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]]>शिक्षा का क्षेत्र, एक ऐसा क्षेत्र जिसमे आप एक गुरु की तरह होते हैं। लोग आपको को एक गुरुजी के रूप में देखते हैं। आज हम हमारे इस लेख में आपको शिक्षा से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी बताएंगे, साथ ही यह भी बताएंगे कि आप शिक्षा के क्षेत्र में कैसे अपना कैरियर बना सकते हैं। अतः आप इस लेख को अंत तक पढ़े ताकि आपको इससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त हो सके।
इस क्षेत्र में आप किसी भी निजी व सरकारी स्कूल में एक शिक्षक के तौर पर काम कर सकते हैं। शिक्षा का क्षेत्र काफी dynamic होता हैं जिसमे आपको हर रोज एक नए चैलेंज से गुजरना पड़ता हैं। शिक्षा के क्षेत्र का मतलब सिर्फ इससे ही नही हैं की आप स्कूल में एक शिक्षक के रूप में कार्य करे, इसके अलावा भी आप काफी सारे कार्य कर सकते है जैसे किसी निजी संस्थान में पढ़ाई करवाते हैं या खुद का कोई निजी शिक्षण संस्थान भी खोल सकते हैं जहा आप विद्यार्थियों को पढ़ाई करवा सके।
अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं या करने की सोच रहे हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी हैं कि आप उस क्षेत्र में क्या – क्या कर सकते हैं। क्या आज भी इस क्षेत्र में उतने ही स्कोप हैं जितने पहले थे? शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कुछ मुख्य बिंदु
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े वैसे तो कई फायदे हैं परंतु यहा हम आपको शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कुछ मुख्य फायदे बताने जा रहे हैं।
अगर आप शिक्षा क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपके लिए यह अच्छा मौका साबित हो सकता हैं। इस क्षेत्र में आपको कई सारे अवसर मिलते हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़ने के बारे में जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी हैं कि आप इस में क्या क्या कार्य कर सकते हैं।
अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर चाहते हैं परंतु आप इस बात से परेशान हैं कि आप निजी क्षेत्र में जाये या सरकारी क्षेत्र में तो आपकी यह परेशानी भी हम दूर कर देते हैं। हमारे इस लेख में हम निजी और सरकारी शिक्षा क्षेत्र के बारे में बता रहे हैं।
वैसे तो एक शिक्षक के कई कार्य होते हैं परंतु विशेषः शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कार्यो के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं जो की निम्न हैं।
अगर आप भी प्राइवेट शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद जरूरी होता हैं कि एक निजी शिक्षा के क्षेत्र में क्या होता हैं।
अगर आप भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं और एक शिक्षक बनना चाहते हैं तो आपको कुछ विशेष प्रकार की डिग्री करने की आवशयकता होती हैं। इसके साथ ही आपको कुछ विशेष बातो का ध्यान रखना पड़ता हैं जो कि कुछ इस प्रकार हैं।
अगर आप एक शिक्षक बनने की सोच रहे है तो आपको इसकी योग्यताओ के बारे मे जानना जरूरी है।
शिक्षक बनने के लिए आवेदन के पास कुछ विशेष कौशल के होने की आवश्यकता होती है।
अगर आप शिक्षक बनने से पहले यह जानना चाहते है कि आपको कौनसे एग्जाम देने पडते है तो यहा देख सकते है।
अगर आप एक शिक्षक या व्याख्याता की सैलरी के बारे मे जानने के लिए बैताब है तो आपको बता देते है की एक शिक्षक की सैलरी 22,000 से 45,000 के मध्य होती है वही एक व्याख्याता की सैलरी 65,000 से 85,000 तक होती है।
हमारे इस लेख मे हमने शिक्षक बनने से सम्बंधित पुरी जानकारी प्रदान की है जिसमे यह भी बताया गया है की एक शिक्षक बनने के लिए क्या योग्यता आवश्यकता होती है।
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]]>The post क्लास 10th के बाद साइंस लेने के फायदे first appeared on ShubhVaani.
]]>क्लास 10th में आते ही सबसे पहले बच्चों के mind में एक ही बात आती है की अगले साल क्लास 11th में क्या स्ट्रीम ली जाये ? यह बहुत ही कठिन decision होता है की 11th में क्या स्ट्रीम select की जाये। वैसे तो तीन options available होते है और सभी स्ट्रीम से अच्छा भविष्य बनाया जा सकता है पर साइंस को एक complete एजुकेशन माना गया है। साइंस स्ट्रीम भी दो part में बाटी होती है –
1). PCM (Engineering)
2). PCB (Medical)
यह सच है कि अगर कोई छात्र पढ़ाई में औसत है तो वह विज्ञान से दूर भागता है, लेकिन जब वह रुचि लेना शुरू करता है तो विज्ञान बहुत मजेदार विषय होता है।
• माता-पिता और छात्रों दोनों में ही विज्ञानं स्ट्रीम सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा कैरियर विकल्प है।
• विज्ञान स्ट्रीम इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी जैसे कई आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करता है और आप अनुसंधान भूमिकाओं का option भी चुन सकते हैं।
• साइंस स्ट्रीम लेने का सबसे अच्छा फायदा है, यह आपके लिए बहुत सारे विकल्पों को खुला रखता है। आप विज्ञान से वाणिज्य या विज्ञान से कला में भी जा सकते हैं। लेकिन आर्ट्स या कोम्मेर्स स्ट्रीम से साइंस स्ट्रीम में जाना संभव नहीं है।
• विज्ञान स्ट्रीम लेना आपको उत्कृष्ट समस्या सुलझाने की क्षमताओं से लैस करता है।
• विज्ञान और गणित अच्छी भुगतान वाली नौकरियों को पूरा करने में सक्षम बनाता है।
• विज्ञान मजेदार, अद्भुत और आकर्षक है। जैसा कि एडवर्ड टेलर ने सही कहा है
“आज का विज्ञान कल की तकनीक है।”
विज्ञान स्ट्रीम अक्सर उन लोगों द्वारा पसंद की जाती है जो 12 वीं के बाद व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं। विज्ञान स्ट्रीम में प्राथमिक विषय में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित और कंप्यूटर विज्ञान हैं। अन्य विषयों में, अंग्रेजी अनिवार्य है जबकि अन्य भाषा विषय पसंद के लिए छोड़ दिया जाता है।
अगर आप रटने से ज्यादा समझने पर विश्वास रखते है तो साइंस स्ट्रीम बेस्ट है। साइंस आपको थेओरिटिकल नॉलेज के साथ साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी देता है। यह प्रूफ देता है हर बात की। विज्ञान एक विशाल क्षेत्र है और लगभग हर चीज की चिंता है जिसे हमारी आंखें देख सकती हैं या नहीं देख सकती हैं। ब्रह्मांड में हर चीज का अध्ययन विज्ञान के क्षेत्र के तहत किया जा सकता है।
विज्ञानं विषय चुनने से पहले निम्न बातों को समझना जरुरी है –
क्या विषय गणित को समझने की अच्छी क्षमता है।
क्या आप किसी विषय को अच्छे से विशलेषण कर सकते है।
क्या आप अपनी पढाई को अच्छे से समय दे सकते है।
क्या आप थ्योरी के साथ साथ पतराक्टिकल ज्ञान पर भी भरोसा रखते है।
क्या आप गणित के आंकडो को पढने, समझने व उनके साथ खेलने का हूनर रख सकते है।
क्या आप केमिस्ट्री की एक्वेशन्स को समझने में इंटरेस्ट रखते है।
क्या आप फिजिक्स में लॉजिक्स को समझ सकते है।
क्या आप बायोलॉजी के टर्म्स याद रख सकते है।
क्या आप फिजिक्स के कॉन्सेप्ट्स को अपनी दैनिक लाइफ में महसूस कर सकते है
अगर आप कक्षा 10 के बाद science लेने की सोच रहे है तो आपके लिए यह एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इस विषय को आप आसानी से पढ व समझ सकते है। यह विषय थ्योरिकल से ज्यादा पे्रक्ट्रिल है। इस विषय मे पढने से कम समझने की जरूरत है। विज्ञान स्ट्रीम में बहुत ज्यादा म्हणत और लगन से पढ़ने की जरुरत होती है।
कक्षा 11-12 के स्तर पर भौतिकी का अध्ययन करने से आपको वैचारिक समझ, रचनात्मक सोच और समस्या को सुलझाने के कौशल के साथ-साथ अवलोकन, विश्लेषणात्मक, खोजी और निर्णय लेने के कौशल को विकसित करने में मदद मिलेगी।
Career option – भौतिकी का अध्ययन करने के बाद कई प्रकार के करियर विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें एक भौतिक विज्ञानी, अंतरिक्ष यात्री, डेटा वैज्ञानिक, तकनीशियन और इंजीनियर के रूप में काम करना शामिल है।
ब्रह्मांड में सब कुछ परमाणुओं और पदार्थों से बना है, और रसायन विज्ञान का अध्ययन परमाणु संरचना और रासायनिक प्रतिक्रियाओं से प्रभावित परिवर्तनों सहित संरचना, गुणों और पदार्थ की संरचना के अध्ययन पर आधारित है। आपके द्वारा अध्ययन किए जाने वाले विषयों के उदाहरण हैं:
Chemical Bonding and Molecular Structure
Chemical Thermodynamics
Organic Chemistry
Chemical Kinetics
Surface केमिस्ट्री
Career option – रसायन विज्ञान का अध्ययन करने के बाद करियर के विकल्पों में अनुसंधान, फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य देखभाल के रूप में प्रयोगशाला वैज्ञानिक, रासायनिक इंजीनियर, जैव रसायन, स्वाद रसायनज्ञ, विश्लेषणात्मक रसायनज्ञ आदि शामिल हैं।
गणित नंबरों का एक विज्ञान है और अक्सर छात्रों को इस विषय से नफरत ही रहती है, और कभी-कभी वास्तुकला, कला, इंजीनियरिंग हर जगह मैथ्स है। बड़ी बड़ी बुलडिंग्स, ब्रिड्जस सभी जगह मैथ्स है। एक विषय के रूप में, गणित मात्रा, परिवर्तन, संरचना और स्थान की अवधारणाओं पर केंद्रित है।
Career option – कक्षा 11-12 में गणित का अध्ययन करने से वाणिज्य के क्षेत्र में कई तरह के करियर विकल्प खुलते हैं। कैरियर विकल्पों में इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान, बीमा, सांख्यिकी, अर्थशास्त्र, बैंकिंग, अकाउंटेंसी आदि शामिल हैं।
कक्षा 11-12 के स्तर पर जीव विज्ञान का विषय वास्तविक जीवन प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और उद्योग के साथ विषय के अध्ययन को जोड़ने के साथ एक दृढ़ वैचारिक आधार प्रदान करने पर केंद्रित है।
Career option – जीव विज्ञान का अध्ययन करने के बाद कैरियर के अवसर काफी हैं, जिसमें एमबीबीएस या आयुर्वेद या होम्योपैथी, चिकित्सा का सबसे लोकप्रिय मार्ग भी शामिल है। चिकित्सा के अलावा, आप जैव प्रौद्योगिकी, दंत चिकित्सा, पशु विज्ञान, फार्मास्यूटिकल्स, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, समुद्री जीव विज्ञान, आनुवंशिकी, जैव सूचना विज्ञान, सूक्ष्म जीव विज्ञान, और अधिक जैसे कैरियर पथों का पीछा कर सकते हैं।
जब कोई छात्र भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन करता है, तो यह दुनिया की उनकी समझ, प्रभाव, कारण आदि को बढ़ाता है। इससे उन्हें अपने आसपास की हर चीज के बारे में वैज्ञानिक ज्ञान और सिद्धांत विकसित करने में मदद मिलती है।
विज्ञान प्रगतिशील और असाधारण विकास का कारण बनता है। इसने कई बीमारियों का इलाज खोजने, जागरूकता बढ़ाने और हमारे लिए अंतहीन संभावनाएं पैदा करने में लोगों को सहायता प्रदान की है।
CBSE विज्ञान पाठ्यक्रम में अनगिनत क्षेत्रों में कई अनुप्रयोग हैं और जेईई और एआईपीएमटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बैठने के अवसर खोलते हैं।
विज्ञान आस-पास के पारिस्थितिकी तंत्र की छात्रों की प्रशंसा और समझ को व्यापक बनाने में मदद करता है, विद्वानों को उत्कृष्ट समस्या-सुलझाने की क्षमताओं और बहुत अधिक हस्तांतरणीय कौशल की एक पूरी भीड़ से लैस करता है।
ग्लोबल वार्मिंग, बर्ड फ्लू, आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थ, तेल की कमी, परमाणु ऊर्जा, एमएमआर टीके और जीन थेरेपी जैसी अवधारणाओं के साथ, भविष्य के वैज्ञानिकों की एक महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण भूमिका है।
विज्ञान और गणित उच्च लागू कौशल वाले विद्वानों को वितरित करते हैं जो लगभग किसी भी कार्यशैली के लिए प्रासंगिक हैं। वे छात्रों को अत्यधिक सम्मानित और आकर्षक नौकरियों को प्राप्त करने के लिए एक लोचदार आधार प्रदान करते हैं और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य का आश्वासन देते हैं।
इंजीनियरिंग (IIT, JEE, NIT, BIT), मेडिकल (AIIMS, CMC, AIPMT) या बेसिक साइंस (IISc), भारत में विश्व स्तर के संस्थान हैं जहाँ छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
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]]>The post CA (चार्टर्ड अकाउंटेंट) कैसे बने- पूरे कोर्स की जानकारी first appeared on ShubhVaani.
