चाय की दुकान का व्यवसाय कैसे शुरू करें? Tea Shop Business in Hindi
सुबह-सवेरे नींद के खुलते ही जिस चीज़ की तलब हर किसी को महसूस होने लगती है, वह है – चाय। अलसाहट दूर करनी हो, नींद भगानी हो या ऊर्जा से भर कर तरोताजा होना हो तो चाय का तो कोई जोड़ ही नहीं। सुबह ही क्यों शाम की चाय भी तो रुमानियत से भर देती है। और, मेहमाननवाजी में सिर्फ चाय ही परोसा जाये तो भी परम्परा का निर्वाह हो जाया करता है और अतिथि आतिथ्य से प्रसन्न भी हो जाता है। कुछ के लिए तो यह नशे के समान हो जाती है। दिन में कई दफे चाय की चुस्की न ले तो मानो जीवन ही बेकार लगने लगता है। आज की इस भागती दोड़ती दुनिया में जहाँ आधी से ज्यादा जिन्दगी घर से बाहर कामकाज में गुज़र जाती है तो इस चाय की लत के प्रति न्याय कैसे हो?
अब इतनी माँग के मद्देनज़र अगर इसे व्यवसाय का रूप दिया जाये तो सोचिये यह कितने मुनाफे का सौदा होगा। जबकि निवेश के नाम पर आपको बहुत ही कम पूँजी लगानी होगी। वो जमाना नहीं रहा जब कोई चाय की दुकान खोल बस किसी तरह अपने परिवार का पेट पाल पाता था। बाकी जरूरतें धरी की धरी रह जाती थी।
नये दौर में चाय पीने- पिलाने की परम्परा ने एक नया ताज़गी से भरा रूप धारण कर नयी ऊँचाइयाँ पाना शुरू कर दिया है। प्रत्येक पेशे के प्रति समाज का नजरिया शनैः शनैः ही सही परन्तु बदल रहा है जो व्यवसाय को अपना पेशा बनाने वालों के लिए वरदान साबित हो रहा है। चाय की दुकान खोलना भी अपवाद नहीं है। तो चलिये चाय की दुकान के इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले इसके संबंध में गहरी से ज्ञान अर्जन करते हैं।
चाय का संक्षिप्त इतिहास
विश्व में ‘चाय’ की जड़़ें हमें सुदूर चीन में मिलते हैं। कहा जाता है कि चीन के सम्राट शैन नुंग के परिचारक ने एक प्याले में गर्म पानी उनके लिये मेज़ पर रखा दिया। तभी एक सूखी पत्ती हवा के बहाव में उस प्याले में गिर गयी, जिससे पानी का रंग बदल गया।
सम्राट ने जब उस रंगीन पानी की चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद भा गया। यहीं से चाय के सफर का आगाज़ हुआ। ये घटना ईसा पूर्व 2737 की है। 1610 ई. में चाय ने डच व्यापारियों का हाथ थाम यूरोप की भूमि पर कदम रखा। फिर विश्व भर में इसका परचम लहराने लगा।
भारत में चाय 1815 ई में इतिहास के पन्नों से झाँकता हैं जब कुछ अंग्रेजी यात्रियों की नजर असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर पड़ी। स्थानीय कबीले के लोग इसकी पत्तियों से बने पेय का आनंद लेते थे। वहीं 1834 ई में गवर्नर जनरल लार्ड बैंटिक ने चाय के उत्पादन की संभावनाओं को तलाशने हेतु एक समिति का गठन किया। संतुष्ट हो उन्होंने 1835 ई. में असम में चाय के बाग लगाकर भारत में चाय की संस्कृति की नींव रखी।
भारत में चाय की अहमियत
आपको यकीन नहीं होगा पर यह तथ्य सत्य है कि सम्पूर्ण विश्व में चाय के उत्पादन में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा स्थान है। साथ ही चाय की खपत के मामले में भारत तो और अनोखा है। देश में उत्पादित लगभग 70 फिसदी चाय की खपत देश में ही हो जाती है।
भारत में कई सारे प्रकार की चाय का प्रचलन है जिनमें इलायची चाय, अदरक वाली चाय, मसाला चाय, सामान्य दूधवाली चाय, बिना दूधवाली चाय आदि शामिल है। आजकल तो ग्रीन टी की भी खूब धूम मची हुई है।
चाय की दुकान कैसे खोलें?
