भारत में अपना खुद का NGO कैसे शुरू करें सम्पूर्ण जानकारी

NGO कैसे खोले? दोस्तों NGO के बारे में आपने जरूर सुना होगा लेकिन कभी-कभी आपको ये लगता होगा कि ये होता क्या है? जैसे कि आपको पता लग गया होगा कि ये एक शाॅर्ट नेम है और आपको इसकी पूरी जानकारी चाहिए होगी। सबसे पहले हम यहीं से शुरूआत करते हैं कि NGO का पूरा नाम होता है ”नोन गवर्मेंट ओर्गेनाइजेशन” “Non-Governmental Organization” जिसका हिन्दी अर्थ “गैर सरकारी संस्था” या “अलाभकारी संस्था” होता है। आज हम बात करेंगे की अपना खुद का NGO कैसे शुरू करें – How To Start An NGO & NGO Registration process in Hindi

NGO का सीधा तौर पर अर्थ होता है कि गैर सरकारी संस्था ऐसी संस्था जो अपनी मर्जी से बिना किसी की मर्जी के लोगो की मदद करता है। इसका काम केवल समाज मे जो बुराइया फैली हुई है उन्हें दूर करना होता हैं और जो लोग गरीब और मजबूर हो जाते है अपनी सेवा से वंचित रह जाते है उनकी मदद करने NGO पहुँच जाता हैं । जिनको पोषण नही मिल पाता जो लोग भुख की वजह से परेशान होते है जिन्हे समय पर खाना नहीं मिल पाता उनकी सहायता के लिए तैयार रहती है।

Ngo के कार्य क्या होता है इसके बारे में हम अगर बात करें तो जब किसी को इलाज नहीं मिल पाता है कुछ बीमारी ऐसी होती है जिनका इलाज डॉक्टर के पास तो होता है पर पैसे की कमी होने के कारण हम ngo की मदद लेकर लोगो की परेशानी को दूर कर देते है। और यहां तक ही नहीं जिन्हे शिक्षाकी जरूरत होती है उन्हें भी NGO मदद करती है उनको नयी dress और कॉपी खरीदवाकर उन बच्चो की खुशियाँ लुटाने का काम भी NGO करती है।

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NGO के क्या कार्य हैं?

जैसा कि हमने जाना है, NGO एक समाजसेवी संस्था होती है जो समाज में पीड़ितो की सहायता बिना किसी लोभ और लालच के करती है। हमारे देश में कई तरह की चीजों से पीड़ित लोग है जिनमें सबसे पहली जरूरत रोटी,कपड़ा और मकान होता है। इसके बाद बेसहारा, अनाथ आदि सहारे के लिए तरसने वाले लोग एवं बच्चे जिनके पास अपनों का सहारा नहीं होता उनके हित में कार्य करना उन्हें जरूरतें उपलब्ध करा कर एक नया जीवन देना, जिससे कि उनके जीवन जीने की वजह फिर जिंदा हो सके और वो दर दर की ठोकरे खाने से बचे रहे।

1. महिला के लिये असरदायक

महिलाओं के लिये दवा का काम करती है जैसे जब उस पर प्रताड़ना का आरोप लगाया जाता है और बिना किसी दोष के कारण दोषी करार दे दिया जाता है तो उस समय ngo उनके सामने एक सिक्योरिटी कवच की तरह उन्हें सहारा देने का काम करती है और उन्हें न्याय दिलवाने का कार्य करती है

2. गैर कानून कार्य को न्याय दिलवाना

आजकल दोषी इतने बढ़ते जा रहे हैं कि उन पर कोई सख्त कार्यवाही नहीं की जाती जैसे बाल विवाह आज भी किये जाते है पर उस अन्याय के लिये आवाज कोई नहीं उठाता वहां यह ngo उनको न्याय दिलवाने का काम करती हैं। अर्थात आप यूँ कह सकते हैं कि जहाँ अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होती हैं तो वहां ngo पहुंच जाती हैं।