]]>आजकल छात्रों के पास करियर के बहुत सारे ऑप्शन खुल गए हैं। एक समय था जब ज्यादातर छात्रों का सपना डॉक्टर या इंजीनियर बनने का या सिविल सर्विसेज में जाने का हुआ करता था। इसके बाद टीचर/प्रोफेसर, बैंक अफसर, या आई० टी० प्रोफेशनल का नम्बर आता था। अभिभावक भी इन्हीं कैरियर में अपने बच्चों का भविष्य देखते हैं। परंतु इन दिनों मान्यताओं में तेजी से बदलाव आया है और जैसे जैसे देश की वित्तीय स्थिति मजबूत होती जा रही है, फाइनेंशियल सेक्टर की ओर छात्रों का रुझान बढ़ता जा रहा है। बहुत से मेधावी छात्र फाइनेंस के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
CA इस क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह एक बेहतरीन और आकर्षक करियर है जहां पद प्रतिष्ठा और पैसा तीनों है। परन्तु CA प्रोफेशन से संबंधित जानकारी के अभाव में कई छात्र कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं और इस अपेक्षाकृत नए फील्ड में करियर बनाने से कतराते हैं। परन्तु जो छात्र इस फील्ड की विशेषताओं से अवगत हैं वो अपने मन में CA बनने का सपना संजोते हैं।
इस फील्ड को लेकर आपके सारे संशय दूर करने के लिए आज हम आपको CA के करियर से संबंधित हर प्रकार की जानकारी देंगे जैसे – CA बनने के लिए आपको कौन सी पढ़ाई करनी चाहिए? इसके लिए कौन सी प्रवेश परीक्षा देनी होगी? इसके लिए न्यूनतम आयु या न्यूनतम योग्यता क्या है? और CA बनने के बाद आप किस तरह की नौकरी कर सकते हैं या कैसे अपना स्वयं का काम कर सकते हैं? और इस कार्य से आप कितने पैसे कमा सकते हैं?
CA का फुल फॉर्म होता है चार्टर्ड अकाउंटेंट (Chartered Accountant)। CA का मुख्य काम कंपनियों का वित्तीय हिसाब किताब रखना होता है। इसके अलावा वित्तीय सलाह देना, अकाउंट की ऑडिट करना, टैक्स गणना से संबंधित काम करना भी उनके कार्य क्षेत्र में आता है। दूसरे शब्दों में CA का काम किसी कंपनी के फाइनेंसियल मैनेजमेंट का काम है, जिसके अंतर्गत टैक्स भरना, बैलेंस शीट बनाना आदि आते हैं।
अगर आप किसी भी स्ट्रीम से प्लस टू यानि 12वीं में कम से कम 33% मार्क्स लाकर पास करते हैं तो आप CA बनने के लिए योग्य या एलिजिबल हैं। अर्थात साइंस, कॉमर्स, या आर्ट्स (हयूमैनिटिज़) किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स CA बन सकते हैं। लेकिन मुख्य तौर पर यह देखा जाता है कि कॉमर्स के स्टूडेंट CA के कोर्स के लिए अधिक इच्छुक रहते हैं। यह बेहतर भी है कि यदि आप CA बनना चाहते हैं तो आपको प्लस टू में कॉमर्स स्ट्रीम लेना चाहिए क्योंकि कॉमर्स के छात्रों की सफलता का प्रतिशत अधिक होता है।
CA के कोर्स के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती है। अगर आप 12वीं पास हैं तो आप इस कोर्स के लिए एलिजिबल हैं, चाहे आपकी आयु कुछ भी हो।
भारत में CA की परीक्षा ICAI (इंस्टीटूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया), जो कि एक गवर्नमेंट बॉडी है, संचालित करती है।
CA की परीक्षा तीन चरणों में होती है –
CA फाउंडेशन
CA इंटरमीडिएट
CA फाइनल
आइए अब इन तीन चरणों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पहले इस परीक्षा का नाम CPT (common proficiency test) या सामान्य प्रवीणता परीक्षा था यह CA करने के लिए प्रवेश परीक्षा होती थी। उस वक़्त इसके लिए दसवीं के बाद ही रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता था। परंतु सब इसका बदल कर फाउंडेशन कोर्स कर दिया गया है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन 12वीं के बाद किया जाता है।
CA फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन तीन साल तक वैध होता है। अर्थात एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के पर पर आप तीन बार इस परीक्षा में बैठ सकते हैं। अगर तीन बार में भी आपने यह परीक्षा पास नहीं की तो आपको रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण (renewal) कराना होगा।
यह परीक्षा साल में दो बार कंडक्ट किया जाता है – मई एवं नवम्बर में। रजिस्ट्रेशन परीक्षा से पहले करवानी होती है।
CA फाउंडेशन कोर्स की रजिस्ट्रेशन फीस ₹9800 है।
एक बार रेजिस्ट्रेशन कराने के 4 महीने बाद आप फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा दे सकते हैं।
CA फाउंडेशन एग्जाम पैटर्न:
CA फाउंडेशन में 4 पेपर होते हैं, प्रत्येक पेपर100 मार्क्स का होता है। पास होने के लिए सभी पेपर में कम से कम 40% मार्क्स लाना आवश्यक है और सभी पेपर मिलाकर 50% मार्क्स लाना आवश्यक है।
अलग अलग पेपर के नाम एवं उनमें मार्क्स का विभाजन निम्नलिखित है:
Paper 1 – Principals & Practices of accounting (100 marks)
Paper 2 – Business Laws and Business Correspondence and Recording (100 marks)
Paper 3 – Business Mathematics, Logical Reasoning and Statistics (100 marks)
Paper 4 – Business Economics and Business and Commercial Knowledge (100 marks)
परीक्षा की अवधि पेपर 1 और पेपर 2 के लिए 3 घंटे होती है एवं पेपर 3 और पेपर 4 के लिए 2 घंटे होती है।
पेपर 1 और पेपर 2 में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं जबकि पेपर 3 और पेपर 4 में सब्जेक्टिव।
पेपर 1 और पेपर 2 में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है, जबकि पेपर 3 और पेपर 4 नेगेटिव मार्किंग होती है जिसमें एक प्रश्न का उत्तर गलत होने पर चौथाई अंक काट लिए जाते हैं।
एग्जाम और सिलेबस से संबंधित हर तरह की जानकारी ICAI के ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध है। छात्र इसे अवश्य देखें।
CA फाउंडेशन एग्जाम की तैयारी के टिप्स:
CA फाऊंडेशन एक्जाम का पैटर्न अच्छी तरह समझने के लिए छात्रों को विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए।
पेपर 1 और पेपर 2 के लिए उन्हें मॉक टेस्ट पेपर्स को हल करने का अभ्यास करना चाहिए। ताकि परीक्षा की दी गई अवधि में वह प्रश्नों को पूरा कर सकें और अपना टाइम मैनेजमेंट सुधार सकें।
गणित और स्टैटिसटिक्स के लिए छात्रों को प्रश्नों को हल करने की संक्षिप्त विधि का अभ्यास करना चाहिए।
बिजनेस लॉ सेक्शन के प्रश्नों के लिए उन्हें विगत वर्षों के केस स्टडीज पर ध्यान देना चाहिए।
इस कोर्स को करने के दो ऑप्शन है। इसके लिए आप इसके लिए आप “फाउंडेशन रूट” या “सीए कोर्स में सीधी भर्ती योजना” के तहत अपने आप को रजिस्टर कर सकते हैं।
फाउंडेशन रूट- फाउंडेशन रूट के तहत आप सीए फाउंडेशन पास करने के बाद इंटरमीडिएट कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
सीधी भर्ती योजना- अगर आपने किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर लिया है तो आपको CA फाउंडेशन करने की जरूरत नहीं है। लेकिन इसके लिए आपको ग्रेजुएशन अथवा पोस्ट ग्रेजुएशन में कम से कम 55% मार्क्स (कॉमर्स स्ट्रीम के लिए) और 60% मार्क्स (अन्य स्ट्रीम के लिए) लाना जरूरी है।
CA इंटरमीडियट एग्जाम पैटर्न:
CA इंटरमीडिएट की परीक्षा में 8 पेपर होते हैं प्रत्येक पेपर 100 मार्क्स का होता है। पास होने के लिए सभी पेपर में कम से कम 40% मार्क्स लाना आवश्यक है और सभी पेपर मिलाकर 50% मार्क्स लाना आवश्यक है।
CA इंटरमीडिएट की परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी या हिंदी होता है।
परीक्षा की अवधि प्रत्येक पेपर के लिए 3 घंटे होती है। प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट एक्स्ट्रा दिए जाते हैं।
इसमें ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।
एग्जाम और सिलेबस से संबंधित हर तरह की जानकारी ICAI के ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अलग अलग पेपर के नाम एवं उनमें मार्क्स का विभाजन निम्नलिखित है:
Group I
Paper 1 – Accounting (100 marks)
Paper 2 – Corporate laws and other laws (100 marks)
Part I – Company law (60 marks)
Part II – Other law (40 marks)
Paper 3 – Cost & Management Accounting (100 marks)
Paper 4 – Taxation (100 marks)
Section A: Income-Tax Law (60 marks)
Section B: Indirect Taxes (40 marks)
Group II
Paper 5 – Advanced Accounting (100 marks)
Paper 6 – Auditing & Assurance (100 marks)
Paper 7 – Enterprise Information Systems & Strategic Management (100 marks)
Section A: Enterprise Information Systems (50 marks)
Section B: Strategic Management (50 marks)
Paper 8 – Financial Management & Economics for Finance (100 marks)
Section A: Financial Management (60 marks)
Section B: Economics for Finance (40 marks)
CA इंटरमीडिएट की परीक्षा भी साल में दो बार कंडक्ट की जाती है– मई एवं नवम्बर में। एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद यह 4 साल तक वैध रहता है। रजिस्ट्रेशन परीक्षा से पहले करवानी होती है।
CA इंटरमीडिएट कोर्स की फीस ₹27200 है।
CA इंटरमीडिएट एग्जाम की तैयारी के टिप्स:
छात्रों को विगत वर्ष में आए प्रश्नों का अभ्यास करना चाहिए ताकि वह प्रश्न पत्र के पैटर्न से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएं।
ICAI के ऑफिशियल वेबसाइट पर परीक्षा के मॉक टेस्ट पेपर दिए रहते हैं। उनका अभ्यास कर परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।
कॉस्ट अकाउंटिंग के पेपर के लिए हर फार्मूला की तैयारी शॉर्ट नोट्स बनाकर करनी चाहिए।
लॉ से संबंधित पेपर के अध्ययन के लिए उन्हें केस स्टडी की सहायता से अभ्यास करना चाहिए।
CA इंटरमीडिएट पास कर लेने के बाद आपको 3 साल की CA आर्टिकलशिप करनी होतीहै। इसमें आपको किसी CA के अंडर 3 सालों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग लेनी होती है। यह ट्रेनिंग किसी CA फर्म में की जा सकती है। इस ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड भी मिलता है।
इस ट्रेनिंग को पूरी करने के 6 महीने बाद आप CA फाइनल के लिए साल में कभी भी फॉर्म भर सकते हैं। ICAI की गाइडलाइन के अनुसार उन विद्यार्थियों को फाइनल एग्जाम में बैठने की अनुमति मिल जाती है जिन्होंने आर्टिकलशिप की ढाई साल की अवधि पूरी कर ली हो।
यह CA बनने का अंतिम चरण होता है और इसके पास करने के बाद आप CA बन जाते हैं। यह परीक्षा कठिन होती है और इसके लिए आपको बहुत मेहनत करने की जरूरत है।
CA फाइनल कोर्स की रजिस्ट्रेशन फीस ₹32300 है।
एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद आपको 4 महीने का समय पढ़ाई करने के लिए दिया जाता है।
CA फाइनल के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद 5 साल तक की इसकी मान्यता रहती है। अगर इस दौरान भी आपने इसे पास नहीं किया तो आपको दोबारा रजिस्ट्रेशन करवाना होता है।
CA के कोर्स में कोई कोई आयु सीमा नहीं है इसीलिए आप चाहे जितनी बार भी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।
CA फाइनल एग्जाम पैटर्न:
CA फाइनल में भी 8 पेपर होते हैं। 2020 में होनेवाले CA फाइनल एग्जाम के पैटर्न में ICAI (The Institute of Charted Accountants of India) ने थोड़ा परिवर्तन किया है। अब इसमें पेपर 6 के लिए छह वैकल्पिक विषय (6A से 6F) दिए गए हैं। छात्र इनमें से अपनी पसंद के किसी एक विषय को चुन सकते हैं। प्रत्येक का फुल मार्क्स 100 ही होगा। इसके अलावा भी एग्जाम पैटर्न में कुछ बदलाव आया है। 2020 में एग्जाम देनेवाले जो छात्र पुराने सिलेबस को फॉलो करेंगे उन्हें पुराने पैटर्न के अनुसार ही एग्जाम देना होगा। छात्रों की सुविधा के लिए दोनों पेटर्न के पेपर्स का विस्तृत विवरण नीचे दिया गया है।
पुराने सिलेबस के अनुसार:
Group 1
Paper 1 – Financial Reporting (100 marks)
Paper 2 – Strategic Financial Management (100 marks)
Paper 3 – Advanced Auditing and Professional Ethics (100 marks)
Paper 4 – Corporate and Allied Laws (100 marks)
Group 2
Paper 5 – Advanced Management Accounting (100 marks)
Paper 6 – Information Systems Control and Audit (100 marks)
Paper 7 – Direct Tax Laws (100 marks)
Paper 8 – Indirect Tax Laws (100 marks)
नए सिलेबस के अनुसार:
Group 1
Paper 1 – Financial Reporting (100 marks)
Paper 2 – Strategic Financial Management (100 marks)
Paper 3 – Advanced Auditing and Professional Ethics (100 marks)
Paper 4 – Corporate and Economic Laws (100 marks)
Group 2
Paper 5 – Strategic Cost Management and Performance Evaluation (100 marks)
Paper 6A – Risk Management (100 marks)
Paper 6B – Financial Services and Capital Markets (100 marks)
Paper 6C – International Taxation (100 marks)
Paper 6D – Economic Laws (100 marks)
Paper 6E – Global Financial Reporting Standards (100 marks)
Paper 6F – Multidisciplinary Case Study (100 marks)
Paper 7 – Direct Tax Laws and International Taxation (100 marks)
Paper 8 – Indirect Tax Laws (100 marks)
पास होने के लिए सभी पेपर में कम से कम 40% मार्क्स लाना आवश्यक है और सभी पेपर मिलाकर 50% मार्क्स लाना आवश्यक है। इसमें नेगेटिव मार्क्स नहीं होते हैं।
CA फाइनल की परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी या हिंदी होता है।
परीक्षा की अवधि प्रत्येक पेपर के लिए 3 घंटे होती है। प्रश्न पत्र पढ़ने के लिए 15 मिनट एक्स्ट्रा दिए जाते हैं।
इसमें ऑब्जेक्टिव और सब्जेक्टिव दोनों तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।
एग्जाम और सिलेबस से संबंधित हर तरह की जानकारी ICAI के ऑफिसियल वेबसाइट पर उपलब्ध है।
CA के कोर्स के दौरान आपको 2-2 सप्ताह की 4 ट्रेनिंग भी लेनी होती है।
दो ट्रेनिंग CA इंटरमीडियट और CA फाइनल के बीच लेनी होती है जिनके नाम हैं – Information Technology & Orientation Course.