अब जब आपने उत्साहित हो चाय की दुकान शुरू करने का फैसला ले ही लिया है तो आसान से दिखाने वाले इस व्यवसाय से जुड़ी विभिन्न जानकारी आपको बोधगम्य होना अत्यंत जरूरी है। चलिये कांरवा को आगे बढ़ाते हैं।
1. मार्केट सर्वे करें।
शहर के 15 से 20 प्रसिद्ध चाय की दुकानों का दौरा करें। उनके चाय का सेवन करें, सामग्री व बनाने की विधि पर भी गौर करें। स्वाद में सबसे बेहतरीन चाय का सही चुनाव करें। फिर अपनी नयी सोच और प्रयोग के साथ जोड़कर उसी स्वादिष्ट चाय को बनाने का अभ्यास करें।
2. चाय की दुकान के लिए सस्ता कच्चा माल
चाय बनाने के लिए अति आवश्यक चीज़े होती हैं – चाय पत्ती, दूध और चीनी। आप अपनी स्वादिष्ट चाय ओरों से सस्ती तभी बेच पायेगें जब आप कच्चा माल सस्ता खरीद पायेंगें। यह अवश्य ध्यान रखिएगा कि सस्ते के चक्कर में गुणवत्ता से समझौता न हो जाये।
पता लगाइये सबसे जायकेदार परन्तु सस्ती चाय पत्ती कहाँ मिलती है? उसे थोक के भाव खरीद लें। यह अवश्य जाँच लें कि यही वह चाय पत्ती है जिसकी आपको आवश्यकता है।
दूध की खरीदी भी आप दो कास्म से कर सकते हैं। पहला डेयरी फार्म से या फिर स्थानीय गाय-भैंस पालक से। दोनों दूध में अंतर होता है। भारतीय बाज़ार के अनुसार लोग कड़क चाय पीना पसंद करते हैं। स्वाद व धन दोनों को केन्द्र में रखकर दूध का चुनाव करें।
चीनी भी खरीदते समय पूरी तरह जाँच कर सस्ती परन्तु अच्छी किस्म की चीनी का चुनाव कर खरीददारी करें।
3. उपयुक्त स्थान का चुनाव
आपको दुकान के लिए ऐसे स्थान का चुनाव करना होगा जहाँ लोगों की खूब भीड़ जुटती हो। यह स्थान स्टेशन, अस्पताल, स्कूल-कालेज के बाहर, आफिस, चौराहा, मुख्य बाज़ार आदि स्थानों में से अपना चुनाव करना होगा जहाँ लोग थके हारें आये, दोस्तों के साथ वक्त गुजारने, किसी का इंतजार करते हुए खड़े हो आदि।
अपनी चाय की दुकान को खास कैसे बनायें
आज हर गली, हर नुक्कड़ पर आपको चाय की दुकान मिल जायेगी। बाज़ार में हर कहीं प्रतियोगिता है। आपकी दुकान आपकी विशिष्ठ चाय के अलावा कुछ हटकर कुछ अलग कैसे बने? चलिए कुछ और बातों पर गौर करते हैं।
1. स्वच्छता
दुकान में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखें। याद रखें जहाँ स्वच्छता का वास वहां लक्ष्मी का निवास। यह बात बहुत महत्वपूर्ण है। डस्टबिन की भी व्यवस्था अवश्य रखें।
2. मनोरंजन
दुकान में हल्के व रुचिकर संगीत का प्रबंध करें। परन्तु आवाज मद्धिम रखें ताकि संगीत का आनंद लेने वाले आनंद लें और बातों में मशगूल लोगों को भी असुविधा न हो।
3. बैठने की व्यवस्था
थोड़े बहुत बेंच, कुर्सियों या स्टूल की व्यवस्था रखें जहाँ लोग चाय की चुस्की के साथ बतरस का आनंद ले सकें जो कि चाय की दुकान का अहम हिस्सा है। यहां होने वाली गपशप में राजनीति, साहित्य, सामयिकी आदि विषयों की गहमागहमी का लुप्त ही कुछ अप्रतीम है।
4. आपका व्यवहार
किसी भी व्यवसाय में चमक तब आती है जब दुकानदार का ग्राहकों के प्रति व्यवहार सह्रदयपूर्ण हो। आप अपनी मुस्कराहट से ग्राहकों का मन मोह सकते हैं।
5. चाय के साथ शाय की व्यवस्था
कोरी चाय कभी मज़ा नहीं देती। पीने के साथ खाने का कुछ सामान भी मुहैया हो जाये तो आपकी दुकान का रंग ही कुछ ओर होगा। चायके साथ आप पानी, बिस्कुट, केक, टाफी, नमकीन आदि की व्यवस्था रख सकते हैं जो आपके चायके व्यवसाय के लिये उचित सहायक का कार्य करेगी। जिससे आपके मुनाफे को चार चाँद लग जायेंगे।
