्विस

15. टीचिंग

16. लिंग्विस्टिक्स

17. मास कॉम्युनिकेशन / मीडिया

18. फिलोसोफी

19. रिसर्च

20. राइटिंग

21. हॉस्पिटल इंडस्ट्रीज

22. फाइन आर्ट

23. परफोर्मिंग आर्ट

24. फैशन डिजाइनिंग

25. इंटीरियर डिजाइनिंग

26. ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री

27. लॉ ( Law )

आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने के फायदे –

आर्ट्स स्ट्रीम लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी आसानी से कर सकते है क्योकि अधिकतर कॉम्पिटिशन एग्जाम के सिलेबस में वही होता है जो आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों को पढ़ना पड़ता है इस तरह से आपको कोई ज्यादा तैयारी नही करनी पड़ती क्योकि आप तो पहले से वे सभी विषय पढ़ चुके है। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने के बाद ras , ias जैसे एग्जाम दे सकते है और यदि आप इन्ही सर्विस में जाना चाहते है तो आपके लिए सबसे अच्छी स्ट्रीम आर्ट्स ही होगी ।

3. कॉमर्स स्ट्रीम –

नाम से ही पता चलता यह स्ट्रीम बिजनेस , अकाउंट, या फाइनेंस की दुनिया से सम्बन्ध रखती है । इसे वही छात्र चुनते है जिन्हें आगे जाकर इन्ही फील्ड में काम करना है। इसे करने के वाले छात्र आगे जाकर बिजनेस भी करते है । इस स्ट्रीम में जॉब बहुत ही सीमित होती है ।

कॉमर्स स्ट्रीम में मुख्यत पढ़ाये जाने वाले विषय

1. इकोनॉमिक्स

2. एकाउंटेंसी

3. बुसिनेस स्टडी / आर्गेनाईजेशन ऑफ कॉमर्स

4. मैथेमैटिक्स

5. इंग्लिश

6. इनफार्मेशन प्रैक्टिस

7. स्टेटिस्टिक्स

कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी कौनसे कौनसे क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है –

वैसे तो इस स्ट्रीम में बहुत कम जॉब स्कोप होता है लेकिन जो होता है वह बहुत ही दमदार होता है । कॉमर्स स्ट्रीम में जॉब के क्षेत्र निम्न है

1. CA

2. CS

3. बिज़नेस

4. Enterpreneurship

5. फोरेंसिक एकाउंट

6. कॉस्ट एंड वर्क एकाउंटेंसी

7. इन्वेस्टमेंट बैंकिंग

8. बैंकिंग

9. मार्केटिंग

10. मार्किट रिसर्च

11. कैपिटल मार्केटिंग

12. बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन

13. एडमिनिस्ट्रेशन

14. ह्यूमन रिसोर्स मैनजमेंट

15. मैनजमेंट

16. Insurance

17. बिज़नेस लॉ

18. मीडिया / मास कम्युनिकेशन

19. फाइनेंसियल एनालिसिस

कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने का फायदा क्या है –

जिस प्रकार साइंस और आर्ट्स में करियर के बहुत से विकल्प उपलब्ध होते है उस तरह से कॉमर्स में इतने विकल्प उपलब्ध नही होते है इसलिए कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने वाला विद्यार्थी ये बात अच्छे से जानता है की उसे भविष्य में करना क्या है । वह सब कुछ सोच और समझकर ही कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश करता है ।

Stream independent career options ( प्रोफेशनल कोर्स ) –

साइंस , आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के बाद एक चौथा विकल्प भी होता है , जिसे प्रोफेशनल कोर्स कहते है ।

इन्हें स्वतंत्र कोर्स भी कहा जाता है क्योकि ये किसी विशेष स्ट्रीम से सम्बंध नही रखते है । इन कोर्स को कोई भी छात्र कर सकता है । ये अनेक क्षेत्रों में अच्छी जॉब दिलाने में भी बहुत सहायक होते है । इन कोर्स की महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रेंनिंग बेस कोर्स होते है । इन कोर्स को करने के बाद आपको स्किल सर्टिफिकेट या एसोसिएट डिग्री मिलती है । इन्हें वोकेशनल कोर्स भी कहते है । इस स्ट्रीम के कुछ कोर्स निम्न है जिनकी सहायता से आप अपना स्वयं का भी बिजनेस शुरू कर सकते है या फिर किसी कंपनी में एक अच्छी जॉब प्राप्त कर सकते है ।

1. इंटीरियर डिजाइनिंग

2. फायर एंड सेफ्टी

3. साइबर लॉज़

4. ज्वैलरी डिजाइनिंग

5. फैशन डिजाइनिंग

 पॉलीटेक्निक कोर्स करे 10 वी करने के बाद –

यह एक प्रकार का डिप्लोमा कोर्स है जिसे आप सीधे 10 वी करने के बाद भी कर सकते है । यह एक टेकनिकल कोर्स है । इस कोर्स का सबसे अच्छा फायदा यह है कि यह एक ट्रेंनिंग बेस कोर्स है जिंसमे स्टूडेंट्स की स्किल को प्रैक्टिकल के द्वारा निखारा जाता है । यह कोर्स मुख्यत 3 साल का होता है । यह कोर्स इंजीनियरिंग के समकक्ष का ही कोर्स है । इस कोर्स को विद्यार्थी सरकारों कॉलेज से या निजी कॉलेज से भी कर सकते है ।