3. Child labour के हित मे सहायता करना

जिन बच्चों से 18 साल से नीचे काम करवाया जाता है या फिर उनकी शादी कर दी जाती है जब उनके पढ़ने लिखने का समय होता है तब ये कार्य को सुचारु रूप से चलाया जाता है तो उसकी रोकथाम के लिये ngo कड़े से कड़े कदम उठा लेती है ताकि उन्हें न्याय मिल सके।

4. वृद्धआश्रम बनाकर उनके लिये उनकी सेवा करना

ज़ब जहाँ भी जिसे भी जरूरत होती है उनके लिये मदद करता है युगो युगो से समय बदलता जा रहा है और पहले पैसो के लिये किसी को भी बाहर नहीं फेंका जाता था माँ बाप का सम्मान किया जाता था पर आजकल कुछ लोग अपने माँ बाप को अपने घर से बेदखल कर देते है और उनके लिये जगह जगह ngo के रूप मे एक सहायता प्रदान की जाती है जिन्हे वृदाश्रम कहा जाता है और वहां बड़े बूढ़ो की सेवा के लिये लोग तैनात किये जाते है ताकि बड़े बुजुर्गो को कोई हानि ना पहुंचे।

5. अनाथालय बनाकर मदद करना

जिन बच्चों को पैदा होते ही छोड़ दिया जाता है उसके लिये एक संस्था बनाई गयी है ताकि कोई भी बच्चा अनाथ ना रहे उनके लिये वहां एक ऐसा माहौल बचपन से बनाया जाता है जिससे कि उसमे वह ढल जाये और उन्हें वह जिंदगी मजबूरी ना लगे आप लोग देखते होंगे कुछ लोग अपने बच्चों को पैदा होने नहीं देते या उन पर ससुराल वालों के दबाव मे आकर बच्चो को अनाथालय खोल लेते है उसमे डाल दिया जाता है।

6. विकलांगो की सहायता करना

जो विकलांग हैं उनके लिये मदद करना उनका कर्तव्य होता है। जिनके पास पैसे की कमी रहती है जिनकी पैर सही से काम नहीं कर पाते उन्हें पैसो से मदद करना ताकि वह अपना इलाज करवा सके।

7. गरीबो का सहारा बनकर

ज़ब सरकार की तरफ से जरूरी कदम उठाये नहीं जाते उन व्यक्ति के लिये जिन्हे कपडे खाना और जरूरी चीजों की आवश्यकता होती है तो ngo उनके लिये एक सहारा बनने का कार्य करती है उन्हें सुविधाएं देकर तरह तरह से मदद करती हैँ स्टेशन पर जो भूखे सोते हैं, घायलों की सेवा करने के लिये आप यह संस्था खोल सकते हैं।

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NGO किन-किन के लिए बन सकते हैं? Types Of NGO You Can Start

NGO उन हर समाज सेवा के लिए बन सकता है, जो आप अपनी टीम के साथ करना चाहते हैं।

  • आप child labour के हित में कार्य कर सकते हैं, जिसके लिए एक संस्था बना दीजिए।
  • इसके अलावा आप महिला के हित में कार्य करने के लिए संस्था बना सकते हैं।
  • अनाथ बच्चों के लिए भी आप एक अनाथालय को NGO संस्था का रूप देकर चला सकते हैं।
  • कई लोगों को वृद्धावस्था में बेघर कर दिया जाता है, आप उनके लिए एक वृद्धाश्रम खुलवाकर अपनी संस्था का निर्माण कर सकते हैं।
  • भुखमरी से पीड़ित लोगों के लिए आप भोजन आदि की व्यवस्था कर उन्हें उपलब्ध कराने के लिए संस्था बना सकते हैं।
  • आप उन बच्चों के हित में संस्था बनाकर कार्य कर सकते हैं जो बोल और सुन नहीं सकते या शारीरिक तौर पर विकलांग या असक्षम है, साथ ही आप इनके लिए एक विद्यालय चला सकते हैं जहां इनके रहने की भी व्यवस्था हो।
  • आप चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए अपनी एक संस्था का निर्माण कर सकते हैं। आप प्राकृतिक आपदाओं के बचाव और उसमें घायल एवं पीड़ितो के सहायतार्थ संस्था का निर्माण कर सेवा कार्य कर सकते हैं।