CA फाइनल के बाद भी दो ट्रेनिंग लेनी होती है जिनके नाम हैं – Management end Communication Skill Course & Advanced ITT.
इस प्रकार CA की फाइनल परीक्षा पास कर लेने के बाद आपको ICAI में रजिस्टर करवाना होता है। इसके बाद आप एक सर्टिफाइड CA यानि चार्टर्ड अकाउंटेंट बन जाते हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में काम करने के लिए आपके पास बहुत सारे ऑप्शन्स होते हैं। आप चाहे तो किसी इंडस्ट्री, फाइनेंशियल सेक्टर या सार्वजनिक क्षेत्र में काम कर सकते हैं। आप किसी बड़ी कंपनी को भी ज्वाइन कर सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप चाहे तो स्वतंत्र रूप से अपना स्वयं का फर्म भी खोल सकते हैं जिसमें आप लोगों को फाइनेंस और टैक्स से संबंधित सलाह दे सकते हैं। इस तरह CA का कोर्स आपको एक सुनहरा करियर बनाने का अवसर प्रदान करता है। अगर आप पूरे मनोयोग से ऊपर बताई गई जानकारियों को ध्यान में रखकर तैयारी करेंगे तो कोई वजह नहीं कि आप एक अच्छा आरामदायक और प्रतिष्ठा से परिपूर्ण जीवन यापन न कर सकें।
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]]>The post MBBS क्या है ? MBBS डॉक्टर कैसे बने ? How to become a doctor in Hindi first appeared on ShubhVaani.
]]>MBBS एक ऐसा कोर्स जो शायद आपकी जिन्दगी बदल के रख देगा। एक ऐसा कोर्स को जो आपको एक अच्छे पद पर पहुचायेगा। आज हम हमारे इस लेख में इस कोर्स के बारे मे पुरी जानकारी देने जा रहे है जिसे आप आसानी से समझ सकेंगे तो आप इस लेख को अन्तः तक पढे़।
अगर आपने कभी भी जीवन एक बार डॉक्टर बनने का सपना देखा है या देख रहे है तो आपको इस बात का जरूर ध्यान रखना होगा की आपको किसी प्रकार का डाॅक्टर बनना है, कहने का मतलब यह है की आपको किस रोग से सम्बंधित विशेषज्ञ बनना है। डाॅक्टर बनने के लिए आपको कई तरह से कोर्सेज करने की जरूरत होती है जिसमे से एक कोर्स है MBBS ओर आज हमारे इस लेख मे इसी कोर्स के बारे मे आपको बता रहे है जो की इस प्रकार है।
एक ऐसा कोर्स होता है जो जिसे कर के आप डाॅक्टर बन सकते है ओर साथ एक विश्ष्ठि प्रकार की पहचान समाज मे पा सकते है। एक विद्यार्थी कक्षा 10 व कक्षा 12 पास करने के बाद इस असमंजस मे पड जाता है कि उसको आगे क्या करना हर विद्यार्थी के लिए यह एक परीक्षा की घडी होती है की उसको जीवन मे क्या करना है और आगे वह क्या करना चाहते है। एक स्टूडेंट डॉक्टर बनना चाहता है तो उसे कक्षा 12 से ही तैयारी करनी पडती है ओर साथ ही विद्यार्थी के लिए जरूरी होता है की वै विज्ञान विषय मे अपनी रूची बनाये।
विज्ञान ही एक डॉक्टर का मूल आधार है साथ ही विज्ञान मे कुछ ऐसे अन्य विषय जैसे बायोलोजी, रसायन विज्ञान इत्यादी विषयो को पढने की जरूरत रहती है।
MBBS का FULL FORM Bachelor of medicine and bachelor of surgery होता हैं। MBBS मेडिकल डिग्री का एक बैचलर कोर्स होता हैं। इस कोर्स में अभ्यर्थियों को सामान्यतः 5.5 वर्ष का समय लगता हैं। जिन छात्रों ने कक्षा 12 में बायोलॉजी, केमेस्ट्री, ओर फिजिक्स जैसे विषयों को पढ़ा हैं वो छात्र इस कोर्स को काफी पसन्द करते हैं।
इस कोर्स को को करने के लिए अभ्यर्थियों के पास कुछ जरूरी योग्यता होनी आवश्यक है जो की निम्न है।
अगर आप इस कोर्स में प्रवेश लेने की सोच रहे है तो आपको कक्षा 12 मे विज्ञान विषय मे 50 प्रतिशत से अधिक अंक होना जरूरी है और कक्षा 12 मे विज्ञान में फिजिक्स, केमिस्ट्री, और बायोलॉजी जैसे विषयों का होना जरूरी होता है।
छात्रों को इस कोर्स में प्रवेश के लिए जो आयु की योग्यता होनी चाहिए वो कुछ यह है जिसमे छात्रो की आयु कम से कम 17 वर्ष और अधिकतम उम्र 25 वर्ष से ज्यादा न होनी चाहिए।
इस कोर्स में अगर छात्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से है तो उसके लिए अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाती है।
अगर आप कक्षा 12 के बाद इस कोर्स में प्रवेश लेने की सोच रहे है तो आपको इसके लिए नीट का एग्जाम क्वालीफाई करना पडता है जिसमे बाद आप इस कोर्स मे प्रवेश से सकते है।
नीट की परीक्षा पास करने के बाद छात्रो को उनकी वरियता के अनुसार काॅजेल दिये जाते है जहा वे इस कोर्स की पुरी पढाई करते है।
नीट की परीक्षा पास करने के बाद छात्रो को उनकी वरियता के अनुसार कोई भी काॅलेज और विश्वविद्यालय मिल सकती है फिर चाहे वो प्राईवेट काॅलेज हो या सरकारी।
अगर कोई छात्र अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से है तो उसके भी बाहरवी कक्षा के प्रतिशत मे छूट दी जाती है जैसे अगर उनके कक्षा 12 में 40 प्रतिशत है तो उनको भी MBBS में प्रवेश दिया जा सकते है, यह पूरा निर्धारित करता है NEET बोर्ड पर की वे किस तरह छात्रो को चुनाव करते है।
इस परीक्षा में जो सभी सिलेबस दिया जाता है वह मेडिकल से सम्बंधित ही होता है।
अगर कोई विद्यार्थी इस कोर्स को करना चाहता है तो उनको यह जानना जरूरी है की वह कब तक इस कोर्स को पूरा करेंगे और इसके दौरान आप किस किस प्रक्रिया से गुजरेंगे।
इस कोर्स को करने लिए सबसे पहले NEET की परीक्षा को पास करना जरूरी होता है ओर उसके बाद छात्रो को काॅलेज दी जाती है जहा व लगभग 4 साल से अधिक तक का समय बिताते है ओर का कोर्स करते है।
कोर्स की इस अवधि के दौरान छात्रो को मुख्यतः 2 स्टेप्स से गुजरना पडता है जिसमे पहले 4 साल छात्रो को कालेज मे पढने व सिखाया और अंतिम के एक साल छात्रो को इंटर्नशिप के जरिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है।
अगर आप नीट क्लाईफाई नही कर पाते है ओर विदेश से इस कोर्स को करना चाहते है आपको यह जरूरी होता है की वहा पर भी आपको लगभग 5 साल की पढाई करनी पडती है और उसके बाद आपको भारत में आपको CAT (Common aptitude test) देना पडता है ओर उसके बाद भारत मे डाॅक्टर से सम्बंधित कार्य कर सकते है या किसी भी सरकारी अस्पतालों में या प्राइवेट अस्पतालों में जाॅइन कर सकते है।
विदेश में अगर आप इस कोर्स को करते है तो आपको भारत मे CAT (Common aptitude Test) पास करना जरूरी होता है अन्यथा आपकी डिग्री कोई काम की नही है।
हाल ही में इस कोर्स के सिलेबस मे हाल ही में परिर्वतन किया गया है ओर इस नये पाठ्यक्रम को नये सत्र से लागू किया जायेगा ऐसा बताया जा रहा है। इस कोर्स में छात्रों को हर तरह की विशेषता से सम्बंधित थोडी थोडी पढाई कराई जाती है जेसे हड्डी रोग, हद्रय रोग इत्यादी । वर्तमान मे जो नया सेेलेबस बनाया गया है उसका उद्देश्य सिर्फ एक ही है जिसमे छात्रो को स्नातक लेवल से ही इस काबिल बनाया जायेगा जिसे छात्र इस कोर्स के बाद ही रोगियो के ईलाज करने मे सक्षम होंगे। इस नये सेलेबस मे स्नातकोतर के भी कुछ विषयो को इसमे जोडा गया है जिससे की छात्रो को शुरूआती दौर मे ही इसका अच्छा ज्ञान होगा।
इस कोर्स के लिए फीस का निर्धारण दो फैक्टर करते है जिसमे पहला है की आप इस कोर्स को देश मे किसी भी संस्थान से करते है या विदेश मे किसी संस्थान से। अगर आप इस कोर्स को देश के किसी भी सरकारी संस्थान से करते है तो आपको इस के लिए खर्चा कम सालाना 30,000 से 70,000 तक हो सकते है और अगर आप इस कोर्स को प्राइवेट से करते है देश मे तो यह खर्चा बढकर 12,00,000 – 15,00,000 के मध्य या इससे ज्यादा भी हो सकता है। अगर आप इस कोर्स को विदेश से करते है तो इस कोर्स के लिए फिस अनुमानत 25,00,000 से 30,00,000 के मध्य सालाना हो सकती है। कोर्स को करने बाद छात्रो को 1 साल का इंटरशिप कोर्स करना पडता है जिसमे देश मे कुछ काॅलेज तो ऐसे जो आपको यह कोर्स मुफ्त मे कराते है और कुछ कॉलेजों को इसके लिए आपको एक निश्चित राशि फिस के तौर पर देनी पडती है।
एक बार अगर आप इस कोर्स को कर लेते है तो फिर आपके मन मे यह सवाल जरूर आता है इसके बाद क्या करेंगे। तो आईये जानिये की इस कोर्स के बाद बाद आप क्या कर सकते है। आज के समय में सर्जरी की काफी डिमांड बढ़ रही है जिस वजह से करने वाले छात्रो की भी मांग बढ रही है। इस कोर्स को करने के बाद आप एक सर्जन भी सकते है या किसी रोग या बिमारी से सम्बंधित कोई स्पेशलिस्ट।
कुछ ऐसे क्षेत्र जहा आप इस कोर्स को करने के बाद कार्य कर सकते है।
सरकारी अस्पताल
प्राईवेट अस्पताल
प्रयोगशाला
बायोमेडिकल कम्पनियां
मेडिकल काॅलेज
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
फार्मास्यूटिकल
बायोटक्नोलोजी इत्यादी
करने के बाद अन्य पद जिसपे आप कार्य कर सकते है।
जूनियर डाॅक्टर
जूनियर फिजिशीयन
जूनियर सर्जन
मेडिकल प्रोफेसर
वैज्ञानिक
अगर आप डॉक्टर बनने की सोच रहे है और आप MBBS भी कर रहे है तो आपको कोई ज्यादा दिक्कतो का सामना नही करना पडेगा क्योंकि इस कोर्स के बाद आपको सिर्फ एक सामान्य टेस्ट देना पडेगा ओर अगर आप उसे क्वालीफाई कर लेते है तो आप एक डाॅक्टर के पद पर बैठ सकते है।
इन कोर्सेज को कर के आप आसानी मेडिकल लाईन मे अपना केरियर बना सकते है।
MBBS (Bachelor of medicine and bachelor of surgery)
BDS (Bachelor of dental surgery)
BHMS (Bachelor of homeopathic medicine and surgery)