इस कोर्स का एक फायदा यह भी है कि अगर किसी विद्यार्थी ने पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स किया है अगर वह डिग्री कोर्स करना चाहता है तो उसे डिग्री कोर्स में सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिल जाता है।

पॉलीटेक्निक कोर्स में इंजीनियरिंग कोर्स और नॉन इंजीनियरिंग कोर्स शामिल होते है ।

किन विषय मे पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है ? –

पॉलीटेक्निक के निम्न कोर्स उपलब्ध है जिनमे आप डिप्लोमा प्राप्त कर सकते है ।

1. सिविल इंजीनियरिंग

2. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

3. इंस्ट्रूमेंट्स & कंट्रोल

4. मेकैनिकल इंजीनियरिंग

5. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी

6. फार्मेसी

7. मास कम्युनिकेशन

8. मटेरियल मैनजमेंट

9. होम साइंस

10. लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस

11. मॉडर्न आफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस

12. एवियोनिक्स

13. एयर क्राफ्ट मेंटिनेंस

14. होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग सर्विस

15. टेक्सटाइल डिज़ाइन

16. प्लासिटक एंड माउल्ड टेक्नोलॉजी

17. पेंट टेक्नोलॉजी

18. फैशन डिजाइनिंग एंड गारमेंट टेक्नोलॉजी

19. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग

20. इंटीरियर डेकोरेटिव एंड डिज़ाइन

21. लेदर टेक्नोलॉजी

22. प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी

23. ग्लास एंड सिरेमिक इंजीनियरिंग

24. डेरी इंजीनियरिंग

25. केमिकल इंजीनियरिंग

26. कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी

27. टेक्सटाइल केमिस्ट्री

 ITI करे कक्षा 10 वी के बाद –

कक्षा 10 के बाद जिन्हें कम पैसों में अपनी पढ़ाई पूरी करनी है तथा नौकरी प्राप्त करनी है ऐसे छात्रों के लिए iti सबसे बेहतर विकल्प है ।

इसे आप कक्षा 8 वी के बाद और कक्षा 10 वी के बाद भी कर सकते है । इसका सीधा यह फायदा होता है कि जब आपकी iti की पढ़ाई पूरी हो जाती गई तब आपको साइंस स्ट्रीम से 12 पास मान लिया जाता है और आपको बाकायदा इसका सर्टिफिकेट भी मिलता है कि आपने कक्षा 12 वी पास कर ली है ।

ITI की फुल फॉर्म होती है – industrial training institute । iti के सरकारी और प्राइवेट दोनों ही प्रकार के कॉलेज होते है जिनमे प्रवेश लेकर iti कोर्स किया जा सकता है । यह कोर्स भी पूरी तरह से ट्रेनिंग बेस कोर्स है । इसमे करवाये जाने वाले कोर्स को ट्रेड कहते है।

ITI के कोर्स निम्न है –

1. रेडियोलोजी

2. रेडियो एंड टी वी मैकेनिक

3. मैकेनिक रेफ्रिजरेटर एंड एयर कंडीशन

4. मोटर वेहिकल मैकेनिक

5. इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक

6. Draughtsman civil

7. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इलेट्रॉनिक्स सिस्टम मेंटेनेंस

8. इलेक्ट्रिसियन

9. इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक

6. डिप्लोमा कोर्स करे कक्षा 10 के बाद –

अगर जो विद्यार्थी कक्षा 10 के बाद अपनी स्कूल की पढ़ाई जारी नही रखना चाहते है उनके लिए डिप्लोमा कोर्स सबसे अच्छा विकल्प है । यह एक ऐसा क्षेत्र है जिंसमे कम पैसों में ही अपनी पढ़ाई पूरी करके एक अच्छी नौकरी प्राप्त की जा सकती है ।

डिप्लोमा कोर्स में उपलब्ध कोर्स – डिप्लोमा कोर्स में आप अपनी मन इच्छा के अनुसार कोर्स का चयन करके डिप्लोमा कर सकते है ।