अपना खुद का NGO कैसे शुरू करें? How to Start an NGO in India 

कई लोगों के पास अच्छी खासी सम्पति होती है, तो वो अपनी सम्पति को समाज के हित में खर्च करते हैं। कोई समाज सेवा के कार्य के लिए डोनेशन एकत्रित करता है। कोई अपने सदस्यों से पैसे प्राप्त करता है और कोई लोन लेकर इस संस्था का निर्माण करता है।

समाज और लोगो के बीच समस्या की पहचान

हमें समाज और लोगो के बीच मे समस्या की पहचान करनी आनी चाहिए सबसे पहला कदम यही माना जाता है। इसके साथ ही लोगो के विचारों को समझने की शक्ति होनी चाहिए जिससे कि सामने वाले के हित मे कार्य आसानी से हो सके।विचारों से ही उसकी व्याधि को जाना जा सकता है. और उस परेशानी को दूर किया जा सकता है

जरूरी कागजात को तैयार रखना

जैसा कि आप सब जानते है कि आपको रजिस्ट्रेशन के लिये sdm office जाने की जरूरत होती है और उसके लिये जरूरी कागजात हमारे पास अवश्य रहने चाहिए memorandum of एसोसिएशन, rules and regulation memorandum मे से किसी एक कागजात होना बहुत जरूरी हो जाता है बशर्ते वह इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार की संस्था खोल रही है उसी प्रकार कार्य किया जाता है उसमे सदस्य के बारे मे नियम समझाये गए होते है और यह भी कि कौन सदस्य बनेगा कौन नहीं बनेगा यह तय किया जाता है।

NGO के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया (NGO Registration Process)

आपने अक्सर ऐसा सुना होगा कि अलग अलग जगह पर NGO सब लोगो की मदद करते है पर वह तीन नियम मे से किसी एक के अंतर्गत उसे फॉलो करते है और उसकी संस्था मे काम करने लगते है। सबसे पहले आपको ये जानना जरूरी है कि आपकी संस्था आपको किस रूप में रजिस्टर्ड करवानी है क्योंकि ये तीन प्रकृति की होती है

  • पहली एक ट्रस्ट के रूप में
  • दूसरा सोसायटी के रूप में
  • और तीसरा नोन प्रोफिट कम्पनी के रूप में।

Trust एक्ट के द्वारा जब कोई देश मे यह नियम नहीं होता तो उसको 1882 लागु कर दिया जाता है।और कॉमिश्नर को आपको एक आवेदन पत्र देना होता है और इस नियम के अनुसार रजिस्टर करने के लिये trust deed होती है जिसकी जरूरत हमें हर कदम मे पढ़ जाती है और आपको एक और बात बता दे कि इसमें नियम के अनुसार ऑफिस जाकर एक फॉर्म पर आवेदन करना होता है इसके लिये आप ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते है।

सोसाइटी एक्ट – इस एक्ट के अनुसार किसी भी ngo को रजिस्टर करवाया जाता है और उन डॉक्यूमेंट के लिये हमें कुछ कागजात की आवश्यकता होती है जैसे ”मेमोरअंडम ऑफ़ एसोसिएशन एंड रूल्स एंड रेगुलेशन ” नाम का एक कागज होता है जो कि रजिस्ट्रेशन के लिये बहुत ही जरूरी हो जाता है यदि आप ngo खोलना चाह रहे है तो यह पेपर पर किसी स्टेम्प की अवश्यकता भी नहीं होती है इसे आप आराम से रजिस्ट्रेशन के लिये दे सकते है।यह भी जान लेने की जरूरत है कि इसमें हमें केवल 7 सदस्यों की जरूरत पढ़ती है।