BAMS ( Bachelor of Ayurvedic medicine and surgery )
MD (Doctor of medicine)
MS (Master in surgery)
DM (Doctorate in medicine)
B.PHARMA (Bachelor of pharmacy)
B.SC Nursing
BPT (Physiotherapy)
BOT (Occupational therapy)
BUMS (Unani medicine)
D. PHARMA 2 years
AYURVEDIC, SIDDHA MEDICINE
BMLT (Bachelor of medical lab technician)
करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण काॅलेज निम्न है।
Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research, Puducherry
All india institute of medical and science (AIIMS)
Armed force medical college
University of delhi
Grand medical college, Mumbai etc
इन कॉलेजों के नाम हमने अपनी व्यक्तिगत रिचर्स के आधार पर बनाये है आप इनमे अपने अनुसार कोई भी College इसके अलावा कोई भी काॅलेज से MBBS कर सकते है।
हमने हमारे इस लेख मे MBBS कैसे करे इसके बारे मे पढा साथ ही MBBS के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए और इसके बाद के स्काॅप के बारे मे भी पढा। आपको अगर कोई और जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर के बता सकते है।
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]]>वकील एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कानून के हिसाब से ओर न्यायपालिका व भारतीय दंड संहिता के हिसाब से न्यायपालिका मे अपना काम करता है और साथ ही लोगो को न्याय दिलाने के लिए कार्य करता है। क्या आप जानते है कि एक वकील इन कामो के अलावा और क्या – क्या करते है ? नही तो आप इस लेख को अत तक पढे ताकी आपको इससे सम्बंधित पुरी जानकारी मिल सके।
आपने अपने आस पास देखा होगा की एक व्यक्ति काला कोट पहन कर हाथ मे फाइलो का बैग लेकर कोर्ट जा रहा है। वकील सामान्यतः अधिवकता, एडवोकेट जनरल, लाॅयर, लोक इत्यादी नामो से जाने जाते है। वकील दूसरे लोगो के लिए न्यायालय मे कानून के हिसाब से किसी भी केस से सम्बंधित दलिले पेश करते है।
एक वकील के कुछ निच्छित कार्य हैं जो उनकी विशेषताओं के नाम से जानी जाते है।
एक वकील देश की मुख्य इकाई न्यायपालिका का एक अंग होता हैं।
एक वकील दलीलों के आधार लोगो के लिए केस लड़ता हैं वही लोगो के साथ हुए अन्याय से मुक्ति दिलाकर उन्हें न्याय दिलाता हैं।
एक वकील न्यायपालिका के अनुसार एफिडेविट बनवा कर उन्हें सरकारी कामो में उपयोग में लेता हैं।
एक वकील कानून का रखवाला भी होता हैं।
एक वकील नित्य हित मे काम करता है।
देश के कानून और न्यायपालिका के अनुसार काम करने वाला वकील कोई भी बन सकता हैं परंतु इसके लिए कुछ शर्तें व नियम और योग्यताओ का भी होना जरूरी हैं। इसके लिए जरूरी शर्ते व नियमो के बारे में हम पढ़ेंगे।
1) एक वकील देश का नागरिक होता हैं, अगर हम विदेश की बात करे तो उसमें अलग अलग देशों में अलग – अलग वकील हो सकते है।
2) वकील बनने के लिए अभियार्थी का LLB YA MLB पास होना जरूरी होता है।
3) LLB का पूरा नाम , LLB को BACHELOR OF LOW भी कहा जाता हैं। यह एक स्नातक डिग्री होती हैं जो आप कक्षा 12/GRADUTION के बाद कर सकते हैं।
4) LLB करना हर उस विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है जो वकील बनने की सोच रखता हैं या न्यायालय में जाकर case लड़ने या उस case में अपनी दलील पेश करने की इच्छा रखता हैं।
5) वकील बनने के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल हैम ओर उसमे अधिकतम उम्र की कोई सीमा नही हैं।
6) एक वकील को कानून का ज्ञाता भी कहा जाता है।
7) वकील बनने के लिए आपको एक स्नातक का कोर्स करना पड़ता हैं जिसे LLB के नाम से जाना जाता हैं।
वकील बनने का सपना एक बार तो हर उस व्यक्ति ने देखा होगा जो स्नातक कर के कुछ नई चीज करने की सोच रहा होगा। वकील बनने के लिए आपको LLB करने की जरूरी होती हैं। LLB दो तरह से होती हैं।
कक्षा 12 के बाद LLB जो कि 5 साल की होती हैं।
स्नातक के बाद LLB जो 3 साल की होती हैं।
कक्षा 12 के बाद LLB
अगर आप कक्षा 12 के बाद LLB करने की सोच रहे हैं तो यह एक अच्छा विकल्प हैं जिसमे आप 5 साल की LLB कर सकते हैं। यह COURSE LLB+GRADUTE का कोर्स भी कर सकते हैं । इस कोर्स को आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से कर सकते हैं।
स्नातक के बाद LLB
अगर आपने स्नानतक कर रखी है या करने की सोच रहे हैं तो इसके बाद भी आप LLB का कोर्स कर सकते हैं। स्नातक के बाद यह कोर्स 3 साल का होता हैं। इस कोर्स को LLB AFTER GRADUATE भी कहा जाता है।
अगर आप वकील बनने की सोच रहे है तो आपको कम से कम LLB तो करना ही होता हैं। LLB के बाद आप चाहै तो MLB भी कर सकते हैं।
LLB एक कोर्स होता हैं जो 3 साल ओर 5 साल का होता है। अगर आप कानून के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना तो आपको LLB का कोर्स करना होता हैं तो देखते हैं LLB के कोर्स के बारे में
1) यह एक स्नातक स्तर का कोर्स होता हैं।
2) इस 3 साल होता ओर 5 साल का भी होता है।
3) यह कोर्स आप किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से कर सकते हैं।
4) इस कोर्स का संचालन विधि आयोग दुवारा मॉनिटर किया जाता हैं।
5) इस कोर्स को bachelor of low भी कहा जाता हैं।
6) अगर आप बाहरवी कक्षा के बाद यह करना चाहते तो कर सकते हैं या स्नातक के बाद करना चाहे तो भी कर सकते हैं।
7) LLB करने के बाद आप एक अच्छा कैरियर कानून में बना सकते हैं।
LLb करने कद बाद आपको वकालत की डिग्री मिलती हैं जिसके बाद आप कानून के रखवाले बन जाते है उसके बाद आपके पास यह अधिकार प्राप्त होता हैं की आप न्यायपालिका के अधीन अधिवक्ता का कार्य कर सकते हैं।
वकील कानून से संबंधित सारे काम करते हैं जिनमे से कुछ निम्न हैं।
1) वकील एक सलाहकार के तौर पर भी काम करता हैं।
2) एक वकील दीवानी या फौजदारी से संबंधित मामले भी देख सकता हैं ओर इससे संबंधित काम कर सकते हैं।
3) एक वकील अपने clients के लिए कोर्ट में दलीलें पेश कर कोर्ट केस लड़ सकता हैं।
4) कानूनी मामलों से संबंधित कार्य देख सकता हैं।
5) किसी मामले में पुलिस दुवारा जारी की गई case file का विश्लेषण करना साथ ही यह देखना की कुछ गलत तो नही हैं।
6) एक वकीक आपराधिक ओर आम नागरिक दोनो के मामलो को देखता हैं।
7) एक वकील सरकार का प्रतिनिधित्व भी होता हैं और सरकार का विरोधी भी।
अगर आपने LLB कर रखी है या करने की सोच रहे है या कर रखी हैं तो आप इन क्षेत्रों में अपना कैरियर बना सकते हैं। इस क्षेत्र में आपको काम के साथ कानूनी ज्ञान होना जरूरी होता हैं।
न्यायपालिका
न्यायालय
सरकारी विभाग
अधिवक्ता
डिफेंस सर्विसेज
शिक्षण क्षेत्र
मल्टीनेशनल कंपनी
बैंक
न्यायपालिका – अगर आप जज बनने की सोच रहे हैं तो LLB करने के बाद आप जज की परीक्षा भी दे सकते हैं। अगर आप परीक्षा पास कर देते है तो आप जज बन सकते हैं।
न्यायालय – LLB पास आप कॉलेज और विश्वविद्यालय कोर्ट में नौकरी भी कर सकते हैं जैसे
कनिष्ठ न्यायिक सहायक।
सहायक न्यायलय सचिव
सहायक अभिनियोजन
क्लर्क
ओर अन्य LOW के पदों पर।
सरकारी विभाग – LLB करने के बाद सरकारी विभागों में भी नौकरी कर सकते हैं बैंक इतियादी में
किसी भी बैंक में उप विविध प्रबंधन
मॉल जैसे नेटवर्क में कानूनी सलाहकार
कानून और न्यायिक मंत्रालयों में कानूनी सलाहकार
ओर किसी अन्य कंपनी में कानूनी सहायक
अधिवक्ता – अगर आप LLB करते हैं किसी भी कोर्ट या कंपनी में अधिवक्ता का कार्य भी कर सकते हैं।
किसी कोर्ट में अधिवक्ता कार्य
किसी कंपनी के लिए अधिवक्ता का कार्य
डिफेंस सर्विसेज – अगर आप भारतीय सेना में लॉ से संबंधित कार्य करना चाहते हैं तो इस सेवा में भी कार्य कर सकते हैं।
इंडियन आर्मी में भी कार्य के सकते है।
इंडियन नेवी में भी कार्य कर सकते हैं
शिक्षण क्षेत्र – आप LLB करने के बाद किसी भी प्राइवेट या सरकारी शिक्षण क्षेत्र में नौकरी कर सकते हैं। आप शिक्षा के क्षेत्र में प्रोफ़ेसर, शिक्षक, लेक्चरर इतियादी बन सकते हैं।
कंपनी – अगर आप किसी भी प्राइवेट कंपनी में काम करने की इच्छा रखते हैं तो कंपनी में भी low से संबंधित कार्य कर सकते हैं।
बैंक – अगर आप low के क्षेत्र में बैंकिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो यह बैंकिंग क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं।
वकील बनने के भी कुछ लाभ निम्न है।
एक स्वतंत्र कार्य – एक वकीन अपने हिसाब से एक स्वतंत्र कार्य कर सकता है।
कानून के ज्ञाता – एक वकील एक कानून का ज्ञाता होता है।
राजस्व सम्बंधित कार्य – एक वकील राजस्व सम्बंधित कार्य करता है जो की वकील की तरफ से काफी फायदेमंद होता है।
इस लेख मे हमने वकील बनने से सम्बंधित जानकारी आपको प्रदान करने की कोशिश की है। इस लेख मे हमने वकील के सम्बंधित कार्य, इनकी विशेषताएँ, इनके लाभ, वकील के कार्य क्षेत्र इत्यादी के बारे मे आपको बताने की कोशिश की है।
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]]>The post सरकारी बैंक में जॉब कैसे पाए? first appeared on ShubhVaani.