डिप्लोमा कोर्स निम्न विषयो में किया जा सकता है

1. डिप्लोमा इन फाइन आर्ट्स

2. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग

3. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

4. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

5. डिप्लोमा इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी

6. डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग

7. डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग

8. डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस

9. डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग

10. डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग

11. डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग

12. डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग

13. डिप्लोमा इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग

14. डिप्लोमा इन गारमेंट टेक्नोलॉजी

15. डिप्लोमा इन प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी

16. डिप्लोमा इन लेदर टेक्नोलॉजी

17. डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी

18. डिप्लोमा इन मरीन इंजीनियरिंग

19. डिप्लोमा इन प्रोडक्शन

20. डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग

21. डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग

22. डिप्लोमा इन टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी

23. डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी

24. डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी

25. डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग

26. डिप्लोमा इन एनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग

27. डिप्लोमा इन फायर इंजीनियरिंग

28. डिप्लोमा इन ब्यूटी कल्चर

29. डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर

30. डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग

31. डिप्लोमा इन फैशन डिजाइन

32. डिप्लोमा इन अपेरल डिजाइन

33. डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी

34. डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन

35. डिप्लोमा इन मेडिकल लैब

36. डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस

डिप्लोमा कोर्स 3 साल का होता है । इसे अगर आप कक्षा 10 के बाद करते है तो यह 3 साल में पूरा हो जाता है और अगर आप इसे 12 के बाद करते है तो इसे पूरा करने के लिए आपको 4 साल का समय लगेगा ।

 कक्षा 10 के बाद करे सीधे नौकरी –

बहुत से विद्यार्थियों के सामने एक बहुत बड़ी समस्या ये होती है कि उनकी पढ़ाई किसी कारण से कक्षा 10 के बाद छूट जाती है । फिर उन्हें लगता है कि वे कुछ नही कर सकते है । उन्हें लगता है कि वे किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी भी नही कर सकते क्योकि वे सिर्फ कक्षा 10 वी पास है । लेकिन ऐसे विद्यार्थी भी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है । हो सकता है कि उन्हें इसमे बाकियों से कम पैसा मिले लेकिन आपकी योग्यता के अनुसार तो आपको अच्छी नौकरी मिल ही जारी है । मैं आपको ऐसे क्षेत्रों के बारे में जानकारी दूंगा जिंसमे आप कक्षा 10 के बाद सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है ।

कक्षा 10 के बाद सरकारी नौकरी के क्षेत्र –

1. पुलिस कांस्टेबल –

अगर आपको राज्य की सुरक्षा करने की इच्छा हो तो आप कक्षा 10 के बाद पुलिस विभाग में भर्ती होकर पुलिस कांस्टेबल के पद पर नियुक्त हो सकते है ।

2. इंडियन रेलवे – भारतीय रेलवे में नौकरी करना बहुत से छात्रों का ड्रीम जॉब होता है । इसलिए आप कक्षा 10 के बाद भी भारतीय रेल में नौकरी प्राप्त कर सकते है । यहां पर आप ग्रुप डी में शामिल हो सकते है । आपको यहां आपकी योग्यता के अनुसार निम्न क्षेत्रो में काम मिल सकता है – गैंग मैन , ioco pilot , असिस्टेंट loco pailot ।

3. ITBFF – INDO – TIBETAN BORDER POLICE FORCE

कक्षा 10 के बाद itbp में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है । यहां पर जॉब के आयु सीमा निर्धारित है । अतः आवेदन करने वाले उम्मीदवार की आयु 18 से 23 साल तक होनी चाहिए। इसमे आपको सबसे पहले एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है और उसके बाद आपको शारीरिक परीक्षा पास करनी होती है लेकिन ध्यान रहे इसमे आप सिर्फ कॉन्स्टेबल के पद के लिए आवेदन कर सकते है ।

4. इंडियन आर्मी – अगर आपको अपने देश से प्यार है तो इसकी 100 प्रतिशत सम्भावना है कि इंडियन आर्मी आपको जरूर आकर्षित करती होगी ।

अगर आप कक्षा 10 के बाद आर्मी में जाना चाहते है तो इसके लिए आपको शारीरिक रूप से एकदम मजबूत बनना होगा क्योकि आर्मी की जो शारीरिक परीक्षा होती है उसे पास करना हर किसी के बस की बात नही होती है ।

5. आंगनबाड़ी में नौकरी – आप 10 वी पास करके आंगनबाड़ी में सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है । यहां पर आप अलग अलग प्रकार के काम के लिए आवेदन कर सकते है जैसे – हेल्पर, वर्कर , शिक्षक आदि ।

6. पोस्टल डिपार्टमेंट – डाक विभाग में भी आप 10 वी पास करने के बाद सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है । डाकघर में समय समय पर अलग अलग पदों के लिए वैकेंसी आती रहती है । जैसे – क्लर्क , पोस्टमैन

यहां पर आपको पोस्टमैन तक कि ही नौकरी मिल सकती है 10 वी पास करने के बाद लेकिन आपको डाकघर में और ऊंचे पद पर जाना है या प्रोमोशन लेना है तो आपको और ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ेगी ।

7. ऑर्डन्स फैक्ट्री – सरकार की हथियार बनाने वाली फैक्ट्री में भी समय समय पर अलग अलग पदों के लिए वैकेंसी आती रहती है इसलिए आप ऑर्डन्स फैक्ट्री में भी जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है ।