नोन प्रोफिट कम्पनी एक्ट – इसमें जो ngo को हम रजिस्टर करवा रहे होते है उसे इस कम्पनीज एक्ट के जरिये रजिस्टर करवाया जाता है और इसमें हमें मेमोरेंडम एंड आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन एंड रेगुलेशन नाम का एक कागज जरूरी होता है और इसमें भी सोसाइटी एक्ट की तरह स्टेम्प की जरूरत नहीं होती। और इसमें 3 लोग ही शामिल हो सकते है।

Ngo के लिये जरूरी डॉक्यूमेंट होने चाहिए

एन जी ओ का पैन कार्ड बनाये और बैंक का अकाउंट खोले – इसमें NGO के रजिस्ट्रेशन के लिये हमें पैन कार्ड और अकाउंट ओपन करवाना पड़ सकता है जिसके जरिये आपका रजिस्ट्रेशन पक्की तरह हो जायेगा जो भी अकाउंट खुलेगा वह कंपनी के नाम से कंपनी के पैन कार्ड के जरिये खुल पायेगा। और उसके कुछ सालो बाद हमें सेक्शन 80 के लिये इनकम टैक्स भी भरना पड़ सकता है ऐसा इसलिए जब भी NGO को डोनेशन मिले वह फ्री मे मिल सके उसका टैक्स ना लगे।

एनजीओ के लिए फंड प्राप्त करना

एनजीओ के लिए वेबसाइट होना बहुत जरूरी 

एनजीओ की वेबसाइट बनवाकर आप उसमें कार्यों की जानकारी देकर आसानी से इसका प्रचार किया जा सकता है और जब प्रचार होगा तो आपको वित्तीय फंड मिलने में आसानी हो सकती है इतना ही नहीं आप उसमें एक ऐसा फॉर्म भी लगवा सकते हैं जिसमें आपको डोनेशन मिलने में आसानी हो और आपका पैसा आपके अकाउंट में आसानी से पहुंच जाए ।

प्राइवेट कंपनी से संपर्क करके फंड जुटाना।

जब आप वेबसाइट बनवा लेते हैं तो आधा काम हो जाता है अगले काम के लिए आप प्राइवेट कंपनी का सहारा ले सकते हैं ईमेल या संदेश भेज कर उनसे फंड के लिए रिक्वेस्ट डाल सकते हैं कई प्राइवेट कंपनियां अपना प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एनजीओ कंपनियों को अपना काम सौंप देते हैं जिससे कि दोनों को मदद मिल जाएगी।

सरकार से फंड प्राप्त करना

सरकारी फंड प्राप्त करने के लिये आयोजन किए जाने चाहिए जिससे की लोगो को आपके कार्यों के बारे मे पता लगेगा। आप आम लोगों के अलावा वकील डॉक्टर को अपने कार्यक्रम में बुला सकते है आपको जिससे फंड मिलने में और आसानी मिल सकती है। उदाहरण के तौर पर डॉक्टर के कैंप की जगह सेवाएं उनकी हो और नाम आपका हो और इससे आप अपनी वेबसाइट पर इस काम की फोटो लगा सकती हैं जिससे कि आपका काम लोगों तक दिखेगा और आप न्यूज़ चैनल पर अपनी आवाज को आसानी से पहुंचा सकते हैं यह आपके फंड के लिये अच्छा कदम होगा

एनजीओ शुरू करने में कितना खर्चा आता है?

एनजीओ के लिए सबसे पहले हमें यह जान लेना जरूरी है कि इसके लिए क्या-क्या चीजें जरूरी होती हैं हमें सबसे पहले सदस्य समय और संसाधन की आवश्यकता पड़ती है और एनजीओ को शुरू करने में ₹12,999 तक का खर्चा आ सकता है। (ट्रस्ट क़े मूल्य की सम्पति के आधार पर )