]]>बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी करना आज के युवाओं का सपना होता है। बैंक की नौकरी में पद, प्रतिष्ठा और पैसा के साथ साथ स्थायित्व भी होता है। यह एक आरामदायक जॉब है जिसमें काम करने की अवधि निश्चित होती है जिससे वर्क–लाइफ बैलेंस करने में काफी सहूलियत होती है। इसके अलावा कई तरह की अन्य सुविधाएं भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है जैसे– जॉब सिक्योरिटी, पेंसन, कम ब्याज पर लोन इत्यादि। इसलिए आज बैंक में नौकरी युवाओं की पसंदीदा नौकरियों में से एक है। लेकिन यह जितनी आकर्षक नौकरी है, इसे प्राप्त करना उतना ही कठिन है। इस क्षेत्र में प्रतियोगिता भी बहुत है। कुछ सौ रिक्त पदों के लिए लाखों की संख्या में अभ्यर्थी आवेदन करते हैं।
आइए बैंक की नौकरी से सम्बंधित हर पहलू के बारे में विस्तार से जानते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि बैंकों को दो श्रेणी में रखा जाता है– सरकारी और प्राइवेट। सरकारी और प्राइवेट बैंक में नौकरी पाने की प्रक्रिया में थोड़ी भिन्नता होती है। यहाँ हम सरकारी बैंकों में विभिन्न पदों पर नौकरी प्राप्त करने की चयन प्रक्रिया के बारे में जानेंगे। सरकारी बैंकों में जॉब के लिए लिखित परीक्षा एवं इंटरव्यू दोनों होता है।
बैंक में मुख्य रूप से दो पदों के लिए रिक्तियाँ निकलती हैं –
इसके लिए IBPS (Institute of Banking Personnel Selection) के अंतर्गत CWE (Common Written Examination) परीक्षा आयोजित की जाती है। CWE की परीक्षा तीन चरणों में होती है और इन तीनों में पास होना अनिवार्य है। ये तीन स्टेप्स हैं–
जो उम्मीदवार पहले चरण की परीक्षा में पास होते हैं उन्हें ही मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। जो उम्मीदवार दूसरे चरण की परीक्षा में सफल होते हैं उन्हें ही तीसरे चरण के इंटरव्यू में बुलाया जाता है।
बैंक में कुछ पदों के लिए इंटरव्यू अनिवार्य नहीं होता है जैसे कि सरकारी बैंकों में क्लर्क के पद के लिए इंटरव्यू नहीं होता है।
यहां आपको एक बात बता दें कि कुछ महत्वपूर्ण सरकारी बैंक और कुछ प्राइवेट बैंक में 12वीं पास के लिए भी भर्तियां निकलती हैं।
12वीं पास उम्मीदवारों के लिए भी IBPS के अंतर्गत भर्ती और परीक्षा का आयोजन किया जाता है। 12वीं पास उम्मीदवारों को क्लर्क कैडर और डाटा एंट्री ऑपरेटर की जॉब मिल सकती है।
इसके अलावा 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए बैंक में ऑफिस असिस्टेंट, चपरासी और सुरक्षा कर्मचारी की नौकरी उपलब्ध होती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), और नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) उम्मीदवारों के चयन के लिए अपनी अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित करते हैं। इन परीक्षाओं में भी लिखित एवं इंटरव्यू शामिल होता है।
जो उम्मीदवार 12वीं के बाद की बैंकिंग परीक्षा में शामिल होते हैं उनके लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष है।
जो उम्मीदवार ग्रेजुएशन के बाद की बैंकिंग परीक्षा में शामिल होते हैं उनके लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष है।
आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा में नियमानुसार छूट मिलती है।
चलिए अब आपको बता दें कि बैंकिंग की लिखित परीक्षा में किस किस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
अगर आप पूरे निष्ठा एवं मनोयोग से तैयारी करेंगे और आत्मविश्वास रखेंगे तो अवश्य ही आप इस कठिन परीक्षा में सफल होकर अपने सपनों का जॉब प्राप्त कर सकते हैं।
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]]>The post 12th के बाद होटल मैनेजमेंट कैसे करें- विस्तृत जानकारी first appeared on ShubhVaani.
]]>विगत वर्षों में होटल इंडस्ट्री में बहुत अधिक विकास हुआ है और होटल मैनेजमेंट आजकल के किशोरों और युवाओं का एक मनपसंद करियर ऑप्शन बन गया है। होटल मैनेजमेंट का स्कोप और आयाम बहुत ही विस्तृत है। इसके अंतर्गत होटल को सही तरीके से चलाने से संबंधित सभी आवश्यक कार्य आते हैं जैसे कि होटल बुकिंग, इवेंट मैनेजमेंट, हॉस्पिटैलिटी, कस्टमर सर्विस इत्यादि। आप अपनी पसंद और रूचि के अनुसार होटल मैनेजमेंट से जुड़े किसी भी क्षेत्र का चुनाव कर सकते हैं जिसके लिए अलग-अलग पाठ्यक्रम (Courses) उपलब्ध हैं। हम होटल मैनेजमेंट से जुड़े उन कोर्सेज के बारे में विस्तार से जानेंगे जिन्हें हम 12th के बाद कर सकते हैं:-
होटल मैनेजमेंट में कोर्स करने के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम (साइंस कॉमर्स या ह्यूमैनिटी) से 12 वीं पास होना आवश्यक है। साथ की 12 वीं में कम से कम 45-50 % मार्क्स होने चाहिए। आप कुछ डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स 10 वीं के बाद भी कर सकते हैं। फ्रंट आफिस, हाउस कीपिंग, फूड एंड बेवरेज सर्विसेज, फूड प्रोडक्शन, बेकरी एंड कंफेक्शनरी से सम्बंधित कई तरह के डिप्लोमा कोर्स के ऑप्शन हैं जिन्हें आप 10वीं या 12वीं के बाद कर सकते हैं।
इसके अलावा होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण होना आवश्यक है। प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं निम्नलिखित हैं:-
इसके अलावा कुछ बड़े होटल अपनी स्वतंत्र प्रवेश परीक्षा भी लेते हैं जिसमें लिखित, मौखिक और ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू शामिल होता है।
होटल मैनेजमेंट के कुछ प्रमुख कोर्स निम्नलिखित है:
ग्रेजुएशन कोर्स की अवधि 3 से 4 साल की होती है जबकि डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि 6 से 18 महीने तक की होती है।
प्रत्येक कोर्स में कई सब स्पेशलाइजेशन के विषय भी हैं, जो आप अपने संस्थान में उपलब्धता और अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं। होटल मैनेजमेंट से जुड़े कुछ सब स्पेशलाइजेशन कोर्सेज निम्नलिखित हैं:-
इसमें यह सिखाया जाता है कि होटल के सर्विसेस और प्रोडक्ट को किस तरह से कस्टमर तक पहुंचाना है। इसके अंतर्गत रूम, फूड, स्पा सर्विस और लाउंज सर्विसेज से गेस्ट को कैसे सन्तुष्ट करना है, इस प्लानिंग की ट्रेनिंग दी जाती है।
इसमें फूड सर्विस से जुड़ी व्यवहारिक जानकारियां दी जाती है जिससे फूड में न्यूट्रिएंट्स को बचाते हुए खाना स्वादिष्ट बनाया जा सके। इसके अलावा मीनू प्लान करने का तरीका भी सिखाया जाता है ताकि गेस्ट को हेल्थी और क्वालिटी फूड मिल सके।
होटल में आए दिन इवेंट और कॉन्फ्रेंस ऑर्गेनाइज होते रहते हैं। उनको सही तरीके से संचालित करने की जिम्मेदारी होटल मैनेजमेंट के कर्मचारियों की होती है जिसके लिए उन्हें उचित ट्रेनिंग दी जाती है।
इसके अंतर्गत होटल के लेआउट को खूबसूरत और उपयोगी तरीके से डिजाइन और डिवेलप करने का स्किल सिखाया जाता है।
इसके अंतर्गत कर्मचारियों को हॉस्पिटल इंडस्ट्री से सम्बंधित लॉ की जानकारी दी जाती है।
सरकारी संस्थान से कोर्स करने की फीस ₹40,000/- से ₹50,000/- है।
प्राईवेट संस्थान की फीस आमतौर पर ₹50,000/- से ₹1,00,000/- है।
कुछ प्राइवेट संस्थान, जिसमें बड़े बड़े होटल भी शामिल हैं, 1 लाख से 10 लाख रुपये तक फीस भी लेते हैं। इन संस्थानों की ब्रांड वैल्यू की वजह से बेहतरीन जॉब ऑप्शन्स मिल जाते हैं।
होटल मैनेजमेंट के कोर्स में दाखिला लेने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा में उतीर्ण होना आवश्यक है। परीक्षा का माध्यम अंग्रेजी है और अंग्रेजी विषय की भी परीक्षा ली जाती है। अतः आपकी अंग्रेजी (दसवीं के स्तर तक) अच्छी होनी चाहिए। इसके अलावा रीजनिंग एवं एप्टीट्यूड के प्रश्न भी पूछे जाते हैं, जिसके लिए आपको अभ्यास करना जरूरी है। प्रवेश परीक्षा में न्यूमेरिकल एबिलिटी और साइंटिफिक एप्टीट्यूड के प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इसके लिए आपको क्लास 10 की NCERT की पाठ्य-पुस्तक का अध्ययन करना चाहिए। आपको सामान्य ज्ञान और करेंट अफेयर की भी अच्छी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से न्यूज़ पेपर पढ़ना ज़रूरी है। प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं के विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का सतत अभ्यास करने से भी आपको इस परीक्षा में सफल होने में काफी मदद मिलेगी।
इसके आलावा कई बड़े बड़े होटल भी होटल मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्स ऑफर करते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
होटल मैनेजमेंट करने के बाद आप कई तरह के जॉब्स को करने के लिए योग्य हो जाते हैं। इस क्षेत्र के कुछ मुख्य जॉब प्रोफाइल निम्नलिखित हैं:-
होटल इंडस्ट्री के अलावा भी कई क्षेत्रों में स्किल्ड होटल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स की बहुत डिमांड है। इनमें प्रमुख हैं-
होटल मैनेजमेंट के बाद आपको जॉब आसानी से मिल जाएगी और सैलरी आपको अपनी पोस्ट और अनुभव के आधार पर ही मिलेगी। लेकिन सामान्य रूप से अगर आप फ्रेशर हैं तो आपको एक अच्छे होटल में ₹15000 से ₹20000/- तक मिल जाता है, जो अनुभव बढ़ने के साथ-साथ बेहतर होता जाता है। अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा इस इंडस्ट्री में जल्दी जल्दी तरक्की होती है और सैलरी भी बढ़ जाती है।
होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद विदेशों में भी जॉब करने की अपार संभावनाएं हैं। आज हमारे देश मे बहुत से 5 स्टार होटल हैं जिनकी चेन विदेशों में भी है। इसके अलावा अगर आपने अच्छे संस्थान से यह कोर्स किया है और आपको हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य विदेशी भाषा की भी जानकारी है तो आपके लिए विदेश में जॉब करने का सुनहरा अवसर उपलब्ध हो सकता है। विदेशों में सैलरी भी बहुत ज़्यादा होती है।
आज लोगों का देश और विदेश में घुमना फिरना काफी बढ़ गया है इसलिये होटल मैनेजमेंट के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इस क्षेत्र में शोहरत, पैसा और तरक्की भरपूर है। किसी भी देश की जीडीपी में होटल इंडस्ट्री का बहुत बड़ा योगदान होता है। हमारा देश भारत विभिन्न संस्कृतियों का देश तो है ही, साथ ही विश्व पटल पर यह एक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। हमारी सरकार भी ट्रेवल और टूरिज्म को काफी बढ़ावा दे रही है और होटल इंडस्ट्री इसका अभिन्न अंग है। इसलिए यदि आप भी होटल इंडस्ट्री में करियर बना कर एक सफल और आरामदायक जीवन की चाह रखते हैं तो कमर कस लीजिए और इस कोर्स में दाखिला लेने के लिए तैयारी में जुट जाएँ।
The post 12th के बाद होटल मैनेजमेंट कैसे करें- विस्तृत जानकारी first appeared on ShubhVaani.
]]>The post कक्षा 10 के बाद छात्र क्या करे पूरी जानकारी करियर विकल्प first appeared on ShubhVaani.
]]>भारत मे जब कोई विद्यार्थी कक्षा 10 पास कर लेता है तो उसके सामने हजारों options खुल जाते है , फिर वह तय नही कर पाता कि वह करे तो क्या करे ?