8. फारेस्ट डिपार्टमेंट – 10 वी पास के लिए सबसे विशाल और सबसे ज्यादा पोस्ट का जो डिपार्टमेंट है वह फारेस्ट डिपार्टमेंट ही है ।इसमे भी समय समय पर अलग अलग पदों के लिए सूचनाएं जारी होती रहती है जिन्हें आप इंटरनेट पर या रोजना आने वाले अखबार से भी प्राप्त कर सकते है ।

इस डिपार्टमेंट में नौकरी पाने के लिए अलग अलग पद के लिए अलग प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है । किसी पद के लिए शारीरिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है तो किसी पद के लिए सिर्फ लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है । लेकिन आप यहां पर कक्षा 10 के बाद एक अच्छी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है ।

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जानिए कक्षा 12 के बाद MBA कैसे कर सकते है Job – Eligibility – Salary – Scope Full Detail

आप जब स्कूल मे हाते है तो आपके मन मे एक सवाल तो हमेशा होता है की आप कक्षा 12 के बाद या भविष्य मे क्या करेंगे। यह सवाल आपके मन मे आना लाजमी भी है क्योंकि अपने उज्जवल भविष्य की चिंता सबको रहती है। आज हम अपने इस लेख मे कक्षा 12 के बाद होने वाला महत्वपूर्ण कोर्स BBA/MBA के बारे मे बतायेंगे जो की आप कर सकते है। इस कोर्स से जुडी पुरी जानकारी हम आपको इस लेख मे बता रहे है। अतः आप इस लेख को अंत तक पढे ताकि आपको इस कोर्स के बारे मे पुरी जानकारी मिल सके।

MBA क्या है (What is MBA)

कक्षा 12/Graduation के बाद की जाने वाली एक पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है जो की 2 साल या 4 सेमेस्टर की होती है। कोई विश्वविद्यालय इस कोर्स को 3 साल मे भी करवाती है और हर साल परीक्षा लेती है तो वही देश मे ऐसी कई Universities है जो इस कोर्स को 3 साल मे 6 सेमेस्टर मे करवाती है जिसमे हर सेमेस्टर 6 माह का होता है। MBA व्यवसाय से जुडा एक कोर्स है जिसे Masters in Business Administration भी कहते है।

आपको M.B.A (Masters in Business Administration) के बारे मे समझ ने से पहले आपको B.B.A (Bechalor in business administration) के बारे मे समझना पडेगा ताकि आप इस कोर्स के आधारभूत ढाचे को समझ सके।

MBA करने से पहले आपको BBA करना अनिवार्य होता है। देश कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी है जो बिना BBA के यह भी कोर्स करवाते है जो आप आसानी से जैसे BA, B.com, B.sc जैसे कोर्सेज को कर के भी MBA कर सकते है।

MBA के लिए योग्यता (Qualification for MBA)

अगर आपके MBA मे एडमिशन लेना है तो यह जरूरी है की आपके BBA मे 50 प्रतिशत से ज्यादा होना जरूरी है पर किसी कुछ विश्वविद्यालय और कॉलेज ऐसे भी है जिसमे यह प्रतिशत की योग्यता  जरूरी नही है पर होना जरूरी है। देश मे कुछ ऐसे विश्वविद्यालय भी है जो इस कोर्स को BA, B.com or B.Sc जैसे कोर्सेज के बाद भी करवाते है।

BBA क्या है (BBA Kya hai)

कक्षा 12 के बाद होने वाला एक 3 साल का गेजुएट कोर्स है जिसको आप देश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या काॅलेंज से कर सकते है। इस कोर्स मे आपको व्यवसाय प्रबंधन (Business management) के बारे मे बताया जाता है जो की काफी जरूरी होता एक व्यवसाय को चलाने के लिए। इस मे आपको व्यवसाय के व्यवहार के बारे मे भी बताया जाता है।

BBA एक Gradute कोर्स है जिसके बाद आप MBA, PGDBM जैसे इत्यादी कोर्स कर सकते है। BBA करने के बाद आप एडवरटाइजिंग एविएशन, बैंकिंग, कंसल्टेंसी, डिजिटल मार्केटिंग, एंटरटेनमेंट, फाइनेंस, इनफॉर्मेशन , टेक्नोलॉजी (आईटी), इंश्योरेंस, मीडिया, ऑफलाइन मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग इत्यादी जैसे सेक्टर मे अपना Future देख सकते है।

BBA के बाद MBA

अब अगर आप BBA करने के बाद MBA करना चाहते है तो यह एक अच्छा Option हो सकता है आपके बेहतर Future के लिए। आज के समय मे व्यवसाय के क्षेत्र मे MBA की काफी डिमांड है।

MBA क्या है (MBA Kya hai)

Bechalor डिग्री करने के बाद आप व्यवसाय प्रबंधन मे Masters भी कर सकते है जिसमे आप BBA के बाद हर चीज Advance मे सीखेंगे। इस कोर्स से सम्बंधित कुछ विशेषताएँ