NGO में पैसा कैसे आता है

भारत में एनजीओ की संख्या 3000000 है और जब हम बात करते हैं कि एनजीओ में पैसा कैसे आता है तो हम आपको बता दें कि जब हम अपने एनजीओ की मार्केटिंग करके लोगों को बताना शुरू करते हैं तो कुछ लोग ऐसे होते हैं जो एनजीओ को फंडिंग देते हैं और आपके NGO को डोनेशन मिलने लग जाती है यह कार्य हमेशा के लिए चलता रहता है।

ये बातें विशेष तौर पर ध्यान रखनी होगी – Important Information About NGO

  • एक NGO संस्था की नींव हमेशा सकारात्मक सोच और समाज सेवा होती है। कभी भी अपने मन में लोभ और लालच को न आने दे। आपकी संस्था का उद्देश्य केवल और केवल समाज सेवा होना चाहिए न कि किसी की भावनाओं को ठेस पंहुचाने वाला।
  • अपनी टीम में एकता बनाए रखनी होगी और सभी के मन में समाज सेवा का उद्देश्य और कुछ करने की लगन होनी चाहिए। जितने सदस्य हैं सभी को पदों पर नियुक्त करें और उन्हें एक योजना बनाकर कार्य सौंपा जाए। फंड आदि के रिकाॅर्ड को व्यवस्थित रखें। आपकी मेहनत पर निर्भर है कि आप इस संस्था को कहां तक लेकर जा सकते हैं। समय≤ पर आने वाली योजनाओं पर ध्यान रखें। अपने प्रोजेक्ट को फंड के हिसाब से तैयार करें।
  • संस्था का रजिस्ट्रेशन कराते वक्त आपके साथ संस्था के सदस्य भी उपस्थित होने चाहिए। सभी के द्वारा प्रस्ताव तैयार होना चाहिए जिसमें समाज के हित का उद्देश्य होना चाहिए। यदि आप मंदबुद्धि या असक्षम बच्चों के लिए संस्था चला रहे हैं तो उनका पूर्ण रूप से ध्यान रखने और समय पर उनके अभिभावकों से सम्पर्क करने की योजना बनानी होगी। यदि आप बालश्रम आदि के लिए कार्य कर रहे हैं तो सबसे पहले आप इनके लिए बने कानून के बारे में जरूर जान ले।
  • कई बार लड़कियों को सर्कस आदि में बेच दिया जाता है, तो आपको ऐसी बातों का खयाल रखना होगा कि कहां-कहां पर आपको ऐसे पीड़ित पीड़ा भोगते मिल सकते हैं। आप अपनी संस्था के द्वारा उन्हें इस पीड़ा से मुक्त कराए।
  • अपने NGO से आप अपने शहर की उन संस्थाओं को भी जोड़ सकते हैं जिनकी गुडविल अच्छी हो क्योंकि आपको अपना एक अच्छा नेटवर्क बनाना होगा। आपकी संस्था के सभी सदस्यों को एक्टीव बनना होगा क्योंकि एक के अच्छे नेटवर्क से भी आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। तो, दोस्तों आज हमने जाना कि किस प्रकार आप अपना एक NGO खोल सकते हैं और कौन-कौन से खोल सकते हैं।

FAQ:

एनजीओ खोलने के लिए क्या क्या चाहिए?

अपना एनजीओ खोलने के लिए सबसे पहले आपको ट्रस्टियों के नाम सबमिट करना होगा, हलफ़नामा बनवाना होगा, पंजीकरण शुल्क भरना होगा, 2 रुपए का कोर्ट फीस स्टाम्प, उत्तराधिकार के बारे में जानकारी, सहमति पत्र

एनजीओ से पैसा कैसे कमाया जाता है?

Government एड्स, Funding and Donation की मदद से एनजीओ से पैसा कमा सकते है

एनजीओ में कितने सदस्य होते हैं?

एनजीओ शुरू करने के लिए कम से कम 2 सदस्य होने चाहिए

NGO में कुल कितने पद होते हैं?

NGO में पद की बात करे तो इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ,सचिव,सलाहकार,कार्यकरता आदि होते है

भारत में सबसे बड़ा एनजीओ कौन सा है?

भारत में सबसे बड़ा एनजीओ गिव इंडिया है

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