कक्षा 10 के बाद उसके सामने सबसे बड़ी समस्या तो ये होती है कि वह कौनसा सब्जेक्ट चुने की उसकी लाइफ पूरी तरह से सुरक्षित हो जाये ।
बिना सब्जेक्ट चुने ऐसा कोनसा कोर्स कर की उसे एक अच्छी नौकरी मिल जाये।
बहुत से विद्यार्थियों के सामने ये भी एक बड़ा प्रश्न होता है कि अगर मैं कक्षा 10 के बाद अगर नही पढ़ना चाहूँ तो मैं ऐसा क्या करूँ की मुझे सरकारी नौकरी आसानी से मिल जाए ।
आज आपके सभी प्रश्नो के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलने वाले है अतः इस आर्टिकल को अंत तक पूरा ही पढ़ना ।
कक्षा 10 पास करने के बाद विद्यार्थियों के सामने जो सबसे बड़ा प्रश्न खड़ा होता है , वह यह है कि मैं कौनसा विषय चुनु ? हर बार अधिकतर विद्यार्थी अपने साथियों या अपने रिश्तेदारों या परिवार के सदस्यों के कहे अनुसार विषय चुन लेते है और बाद में उन्हें उस विषय मे परेशानी का सामना करना पड़ता है ।
कौनसा विषय चुनना है ये आपको स्वयं को तय करना चाहिए कि आपको क्या बनना हैं और आपको कौनसा विषय ज्यादा अच्छा लगता है ?
आपकी सहायता करने के लिए यहां पर हर एक options के बारे में जानकारी दी जाएगी जिससे आपको कक्षा 10 के बाद क्या करना चाहिए इसकी बहुत ही अच्छे से आपको जानकारी मिल जाएगी ।
कक्षा 10 के बाद चुनने के लिए मुख्यतः तीन ही स्ट्रीम होती है । लेकिन एक और स्ट्रीम भी होती है जिसकी बहुत ही कम students को जानकारी होती है। इसलिए हम कह सकते है कि कक्षा 10 के बाद चुनने के लिए 4 स्ट्रीम्स होती है ।
1. Science ( विज्ञान )
2. Arts ( कला )
3. Commerce ( वाणिज्य )
4. Streem independent career option ( प्रोफेशनल कोर्स )
अब हम इन सभी स्ट्रीम्स के बारे में पूरी जैसे इन स्ट्रीम्स में कौन कौनसे कोर्स किये जा सकते है ? इनमें कैरियर बनाने के क्या विकल्प मौजूद है ।
हमारे देश मे सबसे ज्यादा विद्यार्थी अगर किसी स्ट्रीम में है , तो वह विज्ञान ही है । शायद इसका कारण यह है कि इसमे कैरियर बनाने के बहुत ही अच्छे विकल्प मौजूद है । जैसे – मेडिकल , इंजीनियर , आई टी , कंप्यूटर साइंटिस्ट ।
शायद विज्ञान विषय ज्यादा चुनने का एक कारण यह भी हो सकता है कि अगर किसी कारण से आप आगे विज्ञान नही पढ़ना चाहते है तो आप अगली क्लास में अपना स्ट्रीम बदल सकते है और आप कॉमर्स में या आर्ट्स में भी जा सकते है , लेकिन ऐसा आर्ट्स में और कॉमर्स में कर पाना सम्भव नही है । यानी कि आर्ट्स पढ़ने वाला विद्यार्थी अगली कक्षा में विज्ञान विषय नही ले सकता है। इसलिए सीधे शब्दों में कहे तो विज्ञान विषय लेने वाला किसी भी विषय को चुन सकता है और उसे इसे चुनने की पूरी आजादी होती है ।
हमारे देश के अधिकतर विद्यालयों में साइंस के नाम पर गणित , भौतिक विज्ञान , जीव विज्ञान , कृषि विज्ञान ही पढ़ाया जाता है लेकिन साइंस में तो बहुत ही ज्यादा कोर्स है जो विद्यार्थियों को अपने मन के अनुसार कोर्स चुनने का मौका देती है।
साइंस स्ट्रीम्स में कौन कौनसे विषय पढ़ने होते है –
साइंस स्ट्रीम में मुख्यत पढ़ाये जाने वाले विषय
1. फिजिक्स
2. केमिस्ट्री
3. मैथमेटिक्स
4. बायोलॉजी
5. एग्रीकल्चर
6. कंप्यूटर साइंस या इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी
7. बियोटेक्नॉलोजी
8. इंग्लिश
साइंस स्ट्रीम चुनने के बाद किस किस क्षेत्र में आप कैरियर बना सकते है –
साइंस स्ट्रीम में तो कैरियर बनाने वाले क्षेत्रों की तो समझो बाढ़ ही है । इन्हें तीन भागो में बांटा जा सकता है ।
इंजीनियरिंग – इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कैरियर बनाने के विकल्प
1. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
2 . सिविल इंजीनियरिंग
3. कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
4. कैमिकल इंजीनियरिंग
5. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
6. इंजीनियरिंग मैनेजमेंट
7. एरोस्पेस इंजीनियरिंग
8. इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग
9. इंटीग्रेटेड इंजीनियरिंग
10. मिलिट्री इंजीनियरिंग
11. न्यूक्लियर इंजीनियरिंग
12. इलेट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
13. इलेट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
मेडिकल साइंस – मेडिकल साइंस में कैरियर के बेस्ट ऑप्शन
1. बायोकेमिस्ट्री
2. बायोमैकेनिक्स
3. बायोस्टेटिस्टिक्स
4. बायोफिजिक्स
5. एनाटोमी
6. सीयटोलॉजी
7. डेंटल साइंस
8. एम्ब्रायोलॉजि
9. एपिडेमियोलॉजी
10. जेनेटिक्स
11. इम्मुनोलोगि
12. माइक्रोबायोलॉजी
13. पैथोलॉजी
14. फोटोबायोलॉजी
अन्य कोर्स – साइंस स्ट्रीम में इंजीनियरिंग और मेडिकल के अलावा भी कोर्स होते है जिनमे भी आप अच्छा कैरियर बना सकते है
1. जिओकेमिस्ट्री
2. प्लेनटोलॉजी
3. सिस्मोलॉजी
4. फोटोनिक्स
5. मीटरोलॉजी
6. फ़ूड टेक्नोलॉजी
7. एस्ट्रोनॉमी
8. एग्रोकेमिस्ट्री
9. टीचिंग
10 . पेपर इंडस्ट्री
11. प्लास्टिक इंडस्ट्री
12. सेरामिक इंडस्ट्रीज
13. फॉरेंसिक साइंस
14. सॉफ्टवेयर डिज़ाइन
15. फार्मास्युटिकल्स
कक्षा 10 के बाद साइंस लेने के क्या फायदे है –
ऊपर दी गई सूची को देखकर एक बात तो आपके सामने स्पष्ट हो गयी होगी कि विज्ञान विषय मे कैरियर बनाने के बहुत से विकल्प है । साइंस लेने के बाद आप अपने मन के अनुसार जो आपको अच्छा लगे उस क्षेत्र में जाकर अपना बहुत अच्छा कैरियर बना सकते है क्योकि यहां पर एक बहुत लंबी श्रृंखला है जिंसमे कोई ना कोई क्षेत्र ऐसा मिल ही जायेगा , जिंसमे आप अपना कैरियर बनाना चाहेंगे ।
आर्ट्स एक ऐसा विषय है जो व्यक्ति को सच में आर्ट्स ही सिखाता है । हमारे देश मे एक बहुत ही नकारात्म सोच बनी हुई है कि आर्ट्स तो वही लेते है जिनके 10 वी में कम मार्क्स आते है , और ये स्ट्रीम तो कमजोर छात्रों के लिए है । लेकिन ऐसा नही है इस सोच को बदलना चाहिए क्योंकि जो बात आपको आर्ट्स सीखा सकती है कोई और स्ट्रीम आपको नही सीखा सकती है । आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने के बाद आप सीखते है कि जीवन को किस प्रकार जीना चाहिए , आप सीखते है कि किस प्रकार का व्यवहार हमे दुसरो से अलग बनाता है , आप सीखते है कि किस प्रकार का व्यवहार करके आप समाज मे अपनी प्रतिष्ठा बना सकते है , आप सीखते है क्यो हम मानव जानवरो से अलग है ।
दूसरे और सरल शब्दो मे कहूँ तो आर्ट्स हमे जीवन जीने की कला सिखाती है ।
आर्ट्स स्ट्रीम में मुख्यत पढ़े जाने वाले विषय –
1. इतिहास
2. भूगोल
3. राजनैतिक विज्ञान
4. इंग्लिश
5. अर्थशास्त्र
6. मनोविज्ञान
7. समाज शास्त्र
8. फाइन आर्ट्स
9. साहित्य
आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी किन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते है ? –
आर्ट्स स्ट्रीम लेने वाले विद्यार्थी निम्न क्षेत्रो में अपना कैरियर बना सकते है –
1. आर्कियोलॉजी
2. एंथ्रोपोलॉजी
3. सिविल सर्विसेज
4. कार्टोग्राफी
5. इकोनॉमिस्ट
6. जियोग्राफी
7. हेरिटेज मैनेजमेंट
8. हिस्टोरियन
9. लाइब्रेरी मैनेजमेंट
10. पोलिटिकल
11. पापुलेशन साइंस
12. साइकोलॉजी
13. सोशियोलॉजी
14. सोशल सर्विस
15. टीचिंग
16. लिंग्विस्टिक्स
17. मास कॉम्युनिकेशन / मीडिया
18. फिलोसोफी
19. रिसर्च
20. राइटिंग
21. हॉस्पिटल इंडस्ट्रीज
22. फाइन आर्ट
23. परफोर्मिंग आर्ट
24. फैशन डिजाइनिंग
25. इंटीरियर डिजाइनिंग
26. ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री
27. लॉ ( Law )
आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने के फायदे –
आर्ट्स स्ट्रीम लेने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी आसानी से कर सकते है क्योकि अधिकतर कॉम्पिटिशन एग्जाम के सिलेबस में वही होता है जो आर्ट्स स्ट्रीम के विद्यार्थियों को पढ़ना पड़ता है इस तरह से आपको कोई ज्यादा तैयारी नही करनी पड़ती क्योकि आप तो पहले से वे सभी विषय पढ़ चुके है। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने के बाद ras , ias जैसे एग्जाम दे सकते है और यदि आप इन्ही सर्विस में जाना चाहते है तो आपके लिए सबसे अच्छी स्ट्रीम आर्ट्स ही होगी ।
नाम से ही पता चलता यह स्ट्रीम बिजनेस , अकाउंट, या फाइनेंस की दुनिया से सम्बन्ध रखती है । इसे वही छात्र चुनते है जिन्हें आगे जाकर इन्ही फील्ड में काम करना है। इसे करने के वाले छात्र आगे जाकर बिजनेस भी करते है । इस स्ट्रीम में जॉब बहुत ही सीमित होती है ।
कॉमर्स स्ट्रीम में मुख्यत पढ़ाये जाने वाले विषय
1. इकोनॉमिक्स
2. एकाउंटेंसी
3. बुसिनेस स्टडी / आर्गेनाईजेशन ऑफ कॉमर्स
4. मैथेमैटिक्स
5. इंग्लिश
6. इनफार्मेशन प्रैक्टिस
7. स्टेटिस्टिक्स
कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी कौनसे कौनसे क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकते है –
वैसे तो इस स्ट्रीम में बहुत कम जॉब स्कोप होता है लेकिन जो होता है वह बहुत ही दमदार होता है । कॉमर्स स्ट्रीम में जॉब के क्षेत्र निम्न है
1. CA
2. CS
3. बिज़नेस
4. Enterpreneurship
5. फोरेंसिक एकाउंट
6. कॉस्ट एंड वर्क एकाउंटेंसी
7. इन्वेस्टमेंट बैंकिंग
8. बैंकिंग
9. मार्केटिंग
10. मार्किट रिसर्च
11. कैपिटल मार्केटिंग
12. बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
13. एडमिनिस्ट्रेशन
14. ह्यूमन रिसोर्स मैनजमेंट
15. मैनजमेंट
16. Insurance
17. बिज़नेस लॉ
18. मीडिया / मास कम्युनिकेशन
19. फाइनेंसियल एनालिसिस
कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने का फायदा क्या है –
जिस प्रकार साइंस और आर्ट्स में करियर के बहुत से विकल्प उपलब्ध होते है उस तरह से कॉमर्स में इतने विकल्प उपलब्ध नही होते है इसलिए कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने वाला विद्यार्थी ये बात अच्छे से जानता है की उसे भविष्य में करना क्या है । वह सब कुछ सोच और समझकर ही कॉमर्स स्ट्रीम में प्रवेश करता है ।
साइंस , आर्ट्स और कॉमर्स स्ट्रीम के बाद एक चौथा विकल्प भी होता है , जिसे प्रोफेशनल कोर्स कहते है ।
इन्हें स्वतंत्र कोर्स भी कहा जाता है क्योकि ये किसी विशेष स्ट्रीम से सम्बंध नही रखते है । इन कोर्स को कोई भी छात्र कर सकता है । ये अनेक क्षेत्रों में अच्छी जॉब दिलाने में भी बहुत सहायक होते है । इन कोर्स की महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रेंनिंग बेस कोर्स होते है । इन कोर्स को करने के बाद आपको स्किल सर्टिफिकेट या एसोसिएट डिग्री मिलती है । इन्हें वोकेशनल कोर्स भी कहते है । इस स्ट्रीम के कुछ कोर्स निम्न है जिनकी सहायता से आप अपना स्वयं का भी बिजनेस शुरू कर सकते है या फिर किसी कंपनी में एक अच्छी जॉब प्राप्त कर सकते है ।