6. स्टाल की सजावट
आप जिस कुल्हड़ या कागज के कप में चाय देंगें उसे आकर्षक बनावट का रखें। इसके अलावा स्टाल रंगीन बनायें। विभिन्न रंगों का इस्तेमाल लोगों को आपके स्टाल को ओर आकर्षित करेग और ताज़गी तथा आनंद से भर देगा।
चाय की दुकान के लिए निवेश
चाय की दुकान शुरू करने के लिए कुल निवेश के रूप में लगभग 20 से 25 हजार रुपये की जरूरत होगी। यह आँकड़ा स्थान के अनुसार भिन्न हो सकता है। इसमें एक मुश्त व्यय और मासिक व्यय (जो आय द्वारा निपटाया जायेगा) शामिल हैं।
1. दुकान/ स्टाल का भाड़ा
2. व्यवसाय हेतु लाइसेंस
3. बेंच, स्टूल या कुर्सी
4. सामान – कुल्हड़, फ्लास्क, गैस स्टोव, लाइटर, व्यावसायिक गैस सिलेंडर, चाय बनाने हेतु बर्तन, चाय पत्ती, दूध, चीनी, मसाले, बिस्कुट, नमकीन, केक आदि।
5. बिजली का बील
6. कर्मचारी (अगर जरूरत हो तो)
इस तरह से आप काफी कम निवेश में यह व्यवसाय शुरू कर पहले दिन से ही आय की राह पर अग्रसर हो सकते हैं।
अंत में केवल इतना ही कहना चाहूँगी कि व्यवसाय शुरू करते समय यह अवश्य ध्यान रखिएगा कि कोई वस्तु खरीद कर लाभ न मिले तो उसे बेचकर भी लाभ न मिलेगा। अब आप एक संतुलन रख अपना ब्रांड बना सकते हैं जो आगे चलकर आपकी दुकान को दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की देगा।
बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में आपने इस चाय व्यसाय को प्रस्तुत किया हैं,
आपको सम्पूर्ण दिल की गहराई से धन्यवाद,
धीरज पासवान
बिहार मुज़फ़्फ़रपुर
thankyou sir g aap hamare blog se jude rahna
mujhe bhi tea stall kholni hai jankari ke liye dhanyawaad
आपके जानकारी देने,औऱ समझाने का तरीका बहुत ही आकर्षक एवं रुचिपूर्ण है,इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है,
thankyou sir g
अब कामयाबी दूर नहीं
धन्यवाद
Ba hu t hi Sundar or Sahi sujhav diya hai Ji aapane .
Dhanyavad🙏
A lot of thanks for telling a good ideas
Best information
अच्छी जानकारी आभार सर
Bhoot Saf Or Mukammal tarike se aapne Chai k business ko samjaya Great Work.
Chandradeep yadav
Very nice information sir
Ham is businesses s e
Jarur kaymab honge
Form bihar
Current location Pune , Maharashtra
g bilkul sir yah bhi kam lagat me shuru hone wali acchi business hai or yaah saal bhar chalti hai
Bahut hi shandar type se Aapne pesh Kiya hai tea banane ki Vidhi or kese management rkhe un sbka jikrah KR k blog k Charo or Chand LGA diye aaone
यूट्यूब पर दिखाने वाली बजनेस आइडिया से आप जो विस्तार से समझाते हो कई हजारों गुना ज्यादा होता है।
मै चाय पती कि दूकान खोल ना चाहता हूं
आप का तरीका बहुत ही अच्छा है समझाने का ढंग बहुत बढ़िया है मजा आ गया
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Thankyou sir g hamare blog se jude rahe or bhi kuch new business ideas hai to bataye hum apne blog me uski puri jankari dene ki kosis karenge dhanyawad
Ati sundar , bahut Achhi tarah se samjhaya he
i chai ka business run kr rha hu but kuchh time baad aisa lag rha tha ki bus bahut hua ab band kr du tabhi apka/apki tips padhne ke baad ek new energy aa gyi h thank you.
Boht acha idea btaya dhanyqvad. ..
Bahut hi satik jankari ke liye Thx.