  • यह कोर्स ज्यादातर विश्वविद्यालय में अंग्रेजी माध्यम में कराया जाता है।
  • यह एक मास्टर्स डिग्री है जो की स्नातक के बाद होती है।
  • यह कोर्स Colleges ओर Universites मे पढाया तो अंग्रेजी माध्यम मे जाता है परन्तु इसके एग्जाम हिन्दी व अंग्रेजी दोनो माध्यम मे दे सकते है।
  • अगर आप कक्षा 10 के बाद कॉमर्स विषय पढते है तो आपको इस कोर्स को समझने मे कोई खास दिक्कत नही आयेगी।
  • इस कोर्स को व्यवसाय से सम्बंधित कोर्स भी कहा जाता है।
  • इस कोर्स मे मैनेजमेंट व व्यवसाय मैनेजमेंट से सम्बंधित सभी प्रकार के विषय पढाये जाते है।
  • MBA एक Masters डिग्री होती है जो आप किसी एक ऐच्छिक Subject मे कर सकते है।
  • इस कोर्स में आपका प्रवेश एक Entrance exams के माध्यम से होता है।
  • आज के समय मे भारत मे कई ऐसे Collages है जो बिना एन्ट्रेस एग्जाम के इस कोर्स मे एडमिशन दे देतेे है।
  • BBA के बाद MBA मे कुछ खास स्ट्रीम जिसमे आप MBA कर सकते है।
  • MBA Finance
  • MBA in HR
  • MBA in Marketing
  • MBA in Supply chain Management
  • MBA in International Business
  • MBA in Rural Management
  • MBA in IT
  • MBA in Hospital Management
  • MBA in Media Management
  • MBA in Agri-Business Management
  • MBA in advertising
  • इस सब काॅर्सेज मे Masters in finance course काफी Popular है जो आज के विद्यार्थी करना पसंद करते है।

MBA के स्ट्रीम के बार मे।

  • MBA in finance : आज के समय में विद्यार्थियों के बीच यह कोर्स काफी Popular है जिसके करने के बाद एक Finance एक्सपर्ट बन सकते है।
  • MBA in HR : इस Human Resources मे कोर्स को करने के बाद आप HR Field मे जाते है। इसके लिए विद्यार्थी के लिए एक खास Presonaty होना बेहद जरूरी है हालांकि यह इस कोर्स में मांगी जाने वाली कोई विशेष योग्यता नही है परन्तु जैसे की आप कोर्स के नाम से ही समझ सकते है इसमे मानव के शोध के बारे मे पढ सकते है और उसके लिए आपकी एक अच्छी Presonalty होना जरूरी है।
  • MBA in marketing : आज की बाजार की डिमांड के हिसाब से यह कोर्स काफी competitive है जिसकी की डिमांड कम है और इसके Candidates ज्यादा होते है।
  • MBA in Supply chain Management : यह एक मैनेजमेंट का काफी पसंदीदा को कोर्स है जिसमे आप वेयर हाऊस या क्लाइंटस के मैनेजमेंट से सम्बधित पढाई कर सकते है।
  • MBA in IT : यह कोर्स उन लोगो के लिए काफी पसंदी है जो सूचना प्रोद्यौगिकी / टेक्नोलाॅजी मे काफी Intersted होते है।
  • MBA in Rural Management : इस कोर्स मे आप ग्रामीण क्षेत्र व उसके परिवेश के बारे मे समझ सकते है।
  • MBA in Hospital Management : इस कोर्स को उन विद्यार्थियो के लिए तैयार किया गया है जो स्वास्थ्य सेवाओ को काफी पसंद करते है इस कोर्स मे आप हॉस्पिटल मैनेजमेंट से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है।
  • MBA in media management : इस कोर्स को करने बाद आप Digital Media या टीवी मिडिया के बारे मे सीख व समझ सकते है।
  • MBA in Agri Business Management : इस कोर्स में आप किसान व कृषि के बारे में सीख सकते है व इन्हे इस के युग के अनुसार लोगो को सीखा भी सकते है।
  • MBA in advertising : इस कोर्स मे आप विज्ञापन व इससे सम्बंधित चीजो के बारे मे पढ व सीख सकते है।

Entrance Exams 

अगर आप के बाद इस कोर्स में आप प्रवेश लेना चाहते है तो आप निम्न मे से किसी भी एग्जाम को पास कर इस कोर्स मे प्रवेश ले सकते है।

  • CAT – Common admission test
  • MAT – Management aptitude test
  • GMAT – Graduate admission management test
  • CET – Common entrance test
  • SNAP – Symbiosis National Aptitude Online Test

कुछ विश्वविद्यालयो मे इन Exams के बिना ही प्रवेश दे देते है।

Benefits of MBA (MBA के फायदे)

अगर आप इस कोर्स को करने की सोच रहे है तो आपको इस कोर्स के कुछ फायदो को भी समझना चाहिए जो कि इस प्रकार है।