1. इंटीरियर डिजाइनिंग
2. फायर एंड सेफ्टी
3. साइबर लॉज़
4. ज्वैलरी डिजाइनिंग
5. फैशन डिजाइनिंग
पॉलीटेक्निक कोर्स करे 10 वी करने के बाद –
यह एक प्रकार का डिप्लोमा कोर्स है जिसे आप सीधे 10 वी करने के बाद भी कर सकते है । यह एक टेकनिकल कोर्स है । इस कोर्स का सबसे अच्छा फायदा यह है कि यह एक ट्रेंनिंग बेस कोर्स है जिंसमे स्टूडेंट्स की स्किल को प्रैक्टिकल के द्वारा निखारा जाता है । यह कोर्स मुख्यत 3 साल का होता है । यह कोर्स इंजीनियरिंग के समकक्ष का ही कोर्स है । इस कोर्स को विद्यार्थी सरकारों कॉलेज से या निजी कॉलेज से भी कर सकते है ।
इस कोर्स का एक फायदा यह भी है कि अगर किसी विद्यार्थी ने पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स किया है अगर वह डिग्री कोर्स करना चाहता है तो उसे डिग्री कोर्स में सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिल जाता है।
पॉलीटेक्निक कोर्स में इंजीनियरिंग कोर्स और नॉन इंजीनियरिंग कोर्स शामिल होते है ।
किन विषय मे पॉलीटेक्निक डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है ? –
पॉलीटेक्निक के निम्न कोर्स उपलब्ध है जिनमे आप डिप्लोमा प्राप्त कर सकते है ।
1. सिविल इंजीनियरिंग
2. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
3. इंस्ट्रूमेंट्स & कंट्रोल
4. मेकैनिकल इंजीनियरिंग
5. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
6. फार्मेसी
7. मास कम्युनिकेशन
8. मटेरियल मैनजमेंट
9. होम साइंस
10. लाइब्रेरी एंड इनफार्मेशन साइंस
11. मॉडर्न आफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस
12. एवियोनिक्स
13. एयर क्राफ्ट मेंटिनेंस
14. होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग सर्विस
15. टेक्सटाइल डिज़ाइन
16. प्लासिटक एंड माउल्ड टेक्नोलॉजी
17. पेंट टेक्नोलॉजी
18. फैशन डिजाइनिंग एंड गारमेंट टेक्नोलॉजी
19. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग
20. इंटीरियर डेकोरेटिव एंड डिज़ाइन
21. लेदर टेक्नोलॉजी
22. प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी
23. ग्लास एंड सिरेमिक इंजीनियरिंग
24. डेरी इंजीनियरिंग
25. केमिकल इंजीनियरिंग
26. कंप्यूटर साइंस एंड टेक्नोलॉजी
27. टेक्सटाइल केमिस्ट्री
कक्षा 10 के बाद जिन्हें कम पैसों में अपनी पढ़ाई पूरी करनी है तथा नौकरी प्राप्त करनी है ऐसे छात्रों के लिए iti सबसे बेहतर विकल्प है ।
इसे आप कक्षा 8 वी के बाद और कक्षा 10 वी के बाद भी कर सकते है । इसका सीधा यह फायदा होता है कि जब आपकी iti की पढ़ाई पूरी हो जाती गई तब आपको साइंस स्ट्रीम से 12 पास मान लिया जाता है और आपको बाकायदा इसका सर्टिफिकेट भी मिलता है कि आपने कक्षा 12 वी पास कर ली है ।
ITI की फुल फॉर्म होती है – industrial training institute । iti के सरकारी और प्राइवेट दोनों ही प्रकार के कॉलेज होते है जिनमे प्रवेश लेकर iti कोर्स किया जा सकता है । यह कोर्स भी पूरी तरह से ट्रेनिंग बेस कोर्स है । इसमे करवाये जाने वाले कोर्स को ट्रेड कहते है।
ITI के कोर्स निम्न है –
1. रेडियोलोजी
2. रेडियो एंड टी वी मैकेनिक
3. मैकेनिक रेफ्रिजरेटर एंड एयर कंडीशन
4. मोटर वेहिकल मैकेनिक
5. इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक
6. Draughtsman civil
7. इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड इलेट्रॉनिक्स सिस्टम मेंटेनेंस
8. इलेक्ट्रिसियन
9. इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक
6. डिप्लोमा कोर्स करे कक्षा 10 के बाद –
अगर जो विद्यार्थी कक्षा 10 के बाद अपनी स्कूल की पढ़ाई जारी नही रखना चाहते है उनके लिए डिप्लोमा कोर्स सबसे अच्छा विकल्प है । यह एक ऐसा क्षेत्र है जिंसमे कम पैसों में ही अपनी पढ़ाई पूरी करके एक अच्छी नौकरी प्राप्त की जा सकती है ।
डिप्लोमा कोर्स में उपलब्ध कोर्स – डिप्लोमा कोर्स में आप अपनी मन इच्छा के अनुसार कोर्स का चयन करके डिप्लोमा कर सकते है ।
डिप्लोमा कोर्स निम्न विषयो में किया जा सकता है
1. डिप्लोमा इन फाइन आर्ट्स
2. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
3. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
4. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
5. डिप्लोमा इन इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
6. डिप्लोमा इन एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
7. डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
8. डिप्लोमा इन कंप्यूटर साइंस
9. डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग
10. डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
11. डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
12. डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
13. डिप्लोमा इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
14. डिप्लोमा इन गारमेंट टेक्नोलॉजी
15. डिप्लोमा इन प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी
16. डिप्लोमा इन लेदर टेक्नोलॉजी
17. डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी
18. डिप्लोमा इन मरीन इंजीनियरिंग
19. डिप्लोमा इन प्रोडक्शन
20. डिप्लोमा इन पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
21. डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग
22. डिप्लोमा इन टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी
23. डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी
24. डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी
25. डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
26. डिप्लोमा इन एनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग
27. डिप्लोमा इन फायर इंजीनियरिंग
28. डिप्लोमा इन ब्यूटी कल्चर
29. डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर
30. डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
31. डिप्लोमा इन फैशन डिजाइन
32. डिप्लोमा इन अपेरल डिजाइन
33. डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी
34. डिप्लोमा इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
35. डिप्लोमा इन मेडिकल लैब
36. डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस
डिप्लोमा कोर्स 3 साल का होता है । इसे अगर आप कक्षा 10 के बाद करते है तो यह 3 साल में पूरा हो जाता है और अगर आप इसे 12 के बाद करते है तो इसे पूरा करने के लिए आपको 4 साल का समय लगेगा ।
बहुत से विद्यार्थियों के सामने एक बहुत बड़ी समस्या ये होती है कि उनकी पढ़ाई किसी कारण से कक्षा 10 के बाद छूट जाती है । फिर उन्हें लगता है कि वे कुछ नही कर सकते है । उन्हें लगता है कि वे किसी भी प्रकार की सरकारी नौकरी भी नही कर सकते क्योकि वे सिर्फ कक्षा 10 वी पास है । लेकिन ऐसे विद्यार्थी भी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है । हो सकता है कि उन्हें इसमे बाकियों से कम पैसा मिले लेकिन आपकी योग्यता के अनुसार तो आपको अच्छी नौकरी मिल ही जारी है । मैं आपको ऐसे क्षेत्रों के बारे में जानकारी दूंगा जिंसमे आप कक्षा 10 के बाद सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है ।
1. पुलिस कांस्टेबल –
अगर आपको राज्य की सुरक्षा करने की इच्छा हो तो आप कक्षा 10 के बाद पुलिस विभाग में भर्ती होकर पुलिस कांस्टेबल के पद पर नियुक्त हो सकते है ।
2. इंडियन रेलवे – भारतीय रेलवे में नौकरी करना बहुत से छात्रों का ड्रीम जॉब होता है । इसलिए आप कक्षा 10 के बाद भी भारतीय रेल में नौकरी प्राप्त कर सकते है । यहां पर आप ग्रुप डी में शामिल हो सकते है । आपको यहां आपकी योग्यता के अनुसार निम्न क्षेत्रो में काम मिल सकता है – गैंग मैन , ioco pilot , असिस्टेंट loco pailot ।
3. ITBFF – INDO – TIBETAN BORDER POLICE FORCE
कक्षा 10 के बाद itbp में जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है । यहां पर जॉब के आयु सीमा निर्धारित है । अतः आवेदन करने वाले उम्मीदवार की आयु 18 से 23 साल तक होनी चाहिए। इसमे आपको सबसे पहले एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है और उसके बाद आपको शारीरिक परीक्षा पास करनी होती है लेकिन ध्यान रहे इसमे आप सिर्फ कॉन्स्टेबल के पद के लिए आवेदन कर सकते है ।
4. इंडियन आर्मी – अगर आपको अपने देश से प्यार है तो इसकी 100 प्रतिशत सम्भावना है कि इंडियन आर्मी आपको जरूर आकर्षित करती होगी ।
अगर आप कक्षा 10 के बाद आर्मी में जाना चाहते है तो इसके लिए आपको शारीरिक रूप से एकदम मजबूत बनना होगा क्योकि आर्मी की जो शारीरिक परीक्षा होती है उसे पास करना हर किसी के बस की बात नही होती है ।
5. आंगनबाड़ी में नौकरी – आप 10 वी पास करके आंगनबाड़ी में सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है । यहां पर आप अलग अलग प्रकार के काम के लिए आवेदन कर सकते है जैसे – हेल्पर, वर्कर , शिक्षक आदि ।
6. पोस्टल डिपार्टमेंट – डाक विभाग में भी आप 10 वी पास करने के बाद सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है । डाकघर में समय समय पर अलग अलग पदों के लिए वैकेंसी आती रहती है । जैसे – क्लर्क , पोस्टमैन
यहां पर आपको पोस्टमैन तक कि ही नौकरी मिल सकती है 10 वी पास करने के बाद लेकिन आपको डाकघर में और ऊंचे पद पर जाना है या प्रोमोशन लेना है तो आपको और ज्यादा पढ़ाई करनी पड़ेगी ।
7. ऑर्डन्स फैक्ट्री – सरकार की हथियार बनाने वाली फैक्ट्री में भी समय समय पर अलग अलग पदों के लिए वैकेंसी आती रहती है इसलिए आप ऑर्डन्स फैक्ट्री में भी जॉब के लिए अप्लाई कर सकते है ।
8. फारेस्ट डिपार्टमेंट – 10 वी पास के लिए सबसे विशाल और सबसे ज्यादा पोस्ट का जो डिपार्टमेंट है वह फारेस्ट डिपार्टमेंट ही है ।इसमे भी समय समय पर अलग अलग पदों के लिए सूचनाएं जारी होती रहती है जिन्हें आप इंटरनेट पर या रोजना आने वाले अखबार से भी प्राप्त कर सकते है ।
इस डिपार्टमेंट में नौकरी पाने के लिए अलग अलग पद के लिए अलग प्रकार की परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है । किसी पद के लिए शारीरिक परीक्षा का आयोजन किया जाता है तो किसी पद के लिए सिर्फ लिखित परीक्षा का आयोजन किया जाता है । लेकिन आप यहां पर कक्षा 10 के बाद एक अच्छी सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते है ।
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]]>The post कक्षा 12 के बाद MBA कैसे करें पूरी जानकारी first appeared on ShubhVaani.
]]>आप जब स्कूल मे हाते है तो आपके मन मे एक सवाल तो हमेशा होता है की आप कक्षा 12 के बाद या भविष्य मे क्या करेंगे। यह सवाल आपके मन मे आना लाजमी भी है क्योंकि अपने उज्जवल भविष्य की चिंता सबको रहती है। आज हम अपने इस लेख मे कक्षा 12 के बाद होने वाला महत्वपूर्ण कोर्स BBA/MBA के बारे मे बतायेंगे जो की आप कर सकते है। इस कोर्स से जुडी पुरी जानकारी हम आपको इस लेख मे बता रहे है। अतः आप इस लेख को अंत तक पढे ताकि आपको इस कोर्स के बारे मे पुरी जानकारी मिल सके।
कक्षा 12/Graduation के बाद की जाने वाली एक पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है जो की 2 साल या 4 सेमेस्टर की होती है। कोई विश्वविद्यालय इस कोर्स को 3 साल मे भी करवाती है और हर साल परीक्षा लेती है तो वही देश मे ऐसी कई Universities है जो इस कोर्स को 3 साल मे 6 सेमेस्टर मे करवाती है जिसमे हर सेमेस्टर 6 माह का होता है। MBA व्यवसाय से जुडा एक कोर्स है जिसे Masters in Business Administration भी कहते है।
आपको M.B.A (Masters in Business Administration) के बारे मे समझ ने से पहले आपको B.B.A (Bechalor in business administration) के बारे मे समझना पडेगा ताकि आप इस कोर्स के आधारभूत ढाचे को समझ सके।
MBA करने से पहले आपको BBA करना अनिवार्य होता है। देश कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी है जो बिना BBA के यह भी कोर्स करवाते है जो आप आसानी से जैसे BA, B.com, B.sc जैसे कोर्सेज को कर के भी MBA कर सकते है।
अगर आपके MBA मे एडमिशन लेना है तो यह जरूरी है की आपके BBA मे 50 प्रतिशत से ज्यादा होना जरूरी है पर किसी कुछ विश्वविद्यालय और कॉलेज ऐसे भी है जिसमे यह प्रतिशत की योग्यता जरूरी नही है पर होना जरूरी है। देश मे कुछ ऐसे विश्वविद्यालय भी है जो इस कोर्स को BA, B.com or B.Sc जैसे कोर्सेज के बाद भी करवाते है।
कक्षा 12 के बाद होने वाला एक 3 साल का गेजुएट कोर्स है जिसको आप देश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या काॅलेंज से कर सकते है। इस कोर्स मे आपको व्यवसाय प्रबंधन (Business management) के बारे मे बताया जाता है जो की काफी जरूरी होता एक व्यवसाय को चलाने के लिए। इस मे आपको व्यवसाय के व्यवहार के बारे मे भी बताया जाता है।
BBA एक Gradute कोर्स है जिसके बाद आप MBA, PGDBM जैसे इत्यादी कोर्स कर सकते है। BBA करने के बाद आप एडवरटाइजिंग एविएशन, बैंकिंग, कंसल्टेंसी, डिजिटल मार्केटिंग, एंटरटेनमेंट, फाइनेंस, इनफॉर्मेशन , टेक्नोलॉजी (आईटी), इंश्योरेंस, मीडिया, ऑफलाइन मार्केटिंग, मैन्युफैक्चरिंग इत्यादी जैसे सेक्टर मे अपना Future देख सकते है।
अब अगर आप BBA करने के बाद MBA करना चाहते है तो यह एक अच्छा Option हो सकता है आपके बेहतर Future के लिए। आज के समय मे व्यवसाय के क्षेत्र मे MBA की काफी डिमांड है।
MBA क्या है (MBA Kya hai)
Bechalor डिग्री करने के बाद आप व्यवसाय प्रबंधन मे Masters भी कर सकते है जिसमे आप BBA के बाद हर चीज Advance मे सीखेंगे। इस कोर्स से सम्बंधित कुछ विशेषताएँ
अगर आप के बाद इस कोर्स में आप प्रवेश लेना चाहते है तो आप निम्न मे से किसी भी एग्जाम को पास कर इस कोर्स मे प्रवेश ले सकते है।
कुछ विश्वविद्यालयो मे इन Exams के बिना ही प्रवेश दे देते है।
अगर आप इस कोर्स को करने की सोच रहे है तो आपको इस कोर्स के कुछ फायदो को भी समझना चाहिए जो कि इस प्रकार है।
अब आप अगर कोई Private Job करने की सोच रहे है तो आपको सैलेरी के बारे मे बता देते है।
Name of Course | Salary per annum |
As a finance manager | 9 Lakhs |
As a marketing manager | 10 Lakhs |
As a sales manager | 10 Lakhs |
As a human resource manager | 4 Lakhs |
As an operation manager | 7 Lakhs |
As a Product manager | 15 Lakhs |
As a Data analytics manager | 14 Lakhs |
As a Project manager | 13 Lakhs |
As a Telecom manager | 7 Lakhs |
This salary is only estimated.
इस लेख में हमने MBA के बारे मे पुरी जानकारी देने की कोशिश की है। इस लेख मे हमने MBA कोर्स से सम्बंधित पुरी जानकारी जैसे इसके लाभ और इसके बाद मिलने वाली Salary और इसके बाद के Scope इत्यादी।
इस कोर्स को अगर आप Private करना चाहते है तो Open University जैसे विश्वविद्यालय से कर सकते है।
Q. क्या इस कोर्स को करने के लिए अंग्रेजी विषय का ज्ञान होना जरूरी है ?
A. जीनही! ऐसा कोई जरूरी है आप इस कोर्स को हिन्दी माध्यम से भी कर सकते है।
Q. MBA के लिए क्या योग्यता है?
A. इस कोर्स को करने के लिए आपको बीबीए मे ग्रेजुएशन मे 50 प्रतिशन होना जरूरी है परन्तु ऐसा जरूरी नही है क्योकि कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी है जो इस प्रकार के कोर्स बिना प्रतिशन की बाध्यता के करवाते है।
Q. क्या इस कोर्स को करने के बाद आपका भविष्य Secure है ?
A. जीहा! अगर आप मेहनत करते है और कोर्स को अच्छे से समझते है तो आप इस कोर्स के बाद एक अच्छा भविष्य बना सकते है।
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]]>आयकर अधिकारी को “पुलिस ऑफ़ टैक्सेशन” भी कहा जाता है और उन्हें आयकर के बढ़ते डिफॉल्टरों का watchdog माना जाता है। लोग इस बात को नहीं समझते है की करों का भुगतान देश के विकास लिए और हम सभी के विकास के लिए जरुरी है और यह हर एक नागरिक का कर्तव्य माना जाता है।
अगर आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते है तो यह बहुत अच्छा ऑप्शन है और इसमें अच्छीं सम्भावनाये भी है। टैक्सेशन, आयकर विभाग का एक छेत्र में है जो tax collections की सुविधा प्रदान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि individuals and organisations taxation के नियमों का पालन करें।
एक आयकर अधिकारी (ITO) आयकर विभाग का अधिकारी या निरीक्षक होता है जो Central Board of Direct Taxes (CBDI) के tax से संबंधित मामलों से संबंधित होता है। इस पोस्ट के अधिकारी को “कर विशेषज्ञ” के रूप में भी जाना जाता है, आयकर अधिकारी व्यापार और व्यक्तिगत कर खातों का निरिक्षण करते हैं और यह confim करते हैं कि tax की सही राशि pay की जा रही है।
आयकर अधिकारी बनने के लिए आपके पास excellent analytical skills और high level of numeracy जरुरी है, जो धोखाधड़ी की जांच करने के लिए बहुत ज्यादा आवश्यक है।इनकम टैक्स ऑफिसर के ऊपर काफी जिम्मेदारियों होती है।
यदि आप की आयु 30 वर्ष से कम है और आप graduate हैं, तो पहला चरण कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तर (CGL) परीक्षा के लिए आवेदन करना है। ग्रेड सी और बी निरीक्षकों के रूप में भर्ती होने के लिए minimum शिक्षा की आवश्यकता किसी भी विषय में graduate होना है।इसमें किसी भी स्ट्रीम का छात्र apply कर सकता है।
टियर 1 और 2:प्रारंभिक और मेन्स दोनों ऑनलाइन परीक्षा में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न होते हैं इन सभी स्तरों को को पास करना जरुरी है और प्रत्येक के लिए कटऑफ स्पष्ट होना चाहिए।
एसएससी सीजीएल में आम तौर पर चार चरण की भर्ती प्रक्रिया शामिल होती है जिसमें आयकर पदों के चयन के लिए टीयर 3 और 4 लागू नहीं होते हैं:
इन दो परीक्षाओं के बाद, एसएससी के क्षेत्रीय या उप-क्षेत्रीय कार्यालय में एक व्यक्तित्व / कौशल परीक्षण या interview आयोजित किया जाता है।
General |
578.75/700 |
OBC |
557.75/700 |
SC |
515.25/700 |
ST |
511.50/700 |
Ex-serviceman |
482.50/700 |
OH |
489.50/700 |
HH |
473.00/700 |
Section |
Subject |
Questions |
Maximum marks |
time |
Part A |
General Intelligence and General Awareness |
100 |
100 |
2 |
Part B |
Arithmetic |
100 |
100 |
2 |
Written Exam Subject |
Maximum Marks |
Time |
General Studies (Reasoning Awareness) |
200 |
3 Hours |
English Comprehension |
100 |
2 Hours 20 Minutes |
Arithmetic Abilities |
200 |
4 Hours |
Language |
100 |
2 Hour 20 Minutes |
Communication Skills and Writing |
200 |
2 Hour 20 Minutes |
SSC के लिए दी जाने वाली प्राथमिक नौकरी में से एक CGL आयकर निरीक्षक की होती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) में, यह ग्रुप-सी की स्थिति है। सीबीडीटी Direct Taxes को बढ़ाने के लिए पूरे देश में काम करता है। प्रत्यक्ष करों को आयकर, कॉर्पोरेट कर, धन कर आदि भी कहा जाता है। एक आयकर अधिकारी को Assessment या Non-Assessment किसी भी विभाग में काम मिल सकता है :
Assessment section
इस section की नौकरी में डेस्क जॉब विवरण से संबंधित कार्य शामिल हैं जो आयकर निरीक्षक के शीर्षक के साथ आते हैं।
आप आयकर का आकलन करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि लोग, कंपनी या साझेदारी फर्म भुगतान करने के लिए जिम्मेदार हैं।
आपको रिफंड क्लेम और TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) प्रश्न भी संभालनी होंगी।
Non-Assessment section
इस अनुभाग में एक नौकरी आपको फील्डवर्क के अधीन करेगी।
इस section में नियुक्त निरीक्षक उस rapid response team का हिस्सा हो सकते हैं जो छापेमारी करती है।
गैर-मूल्यांकन शुल्क दिए जाने वाले आईटीआई को आमतौर पर केवल clerical कर्तव्यों का पालन करना होता है।
उनका काम आधिकारिक कागजी कार्रवाई और कभी-कभार छापेमारी टीमों को दाखिल करने तक सीमित है।
SC CGL आयकर निरीक्षक स्थानांतरण विकल्प
स्थानांतरण: विभाग में दो प्रकार के स्थानांतरण उपलब्ध हैं।
स्थानांतरण होता है, लेकिन यह निश्चित नहीं है। कई फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है जो आपके पक्ष में होना चाहिए। जिस क्षेत्र में आप स्थानांतरित होना चाहते हैं, वहां vacancy होनी चाहिए।
या तो आपके पास सीबीडीटी परिपत्र में उद्धृत आईसीटी के लिए आवेदन करने के लिए वैध आधार होना चाहिए या 3 साल की सेवा।
दोनों क्षेत्रों का प्रशासन सहकारी और उदार होना चाहिए।
SSC CGL ITI वेतन |
City A |
City B |
City C |
Basic Pay |
44900 |
44900 |
44900 |
HRA |
10776 |
7184 |
3592 |
DA |
7633 |
7633 |
7633 |
TA |
3600 |
1800 |
1800 |
DA on TA |
612 |
306 |
306 |
Gross Earnings |
67521 |
63929 |
60337 |
NPS Deduction 10% (Basic + DA) |
5253 |
5253 |
5253 |
CGHS |
350 |
350 |
350 |
CGEIS |
30 |
30 |
30 |
Total Deductions |
5633 |
5633 |
5633 |
Net earnings |
61888 |
58296 |
54704 |
Govt Contribution |
7355 |
7355 |
7355 |
Principal chief Commissioner of IT |
INR 80,000 |
Chief Commissioner |
INR 75,550-80,000 |
Principal Commissioner |
INR 67,000-79,000 |
Commissioner |
INR 37,400-67,000 + Grade Pay of INR 10,000 |
Additional/Joint Commissioner |
INR 37,400-67,000 + Grade Pay of 8,700/ INR 15,600-39,100 + Grade Pay of 7,600 |
Deputy Commissioner |
INR 15,600-39,100 + Grade Pay of INR 6,600. |
Assistant Commissioner |
INR 15,600-39,100 + Grade Pay of 5,400 |
Income Tax Officer |
INR 9,300-34,800 + Grade Pay of INR 4,800/INR 5,400 |
Income Tax Inspector |
INR 9,300-34,800 + Grade Pay of 4,600 |
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