  • Higher Salary : इस कोर्स को करने के बाद आप किसी भी बडी कम्पनी मे मैनेजमेंट की Job कर सकते है जहा आपको एक अच्छी खासी सैलेरी मिलती है।
  • Startup : इस कोर्स को करने के बाद अगर आप किसी भी कम्पनी को जाॅइन नही करना चाहते है तो आप अपना खुद का Startup भी कर सकते है।
  • Multiple Choice : इस कोर्स को करने के बाद आप एक से ज्यादा कामो को भी Priority दे सकते है जैसे फाइनेंस और ई-काॅमर्स दोनो या कोई और जो भी आप पसंद करते है वो कर सकते है।
  • Teaching : इस कोर्स को करने के बाद दूसरो को पढा कर भी कमाई कर सकते है जैसे की आप अपना खुद का Institute खोल सकते है।

Salary after MBA (MBA के बाद सैलेरी)

अब आप अगर कोई Private Job करने की सोच रहे है तो आपको सैलेरी के बारे मे बता देते है।

Name of Course Salary per annum
As a finance manager 9 Lakhs
As a marketing manager 10 Lakhs
As a sales manager 10 Lakhs
As a human resource manager 4 Lakhs
As an operation manager 7 Lakhs
As a Product manager 15 Lakhs
As a Data analytics manager 14 Lakhs
As a Project manager 13 Lakhs
As a Telecom manager 7 Lakhs

This salary is only estimated.

निष्कर्ष

इस लेख में हमने MBA  के बारे मे पुरी जानकारी देने की कोशिश की है। इस लेख मे हमने MBA कोर्स से सम्बंधित पुरी जानकारी जैसे इसके लाभ और इसके बाद मिलने वाली Salary और इसके बाद के Scope इत्यादी।

Distance से MBA (MBA with distance)

इस कोर्स को अगर आप Private करना चाहते है तो Open University जैसे विश्वविद्यालय से कर सकते है।

FAQ

Q. क्या इस कोर्स को करने के लिए अंग्रेजी विषय का ज्ञान होना जरूरी है ?

A. जीनही! ऐसा कोई जरूरी है आप इस कोर्स को हिन्दी माध्यम से भी कर सकते है।

Q. MBA के लिए क्या योग्यता है?

A. इस कोर्स को करने के लिए आपको बीबीए मे ग्रेजुएशन मे 50 प्रतिशन होना जरूरी है परन्तु ऐसा जरूरी नही है क्योकि कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी है जो इस प्रकार के कोर्स बिना प्रतिशन की बाध्यता के करवाते है।

Q. क्या इस कोर्स को करने के बाद आपका भविष्य Secure है ?

A. जीहा! अगर आप मेहनत करते है और कोर्स को अच्छे से समझते है तो आप इस कोर्स के बाद एक अच्छा भविष्य बना सकते है।

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Income Tax Officer कैसे बने – Process – Eligibility – Duties – Salary

आयकर अधिकारी को “पुलिस ऑफ़ टैक्सेशन” भी कहा जाता है और उन्हें आयकर के बढ़ते डिफॉल्टरों का watchdog माना जाता है। लोग इस बात को नहीं समझते है की करों का भुगतान देश के विकास लिए और हम सभी के विकास के लिए जरुरी है और यह हर एक नागरिक का कर्तव्य माना जाता है।

अगर आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते है तो यह बहुत अच्छा ऑप्शन है और इसमें अच्छीं सम्भावनाये भी है। टैक्सेशन, आयकर विभाग का एक छेत्र में है जो tax collections की सुविधा प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि individuals and organisations taxation के नियमों का पालन करें।

एक आयकर अधिकारी (ITO) आयकर विभाग का अधिकारी या निरीक्षक होता है जो Central Board of Direct Taxes (CBDI) के tax से संबंधित मामलों से संबंधित होता है। इस पोस्ट के अधिकारी को “कर विशेषज्ञ” के रूप में भी जाना जाता है, आयकर अधिकारी व्यापार और व्यक्तिगत कर खातों का निरिक्षण करते हैं और यह confim करते हैं कि tax की सही राशि pay की जा रही है।
आयकर अधिकारी बनने के लिए आपके पास excellent analytical skills और high level of numeracy जरुरी है, जो धोखाधड़ी की जांच करने के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है।इनकम टैक्स ऑफिसर के ऊपर काफी जिम्मेदारियों होती है।

आयकर विभाग केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है। SSC, ग्रेड सी और बी इंस्पेक्टरों की भर्ती के लिए अधिकृत निकाय आयकर निरीक्षक की भर्ती के लिए SSC CGL परीक्षा आयोजित करता ह।

यदि आप की आयु 30 वर्ष से कम है और आप graduate हैं, तो पहला चरण कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) परीक्षा के लिए आवेदन करना है। ग्रेड सी और बी निरीक्षकों के रूप में भर्ती होने के लिए minimum शिक्षा की आवश्यकता किसी भी विषय में graduate होना है।इसमें किसी भी स्ट्रीम का छात्र apply कर सकता है।

SSC CGL परीक्षा के eligibility:

  • candidate की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु 27 वर्ष होनी चाहिए।
  • SC / ST उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा में 5 वर्ष और ओबीसी आवेदकों के लिए 3 वर्ष की छूट दी जाती है। इसके अलावा, ऊपरी आयु सीमा में यह छूट भारत सरकार और रक्षा सेवाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी लागू है।
  • candidate को किसी भी स्ट्रीम में graduate होना चाहिए।
  • उम्मीदवार को आवश्यक न्यूनतम शारीरिक दक्षता और कद पात्रता को पूरा करना आवश्यक है:
  • अगर पुरुष उम्मीदवार है तो: ऊंचाई (157.5 सेमी) और छाती (81 सेमी, 5 सेमी के न्यूनतम विस्तार के साथ पूरी तरह से विस्तारित)। फिजिकल टेस्ट में पैदल चलना (15 मिनट में 1600 मीटर) और साइकिल चलाना (30 मिनट में 8 किमी) शामिल होगा
  • अगर महिला उम्मीदवार है तो : न्यूनतम ऊंचाई (152 सेमी) और वजन (48 किलोग्राम)। फिजिकल टेस्ट में पैदल चलना (20 मिनट में 1 किमी) और साइकिलिंग (25 किमी में 3 किमी) शामिल हैं।

एसएससी सीजीएल के माध्यम से आयकर निरीक्षक भर्ती के लिए चयन प्रक्रिया –

इनकम टैक्स ऑफिसर बनने के लिए, आपको सबसे पहले इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के पद से शुरुआत करनी होती है, जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया SSC CGL परीक्षा के माध्यम से की जाती है। परीक्षा के बाद एक interview और शारीरिक मानक / शारीरिक स्वास्थ्य और चिकित्सा परीक्षण होता है। चयन प्रक्रिया
SSC CGL टेस्ट एक आयकर निरीक्षक और कई अन्य पदों की नियुक्ति के लिए किया जाता है। परीक्षा को तीन भागों में बांटा गया है-

  •  Tier 1 (Prelims)
  •  Tier 2 (Mains)
  •  Tier 3 (Descriptive Test)

टियर 1 और 2:प्रारंभिक और मेन्स दोनों ऑनलाइन परीक्षा में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होते हैं इन सभी स्तरों को को पास करना जरुरी है और प्रत्येक के लिए कटऑफ स्पष्ट होना चाहिए।
एसएससी सीजीएल में आम तौर पर चार चरण की भर्ती प्रक्रिया शामिल होती है जिसमें आयकर पदों के चयन के लिए टीयर 3 और 4 लागू नहीं होते हैं:
इन दो परीक्षाओं के बाद, एसएससी के क्षेत्रीय या उप-क्षेत्रीय कार्यालय में एक व्यक्तित्व / कौशल परीक्षण या interview आयोजित किया जाता है।

Cut – off list:

General

578.75/700

OBC

557.75/700

SC

515.25/700

ST

511.50/700

Ex-serviceman

482.50/700

OH

489.50/700

HH

473.00/700

प्रारंभिक परीक्षा:
इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं। इसके अलावा, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रारंभिक परीक्षा अंतिम परीक्षा के लिए केवल एक योग्य अनुभाग है और इस परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम अंकों में नहीं जोड़ा जाता है।

Section

Subject

Questions

Maximum marks

time

Part A

General Intelligence

and General

Awareness

100

100

2

Part B

Arithmetic

100

100

2

 
मुख्य परीक्षा:
आयकर अधिकारी कैसे बनें, इस प्रक्रिया के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में, मुख्य परीक्षा उन उम्मीदवारों द्वारा ली जा सकती है, जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। इसमें दो खंड शामिल हैं जहाँ भाग A में two लिखित परीक्षा ’और भाग B एक ’Personality Test ’है।
 

Written Exam Subject

Maximum Marks

Time

General Studies (Reasoning Awareness)

200

3 Hours

English Comprehension

100

2 Hours 20 Minutes

Arithmetic Abilities

200

4 Hours

Language

100

2 Hour 20 Minutes

Communication Skills and Writing

200

2 Hour 20 Minutes

व्यक्तित्व परीक्षण या साक्षात्कार-

यदि आपने मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण की है, तो SSC CGL परीक्षा का अंतिम चरण में एक व्यक्तिगत interview होता है, जहाँ आपके व्यक्तित्व और मानसिक क्षमताओं का परीक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त, 2000 शब्दों की डेटा गति का परीक्षण प्रति 15 मिनट में करने के लिए एक स्किल टेस्ट हो सकता है और एसएससी के क्षेत्रीय / उप-क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित किया जाएगा।
एक बार चयनित हो जाने के बाद, आप जिस क्षेत्र में appoint किए गए हैं, वहां direct taxes क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान (DTRTI) में 12-सप्ताह का ट्रेनिंगआयोजित किया जाता है। इसमें काफी स्ट्रिक्ट ट्रेनिंग होती है। जिसमे विभिन्न प्रशासनिक प्रक्रियाओं, कर कानूनों और जांच कौशल के संपर्क शामिल हैं। 
 

आयकर निरीक्षक के लिए काम के घंटे:

वैसे तो कार्य करने का समय किसी भी भारतीय नौकरी में 8 से 9 घंटे का होता है  जो सुबह 9 से शाम 6 बजे तक है, लेकिन Non-Assessment में कोई भी समय फिक्स नहीं होता है। किसी भी वातावरण जैसे कि छापे, तलाशी, गिरफ्तारी, आदि के तहत लंबी अवधि के लिए काम करना पद सकता है। जांच विंग, फिर आपको सप्ताहांत पर भी काम करने की आवश्यकता है। ब्रेक लेने के बिना, कर्मचारियों को लगातार 3 से 4 दिनों के लिए काम करना होगा (पीक सीजन में)।

एसएससी सीजीएल आयकर निरीक्षक नौकरी प्रोफाइल:

SSC के लिए दी जाने वाली प्राथमिक नौकरी में से एक CGL आयकर निरीक्षक की होती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) में, यह ग्रुप-सी की स्थिति है। सीबीडीटी Direct Taxes को बढ़ाने के लिए पूरे देश में काम करता है। प्रत्यक्ष करों को आयकर, कॉर्पोरेट कर, धन कर आदि भी कहा जाता है। एक आयकर अधिकारी को Assessment या Non-Assessment किसी भी विभाग में काम मिल सकता है :

Assessment section
इस section की नौकरी में डेस्क जॉब विवरण से संबंधित कार्य शामिल हैं जो आयकर निरीक्षक के शीर्षक के साथ आते हैं।
आप आयकर का आकलन करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि लोग, कंपनी या साझेदारी फर्म भुगतान करने के लिए जिम्मेदार हैं।
आपको रिफंड क्लेम और TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) प्रश्न भी संभालनी होंगी।

Non-Assessment section
इस अनुभाग में एक नौकरी आपको फील्डवर्क के अधीन करेगी।
इस section में नियुक्त निरीक्षक उस rapid response team का हिस्सा हो सकते हैं जो छापेमारी करती है।
गैर-मूल्यांकन शुल्क दिए जाने वाले आईटीआई को आमतौर पर केवल clerical कर्तव्यों का पालन करना होता है।
उनका काम आधिकारिक कागजी कार्रवाई और कभी-कभार छापेमारी टीमों को दाखिल करने तक सीमित है।

आयकर विभाग की यह नौकरी ट्रांसफर वाली है इसमें कुछ समय के पश्चात् आपका ट्रांसफर होता रहता है।

SC CGL आयकर निरीक्षक स्थानांतरण विकल्प
स्थानांतरण: विभाग में दो प्रकार के स्थानांतरण उपलब्ध हैं।

  • वार्षिक सामान्य स्थानांतरण
  • इंटर चार्ज ट्रांसफर

स्थानांतरण होता है, लेकिन यह निश्चित नहीं है। कई फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है जो आपके पक्ष में होना चाहिए।  जिस क्षेत्र में आप स्थानांतरित होना चाहते हैं, वहां vacancy होनी चाहिए।
या तो आपके पास सीबीडीटी परिपत्र में उद्धृत आईसीटी के लिए आवेदन करने के लिए वैध आधार होना चाहिए या 3 साल की सेवा।
दोनों क्षेत्रों का प्रशासन सहकारी और उदार होना चाहिए।

SSC CGL आयकर निरीक्षक वेतन और वृद्धि:
शहर के हिसाब से सैलरी भी अलग अलग होती है। 

 

SSC CGL ITI वेतन

City A

City B

City C

Basic Pay

44900

44900

44900

HRA

10776

7184

3592

DA

7633

7633

7633

TA

3600

1800

1800

DA on TA

612

306

306

Gross Earnings

67521

63929

60337

NPS Deduction 10% (Basic + DA)

5253

5253

5253

CGHS

350

350

350

CGEIS

30

30

30

Total Deductions

5633

5633

5633

Net earnings

61888

58296

54704

Govt Contribution

7355

7355

7355

रैंक के हिसाब से भी वेतन अलग अलग होता है जितना उच्च पद उतना ज्यादा वेतन। 

Principal chief Commissioner of IT

INR 80,000

Chief Commissioner

INR 75,550-80,000

Principal Commissioner

INR 67,000-79,000

Commissioner

INR 37,400-67,000 + Grade Pay of INR 10,000

Additional/Joint Commissioner

INR 37,400-67,000 + Grade Pay of 8,700/ INR 15,600-39,100 + Grade Pay of 7,600

Deputy Commissioner

INR 15,600-39,100 + Grade Pay of INR 6,600.

Assistant Commissioner

INR 15,600-39,100 + Grade Pay of 5,400

Income Tax Officer

INR 9,300-34,800 + Grade Pay of INR 4,800/INR 5,400

Income Tax Inspector

INR 9,300-34,800 + Grade Pay of 4,600

इस नौकरी में करियर growth कुछ इस प्रकार है।

  • Income Tax Officer (ITO)
  • Assistant Commissioner of Income Tax (ACIT)
  • Deputy Commissioner of Income Tax (DCIT)
  • Joint Commissioner of Income Tax (JCIT)
  • Additional Commissioner of Income Tax (ADCIT)
  • Commissioner of Income Tax

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